गलत नीतियों और फैसलों के कारण बेरोजगारी में बेतहाशा इजाफा
जुमला नही युवाओं को चाहिए रोजगार
पंचकूला:
आम आदमी पार्टी पंचकूला के जिला अध्यक्ष सुरेन्द्र राठी ने कहा कि प्रदेश व केन्द्र सरकार की गलत नीतियों और फैसलों के कारण बेरोजगारी में बेतहाशा इजाफा हुआ है और महंगाई चरम सीमा पर है बेरोजगार युवाओं पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तो उनके पास रोजगार नहीं है बेरोजगार होने की वजह से रोटी खाने के लाले पड़े हुए है। बेरोजगारी के कारण प्रदेश का युवा सड़को पर है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने बेराजगार युवाओं से नौकरी के नाम पर रजिस्ट्रेशन के नाम पर 500 रूपए फीस रखी है। प्रदेश का गरीब बेरोजगार 500 रूपए कहा से जमा करवाएगां। वन-टाईम रजिस्ट्रेशन के नाम पर एसएसएससी ने करोड़ो रूपए इक्टठें कर लिए है।
जिस देश के आम आदमी के पास दो वक्त की रोटी खाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा हो। सरकार से आप रोजगार की उम्मीद कैसे कर सकते है। युवाओ को रोजगार देना तो दूर की बात, केंद्र सरकार ने केवल महंगाई को काबू कर पाने में नाकामयाब रही है। आकंड़ो के अनुसार मई में जहां शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी दर 14.7 फीसदी है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में यह 10.6 फीसदी है। जहां तक राज्यों की बात है तो एक समय में औद्योगिक हब कहा जाने वाला हरियाणा आज बेरोजगारी में नंबर एक पर आ गया है। सीएमआईइ की रिपोर्ट के अनुसार सभी राज्यों में हरियाणा बेरोजगारी के मामले में सबसे आगे है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में बेरोजगारी दर 35 फीसदी हो चुकी है और बेरोजगारी के मामले में हरियाणा पूरे हिंदुस्तान में नंबर एक पर आ गया है। बेरोजगारी को देखते हुए आम आदमी पार्टी शुक्रवार 9 जुलाई 2021 को पूरे हरियाणा में हर विधानसभा पर प्रदर्शन करेंगी। इसी संदर्भ में पंचकूला में भी बेरोजगारी को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रही है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/07/Surendra-Rathi.jpg10111080Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-07-08 18:00:012021-07-08 18:01:09वन-टाईम रजिस्ट्रेशन के नाम पर बेरोजगारो से एचएसएससी ने किए करोड़ो रूपए इक्टठें: सुरेंन्द्र राठी
पुरनूर’ कोरेल, चंडीगढ़/पंचकुला इनपुट : नारायण गढ़, अंबाला, जगाधरी, नूह
हरियाणा कांग्रेस सरकार के विरुद्ध सड़को पर उतर आई है, कारण है बढ़ती महंगाई। परसों यानी 10 जुलाई को पंचकूला सहित कई जिलों में महंगाई के खिलाफ साइकिल रैली का आयोजन किया जा रहा है। अम्बाला में इसी कड़ी में 15 जुलाई को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी की मांग को लेकर प्रदेश के सभी पेट्रोल पंपों पर आम जनता से हस्ताक्षर लिए जाएंगे।
आम आदमी पार्टी के पंचकूला जिलाध्यक्ष सुरेंद्र राठी ने भाजपा सरकार को बिल्कुल नाकारा और नाकामयाब बताया है। भाजपा के कार्यकाल के दौरान ब्लैक मार्केटिंग और जमाखोरी पर कोई लगाम नहीं कसी जा रही। डीजल पेट्रोल की बढ़ती कीमतों और अन्य वस्तुओं पर जी एस टी के अलावा उपकर लगा कर सरकार स्वयं महंगाई को बढ़ावा दे रही है। स्थिति यह है कि कुछ मध्यम वर्ग के परिवार अब गरीबी की रेखा से नीचे पहुँच गए हैं। इधर कांग्रेस भी अपनी ज़िम्मेदारी निभाने में पीछे है और आम आदमी पार्टी विपक्ष की भूमिका निभा रही है।
हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी रहे चन्द्रमोहन से इस बाबत वक्तव्य लेने के लिए कई बार सम्पर्क करने के बाद उन्होंने ने वक्तव्य देने की बजाए कहा कि वह व्यस्त हैं इसलिए 10 जुलाई साइकिल रैली में ही आ जाना ।
एस के जैन जो कि लेखक और स्तम्भकार हैं कहीं न कहीं कोरोना, बढ़ती जनसंख्या और अंतराष्ट्रीय बाजार में तेजी को मानते हैं।
रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन सेक्टर16 के महा सचिव सुभाष पपनेजा मानते हैं कि सरकार के पास आय का स्रोत है कर लगाना जो जायज भी है लेकिन कर भी विवेकपूर्ण ढंग से लगाया जाए कि सरकार को आय भी हो और जनता की कमर भी न टूटे।
सेक्टर 6 में फ़ूड कॉर्नर चलाने वाले जसविंदर सिंह मानते हैं कि इस समस्या से पार पाने के लिए जनता को सत्ता परिवर्तन के लिए कदम उठाने चाहिए। एक ओर कोरोना की मार से आमदनी के साधन सीमित हो गए हैं उस पर महंगाई की मार से दाल रोटी चलाना मुश्किल हो गया है।
दूसरी ओर हरियाणा भाजपा की प्रवक्ता रंजीता मेहता ने बढ़ती महंगाई का जिम्मेदार कांग्रेस को ठहराया। रंजीता की सुनें तो पिछली सरकार ने ऑइल बॉन्ड खरीद कर भाजपा सरकार पर बोझ डाला है।ऑइल बॉन्ड का ब्याज ही इतना ज़्यादा है कि पेट्रोल डीजल की किमतें बढ़ती जा रही हैं और नतीजन हर वस्तु पर इसका असर हो रहा है।
जैसा कि आप जानते हैं कि खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस नेता किरण बाला जैन की अगुवाई में कांग्रेसियों ने सरकार के खिलाफ थालियां बजाकर रोष जताया। जगाधरी गेट पर एकजुट हुए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मुख्य बाजार में थालियां व बेलन बजाकर दुकानदारों को भी महंगाई के खिलाफ एकजुट होने का संदेश दिया।ऐसे ही महिला कार्यकर्ता थाली, चम्मच व बेलन आदि लेकर जगाधरी गेट पर पहुंची थी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष वकील रोहित जैन ने कहा कि कांग्रेस अब केंद्र सरकार के खिलाफ जनविरोधी नीतियों को लेकर लगातार आवाज उठाती रहेगी।
हरियाणा कांग्रेस विधायक दल के उप नेता व नूंह विधायक चौधरी आफताब अहमद की अगुवाई में बुधवार को मेवात कांग्रेस की अलग अलग इकाईयों ने जिला मुख्यालय पर बीजेपी सरकार के खिलाफ खाद्य पदार्थों की लगातार मूल्य वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन किया। कांग्रेसी कार्यकर्ता जिला मुख्यालय से पैदल मार्च करते हुए शहर के मुख्य बाजार पहुंचे जहां घंटों तक बीजेपी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।
अहमद ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी व पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के आह्वान पर ये प्रदर्शन किया गया और उनके नेतृत्व में जब तक कांग्रेस प्रदर्शन करती रहेगी जब तक बीजेपी सरकार को महंगाई कम करने के लिए बाध्य नहीं कर दिया जाता। बीजेपी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए सीएलपी उप नेता चौधरी आफताब अहमद ने कहा कि एक तरफ लोग कोरोना से त्रस्त हैं तो दूसरी तरफ महंगाई से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने पिछले एक साल में पेट्रोल व डीजल पर 20 रुपए प्रति लीटर पर बढ़ाए हैं जो शर्मनाक है। रसोई गैस 414 रुपए से बढ़कर 910 रुपए प्रति सिलेंडर बीजेपी सरकार में हो गया है तो सरसों के तेल के दाम कांग्रेस सरकार में 52 रुपए प्रति किलो थे तो आज बीजेपी राज में 180 रुपए पहुंच गए हैं।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/07/3be3bb17-37e4-4d74-a2f5-fc1b7443838e.jpg12801280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-07-08 17:46:232021-07-09 02:54:45… महंगाई डायन खाये जात है
राजकीय उच्चतर आदर्श माध्यमिक विद्यालय 35, चंडीगढ़ में स्कूल केमूख्याध्यापक देवेंद्र गोसाईं द्वारा लक्ष्मी तरु का पौधा लगाकर वन महोत्सव की शुरुआत की गई। इसके साथ ही विद्यालय के प्रांगण में अंजीर, महुआ, बड़हल (धेहु या टेहु) और महोगनी के आयुर्वेदिक औषधीय गुणों से भरपूर कईं प्रजातियों के पौधे रोपित किये गये।
इस वन महोत्सव कार्यक्रम में स्कूल के अध्यापकों, विद्यालय प्रबंधन कमेटी के सदस्यों और चतुर्थ श्रेणी के सभी कर्मचारियों ने भाग लिया। वन महोत्सव कार्यक्रम में उपस्थित सभी को जागरूक करते हुए विद्यालय के मुख्याध्यापक देवेंद्र गोसाईं ने कहा हमें जब भी समय मिले पौधारोपण कार्यक्रमों में शामिल होना चाहिए ताकि पर्यावरण को स्वच्छ एवं सुंदर बनाया जा सके। इतना ही नहीं हमें पेड़-पौधों की देखभाल बच्चों की तरह करनी चाहिए। पेड़-पौधे बादलों को आकर्षित करते हैं इसलिये जहां पेड़-पौधे अधिक होते है वहां वर्षा भी अधिक होती है।
वहीँ विद्यालय के खेल अध्यापक कुलदीप मेहरा ने बताया कि वह कईं वर्षों से पौधारोपण करते आ रहें है। वह अब तक हजारों पौधें लगा चुके है।
उन्होंने बताया कि वन महोत्सव भारत सरकार द्वारा वृक्षारोपण को प्रोत्साहन देने के लिए प्रति वर्ष जुलाई के प्रथम सप्ताह में आयोजित किया जाता है। जो 1960 के दशक में पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक परिवेश के प्रति संवेदनशीलता को अभिव्यक्त करने वाला एक आंदोलन था। तत्कालीन कृषि मंत्री कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी ने इसका सूत्रपात किया था। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य मानव द्वारा निर्मित वनों का क्षेत्रफल बढ़ाना एवं जनता में वृक्षारोपण की प्रवृत्ति पैदा करना। इसलिए हमें वन महोत्सव में स्कूल, कॉलेजों, सरकारी और गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों के साथ घर के आंगन में जहाँ भी उचित जगह मिलें वहां पर अधिकाधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिये।
लगायें गये औषधीय पौधों की विशेषताऐं:
लक्ष्मी तरु:- यह पौधा मुलत: उत्तरी अमेरिका का पेड़ है। इसके बीजों से खाद्य तेल बनता है। इसे “स्वर्ग का पेड़” (पैराडाइज ट्री) कहा जाता है। भारत में यह पेड़ सबसे पहले 2006 में आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर जी ने तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम द्वारा लगवाया गया था। इस पेड़ के पत्तों से जहां सेकंड स्टेज तक के कैंसर का खात्मा संभव है, वहीं आंखों के रोग, एनीमिया, अंदरूनी फोड़ा, रक्तस्राव, पाचन प्रणाली, गैस एसिडिटी, हाइपर एसिडिटी, डायरिया, कोलाइटिस, चिकन गुनिया, हेपेटाइटिस, मलेरिया, फीवर, मासिक धर्म, सफेद पानी समेत अनेक रोगों को भी बहुत जल्द ठीक करता है। लक्ष्मी तरु पेड़ की कुछ पत्तियां मात्र एक कप पानी में उबाल कर खाली पेट पानी पीना होता है।
अंजीर:- ऐसा माना गया है कि पृथ्वी पर पाए जाने वाले सबसे पुराने फलों में से एक अंजीर भी है। यह अत्यंत स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर फल होता है जब औरतों में प्रेगनेंसी के दौरान खून की कमी हो जाती है डॉक्टर भी अंजीर खाने का सुझाव देते है क्योंकि अंजीर में विटामिन ए, बी1, बी2, कैल्शियम, आयरन और फास्फोरिक जैसे कई लाभकारी तत्व पाए जाते हैं। इसे फल और ड्राईफ्रूट दोनों प्रकार से खाया जाता है। यह फल मुख्यतः भारत ओर यदि विश्व की बात करें तो यह प्रमुखतः दक्षिणी तथा पश्चिमी अमरीका और मेडिटेरेनियन तथा उत्तरी अफ्रीकी देशों में उगाया जाता है।
महुआ:- महुए का फूल, फल, बीज, छाल, पत्तियाँ सभी का आयुर्वेद में अनेक प्रकार से उपयोग किया जाता है। महुए का धार्मिक महत्व भी है। रेवती नक्षत्र का आराध्य वृक्ष है।
बड़हल या बड़हर (धेहु या टेहु):- एक फलदार वृक्ष है। इसके फल गोलाकार या बेडौल होते हैं। हरे रंग का कच्चा फल पकने पर पीला हो जाता है जिसे खाया जाता है। यह नेत्र रोग, कर्ण खुजली, ज्वर रोग, मुख्शोधनार्थ, प्रवाहिका, कुष्ट वर्ण घाव, स्वादिष्ट आचार भी बनाया जाता है
महोगनी: महोगनी एक औषधीय पौधा है। इसके फल व पत्तों से कैंसर, ब्लडप्रेशर, अस्थमा, सर्दी, मधुमेह सहित अन्य रोगों की दवाएं बनाई जाती हैं। यह पौधा 5 वर्ष में एक बार बीज देता है। इस वन महोत्सव कार्यक्रम में सरकारी मॉडल स्कूल सेक्टर-35 चंडीगढ़ के प्रिंसिपल देवेंद्र गोसाईं, स्पोर्ट्स टीचर कुलदीप मेहरा, सविता, रीना विज, सुनील ध्यानी, समीर शर्मा, मनु शर्मा, नवप्रीत कौर सहित स्कूल मैनेजमेंट कमेटी से परमिंदर सिंह, योगेश कुमार, विनीत अवस्थी, अश्वनी कुमार, महिंद्र सिंह उपस्थित रहें। इसके साथ ही स्कूल के सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने भी भाग लिया जिसमें मुख्य रूप से शिवबरन, रामराज, बालेश्वर, सुंदर, संतोष कुमार और रवि कुमार उपस्थित रहें।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/07/35-model2.jpg5721280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-07-08 17:13:442021-07-08 17:15:51राजकीय उच्चतर आदर्श माध्यमिक विद्यालय 35 में पौधरोपन कर मनाया वन महोत्सव
ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया के कॉंग्रेस छोड़ भाजपा में जाने पर आहत हुए राहुल गांधी ने मीडिया को बताया था की वह और सिंधिया कोपलेज के समय से एक दूसरे के मित्र हैं और सिंधिया का यह कदम उनकी कोंग्रेसी विचारधारा से मेल नहीं खाता। आरएसएस ने उन्हें मात्र इस्तेमाल कर मध्य प्रदेश की सत्ता हथियाने के लिए किया है, जिस सम्मान और पद के लिए वह वहाँ गए हैं उन्हें वह इज्जत और गरिमामय स्थान वहाँ नहीं मिलेगा। कल जब सिंधिया को उड्डयन मंत्रालय के स्वतंत्र प्रभार दिया गया तो कोंग्रेसी खेमे में मायूसी छा गयी। सिंधिया को केन्द्रीय मंत्रिमंडल में स्थान मिलते ही रास्थान में पायलट को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गयी है। गहलोत अपने पुराने साथी को किसी भी सम्मानजनक स्थिति में देखना पसंद नहीं कर रहे। यहाँ तक कि उन्होने आलाकमान के सचिन को लेकर सुझाए गए फार्मूले को भी सिरे से नकार दिया। सिंधिया को मिले केन्द्रीय मंत्रिमंडल के सम्मान से सचिन सोच में तो पड़े होंगे?
एक साल बाद जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया को केन्द्रीय मंत्रिपद मिला वहीं गहलोत ने पायलट को सिरे से खारिज कर दिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ी तो सचिन पायलट का भाव बढ़ने का अनुमान जताया जाने लगा था
हालांकि, लंबा वक्त बीतने के बाद भी पायलट खुद को कांग्रेस पार्टी में उपेक्षित महसूस कर रहे हैंज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में केंद्रीय मंत्री पद मिलने के बाद पायलट को लेकर कयासों का बाजार गरम
सोशल मीडिया पर पायलट की कांग्रेस में दाल नहीं गलने और अब बीजेपी के विकल्प पर चर्चे
सरीका तिवारी, जयपुर/नयी दिल्ली/ चंडीगढ़:
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर सियासी संकट को गुजरे अब एक साल पूरा हो चुका है। पिछले साल जुलाई में ही पायलट और उनके समर्थक विधायकों ने सरकार में सम्मानजन स्थिति को लेकर गहलोत नेतृत्व के खिलाफ बगावत की थी। मामला बिगड़ने के बाद आलाकमान के दखल पर एक कमेटी का गठन कर कुछ समय के लिये खींचतान के माहौल को शांत कर दिया गया, लेकिन रुक-रुककर पायलट और समर्थक विधायकों की टीस फिर से उठती रही है। कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी में आये ज्योतिरादित्य सिंधिया को मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल में मिली पॉजिशन के बाद फिर से बगावती सुर सामने आये हैं।सोशल मीडिया पर ‘पायलट’ ट्रेंड करने रहा है। पायलट समर्थक विधायक पर फिर से बगावती तेवर और मानेसर या दिल्ली का रास्ता इख्तियार करने की स्थिति बनी तो पीछे नहीं हटने की बात कर रहे हैं।
जुलाई 2020 के बाद 2021 का जुलाई भी आ गया है। इस दौरान राजनीति में जो सवाल सबसे ज्यादा पूछा गया वह है कि सचिन पायलट कब कॉन्ग्रेस छोड़ेंगे? ज्योतिरादित्य सिंधिया के कॉन्ग्रेस छोड़ने के कुछ ही समय बाद उन्होंने भी बगावत का मूड दिखाया था। लेकिन बगावती तेवर दिखाने के बावजूद सिंधिया की तरह आखिरी फैसला नहीं कर पाए। अब एक बार फिर उसी सिंधिया को मोदी कैबिनेट में नागरिक उड्डयन मंत्रालय की जिम्मेदारी मिलने के बाद पायलट के कॉन्ग्रेस छोड़ने को लेकर कयास तेज हो गए हैं।
पायलट ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक उनके समर्थक विधायकों के बीच हलचल दिख रही है। जो संकेत मिल रहे हैं कि उससे लगता है कि इस बार आगे बढ़ने पर समर्थक शायद ही कदम पीछे खींचने को राजी हों। इसकी एक वजह कॉन्ग्रेस के राजस्थान प्रभारी अजय माकन के दौरे के बावजूद गहलोत और पायलट गुट के बीच सहमति नहीं बन पाना है।
एक दैनिक समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार सुलह के फॉर्मूले को लेकर माकन ने दो दिन तक गहलोत के साथ मंत्रिमंडल विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियों और कॉन्ग्रेस संगठन में नियुक्तियों पर चर्चा की। लेकिन, गहलोत अपनी कैबिनेट में पायलट गुट को मनमाफिक जगह देने को तैयार नहीं हैं। वे विधायकों की संख्या के अनुपात में मंत्री बनाने का तर्क दे रहे हैं, जबकि पायलट ने बगावत ही ज्यादा प्रतिनिधित्व को लेकर की थी। कुछ रिपोर्टों में तो यहाँ तक कहा गया है कि पायलट समर्थकों को कैबिनेट में जगह देने से ही गहलोत ने साफ इनकार कर दिया है। वे संगठन में इस गुट को प्रतिनिधित्व देने को राजी बताए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि 2018 में जब राजस्थान में कॉन्ग्रेस की सत्ता में वापसी हुई थी तो उसका श्रेय सचिन पायलट को दिया गया था। असल में 2013 में गहलोत के नेतृत्व में करारी शिकस्त के बाद पायलट को कॉन्ग्रेस ने केंद्रीय राजनीति से प्रदेश में भेजा था और बतौर प्रदेश अध्यक्ष उन्हें कमान दी थी। 2014 के आम चुनावों में कॉन्ग्रेस का खाता नहीं खुलने के बावजूद पायलट जमीन पर जुटे रहे और 2019 के विधानसभा चुनावों में कॉन्ग्रेस को उनकी मेहनत का फल भी मिला। लेकिन मुख्यमंत्री चुनते वक्त उन्हें किनारे कर दिया गया। गहलोत कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री का पद मिला पर शुरुआत से ही उन्हें और उनके समर्थकों को सरकार में उपेक्षा का दंश झेलना पड़ा। प्रियंका गाँधी से मुलाकात के बाद पायलट ने पिछली बार पैर पीछे खींच लिए थे और उसके बाद से वे सरकार तथा उनके समर्थक अलग-थलग पड़े हैं।
पिछले दिनों जब बीजेपी ने कॉन्ग्रेस से आए हिमंत बिस्वा सरमा को असम का मुख्यमंत्री बनाया था तब भी इसे पायलट के लिए संकेत के तौर पर देखा गया था। अब देखना यह है कि पायलट कॉन्ग्रेस के अपने पुराने साथी सिंधिया की तरह उड़ान भरने की हिम्मत जुटा पाते हैं या कॉन्ग्रेस के ओल्ड गार्ड के रहमोकरम तले मौका मिलने की अंतहीन उम्मीद के साए तले जीते रहेंगे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/07/SaRa.jpg400650Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-07-08 16:27:422021-07-08 16:29:59सिंधिया की ‘उड़ान’ पर पायलट गहलोत द्वारा सिरे से नकारे गए अभी भी हैंगर में
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बड़ा ऐलान किया है। अयोध्या में कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि 1990 में अयोध्या में मारे गये कारसेवकों के नाम पर प्रदेश में सड़कों का निर्माण किया जाएगा। तत्कालीन सीएम मुलायम सिंह यादव पर निशाना साधते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि कारसेवक अयोध्या में रामलला के ‘दर्शन’ चाहते थे। लेकिन, तत्कालीन सपा सरकार ने निहत्थे भगवान राम भक्तों पर गोलियां चलाई थीं। कई लोग मारे गए। आज, मैं घोषणा करता हूं कि ऐसे सभी कारसेवकों के नाम पर यूपी में सड़कों का निर्माण किया जाएगा।
केशव मौर्य ने ऐलान किया है कि 1990 फायरिंग में मारे गए कारसेवकों के नाम पर सड़कें बनवाई जाएगी
केशव मौर्य ने कहा कि कारसेवक भगवान राम के दर्शन करना चाहते थे लेकिन उन पर गोलियां चलवाई गई
कैशव मौर्य ने कहा कि इन सड़कों पर स्मारक पट्टिका भी लगाई जाएगी, कारसेवकों के नाम और तस्वीर होगी
सेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम स्टाफ:
शायद ही कोई ऐसा हो जिन्हें वे रामभक्त याद न हों, जिन्होंने श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान अपने प्राणों का बलिदान दिया। 2 नवंबर 1990 में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी की सरकार में उत्तर प्रदेश पुलिस ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर की माँग कर रहे हजारों कारसेवकों पर गोलियाँ चलाई थीं। अब योगी आदित्यनाथ की सरकार ने घोषणा की है कि पुलिस की गोलीबारी में वीरगति प्राप्त हुए कारसेवकों के नाम पर यूपी में सड़कों का निर्माण किया जाएगा।
यूपी के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंगलवार (06 जुलाई 2021) को अयोध्या की यात्रा के दौरान कहा, “1990 में कारसेवक अयोध्या आए थे और रामलला के दर्शन करना चाहते थे, लेकिन तत्कालीन सपा सरकार ने निहत्थे रामभक्तों पर गोलियाँ चलवा दी थीं। इनमें कई लोगों की मृत्यु हो गई थी।” डेप्युटी सीएम मौर्य ने कहा कि यूपी सरकार ने इन सभी कारसेवकों के नाम पर उत्तर प्रदेश की सड़कों के नामकरण का निर्णय लिया है। योगी सरकार इसके पहले कोठारी बंधुओं के नाम पर अयोध्या में सड़क के नामकरण की घोषणा कर चुकी है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, योगी सरकार द्वारा इन कारसेवकों के सम्मान में सड़कों का नाम ‘बलिदानी रामभक्त मार्ग’ रखा जाएगा और ये सड़कें वीरगति प्राप्त करने वाले कारसेवकों के घर की ओर जाएँगी। शिलान्यास पट्टिका पर उन कारसेवकों का नाम और उनकी तस्वीर भी लगाई जाएगी। इसके अलावा, डेप्युटी सीएम मौर्य ने यह भी बताया कि देश के दुश्मनों से लड़ते हुए अपने जीवन का बलिदान करने वाले सेना के जवानों और पुलिसकर्मियों के सम्मान में राज्य में जय हिन्द वीर पथ का निर्माण किया जाएगा।
2 नवंबर 1990, रामभक्तों का नरसंहार
2 नवंबर 1990 को हजारों की संख्या में कारसेवक अयोध्या में इकट्ठा हुए थे। एक समूह का नेतृत्व बजरंग दल के तत्कालीन नेता विनय कटियार कर रहे थे। इन कारसेवकों में कोठारी बंधु भी शामिल थे। इससे पहले कि ये कारसेवक आगे बढ़ते, पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद कारसेवक विरोध प्रदर्शन करते हुए हनुमानगढ़ी के पास बैठ गए और भजन-कीर्तन करने लगे।
यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के आदेश के बाद यूपी पुलिस ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे इन कारसेवकों पर गोलियाँ चलानी शुरू कर दी। पुलिस की गोली लगने से कई कारसेवक उसी समय वीरगति को प्राप्त हुए। पुलिस कार्रवाई के बाद मची भगदड़ में सरयू ब्रिज पर भी कई लोगों की जान चली गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कोठारी बंधु, जिन्होंने विवादित बाबरी ढाँचे पर भगवा लहराया था, पुलिस की वीभत्स बर्बरता का शिकार हुए थे। कोठारी बंधुओं के सिर और गले में गोलियाँ मारी गई थीं।
हालाँकि, सरकार के आँकड़ों के अनुसार पुलिस की इस कार्रवाई में 16 कारसेवकों की मौत हुई थी लेकिन वास्तविक संख्या इससे कहीं ज्यादा थी। कई रिपोर्ट में बताया गया था कि उस दौरान कई कारसेवकों की लाशों को अनजान जगहों पर जला दिया गया था और कई लाशें सरयू नदी में फेंक दी गई थीं। 2019 में एक निजी टीवी चैनल के स्टिंग में यह खुलासा किया गया था कि कई हिंदुओं को अंतिम संस्कार भी नसीब नहीं हुआ था, क्योंकि जलाने के स्थान पर इन कारसेवकों के शवों को दफना दिया गया था।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/07/kothari1.jpg5921040Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-07-08 15:25:522021-07-08 15:26:26रामभक्त सेनानियों के नाम पर होंगी यूपी में सड़कें
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का अंतिम संस्कार 10 जुलाई को रामपुर में होगा। इससे पहले आज गुरुवार को पार्थिव शरीर दिनभर होलीलॉज में दर्शन के लिए रखा जाएगा। 9 जुलाई शुक्रवार को पार्थिव शरीर सुबह नौ बजे से 11:30 बजे के बीच दर्शन के लिए रिज मैदान पर आम लोगों के बीच रखा जाएगा। उसके बाद पार्थिव शरीर एक बजे तक राजीव भवन कांग्रेस में दर्शन के लिए रखा जाएगा। दोपहर एक बजे पार्थिव शरीर को लेकर परिवार रामपुर के लिए रवाना होगा। शाम छह बजे पार्थिव शरीर को लेकर परिवार रामपुर पहुंचेगा। 10 जुलाई शनिवार को पदम पैलेस रामपुर में सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक पार्थिव शरीर दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम तीन बजे रामपुर में अंतिम संस्कार होगा। हिमाचल प्रदेश के छह बार मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे वीरभद्र सिंह का आज तड़के निधन हो गया है। जानकारी के अनुसार वीरभद्र का निधन सुबह 3.40 बजे हुआ।
हार्ट अटैक आने के बाद सिंह को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था
लगातार बिगड़ रही थी तबीयत, दो दिन से आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे पूर्व सीएम
13 अप्रैल को पहली बार जबकि 11 जून को दूसरी बार हुआ था कोरोना संक्रमण
डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम स्टाफ :
हिमाचल प्रदेश के छह बार मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह का 87 साल की उम्र में गुरुवार को निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे। उन्होंने सुबह 3:40 बजे शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) अस्पताल में आखिरी सांस ली। यहां वे करीब दो महीने से भर्ती थे। सोमवार को उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।
वीरभद्र सिंह को दो बार कोरोना हुआ। पहली बार 12 अप्रैल और दूसरी बार 11 जून को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। एक दिन पहले ही बुधवार को IGMC के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. जनक राज ने कहा था कि वीरभद्र सिंह की हालत गंभीर, लेकिन स्थिर बनी हुई है। वीरभद्र सिंह का जन्म 23 जून 1934 को हुआ। उनके पिता पदम सिंह बुशहर रियासत के राजा थे।
वीरभद्र सिंह 1962 में पहली बार महासू सीट से लोकसभा चुनाव जीते थे। इसके बाद वे 1967, 1971, 1980 और 2009 में भी लोकसभा के लिए चुने गए। वीरभद्र पहले रोहड़ू सीट से विधानसभा चुनाव लड़ते थे। बाद में रोहड़ू सीट आरक्षित हुई तो उन्होंने 2012 में शिमला ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ा। 2017 में उन्होंने यह सीट बेटे विक्रमादित्य सिंह के लिए छोड़ दी और खुद अर्की से चुनाव लड़े। अभी वे अर्की सीट से विधायक थे।
1983 में पहली बार CM बने, केंद्रीय मंत्री भी रहे वीरभद्र सिंह ने 1983 से 1985 तक पहली बार, 1985 से 1990 तक दूसरी बार, 1993 से 1998 तक तीसरी बार, 1998 में कुछ दिन के लिए चौथी बार, 2003 से 2007 तक पांचवीं बार और 2012 से 2017 तक छठी बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
वे UPA सरकार में केंद्रीय इस्पात मंत्री भी रहे। उनके पास सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय भी रहा। इससे पहले वे इंदिरा गांधी की सरकार में दिसंबर 1976 से 1977 तक केंद्रीय पर्यटन और विमानन राज्य मंत्री रहे। वे 1982 से 1983 तक केंद्रीय उद्योग राज्यमंत्री रहे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/07/late-Sh.-Vir.jpg508763Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-07-08 13:38:322021-07-08 15:43:15वीरभद्र सिंह नहीं रहे – वह 87 वर्ष के थे, 10 जुलाई को रामपुर में होगा अंतिम संस्कार
-बोर्ड द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं की कि प्रशंसा –श्रद्धालुओं को और बेहतर सुविधायें देने के लिये किये जायेंगे प्रयास- मुख्य प्रशासक
पंचकूला, 8 जुलाई :
उपायुक्त व श्रीमाता मनसा देवी श्राईंन बोर्ड के मुख्य प्रशासक श्री विनय प्रताप सिंह ने आज श्री माता मनसा देवी मंदिर परिसर के मीटिंग हाल में बोर्ड के गैर सरकारी सदस्यों के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। उपायुक्त ने कहा कि श्री माता मनसा देवी श्राईंन बोर्ड द्वारा यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिये की जा रही व्यवस्थायें अन्य श्राईंन बोर्ड से बेहतर है और इन्हें और बेहतर बनाने के लिये प्रयास किये जायेंगे। बैठक के दौरान माता मनसा देवी मंदिर के साथ साथ निर्माणधीन कोरिडोर, अवैध काॅलोनियो, पटियाला और सती मंदिर की देखरेख, मंदिर में भक्तों के लिये भंडारे की व्यवस्था, कालका मंदिर के समीप दो शक्ति स्तंभों का निर्माण आदि विषयों पर चर्चा की गई। श्री विनय प्रताप सिंह ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता की अध्यक्षता में माता मनसा देवी श्राईंन बोर्ड की त्रिमासिक बैठक जुलाई के तीसरे सप्ताह में आयोजित किये जाने की योजना है, जिसमें विभिन्न विभागों के संबंधित अधिकारी भी भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रस्तावों को बोर्ड की इस बैठक के समक्ष रखा जायेगा, जिन्हें स्वीकृति के लिये श्री माता मनसा देवी श्राईंन बोर्डं के चेयरमैन व मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में प्रस्तुत किया जायेगा। उन्होंने बोर्ड के सभी सदस्यों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने सुझाव 14 जुलाई तक श्री माता मनसा देवी श्राईंन बोर्ड की सचिव के कार्यालय में लिखित रूप में भिजवा देें ताकि उनका अध्ययन कर बोर्ड की बैठक में प्रस्तुत किया जा सके। बैठक में श्री माता मनसा देवी श्राईंन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री वाई एस गुप्ता, बोर्ड की सचिव श्रीमती शारदा प्रजापति, काली माता मंदिर के सचिव पृथ्वीराज, बोर्ड के सदस्य अजय शर्मा, बलकेश वत्स, श्यामलाल बंसल, नरेंद्र जैन, कमल स्वरूप अवस्थी, अमित जिंदल व बोर्ड के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/07/1-1.jpg400600Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-07-08 13:13:372021-07-08 13:13:57उपायुक्त व श्रीमाता मनसा देवी श्राईंन बोर्ड के मुख्य प्रशासक श्री विनय प्रताप सिंह ने बोर्ड के गैर सरकारी सदस्यों के साथ की बैठक
चैधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के पंचकूला स्थित कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से वन महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन केंद्र की इंचार्ज श्रीदेवी तल्लाप्रगड़ा के मार्गदर्शन में किया गया। पौधारोपण के उपरांत अपने संदेश मे उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण असंतुलन ने मानव का जीना दुभर कर दिया है। दिनों-दिन बढ़ते हर प्रकार के प्रदुषण ने धरती पर जीवन को खतरे में डाल दिया है। केवल पौधारोपण करके ही पर्यावरण संतुलन को बनाया जा सकता है। इसलिए हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाते हुए उनकी देखभाल की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वन महोत्सव के दौरान पौधारोपण अभियान के तहत मोरनी ब्लॉक के गांव कोल्यो में पौधे लगाए गए और लोगों को अधिक से अधिक पौधे लगाने के लिए जागरूक किया गया। डॉ. वंदना ने ग्रामीणों को औषधीय पौधों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए उनके महत्व के बारे में बताया। डॉ. राजेश लाठर ने फलदार पौधे लगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि फलदार पौधों से न केवल पर्यावरण शुद्ध होता है बल्कि किसान फल बेचकर अपनी आमदनी में भी इजाफा कर सकते हैं। साथ ही यह फसल विविधिकरण में भी सहायक हैं। डॉ. गुरनाम सिंह ने किसानों को आय दोगुणी करने के लिए विभिन्न वैज्ञानिक तौर तरीकों से अवगत कराया। इस कार्यक्रम के दौरान केंद्र के वैज्ञानिक, स्टाफ सदस्य व ग्रामीण मौजूद रहे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/07/WhatsApp-Image-2021-07-07-at-1.23.40-AM-1-1.jpeg9601280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-07-08 13:08:332021-07-08 13:08:56कृषि विज्ञान केंद्र ने मनाया वन महोत्सव, फलदार पौधे भी वितरित किए
-सुबह 10.30 बजे निकाला जायेगा ड्राॅ पंचकूला, 8 जुलाई:
उपायुक्त श्री विनय प्रताप सिंह द्वारा कल जिला सचिवालय पंचकूला के मीटिंग हाल में प्रातः 10.30 बजे हरियाणा पंचायती राज (निर्वाचन) संशोधित नियमावली 2021 के नियम 5 में किये गये प्रावधान अनुसार जिला परिषद पंचकूला के वार्डों में से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जाति की महिलाओं व सामान्य जाति की महिलाओं की सीटो का आरक्षण क्रमबद्ध नंबर अनुसार व पिछड़ा वर्ग ए की सीटो का आरक्षण ड्रा आॅफ लाॅट के माध्यम से किया जायेगा। यह जानकारी देते हुये आज जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी श्री शंकर लाल गोयल ने बताया कि कोई भी इच्छुक व्यक्ति ड्राॅ आॅफ लाॅट निकालते समय उपस्थित होकर डाॅ आॅफ लाॅट की कार्रवाही को देख सकता है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/07/2-1.jpg400600Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-07-08 13:05:512021-07-08 13:06:20जिला परिषद वार्डों के लिये आरक्षित सीटों का कल उपायुक्त द्वारा निकाला जायेगा ड्राॅ
Jayant Gupta R/o # 558, Sector-10D, Chandigarh reported that two unknown ladies stole away gold jewelry & cash Rs. 60,000/- from almirah of his house on 07.07.2021. A case FIR No. 52, U/S 380 IPC has been registered in PS-03, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
MV Theft
Virender Kumar Gupta R/o # 5, Sector-16/A, Chandigarh reported that unknown person stole away complainant’s Honda City car No. CH-03Z-1381 parked near his residence on 06-07-2021. A case FIR No. 105, U/S 379 IPC has been registered in PS-17, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
A girl resident of Manimajra, Chandigarh reported that unknown person stole away complainant’s Activa Scooter No. CH-01J-7305 parked near her residence on the night intervening 06/07-07-2021. A case FIR No. 121, U/S 379 IPC has been registered in PS-MM, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
Rajesh Sood R/o # 141, Sector-15/A, Chandigarh reported that unknown person stole away complainant’s Activa Scooter No. CH-01BC-9044 from Market Sector-40, Chandigarh on 04-07-2021. A case FIR No. 181, U/S 379 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
Deterred public servant from govt. duty
A case FIR No. 51, U/S 332, 353 IPC has been registered in PS-49, Chandigarh on the complaint of Const. Pardeep, Traffic Line, Sector 29, Chandigarh against driver of Swift car No. PB-13BK-7087 who dragged/hit complainant with his car while on govt. duty near light point, Sector 46/47/48/49, Chandigarh on 07.07.2021. Investigation of case is in progress.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/Chandigarh-Police-Coaching-in-Chandigarh.jpg319889Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-07-08 12:57:142021-07-08 12:57:17Police Files, Chandigarh – 08 July
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