फसल विविधिकरण समय की मांग: डॉ. रामनिवास ढांडा

कृषि विज्ञान केंद्र में ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन
पंचकूला, 23 जून:

चैधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र पंचकूला में एक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. रामनिवास ढांडा बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए। वेबिनार का विषय स्थायी कृषि प्रणाली रखा गया।

डाॅ. ढांडा ने कहा कि परंपरागत खेती में बदलाव करते हुए फसल विविधीकरण पर जोर देना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन हो रहा है, जो पर्यावरण के लिए एक खतरा है। इसलिए प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए कृषि में विज्ञान और तकनीकी को शामिल किया जाना बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज का युग तकनीकी का युग है। मौसम में हो रहे बदलाव, घटते भूमिगत जलस्तर, मुक्त बाजार, घटती हुई जोत और कम होती जमीन की उपजाऊ शक्ति, सीमित  कृषि योग्य क्षेत्र हमारे सामने बहुत ही कठिन चुनौतियां हैं। उन्होंने वैज्ञानिकों से आह्वान करते हुए कहा कि अब हमारा लक्ष्य सीमित संसाधनों का आधुनिक तकनीक के प्रयोग से अधिकाधिक लाभ उठाते हुए किसान की आय में बढ़ोतरी करना होना चाहिए और किसानों को भी चाहिए कि वह कृषि वैज्ञानिकों की सलाह अनुसार और विश्वविद्यालय द्वारा सिफारिश किए गए उर्वरकों का ही इस्तेमाल करें।

समन्वित कृषि प्रणाली एकमात्र विकल्प: डॉ. श्रीदेवी तल्लापगड़ा

केंद्र की इंचार्ज श्रीदेवी तल्लाप्रगड़ा ने कहा कि वर्तमान समय में एकल फसल प्रणाली को छोडक़र समन्वित कृषि प्रणाली को अपनाना ही एकमात्र विकल्प है। इससे किसानों की आमदनी मेें इजाफा हो सकता है। उन्होंने कहा कि फसलों में कीड़े, मकोड़े व बीमारियों से कहीं ज्यादा नुकसान खरपतवार करते हैं, इसलिए इसके बचाव हेतू प्रमाणित बीज, सही किस्म का चुनाव, बिजाई का उचित समय, गुणवत्ता वाली गोबर की खाद, खरपतवारों का फूल व बीज बनने से पहले ही नियंत्रण करना कारगर साबित होता है। उन्होंने कहा कि फसलों में बीमारियों की रोकथाम के लिए बीज उपचार करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि ज्यादा खाद व पानी इस्तेमाल करने से भी पौधों में रोग लग जाते हैं। वर्तमान समय में इस बात पर जोर दिया जाना चाहिए कि परंपरागत कृषि पद्धति में बदलाव करके किसानों को फल-फूल सब्जी व औषधीय खेती की ओर ध्यान देना चाहिए, जिससे किसानों की आमदनी में भी इजाफा हो सके। उपभोक्ता, बाजार, व्यापार और मार्केट की मांग के अनुरूप फसलों का उत्पादन किया जाना चाहिए ताकि किसान को अधिक से अधिक लाभ हासिल हो सके। कृषि विभाग की ओर से डॉ. जयप्रकाश ने विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न किसान कल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी विस्तार पूर्वक जानकारी दी।
 मत्स्य विज्ञानी डॉ. गजेंद्र सिंह ने किसानों को लिए मछली पालन के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए इसकी शुरुआत में आने वाली परेशानियों व उनके समाधान के बारे में बताया।

कार्यक्रम मेें सस्य वैज्ञानिक डॉ. वंदना, पौध रोग वैज्ञानिक डॉ. रविंद्र, डॉ. राजेश लाठर ने भी अपने विचार रखे। डॉ. गुरनाम सिंह ने कार्यक्रम में शामिल होने पर सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया। वेबिनार में क्षेत्र के किसानों,  कृषि अधिकारियों और कृषि विज्ञान केंद्र के कर्मचारियों ने ऑनलाइन माध्यम से हिस्सा लिया।

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पंचांग, 23 जून 2021

एक तिथि का भोग काल सामान्यतया 60 घटी का होता है। किसी तिथि का क्षय या वृद्धि होना सूर्योदय पर निर्भर करता है। कोई तिथि, सूर्योदय से पूर्व आरंभ हो जाती है और अगले सूर्योदय के बाद तक रहती है तो उस तिथि की वृद्धि हो जाती है अर्थात् वह वृद्धि तिथि कहलाती है लेकिन यदि कोई तिथि सूर्योदय के बाद आरंभ हो और अगले सूर्योदय से पूर्व ही समाप्त हो जाती है तो उस तिथि का क्षय हो जाता है अर्थात् वह क्षय तिथि कहलाती है।

विक्रमी संवत्ः 2078, 

शक संवत्ः 1943, 

मासः ज्येष्ठ, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः त्रयोदशी प्रातः 07.00, बजे तक है। 

वारः बुधवार, 

नक्षत्रः अनुराधा प्रातः 11.48 तक हैं, 

योगः साध्य प्रातः काल 10.00 तक, 

करणः तैतिल, 

सूर्य राशिः मिथुन, 

चंद्र राशिः वृश्चिक, 

राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.28, 

सूर्यास्तः 07.18 बजे।

नोटः चतुर्दशी तिथि का क्षय है।

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

तिथि क्षय और वृद्धि

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – 23, जून 2021 :

तिथियों का निर्धारण चन्द्रमा की कलाओं के आधार पर होता है। ये तिथियाँ चन्द्रमा की 16 कलाओं के आधार पर 16 प्रकारों में ही हैं। इसमें शुक्ल व कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से चतुर्दशी पर्यन्त 14-14 तिथियाँ तथा पूर्णिमा व अमावस्या सहित तीस तिथियों को मिलाकर एक चान्द्रमास का निर्माण होता है। शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि पूर्णिमा एवं कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि अमावस्या होती है।

एक तिथि का भोग काल सामान्यतया 60 घटी का होता है। किसी तिथि का क्षय या वृद्धि होना सूर्योदय पर निर्भर करता है। कोई तिथि, सूर्योदय से पूर्व आरंभ हो जाती है और अगले सूर्योदय के बाद तक रहती है तो उस तिथि की वृद्धि हो जाती है अर्थात् वह वृद्धि तिथि कहलाती है लेकिन यदि कोई तिथि सूर्योदय के बाद आरंभ हो और अगले सूर्योदय से पूर्व ही समाप्त हो जाती है तो उस तिथि का क्षय हो जाता है अर्थात् वह क्षय तिथि कहलाती है।

तिथि क्यों घटती-बढ़ती है ? तिथियों का निर्धारण सूर्य और चन्द्रमा की परस्पर गतियों के आधार पर होता है। राशि चक्र में 3600 होते हैं साथ ही तिथियों की संख्या 30 हैं अत: एक तिथि का मान।

360/ 30 = 12डिग्री = 1 तिथि

इसका तात्पर्य यह है कि जब सूर्य और चन्द्रमा एक स्थान (एक ही अंश) पर होते हैं तब अमावस्या तिथि होती है। इस समय चन्द्रमा, सूर्य के निकट होने के कारण दिखाई नहीं देते हैं या वे अस्त होते हैं तथा सूर्य और चंद्रमा का अंतर शून्य होता है। चन्द्रमा की दैनिक गति सूर्य की दैनिक गति से अधिक होती है। चन्द्रमा एक राशि लगभग सवा दो दिन में पूरी करते हैं जबकि सूर्य 30 दिन लगाते हैं।

सूर्य, चन्द्रमा का अन्तर जब शून्य से अधिक बढ़ने लगता है तो प्रतिपदा प्रारम्भ हो जाती है और जब यह अंतर 12 डिग्री होता है तो प्रतिपदा समाप्त हो जाती है और चंद्रमा उदय हो जाते हैं। तिथि वृद्धि और तिथि क्षय होने का मुख्य कारण यह होता है कि एक तिथि 12 डिग्री की होती है जिसे चन्द्रमा 60 घटी में पूर्ण करते हैं परन्तु चन्द्रमा की यह गति घटती-बढ़ती रहती है। कभी चन्द्रमा तेजी से चलते हुए (एक तिथि)120डिग्री की दूरी को 60 घटी से कम समय में पार करते हैं तो कभी धीरे चलते हुए 60 घटी से अधिक समय में पूर्ण करते हैं। जब एक तिथि (12डिग्री) को पार करने में 60 घटी से अधिक समय लगता है तो वह तिथि बढ़ जाती है और जब 60 घटी से कम समय लगता है तो वह तिथि क्षय हो जाती है अर्थात् जिस तिथि में दो बार सूर्योदय हो जाए तो उस तिथि की वृद्धि और जिस तिथि में एक बार भी सूर्योदय नहीं हो उसका क्षय हो जाता है। तिथियों की क्षय और वृद्धि को हम निम्न प्रकार से समझ सकते हैं :-

वृद्धि तिथि:

जब किसी तिथि में दो बार सूर्योदय हो जाता है तो उस तिथि की वृद्धि हो जाती है। जैसे – किसी रविवार को सूर्योदय प्रात: 5:48 पर हुआ और इस दिन सप्तमी तिथि सूर्योदय के पूर्व प्रात: 5:32 बजे प्रारंभ हुई और अगले दिन सोमवार को सूर्योदय (प्रात: 5:47) के बाद प्रात: 7:08 तक रही तथा उसके बाद अष्टमी तिथि प्रारंभ हो गई। इस तरह रविवार और सोमवार को दोनों दिन सूर्योदय के समय सप्तमी तिथि होने से, सप्तमी तिथि की वृद्धि मानी जाती है। सप्तमी तिथि का कुल मान 25 घंटे 36 मिनिट आया जो कि औसत मान 60 घटी या 24 घंटे से अधिक है। ऎसी परिस्थिति में किसी भी तिथि की वृद्धि हो जाती है।

तिथि क्षय:

जब किसी तिथि में एक बार भी सूर्योदय नहीं हो तो उस तिथि का क्षय हो जाता है। जैसे- किसी शुक्रवार सूर्योदय प्रात: 5:44 पर हुआ और इस दिन एकादशी तिथि सूर्योदय के बाद प्रात: 6:08 पर समाप्त हो गई तथा द्वादशी तिथि प्रारंभ हो गई और द्वादशी तिथि आधी रात के बाद 27 बजकर 52 मिनिट (अर्थात् अर्द्धरात्रि के बाद 3:52) तक रही तत्पश्चात् त्रयोदशी तिथि प्रारंभ हो गई। द्वादशी तिथि में एक भी बार सूर्योदय नहंी हुआ। शुक्रवार को सूर्योदय के समय एकादशी और शनिवार को सूर्योदय (प्रात: 5:43) के समय त्रयोदशी तिथि रही, अत: द्वादशी तिथि का क्षय हो गया। इस प्रकार जब किसी तिथि में सूर्योदय नहीं हो तो उस तिथि का क्षय हो जाता है। क्षय तिथि को पंचांग के तिथि वाले कॉलम में भी नहीं लिखा जाता जबकि वृद्धि तिथि को दो बार लिखा जाता है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट impact : नींद से जागी खट्टर सरकार ने की युवा महिला खिलाड़ी की मदद

देर से ही सही पर हरियाणा सरकार नींद से जागी तो। अभी कुछ दिन पहले ‘पुरनूर’ कोरल की खिलाड़ी सुनीता को ले कर एक खबर जुमलों कि राजनीति में पिस रही हरियाणा की खेल प्रतिभाएं खूब वायरल हुई। एक युवा ने दूसरे युवा के मन की टीस पहचानी ओर उस खिलाड़ी की आवाज़ बुलंद की जो राष्ट्र के लिए स्वर्ण पदक तो लाती है परंतु स्वयं लोगों के घर जूठे बर्तन माँजते हुए सूखी रोटी ओर मिर्ची के सहारे अगले पदक को जीतने की तैयारी कर रही है। आर्थिक तंगी से जूझ रही रोहतक के सीसर खास गांव की रहने वाली सुनीता कश्यप को राज्य सरकार ने 5 लाख रुपए की सहायता राशि मुहैया कराई है। सुनीता पावर-स्ट्रेंथ लिफ्टिंग प्लयेर हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन कर सूबे का नाम रोशन किया। हालांकि, आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते वह मेहनत मजदूरी कर अपने खेल-प्रशिक्षण का खर्च उठा रही थीं। यहां तक कि, बैंकॉक में हुए टूर्नामेंट में भेजने के लिए उनके पिता 2 दो लाख रुपए का कर्ज भी लेना पड़ा था। तब लोगों ने सरकार से सुनीता की मदद करने को कहा था। जिस पर खेल मंत्री सरदार संदीप सिंह सुनीता से मिले और विभिन्न माध्यमों से मदद की।

सुनीता कश्यप ने जून 2018 में 52 किलोग्राम भार में राज्य स्तर पर बहादुरगढ़ में गोल्ड मेडल जीता था, 2019 में सोनीपत में राज्य स्तरीय टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीता, 2019 में लोहारू में राज्य स्तरीय चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता, अक्टूबर 2019 में हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में हुई नार्थ इंडिया चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता, फरवरी 2019 में छत्तीसगढ़ में हुई राज्य स्तरीय चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता, फरवरी 2020 में थाइलैंड के बैंकाक में हुई विश्व स्तरीय प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता।

क्या कहा खेल मंत्री ने

खेल राज्यमंत्री संदीप सिंह से उनके कार्यालय में मिलने के लिए पहुंची सुनीता कश्यप से मिलने के बाद मीडिया से बात करते हुए खेल राज्य मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि, “मुझे इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग-स्ट्रॉंग लिफ्टिंग प्लेयर सुनीता कश्यप की तकलीफ के बारे में पता चला तो अपने कार्यालय बुलवाया। मैं जानता हूं कि, उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष करते हुए खुद को साबित किया है। ऐसे खिलाडिय़ों की हम बहुत कदर करते हैं। मैंने सुनीता को आर्थिक सहायता दिलाई है और साथ ही जिला खेल अधिकारी रोहतक को निर्देश दिए हैं कि तत्काल इनके प्रशिक्षण का प्रबंध करें। जरूरत के लिए सुनीता जो चीज चाहें, वो उपलब्ध करवाई जाए।”

जुमलों कि राजनीति में पिस रही हरियाणा की खेल प्रतिभाएं

सनद रहे घोषणाएँ तो पहले भी बहुत हुईं, लेकिन अमल में नहीं आ पाईं। मंत्री जी को पूर्व घोषणाओं का भी संग्यान ले कर उन्हे भी शीघ्रातिशीघ्र पूरा करवाना चाहिए। तथा पूर्व घोषणाओं के पूरा न होने से जो इस ज्झारु खिलाड़ी को मानसिक क्लेश हुआ उसके दोषी अधिकारियों पर भी बनती कार्यवाई करवाएँ।

कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर सुनीता की मौजूदा परिस्थिति का एक वीडियों वायरल हुआ था जिसके बाद कई सामाजिक संगठन और नेता मदद का भरोसा देते नज़र आये थे अब राज्य सरकार ने मदद की है तो निश्चित ही इस युवा खिलाड़ी का हौंसला बढ़ेगा।

शुभकामना संदेश – प्रैस क्लब

सत्यनारायण गुप्ता

www.demokraticfront.com को तीसरी सालगिरह पर मुख्य सम्पादक सारिका तिवारी , सम्पादक पण्डित जी राज वशिष्ट और पूरी टीम को बहुत बहुत शुभकामनाएं। डेमोक्रैटिकफ्रंट ने पिछले 3 सालों में पूर्ण रूप से निष्पक्षता के साथ काम किया एवं अपना कर्तव्य समझते हुए समाज को न केवल समाचार से भिज्ञ किया अपितु समाज को जागरुक करने में भी पीछे नही हटी। डेमोक्रैटिकफ्रंट की सारी संचालन समिति इस प्रकार पूर्ण निष्ठा भाव के काम करने के लिए वह बधाई की पात्र है।
सत्यनारायण गुप्ता
चेयरमैन पंचकूला प्रेस क्लब
एवं
प्रधान अग्रवाल विकास ट्रस्ट पंचकूला

सदैव पत्रकारिता और समाजसेवा से जुड़े कार्यों के लिए तत्पर
पंचकूला प्रेस क्लब के चेयरमैन श्री सत्यनारायण गुप्ता न केवल वरिष्ट पत्रकार हैं बल्कि समाजसेवी भी है। क्लब के प्रधान रहते हुए अपने कार्यालय के दौरान इन्होंने सरकार और अन्य स्थानों पर पत्रकारों का प्रतिनिधित्व बखूबी किया। वर्तमान में गुप्ता जी अग्रवाल विकास ट्रस्ट के प्रधान हैं
तीन दशको से पत्रकारिता से जुड़े सत्यनारायण गुप्ता
लम्बे समय तक राष्ट्रीय दैनिक दिव्य हिमाचल के लिए पंचकूला में ब्यूरो के रूप में कार्यरत रहे। आजकल हरियाणा से प्रकाशित अग्रजन पत्रिका का सफल संचालन कर रहे हैं।
एक ऐसे गणमान्य नागरिक हैं जो कि हरमन प्रिय हैं। अपने व्यवहार और दूसरों की मदद करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।
विभिन्न संस्थाओं से जुड़े श्री सत्यनारायण गुप्ता अग्रवाल समुदाय के भी एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं और समुदाय द्वारा कल्याणकारी कार्यों में इनकी भूमिका सदैव सराहनीय रहती है। – सारिका तिवारी

अशोक कुमार

डेमोक्रेटिक फ्रंट॰कॉम को 3 वर्ष पूरे करने पर हार्दिक शुभकामनाएं फ्रंट में अपने इस 3 वर्ष के कार्यकाल के दौरान पत्रकारिता के नए आयाम बनाए हैं यह भविष्य में पत्रकारिता की नई बुलंदियों को छूते हुए दूसरों का मार्गदर्शन करें ऐसी मनोकामना करता हूं प्रबंधन को एक बार फिर से हार्दिक शुभकामनाएं
अशोक कुमार
प्रधान पंचकूला जर्नलिस्ट क्लब

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.निर्भीक पत्रकार हैं अशोक ,समाचार लेखन में इनसे पार पाना कठिन
अशोक कुमार शर्मा एक वरिष्ठ पत्रकार , पंचकूला जर्नलिस्ट क्लब के प्रधान हैं

जिस उम्र में आम तौर पर जब लड़के यहाँ वहाँ घूम फिर कर समय व्यतीत कर रहे होते हैं उस उम्र में अशोक शर्मा जनसत्ता के लिए रिपोर्टिंग करते थे।
मैं इस क्षेत्र में अशोक जी की कनिष्ठा हूँ । आतंकवाद के कठिन समय मे भी अशोक जी ने बिना किसी दबाव के अपना कर्तव्य निभाया। कहना न होगा कि उस समय जब कि नाईट कर्फ्यू का ज़माना था पत्रकारों की मेज पर चुनाव के लिए हर शाम रखी मौत, पैसा और कर्तव्य होते थे तो अशोक जी ने केवल अपने कर्तव्यों को चुना। मुझे लगता है कि पत्रकारिता के प्रति निष्ठा का श्रेय इनके पिता स्वर्गीय श्री बलराम दत्त शर्मा जो कि दैनिक ट्रिब्यून के सम्पादक थे को भी जाता है।
जनसत्ता, नई दुनिया , हरिभूमि जैसे कई राष्ट्रीय दैनिक समाचारपत्रों में कार्यरत रहने के बाद अशोक जी ट्राइसिटी रिपोर्टर नामक पत्रिका का सफल संचालन कर रहे हैं । आशा है कि भविष्य में भी नई पीढ़ी का मार्गदर्शन करते रहेंगे। – सारिका तिवारी

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एस के जैन
पत्रकार लेखक

डेमोक्रैटिक फ्रंट वेब पोर्टल ने अपने 3 साल बेमिसाल पूरे किये हैं इस मौके पर मैं एस.के जैन पत्रकार, लेखक एवं ट्राई मीडिया जर्नलिस्ट क्लब अध्यक्ष डॉ सारिका तिवारी को अपनी और अपने क्लब की तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई भेज रहा हूं।
आज की इस आपाधापी और रोजमर्रा की ज़िंदगी में पत्रकार का जीवन एक सार्थक कदम रखता है। वह अपने समाचारों एवं लेखन द्वारा आस पास के परिदृश्यों का विश्लेषण करते हुए अपने निष्कर्ष जनता के समक्ष प्रस्तुत करता है। यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि डॉ सारिका तिवारी इस परी प्रदेय में खरी उतरी हैं। बहुप्रतिभाओं की जानकार होते हुए डॉ सारिका तिवारी न केवल एक पत्रकार हैं बल्कि एक संस्था स्वरूप है।सारिका जी एवं समस्त संचालन समिति को हार्दिक बधाई देना चाहता हूं और यह कहना चाहता हूँ कि पत्रकारिता को प्रजातन्त्र का चौथा स्तम्भ माना गया है लेकिंन उस्के साथ साथ पत्रकारिता के भी अपने स्तम्भ माने गए हैं : विश्वसनीयता, निष्पक्षता, स्पष्टता व निडरता।
इन चारों स्तम्भो की मजबूती को मद्दे नज़र रखते हुए डॉ सारिका तिवारी ने अपने सामाजिक कर्तव्यों का निर्वहन बड़ी ततपरता के साथ किया है।

विविधता से समाज को जागरूक करती है एस. के. जैन की लेखनी
श्री एस के जैन ट्राई मीडिया क्लब के प्रधान, भाषा विद, स्तम्ब लेखक

अपने अध्ययन को शब्दों में ढालने और लेखों के रूप में जनसाधारण तक पहुंचाने का सराहनीय कार्य कर रहे हैं। बहुत से समाचार पत्रों में अक्सर जैन साहब के लेख पढ़ने को मिल जाते हैं।
जैन साहब की शैली की लेखनी साहित्यिक के साथ साथ वैज्ञानिक भाषा भी जानती है इसका कारण है ये पेशे से अभियंता हैं, इनकी स्नातकोत्तर शिक्षा विज्ञान से है।
बहुत ही मिलनसार, दर्शन और विज्ञान को साथ लेकर चलने वाले श्री एस के जैन की पुस्तक ‘विविधा’ बदलते सामाजिक परिवेशों को दर्शाती है, इसी श्रृंखला में जल्दी ही वह अन्य दो पुस्तकों का लोकार्पण करेंगे जिनमें हमे समाज, राजनीति ,विज्ञान आदि का समावेश मिलने की संभावना है। भाषा के जिज्ञासुओं के लिए भी एक सौगात इसी श्रृंखला में मिलने की आशा है। – सारिका तिवारी

योग में ‘ॐ’ के उच्चारण से परेशान कॉंग्रेस

कॉंग्रेस का इतिहास देखें तो एक ‘Accidental Hindu’ से लेकर ‘Accidental Prime Misiter’ तक के सफर में बहुत कुछ मिल जाएगा। धर्म के नाम पर देश को विभाजन का दंश देने वाली कॉंग्रेस हमेशा ही से हिन्दू विरोधी रही है। सोमनाथ मंदिर काजीर्णोद्धार हो या फिर किसी म्सलिम राष्ट्राध्यक्ष के आने पर उत्तरप्रदेश के मंदिरों को ढकना, राम को मिथक बता रामसेतु तोड़ने का कुप्रयास करना ताज़ा उदाहरण राम मंदिर के निर्माण में रुकावट भरी हर संभव कुचाल चलना। आपको हर तरफ कॉंग्रेस के सनातन धर्म से नफरत से पगे लोग मिल जाएँगे। मुस्लिम तुष्टीकरण की पराकाष्ठा यहाँ तक कि अब योग को भी कांग्रेसी बटवारे की राजनीति का मोहरा बनाया जा रहा है। कोरोना संकट के बीच आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। इस साल योग दिवस की थीम ‘योग फॉर वेलनेस’ रखी गई है, जो शारीरिक और मानसिक कल्याण के लिए योग का अभ्यास करने पर केंद्रित है। एक तरफ जहां कोरोना महामारी के बीच देशभर के अलग-अलग जगहों पर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, केंद्रीय मंत्रियों से लेकर आम आदमी तक बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे है। तो वहीं कांग्रेस पार्टी के नेता इस अवसर पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आए। दरअसल योग दिवस पर कांग्रेस के दिग्गज नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने विवादित ट्विट किया है। जिसको लेकर अब अभिषेक मनु सिंघवी सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ गए है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर अपनी विशेषज्ञता रजिस्टर करते हुए कान्ग्रेस नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने लिखा; ॐ के उच्चारण से न तो योग ज्यादा शक्तिशाली हो जाएगा और ना अल्लाह कहने से योग की शक्ति कम होगी। 

यह योग पर किसी वकील की नहीं बल्कि एक कॉन्ग्रेसी की निपुणता का बयान है। किसी वकील का बयान होता तो सिंघवी शायद यह कहकर रुक जाते कि; किसी कानून में नहीं लिखा है कि केवल हिन्दू ही योग कर सकते हैं या फिर यह कि; किसी कानून में नहीं लिखा है कि योग करते हुए ॐ का उच्चारण अनिवार्य है। पर खुद को वकील से पहले कॉन्ग्रेसी मानने वाले सिंघवी ने ऐसा बयान चुना जो हिन्दुओं को चिढ़ा सके। उनका बयान यह साबित करता है कि एक कॉन्ग्रेसी इतना प्रतिभावान हो सकता है कि वह योग ही नहीं, अयोग, वियोग, संयोग वगैरह को भी हिन्दू-मुस्लिम एंगल से देख सकता है। वह जब चाहे योग को ॐ से तोड़ कर अल्लाह से जोड़ सकता है। वह कॉन्ग्रेसी के दशकों पुराने दर्शन का प्रयोग करके साबित कर सकता है कि योग दरअसल अल्लाह की देन है।
 
कॉन्ग्रेसी यहाँ से भी आगे जा सकते हैं। जैसे योग यदि किसी सरकारी योजना से पैदा होने वाला संसाधन होता तो सिंघवी यह कह कर भी निकल सकते थे कि योग पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का …नहीं-नहीं, योग पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। वे यह भी कह सकते थे कि हमारी सरकार आएगी तो अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सरकार की भूमिका पर पुनर्विचार करेगी। योग मूलतः सनातन धर्म की देन है इसलिए कॉन्ग्रेसी उसके साथ अल्लाह को जोड़कर रुक जाते हैं। वे जो चाहें कह सकते हैं क्योंकि पिछले दो दशकों से कॉन्ग्रेस के राजनीतिक दर्शन में अब सत्य के लिए न तो स्थान रहा और न ही पगडंडी। ऐसे में सिंघवी यदि अल्लाह-हू-अकबर कहकर अपना योगाभ्यास आरंभ करें तो भी किसी को फर्क नहीं पड़ेगा।  

जब से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को संयुक्त राष्ट्र संघ ने मान्यता दी है, भारत में योग के विरोधियों की संख्या बढ़ गई है। हर वर्ष किसी न किसी बहाने आजके दिन योग को लेकर तरह-तरह की बातें बनाने का प्रयत्न किया जाता है। कभी लोकतंत्र की तथाकथित कमी या उसके गुणवत्ता को आगे रखकर तो कभी बेरोजगारी के आँकड़े आगे रख कर, कभी सरकार की तथाकथित देश विरोधी नीतियों का ढोल पीट कर तो कभी प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात को आगे रखकर। जैसे इस वर्ष विरोध के टेम्पलेटानुसार अस्सी करोड़ भारतीयों के गरीब होने और पैंतीस करोड़ भारतीय महिलाओं के कुपोषित होने जैसे आँकड़ो का प्रयोग करके योग को कलंकित करने का प्रयास किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर ट्वीट विमर्श देखकर लग रहा है जैसे सबको एक ही मेसेज मिला है और सारे उसे फैलाने में लगे हैं। प्रश्न यह है कि इन विषयों को योग से जोड़ने का क्या औचित्य है? इस प्रश्न का शायद यह उत्तर है कि कॉन्ग्रेसी इकोसिस्टम केवल योग दिवस पर ही नहीं बल्कि यह कह कर भी प्रश्न उठाता है कि; देश में इतनी समस्याएँ हैं और हम मंगलयान भेजने में लगे हैं।   

देश में समस्याएँ हैं, इस बात से कौन इनकार कर सकता है, पर उन समस्याओं से सम्बंधित कुछ भी आँकड़ों के बहाने योग को अपमानित करने की राजनीति के बारे में क्या कहा जाए? हर योग दिवस पर यह बात क्यों उठाई जाती है कि मुसलमान योग नहीं करेंगे? करोड़ों हिन्दू हैं जो योग दिवस पर योग नहीं करते पर वे तो विरोध नहीं करते। मुसलमानों द्वारा योग के विरोध की बात शायद तब समझ में आती जब सरकार ने योग सबके लिए अनिवार्य कर दिया होता पर जब तक ऐसी कोई स्थिति नहीं आती तब तक मुसलमानों द्वारा योग का विरोध करने की बात खड़ी ही क्यों की जाती है? यदि किसी को योग नहीं करना है तो न करे पर इसे अल्लाह से जोड़ने की कोशिश क्यों? इसके पीछे का उद्देश्य क्या है? योग शरीर के अलावा चित्त को भी स्वस्थ रखता है। ऐसे में कुछ लोगों को यह भय तो नहीं है कि; कहीं योगाभ्यास के कारण उनका चित्त परिष्कृत हो जाएगा तब क्या होगा? यह भय तो नहीं कि चित्त परिष्कृत हुआ तो उनके जीवन में भूचाल आ जाएगा क्योंकि जीवन में बनाई गई उनकी योजनाएँ और उद्देश्य नष्ट हो जाएँगे? कि मन के विकार नष्ट हुए तो जीवन में कुछ बचेगा ही नहीं?  

योग के वर्तमान शिक्षक या संत खुद भी कई बार सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि अधिक से अधिक लोगों को योग का लाभ उठाना चाहिए क्योंकि योग का किसी धर्म से लेना-देना नहीं है। योग के शिक्षक यदि ऐसा कहते हैं तो यह उनके अपने विचार हैं। वे यदि योग के स्रोत और उसकी उत्पत्ति निजी कारणों से नकारना चाहते हैं तो यह उनके अपने विचार हैं जो आवश्यक नहीं कि सच ही हों। इस विषय पर एक आम हिन्दू के भी अपने विचार हो सकते हैं जो शायद इन शिक्षकों के विचारों से भिन्न हों पर इस असहमति के बावजूद सार्वजनिक तौर पर कभी हिन्दू समाज ने शिक्षकों के इन विचारों का विरोध नहीं किया। ऐसे में बार-बार यह कहना क्यों आवश्यक है कि योग का हिन्दुत्व या सनातन धर्म से लेना-देना नहीं है? शायद इसका उत्तर इस बात में है कि योग करें या न करें पर उसे अपमानित करने का कोई भी मौका न जाने दें।      

ये कुछ ऐसे प्रश्न हैं जिनपर विमर्श और उनका उत्तर खोजने का प्रयास होना चाहिए। दुष्प्रचार को समय के हिसाब से उसे चलाने वाले कब कहाँ पहुँचा दें, इसका अनुमान लगाना शायद हर बार संभव न हो सके। हम अपने घुटे हुए इतिहासकारों से अच्छी तरह से परिचित हैं। आज एक कॉन्ग्रेसी योगाभ्यास से ॐ तो तोड़कर अल्लाह को जोड़ रहा है, ऐसे में क्या इस संभावना से इनकार किया जा सकता है कि हमारे घुटे हुए इतिहासकार किसी दिन यह परिकल्पना देना शुरू न कर देंगे कि चूँकि योगाभ्यास के समय लोग अल्लाह अल्लाह करते हैं इसलिए यह साबित होता है कि फलाने पैगम्बर ने दुनियाँ को योग दिया था? 

पॉलिटिकल करेक्टनेस किसे कहाँ तक ले जाता है वह देखने वाली बात होगी पर फिलहाल तो सरकार के विरोध के उद्देश्य से आरंभ हुई एक प्रक्रिया योग विरोध पर पहुँची और वहाँ से एक और छलांग लगाकर हिन्दू विरोध पर जा खड़ी हुई है।

लोकतंत्र की हत्या कर जनसाधारण के आम अधिकार भी छीन रही है भाजपा सरकार: योगेश्वर शर्मा

बोले : अगर गिरफ्तार किए गए नेताओं को जल्द रिहाना किया गया तो हरियाणा की सभी जेल भर देंगे 

चंडीगढ़,22 जून:

आम आदमी पार्टी का कहना है कि हरियाणा की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की सरकार अब अपने विरोधियों की आवाज को  भी कुचलने का काम करने लगी है। पार्टी का कहना है कि शांति पूर्व ढंग से अपना विरोध दर्ज कराना देश के हर नागरिक का लोकतांत्रिक अधिकार है, मगर भाजपा राज में लोगों की आवाज उठाने वाले विपक्षी नेताओं  के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें जेलों में बंद किया जा रहा है। 

यह बात यहां आम आदमी पार्टी के हरियाणा जोन के सचिव योगेश्वर शर्मा एवं जिला पंचकूला के प्रधान सुरेंद्र राठी ने  कही। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद पुलिस ने आम आदमी पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी एवं राज्यसभा सांसद डॉ सुशील गुप्ता को आज सुबह  फरीदाबाद के सराय ख्वाजा  चेक से सुबह 8 बजे इसलिए गिरफ्तार किया क्योंकि उन्होंने पिछले दिनों फरीदाबाद के खोरी गांववासियों की आवाज उठाई थी। उन्होंने कहा कि आज इसी विषय पर डॉक्टर सुशील गुप्ता अपने साथियों के साथ प्रधानमंत्री आवास पर ज्ञापन देने जाने वाले थे मगर पुलिस ने उन्हें इससे पहले ही गिरफ्तार कर बता दिया कि हरियाणा सरकार का लोकतंत्र में किसी तरह का कोई विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा कि हरियाणा व दिल्ली पुलिस कई घंटे तक सुशील गुप्ता को इधर से उधर अपनी गाड़ी में घूमाते आते रहे और पार्टी नेताओं द्वारा हंगामा करने पर 2:00 बजे छोड़ दिया गया मगर बाकी नेताओं को अभी तक नहीं छोड़ा गया। उन्होंने कहा कि खोरी गांव के लोग पिछले कई सालों से वहां रह रहे हैं जिन्हें प्रशासन द्वारा उठाया जा रहा है । उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी उनके गांव खाली कराए जाने के खिलाफ नहीं है। परंतु पार्टी सिर्फ यह चाहती है कि इन लोगों को वहां से उठाने से पहले प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत  कही और बसाया जाए, उसके बाद गांव खाली कराया जाना चाहिए। मगर हरियाणा सरकार इन गांव वासियों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था किए बिना उनके आवास खाली करवाना चाह रही है जिसका आम आदमी पार्टी विरोध कर रही है। उन्होंने कहा कि आज डॉक्टर सुशील गुप्ता के साथ गए नेता धर्मवीर बढ़ाना, सौरभ झा, अब्दुल रहीम और अंकित कादयान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया  और फिर आज सुबह डॉ गुप्ता की गिरफ्तारी से यह बात साबित हो गई है कि अपने हक और पुनर्वास की लड़ाई लड़ रहे  खोरी गांव के आंदोलनकारी लोगों की मदद करने वाले पार्टी नेताओं का रास्ता रोक कर खट्टर प्रशासन ने अपनी मंशा साफ जाहिर कर दी है कि उनका आम आदमी से या उसकी समस्या से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन डॉक्टर सुशील गुप्ता सहित पार्टी के अन्य नेताओं को गिरफ्तार करें,नजर बंद करें, मगर खोरी गांव के बेघर हुए लोगों की हक की लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन का रवैया भी सही नहीं है। उन्होंने कहा कि इन नेताओं की गिरफ्तारी से यह बात साबित हो गई है कि खट्टर सरकार के दिन अब लद गए हैं। योगेश्वर शर्मा और सुरेंद्र राठी ने कहा कि आज जब आप पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता सूरजकुड थाने अपने नेताओं के बारे में पूछताछ करने गए तो पुलिस में उन्हें कोई सही जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए आप नेताओं को एक थाने से दूसरे थाने ले जाया जाता रहा है। जिससे यह साफ है कि पुलिस की नियत साफ नहीं उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि आप नेताओं के साथ कुछ होता है तो इसकी जिम्मेवारी खट्टर सरकार की होगी।  इन दोनों नेताओं ने हरियाणा सरकार एवं फरीदाबाद जिला प्रशासन को सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीघ्र ही सुशील गुप्ता की तरह इन गिरफ्तार किए गए बाकी नेताओं की भी रिहाई ना हुई तो आम आदमी पार्टी सड़कों पर उतरेगी और सरकार के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन करते हुए गिरफ्तारी देने से भी पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने कहा कि पूरे हरियाणा से जेल भरो आंदोलन छेड़ा जाएगा। इस अवसर पर उनके साथ पार्टी के जिला पंचकूला के उप प्रधान जगमोहन, नसीब सिंह, व्यापार मंडल के अध्यक्ष प्रवीण हुड्डा एवं युवा जिला अध्यक्ष आर्य सिंह भी मौजूद थे।

महिला सैल ने 198 टूटते परिवारों का मनमुटाव दूर कर बसाया घर

-महिलाओं व बालिकाओं की सुरक्षा में कारगर सिद्ध हो रही है पुलिस विभाग की महिला सेल
-जनवरी से मई माह तक महिला सैल में आई 332 शिकायतों में से 198 का करवाया समाधान, 60 शिकायतें विचाराधीन तथा 74 शिकायतों में की एफआईआर दर्ज
-हेल्पलाइन नंबर 1091 पर आई शिकायतों पर तुरंत होता है एक्शन

सतीश बंसल सिरसा, 22 जून:

महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2015 में महिला पुलिस थाने खोले गए थे। जिला सिरसा में स्थानीय बरनाला रोड़ पर स्थित महिला पुलिस थाना में स्थापित महिला सेल घरेलू कलह, आपसी मनमुटाव, दहेज उत्पीडऩ आदि विवादों के कारण टूटते परिवारों को बचाने के लिए बेहद प्रभावी साबित हो रही है। इस साल मई तक महिला सेल में आई घरेलू विवाद, दहेज, उत्पीडऩ आदि की 332 शिकायतों में से 198 मामलों में आपसी मनमुटाव दूर करवाकर टूटते परिवारों को बचाया गया, जबकि 60 मामले विचाराधीन हैं तथा 74 शिकायतों में एफआईआर दर्ज की गई।
पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह ने बताया कि महिला पुलिस थाने में स्थापित महिला सेल में महिलाएं बेझिझक महिला पुलिस कर्मियों के समक्ष अपनी बात रख सकती है और अपने साथ हुए किसी भी तरह के अपराध की शिकायत कर सकती है। महिला पुलिसकर्मी थाने में आने वाली महिलाओं की पारिवारिक शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए लोगों की काउंसलिंग व आपसी बातचीत के माध्यम से दोनों पक्षों को संतुष्ट करने के संबंध में विशेष रूप से निर्देश दिए गए हैें। महिला थाना व महिला सैल की टीमों द्वारा शिकायतकर्ता सहित दोनों पक्षों के लोगों को आमने-सामने बिठाकर बातचीत के माध्यम से अधिकतर समस्याओं का समाधान करके दोनों पक्षों को राजी करने में कामयाबी हासिल की गई। दंपतियों से काउंसलिंग व बातचीत के माध्यम से मतभेदों को दूर कर मिलाया गया।
महिला सेल की इंचार्ज एएसआई राज कौर ने बताया कि घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना व आर्थिक तंगी के कारण परिवारों में कलह जैसे मामले सामने आते हैं। इस साल के जनवरी से मई माह तक 332 शिकायतें प्राप्त हो चुकी है। पुलिस विभाग द्वारा काउंसलिंग कर 198 परिवारों को टूटने से बचाया है। उन्होंने कहा कि महिलाएं घबराएं नहीं अपने विरुद्ध होने वाले  घरेलू हिंसा, दहेज प्रताडऩा, दुर्व्यवहार जैसी शिकायतों को पुलिस प्रशासन के संज्ञान में लाएं। इसके लिए नागरिक दुर्गा शक्ति वाहन के हेल्पलाइन नंबर 88138-01091 या महिला हेल्पलाइन नंबर 1091 पर संपर्क कर सकते हैं।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए जारी हरियाणा पुलिस की ओर से टोल फ्री नंबर 1091 वरदान साबित हो रहा है। टोल फ्री नम्बर पर आने वाली शिकायतों पर पुलिस प्रशासन द्वारा तुरंत एक्शन लेते हुए इन शिकायतों के निपटान का प्रयास किया जाता है। उक्त नंबर पर महिलाएं किसी भी समय कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करवा सकती है। फोन पर महिला से उनका नाम, पता आदि जानकारी ली जाती है।
महिलाओं व बालिकाओं के साथ आपराधिक घटनाएं न हो। महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से 1091 हेल्प नंबर की व्यवस्था की गई है। हेल्पलाइन नंबर पर किसी भी नेटवर्क से 24 घंटे कॉल की जा सकती है। कॉल रिसीव होते ही संबंधित थाने या चौकी में मैसेज फ्लैश हो जाता है और फोन करने वाली महिला या संबंधित व्यक्ति को सहायता दी जाती है। स्थानीय से लेकर उच्च स्तरीय अधिकारी मॉनिटरिंग करते हैं। इस नंबर पर महिला के अलावा सड़क पर, आस-पड़ोस में महिला को भय की स्थिति या किसी परेशानी में देखे, तो इस नंबर पर कोई भी कभी भी

मेरा पानी-मेरी विरासत योजना का लाभ लेने के लिए 25 जून तक करवाएं पंजीकरण : उपायुक्त अनीश यादव

मेरा पानी-मेरी विरासत : धान छोड़ वैकल्पिक खेती कर जल संरक्षण का दे रहे संदेश-किसान गुरजीत सिंह धान की जगह कपास व मूंग की कास्त से पानी बचत के साथ ले रहे अधिक पैदावार

सतीश बंसल सिरसा, 22 जून:

प्रदेश सरकार की जल बचाव के लिए मेरा पानी-मेरी विरासत के तहत चलाई जा रही मुहिम से किसान लगातार जुड़ते जा रहे हैं। किसान न केवल योजना का लाभ उठा रहे हैं, बल्कि जल बचाओं के इस सामूहिक प्रयास को सुदृढ बनाने का काम भी कर रहे हैं। जल बचाओ की इस मुहिम से जिला के गांव कुमथल का किसान गुरजीत सिंह भी जुड़ा है, जिन्होंने धान की जगह वैकल्पिक खेती को अपनाया है। ऐसा करके वे दूसरे किसानों को जल संरक्षण के साथ फसल विविधीकरण का संदेश दे रहे हैं।
गुरजीत सिंह ने बताया कि उसने खरीफ 2020 में छ: एकड़ में धान की कास्त की थी। लेकिन इस बार सरकार की मेरा पानी मेरी विरासत योजना से जल संरक्षण के महत्व को समझते हुए चार एकड़ में वैकल्पिक खेती की बुआई की। उन्होंने बताया कि उसने अबकी बार खरीफ सीजन में कपास व  मूंग बिजाई की है। गुरजीत ने बताया कि धान की खेती में बहुत अधिक पानी की जरूरत होती है, जिससे भू जल स्तर लगातार गिर रहा है। जल बचाओ को लेकर सरकार की मेरा पानी मेरी विरासत योजना की सराहना करते हुए किसान गुरजीत सिंह ने कहा कि पानी को बचाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। इसलिए किसानों को चाहिए कि वे सरकार की इस योजना का लाभ उठाते हुए जल बचाने की मुहिम से जुडें।  

मेरा पानी-मेरी विरासत योजना का लाभ लेने के लिए 25 जून तक करवाएं पंजीकरण : उपायुक्त अनीश यादव

उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा ‘मेरा पानी-मेरी विरासतÓ योजना के तहत खरीफ-2021 में धान की बिजाई का क्षेत्रफल कम करने, गिरते भू-जल स्तर को बचाने के लिए जिला सिरसा को 27 हजार 550 एकड़ का लक्ष्य दिया गया है। इस योजना के अनुसार जो किसान धान फसल की बजाए वैकल्पिक फसल जैसे मक्का, कपास, अरहर, मूंग, ग्वार, तिल, मूंगफली, मोठ, उड़द, सोयाबीन व चारा तथा प्याज की फसल की कास्त करने पर सात हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। योजना का लाभ लेने के लिए किसान 25 जून तक पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य हैं। इस योजना में बाजरा की फसल बिजाई पर कोई प्रोत्साहन राशि नहीं दी जायेगी। उन्होंने बताया कि जिस किसान ने पिछले वर्ष खरीफ 2020 में धान बोया था लेकिन इस वर्ष खरीफ में किला खाली छोड़ता है तो वह भी इस स्कीम के लाभ का हकदार माना जाएगा।
उपायुक्त ने बताया कि यदि किसी किसान ने पिछले वर्ष फसल विविधीकरण के अंतर्गत खरीफ 2020 में ‘मेरा पानी-मेरी विरासतÓ के तहत प्रोत्साहन राशि ली है और खरीफ 2021 में भी वह फसल विविधीकरण करता है तो इस स्कीम के अंतर्गत लाभ का पात्र माना जायेगा। योजना के तहत किसानों को प्रोत्साहन राशि दो किस्तों में दी जाएगी। इसके साथ किसान द्वारा बिजाई की गई वैकल्पिक फसल जो कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमित की जाती है, जिसकी फसल बीमा राशि किसान की बजाए प्रोत्साहन राशि में से सरकार द्वारा बीमा कर दिया जाएगा। स्कीम के अनुसार वैकल्पिक फसलों की भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर शत प्रतिशत खरीद की जाएगी।

कोरोना से बचाव को लेकर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग का जागरूकता अभियान जारी

सतीश बंसल सिरसा, 22 जून:
सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डा. अमित अग्रवाल के दिशा निर्देशानुसार व उपायुक्त अनीश यादव के मार्गदर्शन में जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा जिला के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार वाहन के माध्यम से कोरोना जागरूकता अभियान लगातार जारी है। मंगलवार को भी प्रचार वाहन ने शहर के चौंक व गलियों में जाकर आमजन को कोरोना से बचाव को लेकर जागरूक किया। प्रचार वाहन के माध्यम से शहरी क्षेत्र में हिसार रोड़, फ्रेंड्स कॉलोनी, खेरपुर, हुड्डïा कॉलोनी, गुरुनानक नगर, कंगनपुर रोड़, बस स्टेंड सहित बाजार एरिया में पहुंच कर प्रचार-प्रसार किया और आमजन को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक किया। संक्रमण से बचाव को लेकर चलाए जा रहे वैक्सीनेशन कार्यक्रम के बारे में भी लोगों को जागरूक करते हुए, उन्हें वैक्सीन टीका लगवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
प्रचार वाहन द्वारा नागरिकों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क, सैनिटाइजर, बार-बार हाथ धोने, सोशल डिस्टेसिंग आदि की लगातार पालना के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ ही प्रशासन द्वारा हिदायतों व दिशा-निर्देशों की जानकारी देने के साथ-साथ इनकी पालना के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। इसके साथ-साथ जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों में मुनियादी के माध्यम से भी लोगों को कोविड-19 की पालना का आह्वïान किया जा रहा है।
उपायुक्त अनीश यादव ने कहा कि संक्रमण से बचने के लिए बचाव उपायों को अपनाने के साथ-साथ लगातार सजग व जागरूक रहने की जरूरत है। थोड़ी सी भी लापरवाही स्वयं व दूसरों के लिए खतरनाक सिद्ध हो सकती है। इसलिए जिला के नागरिक संक्रमण से बचाव के नियमों के प्रति गंभीरता बरतें और दृढ़ता से इनकी अनुपालना करें। मॉस्क, हाथ धोने, उचित दूरी, भीड़ भाड़ से बचने आदि उपायों को नियमित रूप से अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं जाने बारे प्रचार किया जा रहा है।