ज्येष्ठ अमावस्या यह हिन्दी कैलेंडर का ज्येष्ठ महीना चल रहा है। इस महीने में पड़ने वाले अमावस्या तिथि को ज्येष्ठ अमावस्या कहते हैं। शास्त्रों में ज्येष्ठ अमावस्या का बड़ा महत्व है। दरअसल ज्येष्ठ अमावस्या के दिन ही शनि जयंती और वट सावित्री व्रत का पर्व मनाया जाता है।
ज्येष्ठ माह में आने वाली 15वीं तिथि ज्येष्ठ अमावस्या कहलाती है। हिंदू धर्म में ज्येष्ठ अमावस्या का खास महत्व होता है. इस साल ज्येष्ठ अमावस्या10 जून को मनाई जाएगी।ज्येष्ठ अमावस्या के मौके पर भगवान शिव-पार्वती, विष्णुजी और वट वृक्ष की पूजा की परंपरा है। अमावस्या के दिन स्नान और दान का काफी महत्व होता है।
धर्म/संस्कृति डेस्क, डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम :
हिन्दी पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 9 जून 2021 दिन बुधवार को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन 10 जून 2021 दिन गुरुवार को शाम 04 बजकर 20 मिनट पर हो रहा है। स्नान दान के लिए उदया तिथि आज 10 जून को प्राप्त हो रही है। ऐसे में ज्येष्ठ अमावस्या 10 जून को है। इस दिन ही धार्मिक कार्य किए जाएंगे।
ज्येष्ठ अमावस्या के दौरान स्नान करने को महत्वपूर्ण बताया गया है। प्राचीन काल से यह परंपरा चली आ रही है. तीर्थ स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों की शांति के लिए तर्पण किया जाता है। इसके बाद ब्राह्मण भोजन और जल दान का संकल्प लेना चाहिए। इस दिन अन्न और जल दान करने से पितर संतुष्ट होते हैं, जिससे परिवार में समृद्धि आती है। इस दिन स्नान करने से नकारात्मक तत्व दूर होते हैं और मानसिक बल मिलता है. ज्येष्ठ अमावस्या के मौके पर आइए जानते हैं कौन सी चीजें नहीं करनी चाहिए।
ज्येष्ठ अमावस्या की पूजा
अमावस्या के दिन प्रात: पवित्र नदी, जलाशय अथवा कुंड आदि में स्नान करना चाहिए। हालांकि इस समय महामारी का समय है, तो आप घर पर ही स्नान कर लें, यह उत्तम रहेगा। चाहें तो बाल्टी के पानी में गंगा जल डालकर स्नान कर सकते हैं। इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पितरों का तर्पण करना चाहिए। तांबे के पात्र में जल, लाल चंदन और लाल रंग के पुष्प डालकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास करें। अमावस्या के दिन किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें।
ज्येष्ठ अमावस्या क्यों है खास
हिन्दू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि जयंती और वट सावित्री व्रत रखा जाता है। इस बार ज्येष्ठ अमावस्या खास है क्योंकि इसी दिन सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। यह इस साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा। ग्रहण दोपहर 01:42 बजे से शुरू होगा, जो शाम 06:41 बजे समाप्त होगा।
- ज्येष्ठ अमावस्या के दिन अगर आपके घर में कई गरीब मांगने वाला आता है तो उसे कभी भी मना नहीं करना चाहिए या खाली हाथ लौटाना नहीं चाहिए. उसे घर में बैठाएं और भोजन कराएं.
- ज्येष्ठ अमावस्या को शनि जयंती के नाम से भी जाना जाता है इसलिए शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस दिन तन और मन से शुद्धता बनाए रखनी चाहिए. इस दिन भूलकर भी मांस-मदिरा के सेवन करने से बचना चाहिए. वरना शनिदेव नाराज हो सकते हैं.
- ज्येष्ठ अमावस्या के दिन महिलाओं को बाल खोलकर नहीं रहना चाहिए. ऐसा अशुभ माना जाता है. अमावस्या की तिथि पर महिलाओं को हमेशा अपना बाल बांधकर रखने चाहिए.
- ज्येष्ठ अमावस्या के दिन लोहा, कांच या सरसों का तेल आदि शनि से संबंधित किसी भी चीज की खरीदारी नहीं करनी चाहिए, ऐसा करना अशुभ बताया गया है. इन चीजों पर शनि व राहु-केतु का संबंध माना गया है.