राजस्थान में लॉकडाउन 8 जून सुबह तक बढाए जाने की गाइड लाइन में लिखा है कि जहां स्थिति सुधार पर होगी वहां 1 जून से छूट दी जाएगी। राजस्थान में किराना व्यापारियों की दुकानें पहले 5 दिन खुलती थी अब 4 दिन की अनुमति दी गई है लेकिन बाकी दुकानें बंद है और उन में पड़ा हुआ माल रेत गर्द में खराब हो रहा है।
कोरोना के विस्तार को रोकने के लिए हमेशा ही बाजार बंद का फैसला पहले नंबर पर रखा जाता रहा। व्यापारी संगठन अपनी आवाज नहीं उठा पाए। इस कमजोरी के कारण ही प्रशासन और शासन का पहला काम बाजार बंद करवाना रहा। बाजार में कुछ संख्या आती है जबकि सैकड़ों गुना संख्या शहर में होती है। शहर में मोहल्लों में गलियों में घूमने पर कानून कायदे तोड़ने पर कोई नियंत्रण नहीं है। कोई देख रेख नहीं है। बस!प्रशासन का आदेश व्यापारियों पर लागू हो जाता है।
अब 8 जून तक के लॉक डाउन की गाइड लाइन में 1 जून से सुविधाएं शुरू होंगी जहां पर प्रशासन मानेगा की सब कुछ ठीक-ठाक है। अगर व्यापारी संगठन चुप रहे अपने आवाज को बुलंद नहीं कर पाए तो किराना के अलावा अन्य बहुत सी दुकानें बंद ही रहेंगी। सच तो यह है कि जो दुकाने अब बंद पड़ी हैं उनके बिना भी व्यक्ति का काम नहीं चल सकता। उनका खोला जाना भी अति आवश्यक है।
व्यापारी कमजोर इसलिए पड़ रहा है कि उसने कभी भी यह नहीं कहा कि दुकानों से कोरोना नहीं फैला। दुकानदारों ने कोरोना नहीं फैलाया। यह दुकानदारों की बहुत बड़ी कमजोरी रही है। अब भी दुकानदारों और व्यापारिक संगठनों का जागना बहुत जरूरी है।
श्री गंगानगर में संयुक्त व्यापार संगठन की ओर से जिला कलेक्टर को समस्त बाजार खोलने की मांग रखी गई है। यह कदम बहुत ही अच्छा और पहल करने वाला है। जिला कलेक्टर व उपखंड अधिकारी ही तय करेंगे कि 1 जून को बाजार कहां कहां खोला जा सकता है।
राजस्थान के अन्य स्थानों के जिला मुख्यालय के संगठनों को अपने अपने जिला कलेक्टरों को आजकल में ही सारा बाजार खोलने का ज्ञापन दे देना चाहिए। जहां उपखंड है वहां व्यापारिक संगठनों को उपखंड अधिकारी और जिला कलेक्टर दोनों को ही ज्ञापन 1 जून से छूट और पूरा बाजार खुलने की अनुमति प्रदान करने का आज ही दे दिया जाना चाहिए।
* व्यापारिक संगठन यह कोशिश रखें कि बाजार में मास्क और सोशल डिस्टेंस की शत प्रतिशत पालना हो सके और कोई चालान नहीं हो। चालान हों तो बहुत कम हो। तब प्रशासन के सामने बाजार खोलने से इनकार करने का कोई बिंदु नहीं रहेगा।
रिपोर्ट यह आनी चाहिए कि फलां जगह बाजारों में दुकानदारों ने नागरिकों ने मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंस 2 गज की दूरी का पूरा पूरा पालन किया है। यह एक बहुत बड़ा प्रमाण होगा और 1 जून को किराना व्यापार के अलावा भी अन्य बहुत से व्यापार शुरू हो सकेंगे।
बाजार बंद रहने से सभी के धंधे चौपट हो रहे हैं और अपने घर की पूंजी को ही लोग खा कर के खत्म कर रहे हैं। सभी बर्बादी के कगार पर हैं इसलिए आजकल में ही अपने क्षेत्र के उपखंड अधिकारी जिला कलेक्टर आदि को 1 जून से बाजार खोलने का ज्ञापन जरूर दें।अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों विधायकों, सांसद आदि को भी ज्ञापन जरूर दें और अपने साथ खड़ा रखें।
बाजार खोले जाने का समय सुबह 6 से 11 के बजाय उपयुक्त समय 9 बजे से शाम 7 बजे तक तो अवश्य हो।