कैप्टन अमरिंदर सिंह को धता बता कर नवजोत सिंह सिद्धू का किसान आंदोलन के समर्थन में पटियाला और अमृतसर में अपने आवास पर फहराया काला झंडा
नवजोत सिंह सिद्धु ने सोमवार को ट्वीट कर कहा था कि वह किसानों के समर्थन में अपने घर पर काला झंडा लहराएंगे और उन्होंने अन्य लोगों से भी ऐसा ही करने का आह्वान किया हैं. सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘‘किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में मैं अपने दोनों घरों (अमृतसर और पटियाला) पर कल सुबह साढ़े नौ बजे काला झंडा लहराऊंगा….सभी से अनुरोध है कि वे भी ऐसा तब तक करें जब तक कि इन काले कानूनों को वापस नहीं ले लिया जाता या राज्य सरकार के जरिये निश्चित एमएसपी और खरीद की वैकल्पिक प्रक्रिया मुहैया नहीं करा दी जाती.’’
नरेश शर्मा भारद्वाज, जालंधर/चंडीगढ़:
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के आग्रह की अनदेखी करते हुए विवादों में चल रहे कॉन्ग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू भारतीय किसान यूनियन के समर्थन में आ गए हैं। सिद्धू ने मंगलवार (25 मई 2021) को प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में पटियाला स्थित अपने आवास पर काला झंडा फहराया। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रविवार (23 मई 2021) को भारतीय किसान यूनियन को पटियाला में अपने तीन दिवसीय प्रस्तावित धरने को स्थगित करने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं। उनकी सरकार ने पंजाब के हालात दिल्ली, महाराष्ट्र जैसे न बने इसके लिए सख्त लड़ाई लड़ी है।
नवजोत सिद्धू ने ट्विटर पर अपना और अपनी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू का घर की छत पर काला झंडा फहराने का एक वीडियो भी साझा किया। वीडियो के साथ उन्होंने लिखा, “विरोध में काला झंडा फहराना … हर पंजाबी को किसानों का समर्थन करना चाहिए !!”
वहीं, अमृतसर में नवजोत सिंह सिद्धू के घर पर उनकी बेटी राबिया सिद्धू ने काला झंडा फहराया। इस मौके पर राबिया सिद्धू ने ‘जो बोले सो निहाल’ के जयकारे लगाए और किसानों के हक में कृषि कानून रद्द करने को लेकर केंद्र सरकार का विरोध करते हुए ‘जय किसान जय जवान’ के नारे लगाए।
सिद्धू ने कृषि कानूनों को ‘काला कानून’ कहा
सिद्धू ने काला झंडा फहराने के बाद किसानों को केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ भड़काया। इन कानूनों के खिलाफ अपनी पार्टी के नेताओं, विशेष रूप से राहुल गाँधी द्वारा फैलाए जा रहे झूठ और भ्रामक सूचनाओं को दोहराते हुए सिद्धू ने कहा, ”कृषि कानून ‘ब्लैक लॉ’ या ‘काला कानून’ है। अगर इसे लागू किया जाता है, तो यह गरीब किसानों के लिए विनाशकारी साबित होगा। सिद्धू ने पंजाब के किसानों को तब तक अपनी जंग जारी रखने के लिए उकसाया जब तक केंद्र सरकार कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए मजबूर नहीं हो जाती।”
26 मई को किसानों को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे 6 महीने पूरे हो जाएंगे। तीनों कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा के बीच चल रही वार्ता भी पिछले 4 महीनों से बंद है। इसके चलते किसानों ने 26 को काला दिवस मनाने का ऐलान किया है।
पंजाब के 32 किसान संगठन इसकी तैयारियों में जुट भी गए हैं। किसान संगठनों ने किसानों, मजदूरों, युवाओं, विद्यार्थियों, सरकारी कर्मचारियों, साहित्यकारों, रंगकर्मियों, ट्रांसपोर्टरों,व्यापारियों और दुकानदारों से अपना रोष व्यक्त करने की अपील की है।