पंचांग 14 मई 2021

14 May 2021 शुक्रवार को तृतीया तिथि 05:07:00 तक तदोपरान्त चतुर्थी तिथि है। तृतीया तिथि के स्वामी पार्वती शिव जी हैं तथा चतुर्थी तिथि के स्वामी गणेश जी हैं। आज के दिन शाम के समय करके ईशान कोण या मंदिर में गाय के घी का दीपक जलाने से धन की प्राप्ति के योग बढ़ते हैं। आज के दिन पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करना चाहिए तथा ज्यादा आवश्यक हो तो घर से दही खाकर निकलें। इस तिथि में परवल नही खाना चाहिए यह तिथि यात्रा, चूड़ा कर्म, अन्नप्राशन व ग्रह प्रवेश के लिए शुभ है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवम् गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, अक्षय तृतीया वर्ष के सबसे शुभ दिनों में से एक है। संस्कृत में, अक्षय का अर्थ शाश्वत है और तृतीया का अर्थ शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन या पूर्णिमा के चरण से है। अक्षय तृतीया को देश के कुछ हिस्सों में अखा तीज के रूप में जाना जाता है। इस दिन पूजा के लिए मुहूर्त या शुभ मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती है। पूरे दिन में कभी भी पवित्र माना जाता है।

विक्रमी संवत्ः 2078, 

शक संवत्ः 1943, 

मासः वैशाख, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः द्वितीया (तिथि की वृद्धि है, जो कि शुक्रवार को प्रातः 5.39 तक है), 

वारः शुक्रवार, 

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नक्षत्रः रोहिणी (की वृद्धि है जो कि शुक्रवार को प्रातः 5.45 तक है), 

योगः सुकृत रात्रि 01.46 तक, 

करणः कौलव, 

सूर्य राशिः वृष, 

चंद्र राशिः वृष, 

राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.35, 

सूर्यास्तः 07.00 बजे।

नोटः आज अक्षय तृतीया व्रत है। तथा कुम्भ महापर्व स्थान हरिद्वार

विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।

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