Thursday, January 16

कालाष्टमी को काला अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है और हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दौरान इसे मनाया जाता है. कालभैरव के भक्त साल की सभी कालाष्टमी के दिन उनकी पूजा और उनके लिए उपवास करते हैं. सबसे मुख्य कालाष्टमी जिसे कालभैरव जयन्ती के नाम से जाना जाता है. यह माना जाता है कि उसी दिन भगवान शिव भैरव के रूप में प्रकट हुए थे. इस बार कालाष्टमी 3 मई 2021 यानी सोमवार के दिन मनाई जाएगी.

विक्रमी संवत्ः 2078, 

शक संवत्ः 1943, 

मासः वैशाख, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः सप्तमी दोपहर 01.40 तक है, 

वारः सोमवार, 

नक्षत्रः उत्तराषाढ़ा प्रातः 08.22 तक हैं, 

योगः शुभ रात्रि 09.36 तक, 

करणः बव, 

सूर्य राशिः मेष, 

चंद्र राशिः मकर, 

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.43, 

सूर्यास्तः 06.54 बजे।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।