चीनी दोस्ती के चक्कर में चीनी से हाथ धोते पाकिस्तान ने भारत से लगाई गुहार
भारत द्वारा 2019 में जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने व्यापार को रद्द कर दिया था। मई, 2020 में पाकिस्तान ने कोविड-19 महामारी के कारण भारत से दवाओं और कच्चे माल पर लगे प्रतिबंध को समाप्त कर दिया था। कपास और यार्न की कमी के कारण, पाकिस्तान में उपयोगकर्ताओं को संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील और उज्बेकिस्तान से कपास का आयात करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। भारत से कपास का आयात बहुत सस्ता बैठेगा और यह तीन से चार दिनों के भीतर पाकिस्तान पहुंच जाएगा। बाकी देशों से कपास धागे का आयात करना न केवल महंगा है, बल्कि पाकिस्तान तक पहुंचने में एक से दो महीने का समय भी लगता है।
पाकिस्तान में चीनी की बढ़ती कीमतों और संकटों से जूझ रहे कपड़ा उद्योग को बचाने के लिए पाकिस्तान की इमरान खान सरकार आज (मार्च 31, 2021) भारत के साथ व्यापार की फिर से शुरुआत कर सकती है। दोनों देशों में तनावपूर्ण रिश्तों के बीच यह पाकिस्तान का भारत के साथ संबंधों को सुधारने की दिशा में पहला बड़ा प्रयास हो सकता है। पाकिस्तान को यह निर्णय लेने के लिए इसलिए विवश होना पड़ा है क्योंकि उसकी आर्थिक स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है। ऊपर से कोरोना काल ने उसकी और कमर तोड़ दी है।
पाकिस्तान की आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने बुधवार सुबह बैठक किया, जिसमें भारत से चीनी और कॉटन के आयात पर फैसला किया गया। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान में आर्थिक मामलों से जुड़ी कैबिनेट ने भारत के साथ ट्रेड को मंजूरी दी है। अब पाकिस्तान, भारत से कपास और चीनी का आयात करेगा। इससे पहले अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ रिश्ते को तोड़ लिया था। पाकिस्तान सरकार चीनी और कॉटन का आयात ऐसे समय पर करने जा रही है जब इन दोनों के लिए पाकिस्तान को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
भारत पाकिस्तान सहित पड़ोसियों के साथ सामान्य व्यापार संबंधों की इच्छा रखता है
वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा में कहा था कि भारत सामान्य संबंधों की इच्छा रखता है, जिसमें पाकिस्तान सहित सभी देशों के साथ व्यापार शामिल है। बता दें कि पाकिस्तान ने अगस्त 2019 में भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को एकतरफा निलंबित कर दिया। अगस्त 2019 में पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष दर्जा समाप्त करने और दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के नरेंद्र मोदी सरकार के कदम के जवाब में भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को निलंबित करने की घोषणा की थी।
रिकॉर्ड महंगाई, कर्ज की मार, चरमराई अर्थव्यवस्था और भूख से बिलखता… कुछ ऐसा है इमरान खान के नए पाकिस्तान का हाल। 25 फीसदी से ज्यादा आबादी गरीबी रेखा के नीचे. कोरोना की मार और ठंड का कहर… इन सबसे अलग महंगाई की चोट. एक अंडे की कीमत 30 रुपए, । चीनी का दाम 104 रुपए किलो, अदरक 1000 रुपए किलो आवाम कैसे भरेगी पेट। ये सब उसी पाकिस्तान में है जहां इमरान खान जरूरी चीजों के दाम कम करने के नाम पर अपनी पीठ थपथपाते हैं। लेकिन, असलियत कोसो दूर है. महंगाई ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। भुखमरी के हालत बन रहे हैं। पाकिस्तान रुपया लगातार गिर रहा है। इकोनॉमी अब तक के निचले स्तर पर पहुंच चुकी है। सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा अंडे का है. पाकिस्तान के अखबार द डॉन के मुताबिक, देश के ज्यादातर हिस्सों में सर्दियों में बढ़ी डिमांड की वजह से अंडे के दाम 350 पाकिस्तानी रुपए प्रति दर्जन तक पहुंच गया है। पाकिस्तान की बड़ी आबादी खाने में अंडों का इस्तेमाल करती है। लेकिन, एक अंडे की कीमत 30 रुपए हो तो गुजारा करना भी मुश्किल है।
इमरान खान ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
पीएम मोदी ने अपने पत्र में कहा था कि पाकिस्तान के साथ भारत सौहार्द्रपूर्ण संबंधों की आकांक्षा करता है, लेकिन विश्वास का वातावरण, आतंक और बैर रहित माहौल इसके लिए ‘अनिवार्य’ है। प्रधानमंत्री मोदी के पत्र के जवाब में खान ने उनका शुक्रिया अदा किया और कहा कि पाकिस्तान के लोग भारत सहित सभी पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण सहयोगी संबंध की आकांक्षा रखते हैं।
आतंक मुक्त माहौल पर खान ने कहा कि शांति तभी संभव है, यदि कश्मीर जैसे सभी लंबित मुद्दों का समाधान हो जाए। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने 29 मार्च को लिखे पत्र में कहा, “हम इस बात से सहमत हैं कि खासतौर पर जम्मू कश्मीर विवाद जैसे भारत और पाकिस्तान के बीच लंबित सभी मुद्दों के समाधान पर दक्षिण एशिया में टिकाऊ शांति एवं स्थिरता निर्भर करती है।”
गौरतलब है कि पिछले दिनों पीएम मोदी ने इमरान खान को पत्र लिख कर दोनों देशों के अच्छे संबंधों की कामना भी की थी। मोदी ने इमरान खान को लिखा, ”पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर मैं पाकिस्तान की आवाम को अपनी शुभकामनाएँ देता हूँ। एक पड़ोसी देश के तौर पर भारत पाकिस्तान के लोगों के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्ते की इच्छा रखता है। इसके लिए भरोसा और आतंकवाद एवं आक्रमकता से मुक्त माहौल बेहद जरूरी है।”
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