- 30 लाख से ज्यादा लोग झेल रहे हैं कैंसर का प्रकोप: डा. राजेश्वर
- हर वर्ष पांच लाख से ज्यादा लोगों को निगल रहा है कैंसर : डा. राजेश्वर
- भारत में 70 फीसदी कैंसर के मरीज ही एडवांस स्टेज पर डाक्टरों से सलाह लेते हैं : डा. राजन साहू
- ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी सर्वाइकल कैंसर से भी ज्यादा तथा यह नए युग की जानलेवा बीमारी: डा. दीपक सिंगला
- विश्व कैंसर दिवस मौके सेमीनार आयोजित
पंचकूला, 3 फरवरी:
कैंसर जागरूकता दिवस के इस वर्ष के केंद्रीय विषय ‘मैं हूं तथा मैं रहूंगा’ पर जोर देते हुए पारस अस्पताल पंचकूला के कैंसर रोग विशेषज्ञों की टीम ने कहा कि सही खुराक, व्यायाम तथा अच्छी जीवन शैली द्वारा कैंसर से बचा जा सकता है। डाक्टरों ने इस बात पर भी जोर दिया कि कैंसर के टेस्ट बहुत जरूरी हैं। विश्व कैंसर दिवस पर पारस अस्पताल के डाक्टरों की टीम ने पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि कैंसर प्रति जागरूकता बहुत जरूरी है।
इस मौके पत्रकारों को संबोधन करते हुए कैंसर विभाग के डायरेक्टर डा. बिग्रेडियर राजेश्वर सिंह ने कहा कि देश में इस समय 30 लाख से ज्यादा लोग कैंसर से ग्रस्ति हैं, जबकि 17 लाख केस नए सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कैंसर के कारण हर वर्ष 8 लाख लोग मौत के मुंह में जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि तंदरूस्त जीवन, व्यायाम तथा अच्छी खुराक के साथ ही कैंसर से बचाव किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कैंसर होने की स्थिति में जल्द इलाज शुरू करवाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं में ब्रेस्ट व गर्भाश्य का कैंसर आम हो रहा है, जबकि पुरुषों में फेफड़ों तथा लीवर का कैंसर ज्यादा होता है।
इस अवसर पर बोलते हुए डा. राजन साहू ने कहा कि विश्व भर में मुंह के कैंसर के मरीजों की गिनती में भी बड़ा इजाफा हो रहा है। उन्होंने कहा कि तंबाकू, गुटके आदि की बुरी आदतों ने मुंह के कैंसर के रोगियों में गिनती को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि जिंदगी के रहन-सहन में बदलाव लाकर ही कैंसर से बचाव किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपनी छाती की देखभाल की तरफ ज्यादा ध्यान देना चाहिए तथा थोड़ी बहुत समस्या दिखाई देने पर तुरंत मैमोग्राफी या छाती का एक्स-रे अदि करवा लेना चाहिए।
इस अवसर पर डा. दीपक सिंगला ने बताया कि भारत में स्तन कैंसर ने सर्वाइकल कैंसर को नए युग की सबसे आम और घातक जानलेवा बीमारी के रूप में ले लिया है। उन्होंने बताया कि पारस अस्पताल में हम मरीजों को बेहतर इलाज की पेशकश करने के लिए टयूमर बोर्ड आधारित सुविधा पेश करते हैं व पारस अस्पताल में अभिभावकों के लिए हर तरह की एडवांस कीमोथैरेपी, इमयूनोथैरेपी व टारगेटिड थैरेपी उपलब्ध है।
कैंसर रेडियेशन के कंस्लटेंट डा. परनीत सिंह ने कहा कि हमारे रहन-सहन के तरीकों के कारण कैंसर के रोगियों की गिनती में बड़ा इजाफा हो रहा है तथा यह स्थिति आगामी दो दशकों तक 70 फीसदी तक बढ़ जाने वाली है।
डा. जगनदीप सिंह ने बताया कि पारस अस्पताल में हड्डियों के कैंसर की भी सुविधा मुहैया करवाई गई है, जिससे अनेकों ही लोग तंदरूस्त हो चुके हैं। इस अवसर पर न्यूकिलियर मेडीसन के कंस्लटेंट डा. अनुपम गाबा ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पी.ई.टी. स्केन द्वारा कैंसर की मौजूदगी का पता लग सकता है।
पारस अस्पताल के पंचकूला के प्रमुख आशीष चड्ढा ने बताया कि पारस अस्पताल जहां सबसे बड़ा और व्यापक कैंसर सैंटर स्थापित हैं और यहां करनाल, अंबाला, यमुनानगर, पटियाला, शिमला, सोलन व चंडीगढ़ से मरीज अपना इलाज करवाने पहुंच रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पारस अस्पताल अब हिमाचल सरकार, सीजीएचएस अन्य कई विभागोंं के पैनल पर है।