चीन के लिए राहुल गांधी का दर्द एक बार फिर छलक पड़ा। तमिल नाडु के इरोड में एक जन सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने चीन सीमा पर सेना की तैनाती को ले कर एक तरह से प्रश्न खड़े कर दिये। सनद रहे इनके पूर्वज और पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू भी चीन प्रेम से अटे पड़े थे। राहुल गांधी ने कहा है,”मोदी सरकार चीन से भारत को सुरक्षित रखने के लिए (जल, थल और वायु)सेना आ इस्तेमाल कर रही है। अगर वह श्रमिकों, कामगारों औरकिसानों का इस्तेमाल करेगी तब उसे सेनाओं को वहाँ खड़े करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी चीन की भारत में घुसने की हिम्मत नहीं होगी। मतलब हमें अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से अपने अच्छी तरह से प्रशिक्षित सैनिकों को हटा कर वहाँ कामगारों मजदूरों या फिर किसानों को खड़ा करना चाहिए।
चेन्नई /नईदिल्ली :
कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी फिलहाल तमिलनाडु दौरे पर हैं। दौरे के दूसरे दिन राहुल गाँधी तमिलनाडु के इरोड पहुँचे। यहाँ पर उनके भाषण के दौरान एक अजीब घटना घटी। राहुल गाँधी के अंग्रेजी भाषण का तमिल में अनुवाद करने वाले प्रोफेसर मंच पर ही बेहोश होकर गिर पड़े।
रिपोर्टों के अनुसार, 35 वर्षीय प्रोफेसर मोहम्मद इमरान रविवार (जनवरी 24, 2021) को राहुल गाँधी द्वारा दिए गए भाषणों का उत्साहपूर्वक अनुवाद कर रहे थे। राहुल गाँधी के भाषण को अभी कुछ ही मिनट हुआ था कि वह अचानक से बेहोश हो गए। जिसके बाद उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। हालाँकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि किस कारण से कॉन्ग्रेस की रैली में प्रोफेसर बेहोश हो गए।
राहुल गाँधी ने इरोड में भाषण भी ‘जबरदस्त’ दिया। उन्होंने सुझाव दिया था कि अगर भारत के किसान, श्रमिक और मजदूर मजबूत होते, तो भारत को सीमाओं पर सेना, नौसेना और वायु सेना को तैनात करने की आवश्यकता नहीं होती, खासकर इंडो-चाइना बॉर्डर पर। उन्होंने दावा किया था कि अगर किसानों और मजदूरों को सुरक्षा और अधिकार दिया गया तो चीन भारतीय क्षेत्रों में घुसपैठ करने की हिम्मत नहीं करेगा।
दिनाकरन की रिपोर्ट में कहा गया है कि राहुल गाँधी द्वारा दिए गए भाषण का अनुवाद करने के बाद, अनुवादक इमरान ने अपना होश खो दिया और घटनास्थल पर बेहोश हो गए। घटना के बाद उन्हें
राहुल ने यहाँ पर रोड शो के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि वह यहाँ पर ‘मन की बात’ बताने नहीं आए हैं, बल्कि तमिलनाडु के लोगों की समस्याएँ सुनने आए हैं। राहुल गाँधी ने रोड शो के दौरान कहा, “मैं यहाँ आपको ये बताने नहीं आया हूँ कि क्या करना चाहिए या अपने मन की बात करने नहीं आया हूँ। मैं यहाँ आपको सुनने आया हूँ, आपकी समस्याओं को सुनकर उन्हें सुलझाने में मदद करने आया हूँ।”
तमिलनाडु में कॉन्ग्रेस की अस्तित्व की लड़ाई
1967 में तमिलनाडु की सत्ता से बाहर होने के बाद कॉन्ग्रेस कभी वापसी नहीं कर पाई। 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस के हिस्से में सिर्फ 8 सीटें आई थीं। अभी राज्य में AIADMK की सरकार है। इस बार कॉन्ग्रेस के DMK के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की अटकलें हैं।