ट्रैक्टर रैली पर अड़े किसान बाद में सरकार के प्रस्ताव पर मनन के लिए माने
कॉंग्रेस की सियासी खेती जारी है। किसान नेताओं ने बैठक के बारे में भविष्य वाणी कर दी थी की आ भी कोई नतीय नहीं निकलेगा, हम जाएँगे घूम फिर कर आजाएंगे नयी तारीख लेकर। किसान नेता टिकैत ने भी टीवी चैनल पर धमकी दे डाली कि यदि किसान रैली को रोका गया तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।(अभी – अभी) किसान नेताओं ने सरकार के प्रस्ताव पर मनन करने की बात कह कर 24 घंटों के बाद पुन: मिलने की बात कह कर बैठा खत्म की।
- किसान-सरकार में 10वें दौर की बातचीत खत्म
- एक बार फिर बातचीत से कोई रास्ता नहीं निकला
- ट्रैक्टर रैली पर कोर्ट का दखल देने से इनकार
- किसानों की मांग- तीनों कानून वापस लिए जाएं
नाय दिल्ली:
किसान संगठन और सरकार के बीच 10वें दौर की बातचीत खत्म हो गई है। सरकार ने किसानों को प्रस्ताव दिया कि एक निश्चित समय के लिए कानून पर रोक लगा दी जाए और एक कमेटी का गठन किया जाए, जिसमें सरकार और किसान दोनों हो, लेकिन किसान संगठन इस प्रस्ताव पर नहीं राजी हुए।ऐसे में एक बार फिर बातचीत से कोई रास्ता नहीं निकला।
आज गुरु गोबिन्द सिंह कि जयंती कि बधाई से बैठक शुरू हुई। बैठक में चाय से पहले सरकार द्वारा किसानों को तोहफे के तौर पर कहा गया कि हम (यानि सरकार) कृषि स्धार क़ानूनों को 18 महीनों के लिए स्थगित करेंगे। किसान नेताओं को साथ ही यह प्रस्ताव भी दिया गया कि आप अपनी ही एक कमेटी बना लें और सरकार से संवाद कर उनके अनुसार(किसानों के) कृषि सुधार बिल में जो खामियाँ हैं उन्हें दूर करें। किसानों नेताओं से आग्रह किया गया की आप इस बात को मान कर, वृद्धों और बालकों को आंदोलन स्थल से वापिस भेजें। किसान नेताओं ने चाय के अर्ध विराम के पश्चात आ कर कहा की ट्रैक्टर रैली तो होगी। और इसी से साबित हो गया की आज की वार्ता में भी किसान नेताओं की मर्ज़ी समाधान की नहीं है।
ट्रैक्टर रैली निकालने के सवाल पर भड़के किसान नेता, देने लगे धमकी
बैठक के खत्म होते होते आंदोलन के बड़े धडे के किसान नेताओं द्वारा 24 घंटे बाद एक सकारात्मक प्रस्ताव के साथ वापिस आने की बात की जाएगी।
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