जांच अजेंसियों ने काबू में लिए वाड्रा कि कंपनी के 23000 दस्तावेज़
हरियाणा के साल 2014 के विधान सभा चुनावों में रोबर्ट वाड्रा ए हिलाफ़ न एवल एएम कर प्रचार हुआ अपितु उन्हे जांच अजेंसियों के सामने हाजिर भी होना पड़ा। फिर अगले पाँच साल तक मामला ” जांच चल रही है “ के मोड में आ गया। बीच बीच में कभी कभार कोई फाइलों से धूल झाड देता तो भी जांच एजेंसियां अपना काम कर रहीं हैं कह कर जवाबदेही से बचा जाता रहा। फिर अचानक 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में धूल खाईं फाइलें एक बार फिर खुलने लगीं। इस बार भी वाड्रा आया वाड्रा आया कह कर भाजपा ने शोर मचाया पर कॉंग्रेस एक मजबूत वाड्रा, नहीं नहीं – एक मजबूत विपक्ष बन कर हरियाणा में आ गयी। ठीक इसी प्रकार राजस्थान में भी वाड्रा के होव्वा फैलाया गया, लेकिन वहाँ भी कॉंग्रेस ने परचम लहराया। जब भी हरियाणा, राजस्थान या दिल्ली में कोई चुनाव होते हैं तब तब वाड्रा फाइलों से धूल झाड़ी जाती है। फिर इस बार क्या हुआ कि जांच अजेंसियाँ अचाना ही सक्रिय हो उठीं। मामला किसान आंदोलन से जोड़ कर देखा जा सकता है। सरकार किसान आंदोलन के चलते घिर गयी है। विपक्ष कि नितांत समझ में आने वाली अनर्गल प्रलापों के बावजूद सरकार के पास कोई उत्तर नहीं है। ऐसे में एक बार फिर राष्ट्र के तथाकथित प्रथम परिवार के ‘दामाद श्री’ कि ओर झाँकने का सबब बना है।
नयी दिल्ली(ब्यूरो):
बेनामी संपत्ति मामले में कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने बुधवार (जनवरी 06, 2021) को आयकर विभाग (IT) द्वारा की जा रही जाँच को लेकर कहा कि आईटी अधिकारी उनके कार्यालय से 23,000 दस्तावेज ले गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि कोई टैक्स चोरी नहीं हुई है और उनका कारोबार पूरी तरह से पारदर्शी है।
आईटी विभाग द्वारा छापे और पूछताछ के बारे में बोलते हुए वाड्रा ने कहा, “मेरे ऑफिस से 23,000 दस्तावेज जाँच एजेंसी ले गई है। मेरे बारे में मेरे से ज्यादा जानकारी उनके पास है। उनके हर सवाल का मैंने स्पष्ट जवाब दिया। मैंने कोई टैक्स चोरी नहीं की है।”
गौरतलब है कि आयकर विभाग ने सोमवार और मंगलवार को इनकम टैक्स के दफ्तर में वाड्रा को पूछताछ के लिए बुलाया था। हालाँकि, उन्होंने COVID-19 प्रतिबंधों का हवाला देते हुए आईटी कार्यालय जाने से इनकार कर दिया। ऐसे में इनकम टैक्स की टीम पूछताछ के लिए रॉबर्ट वाड्रा के घर ही पहुँच गई और पूछताछ कर उनके बयान को रिकॉर्ड किया।
आयकर विभाग द्वारा बार-बार किए जा रहे पूछताछ पर सवाल उठाते हुए रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि वह अपनी मर्जी से कहीं भी नहीं जा सकते या कुछ भी नहीं कर सकते। क्योंकि उनकी हर गतिविधियों पर केंद्र को शक है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “मैं कुछ नहीं कर सकता, कहीं नहीं जा सकता। अगर मैं ताजमहल भी जाऊँ तो उन्हें लगता है कि मैं ताजमहल खरीदने के लिए वहाँ गया हूँ। सरकार कई मुद्दों पर घिर गई है, वे मुद्दों को भटकाने के तरीके ढूँढ़ते हैं।”
गौरतलब है कि आयकर विभाग की टीम ने 5 जनवरी, 2021 को लगातार दूसरे दिन कॉन्ग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी के दामाद और प्रियंका गाँधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा के घर बेनामी संपत्ति मामले में पूछताछ थी। ब्रिटेन में कथित तौर पर कुछ अघोषित आय रखने के आरोप में वाड्रा आयकर विभाग की जाँच के दायरे में हैं।
बता दें प्रवर्तन निदेशालय भी धनशोधन विरोधी कानून के तहत उनके खिलाफ इन आरोपों की जाँच कर रहा है। पेशे से कारोबारी वाड्रा ने अपने खिलाफ लगे आरोपों और कुछ भी गलत करने से इनकार किया है। कॉन्ग्रेस ने कुछ महीने पहले कहा था कि वाड्रा के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से कार्रवाई की जा रही है।
आरोप है कि रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ने कम दाम में बीकानेर में ज़मीन खरीदी, जिसे आगे अधिक दाम में बेचकर मुनाफा कमाया। इसी से जुड़े एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय भी जाँच कर रहा है। प्रियंका गाँधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा पर लंदन में संपत्ति की खरीद के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। वाड्रा पर ब्रायनस्टन स्क्वायर में 1.9 मिलियन पाउंड की कीमत का मकान खरीदने का आरोप है। रॉबर्ट वाड्रा फिलहाल अग्रिम जमानत पर हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय ने रॉबर्ट वाड्रा पर लंदन में 1.9 मिलियन पाउंड कीमत में खरीदी गई 12, ब्रायन्स्टन स्क्वायर प्रॉपर्टी में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है। इस प्रॉपर्टी के कथित रूप से मालिक रॉबर्ड वाड्रा हैं, हालाँकि वाड्रा इससे इनकार करते हैं। उन्होंने भारत के बाहर किसी भी संपत्ति से इनकार किया था। जाँच एजेंसी इस केस में फरार संजय भंडारी की भूमिका को भी संदिग्ध मानती है। विदेश में रह रहे संजय भंडारी कभी आईटी या ED की जाँच में शामिल नहीं हुए हैं।
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