क्या करें जब जीवनदाता ही हत्यारा बन जाए?
गर्भपात कराना यानी कि भ्रूण हत्या एक कानूनी जुर्म है। और यह एक गैर कानूनी अपराध सिर्फ तब तक नहीं है जब तक इसकी सीमाओं को लांघा नहीं गया और इसकी सीमा है 24 हफ्ते तक का दर्द अगर किसी भी महिला ने 24 हफ्ते के गर्भ के बाद गर्भपात करवाया तो इसको कानूनी जुर्म देखा जाएगा और कानून के दायरे में रखते हुए जिसने गर्भपात करवाया है उसे 3 वर्ष और जिस एजेंट डॉक्टर ने गर्भपात किया है। जिसने गर्भपात की सुविधा उपलब्ध कराई है। उस डॉक्टर को 7 वर्ष की कैद। निश्चित है।
विशेष:
इस कथन का नाता किसी ऐसी घटना से नहीं है। जिसमें किसी माता या किसी पिता ने अपनी ही औलाद को मौत के घाट उतारा हो या उसके साथ किसी भी प्रकार की बदसलूकी की हो। बल्कि यहां पर जीवनदाता उसको कहा गया है जिसे हमारे भारत में भगवान का दर्जा भी दिया जाता है। यानी कि डॉक्टर को हमारे भारत देश में भगवान जीवनदाता के नाम से आदर सत्कार के साथ बुलाया जाता है और वह सिर्फ इसलिए क्योंकि सिर्फ डॉक्टर ही हैं जो कड़ी से कड़ी मुश्किल भारी बीमारियों से मरीजों को बाहर निकाल कर लाते हैं और उन को एकदम भला चंगा कर देते हैं। और इनके इसी कार्य की वजह से भारत ही नहीं पूरी दुनिया भर के लोग उन पर पूरी तरह से निर्भर हैं, अपनी सेहत अपने स्वास्थ्य को लेकर।
जिस क्षेत्र में डॉक्टर काम करते हैं, उस क्षेत्र को मेडीवेशन कहा जाता है और मेडीवेशन के क्षेत्र में डॉक्टर सिर्फ एक प्रकार का ही नहीं बल्कि विभिन्न प्रकारों का होता है। जैसे पौधों का डॉक्टर पेड़ों का डॉक्टर जानवरों का डॉक्टर पक्षियों का डॉक्टर वह इंसानों का डॉक्टर और इंसानों का डॉक्टर कोई सिर्फ एक ही नहीं होता। वह भी भिन्न-भिन्न प्रकार के होते हैं। जैसे दिमाग का डॉक्टर अलग दिल का डॉक्टर अलग किडनी का अलग महिलाओं का अलग पुरुषों का अलग वहीं बच्चों का अलग डॉक्टर पाया जाता है।
जैसा कि आप जानते हैं कि भारत में तो डॉक्टर को भगवान का नाम देकर आदर सत्कार के साथ बुलाया जाता है। लेकिन पूरे विश्व भर में हर व्यक्ति मैडिविजन क्षेत्र का आभारी है। क्योंकि केवल यही क्षेत्र है जो कि ना उन्हें सिर्फ उनकी बीमारियों से छुटकारा पाने में मदद करता है बल्कि उस बीमारी को झेलने की ताकत भी देता है। क्योंकि इस क्षेत्र में मनोवैज्ञानिकों की भी सुविधा उपलब्ध है। परंतु इस चित्र में सबसे ज्यादा महिलाओं के डॉक्टर यानी कि प्रसूतिशास्त्री
यहाँ माएं अपनी प्रसूति समस्याएं लेकर आती हैं और यही वह डॉक्टर हैं जो एक मां को उनकी संतान से मिलवाते हैं। लेकिन यह हर बार एक संतान को उसकी मां से नहीं मिलवा पाते, बहुत बार यह हत्यारे भी बन जाते हैं जो कि एक अजन्मी जान को मौत के घाट उतार देते हैं। गर्भपात के बारे में तो हम सब जानते हैं और यह भी जानते हैं कि गर्भपात कराना यानी कि भ्रूण हत्या एक कानूनी जुर्म है। और यह एक गैर कानूनी अपराध सिर्फ तब तक नहीं है कि जब तक इसकी सीमाओं को लांघा नहीं गया और इसकी सीमा है 3 माह है। अगर किसी भी महिला ने 3 माह के गर्भ के बाद गर्भपात करवाया तो इसको कानूनी जुर्म देखा जाएगा। कानून के अनुसार जिसने गर्भपात करवाया है उसे 3 वर्ष और जिस एजेंट – डॉक्टर ने गर्भपात किया है अथवा जिसने गर्भपात की सुविधा उपलब्ध कराई है उस डॉक्टर को 7 वर्ष की कैद निश्चित है। जबकि मेरे विचार से इस हत्या कि सज़ा तो उम्रक़ैद होनी चाहिए।
माँ
तेरे आँचल में छिप जाने को मन करता है,
तेरी गोद में सो जाने को मन करता है |
जब तू है साथ मेरे,जिन्दगी जीने का मन
करता है |
तू ही है जिसके साथ,मै खुश हूँ ,
बस तेरे दामन में ही मह्फुस हूँ,
पर माँ, जब
तू भी दुश्मन बन जाती है,
मेरी नन्ही सांसों को, जब तू ही खामोश कर जाती
है|
क्या कसूर होता है मेरा, जो तू भी पराया कर जाती
है |
मुझे जिन्दगी के बजाय, मौत के आगोश में सुला
देती है|
डरती है रूह मेरी, न जाने कब क्या होगा ,
जब तू भी साथ ना है माँ ,तो कौन मेरा अपना होगा ,
कौन मेरा अपना होगा ????
साभार कवियत्री: कर्णिका पाठक
हमारे ग्रन्थों में भ्रूण हत्यारे अश्वत्थामा को तो मणि विहीन कर शापित अमरता का दंड मिला है। महाभारत युद्ध के पश्चात जब अश्वत्थामा ने अभिमन्यु कि पत्नी उत्तरा के गर्भस्थ शिशु कि हत्या का प्रयास किया तब श्री कृष्ण ने न केवल उस गर्भ कि रक्षा की अपितु अश्वत्थामा की मस्तिष्क मणि निकाल कर उसे उसी रिसते घाव के साथ अमर होने का श्राप दिया। एक क्षणिक उन्मादी को शास्त्रोचित दंड मिला, परंतु इन लोगों को इस दंड का कोई भय नहीं।
अभी कल ही पंचकूला की एक ऐसी घटना सामने आई है। जिसमें पंचकूला सेक्टर 6 के जनरल हॉस्पिटल की गायनी विभाग की डॉ पूनम भार्गव ने अपने ही घर में गर्भपात का सारा इंतजाम कर रखा था। और इसकी शिकायत। अमन राजपूत और विनय अरोड़ा जी ने दी।डॉ. पूनम भार्गव के कारनामों के बारे में जानकारी दी थी। इसलिए वह ट्रैप लगवाना चाहते थे। लेकिन पुलिस की ओर से सहयोग न मिलने के चलते डॉ. पूनम भार्गव रंगे हाथों पकड़े जाने से बच गई। अमन राजपूत अपने साथ जिस महिला को गर्भपात के लिए पूनम भार्गव के घर लेकर गए थे, उसके गर्भ में बच्चे को मारने के लिए पहले तो महिला को गोली खिला दी और उसके बाद अमन से पैसे देने के लिए कहा। अमन ने जब कहा कि उसके पास अभी तीन हजार रुपये ही हैं तो वह भड़क गई थी और महिला को घर पर ही बैठा लिया था। इसके बाद अमन पांच हजार रुपये और लेकर आया था। दो वकीलों को लेकर पहुंची डॉक्टर। बीते सोमवार को इस मामले की जांच कमेटी कर रही थी और कमेटी के सामने डॉक्टर पूनम भार्गव उपलब्धि रही और वह अपने साथ दो वकील लेकर आई थी उनके वकील 9:00 पर शिकायतकर्ता अमन और विनय ने ऐतराज जाहिर किया और उनके एतराज के चलते हैं कोर्ट से बाहर कर दिया गया। और इसके बाद पूनम भार्गव का वीडियो भी हम दोनों शिकायत कर्ताओं ने दिखाया जिसमें वह इससे बाबत डीलिंग करती हुई नजर आ रही है और वह बोल रही है। इस वीडियो में यह देखने को मिला कि वह किससे बात कर रही है? क्या बात कर रही हो और डीलिंग में कितने पैसे ले रही हैं? डील चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी असिस्टेंट। बलजिंदर कौर के जरिए शुरू हुई थी। जिसमें बलजिंदर अमन से कह रही थी कि गर्भपात डॉक्टर पूनम भार्गव कर देंगी लेकिन उसके लिए उन्हें पैसे देने होंगे।
डॉक्टर पूनम ने कमेटी के समक्ष यह कबूल कर लिया कि। उन्होंने गर्भपात करने के लिए अमन से ₹8000 नकद ली थी। जिसे वह मौके पर ही कमेटी के समक्ष जमा कर दिए। गर्भपात विशेषज्ञ डॉक्टर को कानून क्या सज़ा देते हैं यह एक अलग शोध का विषय रहेगा।