महानगर में जलाये जा रहे 170 स्थानों पर अलाव
राहुल भारद्वाज सहारनपुर:
- महानगर में जलाये जा रहे 170 स्थानों पर अलाव।
- भीषण सर्दी को देखते हुए निगम ने अलाव में की बढ़ोत्तरी।
- नगरायुक्त ने की अधिकारियों के साथ अलाव व्यवस्था की समीक्षा।
सहारनपुर हड्डियों को जमा देने वाली शीतलहर और घने कोहरे को देखते हुए नगर निगम ने महानगर में जलाये जाने वाले अलावों की संख्या बढ़ा दी है। महानगर में निगम द्वारा 170 स्थानों पर अलाव जलाये जा रहे है। नगरायुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी प्रमुख चैराहों पर अवश्य अलाव जलाये जाएं, गरीबों के लिए भीषण ठंड में अलाव एक बड़ा सहारा होते है।
नगरायुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने बुधवार को निगम में अधिकारियों से महानगर में जलाये जाने वाले अलाव के संबंध में जानकारी ली। सहायक नगरायुक्त अशोक प्रिय गौतम ने नगरायुक्त को बताया कि आवश्यकता के अनुसार महानगर में लगातार अलाव की संख्या बढ़ाई जाती रही है।
उन्होंने बताया कि एक दिसंबर से महानगर में दस स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था शुरु हुई थी। दस दिसंबर से 25 स्थानों पर, 18 दिसंबर को 50 तथा 19 दिसंबर से डेढ़ सौ से ज्यादा स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था की जा रही थी। वर्तमान में यह अलाव व्यवस्था करीब 170 स्थानों पर कर दी गयी है।
सहायक नगरायुक्त ने बताया कि चार-पांच वाहनों से महानगर में अलाव के लिए लकड़िया भिजवायी जा रही है। शहर के प्रमुख चैराहों भारत माता चैक, अग्रसेन चैक, घंटाघर, श्रीराम चैक, जेल चुंगी, पुल जोगियान, नवाबगंज चैक, भगतसिंह चैक,रायवाला चैक, बाजदारान चैक, अरबी मदरसा चैक, पिलखनतला चैक, रानीबाजार चैक, देहरादून चैक, हकीकत नगर बड़ा चैक, दीवानी तिराहा, कलक्ट्रेट तिराहा के अलावा आवास विकास, गांधी पार्क, रोडवेज बस स्टैंड, सौ फुटा रोड, नवीन नगर-शारदा नगर, इंद्रा काॅलोनी, पंत विहार, गऊशाला नवादा रोड, चिलकाना अड्डा, धोबीघाट, पुल दालमंडी, शकलापुरी मंदिर के सामने, खात्ताखेड़ी, पुराना चिलकाना अड्डा, गुरुद्वारा रोड, आली की चुंगी, गोलकोठी, रांघड़ों का पुल, प्रतापनगर व पुराना घास कांटा सहित 170 स्थानों पर अलाव के लिए लकड़िया भिजवायी जा रही हैं।
नगरायुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने अलाव व्यवस्था पर संतोष जताते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी प्रमुख चैराहों पर अवश्य अलाव जलाये जाएं। चूंकि भीषण सर्दी और शीतलहर में गरीबों के लिए में अलाव एक बड़ा सहारा होते हैं। निगम का दायित्व है कि शहर के लोगों को अधिक से अधिक सुविधाएं दी जाएं। उन्होंने रैन बसेरे के संबंध में जानकारी ली और सुविधाएं बढ़ाने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
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