शुभेन्दु अधिकारी ने विधायक के पद से दिया इस्तीफा

पश्चिम बंगाल की 65 विधानसभा सीटों पर अधिकारी परिवार की मजबूत पकड़ है। ये सीटें राज्य के छह जिलों में फैली हैं। शुभेंदु के प्रभाव वाली सीटों की संख्या राज्य की कुल 294 सीटों के पांचवें हिस्से से ज्यादा है। शुभेंदु अधिकारी पूर्वी मिदनापुर जिले के एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से आते हैं. उनके पिता शिशिर अधिकारी 1982 में कांथी दक्षिण से कांग्रेस के विधायक थे, लेकिन बाद में वे तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में से एक बन गए। शुभेंदु अधिकारी 2009 से ही कांथी सीट से तीन बार विधायक चुने जा चुके हैं। 

कोल्कत्ता/नयी दिल्ली :

TMC के दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी ने आज (16 अक्टूबर, 2020) विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। बुधवार शाम को बंगाल विधानसभा पहुँचे शुभेंदु अधिकारी ने स्पीकर के ना होने पर सचिवालय को अपना इस्तीफा सौंपा दिया। खबरों के अनुसार, अधिकारी जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। शुभेंदु का यह इस्तीफा आने वाले पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ममता सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

बता दें अधिकारी पिछले कुछ समय से ममता सरकार से खफा चल रहे हैं। वह परिवहन मंत्री के पद से पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। वहीं अब उन्होंने विधानसभा की सदस्यता भी छोड़ दी है। वहीं भाजपा ने शुभेंदु अधिकारी के इस फैसले का स्वागत किया है।

नंदीग्राम और सिंगूर आंदोलनों का प्रभाव :
नंदीग्राम और सिंगूर आंदोलनों का प्रभाव पूरे राज्य में देखा गया था, लेकिन आसपास के जिलों में कुछ ऐसा हुआ जिसने शुभेंदु को एक बड़े नेता के रूप में स्थापित कर दिया. 
2006 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल का वोट शेयर 27 प्रतिशत था जो कि पांच साल बाद बढ़कर 39 प्रतिशत हो गया. पूर्व मिदनापुर और पश्चिम बर्दवान समेत पूरे जंगल महल में फैली 65 सीटें, जिन पर अधिकारी परिवार का प्रभाव माना जाता है, वहां तृणमूल का वोट शेयर 28 प्रतिशत से बढ़कर 42 प्रतिशत हो गया. 
2016 में तृणमूल कांग्रेस को इन सीटों पर करीब 48 प्रतिशत वोट मिले,  उसके बाद वाम मोर्चा को 27 प्रतिशत और भाजपा को 10 प्रतिशत वोट मिले. हालांकि, पिछले साल राज्य में 18 संसदीय सीटें हासिल करने के बाद बीजेपी अब बंगाल में मुख्य विपक्ष के रूप में उभरी है.

शुभेंदु अधिकारी के इस्तीफे पर बीजेपी महासचिव मुकुल रॉय ने आज कहा, “जिस दिन शुभेन्दु अधिकारी ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था, मैंने कहा था कि अगर वह टीएमसी छोड़ देंगे तो मुझे खुशी होगी और हम उनका स्वागत करेंगे। आज उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और मैं उनके फैसले का स्वागत करता हूँ।”

भाजपा नेता मुकुल रॉय ने कहा, ”तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) ताश के पत्तों की तरह ढह रही है। पार्टी (टीएमसी) से रोज कोई न कोई हमारी पार्टी में शामिल होने के लिए आता है।”

गौरतलब है कि इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई है कि तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी जल्द ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होंगे। रिपोर्ट्स का कहना है कि इस सप्ताह वो अपने राजनीतिक भविष्य की अटकलों पर विराम लगाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल होंगे।

एक निजी चैनल से बातचीत करते हुए भाजपा उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने कहा था, “शुभेंदु अधिकारी पर फैसला हो गया है। 2 या 4 दिन में पार्टी में शामिल होंगे। सारी बातें लगभग हो चुकी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कितना भी दौरा कर लें, लेकिन वह और टीएमसी जीतेगी नहीं। सीएम कितना भी प्रचार करें, नतीजा जीरो ही रहने वाला है। ये छूटने की कोशिश है, दौरा नहीं है।”

वहीं इससे पहले शुभेंदु अधिकारी ने स्थानीय और बाहरी लोगों के संबंध में चल रही बहस को लेकर तृणमूल कॉन्ग्रेस पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को बाहरी नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि वह पहले भारतीय हैं और फिर बंगाली हैं। उन्होंने तृणमूल कॉन्ग्रेस नेतृत्व की भी आलोचना करते हुए कहा था कि वह लोगों की अपेक्षा पार्टी को अधिक महत्व दे रहा है।

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