कृषि क़ानूनों को वापिस लेने की मांग की अमित शाह ने खारिज, लिखित प्रस्ताव देगी सरकार, किसान विचार करें

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का हल्ला बोल जारी है. दिल्ली बॉर्डर पर 13 दिनों से किसानों का आंदोलन चल रहा है. आज गृह मंत्री अमित शाह और 13 किसान नेताओं की मुलाकात हुई. सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लेने से इनकार कर दिया है. किसान नेता हनन मुल्ला के मुताबिक, सरकार कल लिखित में प्रस्ताव देगी, जिसपर किसान विचार करेंगे.

नई दिल्ली: 

नए कृषि कानूनों के विरोध में मंगलवार को राष्ट्रव्यापी भारत बंदके बाद किसान यूनियन के कुछ नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. गृह मंत्री और किसान नेताओं के बीच भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के गेस्ट हाउस में बैठक हुई. इस बैठक में कृषि सचिव और दूसरे अधिकारी भी शामिल हुए. हालांकि बैठक में शामिल होने आए किसान नेता रुलदू सिंह नाराज होकर वापस सिंघु बॉर्डर लौट गए. उन्होंने कहा कि सरकार हमें बैठक के लिए कंफ्यूज कर रही है. 

बता दें कि 9 दिसंबर (बुधवार) को किसान नेताओं और सरकार के बीच छठे दौर की वार्ता होने वाली है. ऐसे में वार्ता से ठीक पहले अमित शाह के साथ किसान नेताओं की ये बैठक काफी अहम मानी जा रही है.   

अमित शाह से बातचीत ‘शुभ संकेत’

भारत बंद के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने अमित शाह के साथ बैठक को शुभ संकेत माना है. उन्होंने कहा कि तमाम किसानों के साथ हम अमित शाह से मुलाकात करेंगे. और कृषि कानून को लेकर चल रहे मसले को सुलझने की कोशिश करेंगे. उन्होंने आगे कहा था कि हम सिंघु बॉर्डर जा रहे हैं और फिर वहां से गृह मंत्री की बैठक में जाएंगे.

5 दौर की वार्ता के बाद भी नहीं सुलझा मसला

गौरतलब है कि विज्ञान भवन में बीते शनिवार को किसान नेताओं के साथ हुई 5वें दौर की वार्ता पहले हुई थी. जिसमें मोदी सरकार के तीनों मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोम प्रकाश का मिजाज भले ही नरम रहा हो, लेकिन किसान नेता मांगों को लेकर मुखर रहे थे. यहां तक कि जब बात नहीं बनी तो किसान नेताओं ने बायकाट की चेतावनी भी दे डाली. और Yes/No का प्लेकार्ड खेला था. किसान नेताओं ने मंत्रियों से कहा, ‘सरकार कानून वापस लेगी या नहीं, यस या नो में जवाब दीजिए.’ 

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