हरियाणा सरकार ने चंडीगढ़ और पंजाब में रोडवेज बस सेवा बंद कर दी

पंजाब के किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। हरियाणा सरकार ने चंडीगढ़ और पंजाब में रोडवेज बस सेवा बंद कर दी है। सभी डिपो प्रबंधकों को यह आदेश जारी कर दिए गए हैं। वहीं आपात स्थिति के लिए अतरिक्त बसों के इंतजाम का आदेश भी सरकार ने जारी किया है। हरियाणा में फरीदाबाद और कैथल समेत कुछ जिलों में धारा 144 लगा दी गई है। उल्लंघन करने पर आईपीसी की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।

पचंकूला :

किसान व फसल की कीमत को लेकर किसानों के ‘चलो दिल्ली’ प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए पचंकूला जिले में पुलिस अलर्ट के साथ साथ ट्रैफिक एडवाईजरी भी जारी की गई. पचंकूला की तरफ जाने वाले वाहन तथा पचंकूला से होकर आगे जाने वाले वाहन पंजाब में व नेशनल हाईवे की तरफ जाने वाले रास्तो पर यातायात जाम होने की सम्भावना है जिसको मध्य नजर रखते हुए निर्देश दिये गये है कि यातायात वाहन अति आवश्यक स्थिति मे चलाये जायें । आपातकालीन वाहनों को दिनाक 26  व 27 नवंबर को  आवश्यक सेवाओ तथा आपातकाली वाहनो को दिल्ली की तरफ व पजाब की तरफ तब तक जाने दिया जायेगा । जब तक पडौसी राज्यो पंजाब, केन्द्र शासित प्रदेश चण्डीगढ तथा हरियाणा राष्ट्रीय राजमार्ग एन.एच. 44 पर प्रस्थितिया अनूकूलन रहेगी ।

हरियाणा में कल हजारों कर्मचारी व मजदूरों की हड़ताल, रोडवेज का दो घंटे चक्का जाम

किसानों के दिल्ली कूच के बीच हरियाणा के हजारों कर्मचारी, मजदूर गुरुवार को हड़ताल पर रहेंगे। रोडवेज का दो घंटे चक्का जाम रहेगा। शिफ्ट में काम करने वाले कर्मचारी 25 नवंबर रात दस बजे से हड़ताल पर चले गए हैं। 26 नवंबर को कर्मचारी सरकारी सेवाओं को बाधित नहीं करेंगे। राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान देश की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, केंद्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारियों की सैकड़ों अखिल भारतीय फेडरेशनों ने संयुक्त रूप से किया है। 

हरियाणा सरकार हड़ताल को अवैध करार दे चुकी है। हड़ताली कर्मचारियों की गैरहाजिरी दर्ज की जाएगी। हड़ताल में राज्य के सभी सरकारी विभागों, बोर्ड, निगमों, विश्वविद्यालयों, नगर निगम, परिषदों, पालिकाओं और केंद्रीय परियोजनाओं में कार्यरत कर्मचारी शामिल होंगे।

इंडिया स्टेट गवर्नमेंट इंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, महासचिव सतीश सेठी ने दावा किया कि राष्ट्रव्यापी हड़ताल अभूतपूर्व होगी। केंद्र सरकार कोरोना को अवसर मानकर सार्वजनिक क्षेत्र को तेजी से निजी घरानों को सौंप रही है।  किसानों व मजदूरों के तीखे विरोध के बावजूद कॉरपोरेट घरानों को मदद पहुंचाने के लिए तीन कृषि कानून लाए गए। 44 श्रम कानूनों को समाप्त करने, डीए की कटौती करने से कर्मचारियों एवं मजदूरों में आक्रोश है। हड़ताली कर्मचारी अपने कार्यालयों पर सरकार की नीतियों के खिलाफ और अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन करेंगे।

संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, उप महासचिव सबिता मलिक, मुख्य संगठनकर्ता धर्मवीर फोगाट, उप प्रधान जग रोशन, सीलक राम मलिक व प्रवक्ता इंद्र सिंह बधाना ने बताया कि सरकार आर्थिक संकट का बहाना बनाकर कर्मचारियों की कोई भी मांग मानने से इंकार कर रही है। दूसरी तरफ बरोदा उपचुनाव से ठीक पहले आर्थिक संकट में 21 बोर्ड व निगमों के चेयरमैन बनाकर करोड़ों रुपये का खर्च बढ़ा दिया।

ये सेवाएं जारी रहेंगी

स्वास्थ्य, बिजली, दमकल, एंबुलेंस आदि आपातकालीन सेवाओं में तैनात कर्मचारी हड़ताल में शामिल होते हुए भी आवश्यक सेवाओं को बहाल रखेंगे। ये कर्मचारी हड़ताल में शामिल होकर सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर तो करेंगे लेकिन जनहित में आवश्यक सेवाओं को बहाल रखने में मदद करेंगे।

0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply