आज 16 अक्टूबर को हिंदू पंचांग के अनुसार शुक्रवार है. लक्ष्मी देवी का दिन ज्योतिष विद्या के अनुसार शुक्रवार माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी का पूजन करने वो प्रसन्न होती हैं और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं.
विक्रमी संवत्ः 2077,
शक संवत्ः 1942,
मासः द्वितीय (अधिक) आश्विनी (मल) मास,
पक्षः कृष्ण पक्ष,
तिथिः अमावस रात्रि 01.01 तक है,
वारः शुक्रवार,
नक्षत्रः हस्त दोपहर 02.58 तक,
योगः वैधृति रात्रि 01.45 तक,
करणः चतुष्पद,
सूर्य राशिः कन्या,
चंद्र राशिः कन्या,
राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक,
सूर्योदयः 06.26,
सूर्यास्तः 05.46 बजे।
नोटः आज आश्विनी अमावस है तथा आश्विनी अधिक (मल) मास समाप्त होगा।
विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/10/aaj_ka_panchang-1200_0-sixteen_nine.jpg6751200Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-10-16 01:21:272020-10-16 01:22:52पंचांग, 16 अक्टूबर 2020
कोरोना लॉकडाउन की वजह से बंद पड़े धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए बीजेपी ने महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। महाराष्ट्र में सिद्धिविनायक मंदिर समेत अन्य मंदिरों को खोलने की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का मंगलवार को मुंबई में प्रदर्शन जारी है। इस बीच महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा और मंदिरों को खोलने को कहा है। कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे पर तंज कसा कि आप अचनाक सेक्युलर कैसे हो गए? जबकि आप इस शब्द से नफरत करते थे। कोश्यारी की चिट्ठी पर उद्धव ठाकरे का भी जवाब आया है। उद्धव ठाकरे ने चिट्ठी के जवाब में कहा है कि मुझे हिन्दुत्व पर आपसे सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। लेकिन दूसरी ओर अगले साल मुंबई में निकाय चुनाव भी होने हैं। एक सीनियर बीजेपी नेता का कहना है कि ये चुनाव एक तरीके से अगले विधानसभा चुनाव का मिनी रेफेरेंडम होगा। इस चुनाव में बीजेपी और शिवसेना की लोकप्रियता का अंदाजा लग जाएगा। मंदिरों को लगातार बंद रखने का मुद्दा शिवसेना को चुनाव में भारी पड़ेगा।
मुंबई(ब्यूरो):
महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे गए खत पर बवाल मच चुका है। मंदिरों को न खोलने के लिए गवर्नर ने उद्धव ठाकरे को सेकुलरिजम पर स्टैंड की याद दिलाई है। सीएम उद्धव ने भी कह दिया कि उन्हें किसी से हिंदुत्व का पाठ सीखने की जरूरत नहीं। महाराष्ट्र सरकार ने मंदिर नहीं खोले। लेकिन सरकार के इस कदम से बीजेपी को यह उम्मीद जग चुकी है कि वो हिंदुत्व के मुद्दे पर शिवसेना को घेर सकती है।
क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही उद्धव ठाकरे कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार की अगुआई कर रहे हैं लेकिन समय-समय पर हिंदुत्व के एजेंडे को दोहराते भी रहते हैं। इससे उनकी दोनों सहयोगी पार्टियों को परेशानी भी होती है। गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे राम मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम का भी हिस्सा बनना चाहते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का शिलान्यास किया था। अब यह भी कहा जा रहा है कि उद्धव ठाकरे अगले नवंबर महीने में अयोध्या की यात्रा कर सकते हैं। पर पालघर में हुई साधुओं की निर्मम हत्या और उसकी संदेहास्पद जांच के बाद क्या उद्धव ठाकरे को अयोध्या के संत समाज द्वारा स्वीकार भी जाएगा?
‘सामना’ के लेख से शिव सेना ने किया राज्यपाल कोशियारी पर तीखा हमला :
हर कुछ समय अंतराल पर हिंदुत्व की बात करते हैं उद्धव
टाइम्स ऑफ इंडिया पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक एक बीजेपी विधायक का कहना है-उद्धव चाहते हैं कि वह हर कुछ समय पर हिंदुत्व की बात कर बीजेपी की काट निकाल सकते हैं। लेकिन ये उनका धोखा है। वो एक ही समय में दो राग नहीं गा सकते। अगर उन्होंने कांग्रेस-एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई है तो उनको ‘सेकुलर’ एजेंडे पर बने रहना चाहिए। और हिदुत्व पर सिर्फ जुगलबाजी करने से बाज आना चाहिए।’
अगले साल निकाय चुनाव होगा मिनी रेफरेंडम, घेरने की तैयारी में बीजेपी
इन सबके बीच अगले साल मुंबई में निकाय चुनाव भी होने हैं। एक सीनियर बीजेपी नेता का कहना है कि ये चुनाव एक तरीके से अगले विधानसभा चुनाव का मिनी रेफेरेंडम होगा। इस चुनाव में बीजेपी और शिवसेना की लोकप्रियता का अंदाजा लग जाएगा। मंदिरों को लगातार बंद रखने का मुद्दा शिवसेना को चुनाव में भारी पड़ेगा।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/10/utbsk.jpg194259Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-10-15 15:04:222020-10-15 15:06:12राज्यपाल की चिट्ठी पर मुख्यमंत्री ने एक ही मारा लेकिन सॉलिड मारा : शिवसेना
इस सुरंग की नींव मई 2018 में ही रख दी गई थी। लेकिन टेंडर पाने वाली IL&FS दीवालिया हो गई। उसके बाद हैदराबाद की मेघा इंजिनियरिंग को 4,509.5 करोड़ रुपये में इसका ठेका मिला। सरकार का दावा है कि वह प्रोजेक्ट की रीमॉडलिंग के जरिए 3,835 करोड़ रुपये बचा लेगी। पूरे प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 6,808.63 करोड़ रुपये है। जोजिला पास के नीचे करीब 3,000 मीटर की ऊंचाई पर यह सुंरग बनेगी। इसकी लोकेशन NH-1 (श्रीनगर-लेह) में होगी। जोजिला टनल का निर्माण-कार्य ऐसे समय में शुरू हो रहा है जब पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर चीन से पिछले पांच महीनों से टकराव चल रहा है. गड़करी ने कहा है कि इस टनल के बनने से श्रीनगर, द्रास, करगिल और लेह क्षेत्रों में हर मौसम के लिए कनेक्टिविटी स्थापित हो जाएगी।
सुरंग की लंबाई 14.15 किलोमीटर होगी, इसके अलावा 18.63 किलोमीटर लंबी एप्रोच रोड का निर्माण किया जाएगा, जिसे बनाने में 6809 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
जो दूरी को तय करने में तीन घंटे लगते थे वो महज 15 मिनट में पूरी हो जाएगी।
सुरंग के निर्माण में 6 वर्ष का समय लगेगा, जबकि एप्रोच रोड को बनाने में 2.5 साल लगेंगे।
लद्दाख/जम्मू/ कश्मीर(ब्यूरो):
देश के इतिहास में एक पन्ना जुड़ने जा रहा है और 30 साल के लम्बे इंतज़ार के बाद अब भारत सरकार कश्मीर घाटी को लद्दाख से जोड़ने वाली टनल पर आज से काम शुरू करने जा रही है। इसकी नीव के लिए पहला विस्फोट सड़क परिवहन व राजमार्ग केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा किया जाएगा। देश के लिए सामरिक अहमियत वाली इस 14.15 किलोमीटर लंबी टनल का निर्माण करने में 6808.63 करोड़ का कुल खर्च आएगा।
2015 में पीएम मोदी ने रखी थी आधारशिला
इस टनल को बनाने के लिए करीब तीस साल से मांग हो रही थी. साल 2005 में टनल बनाने के लिए प्रोजेक्ट की प्लानिंग शुरू हुई थी और प्रोजेक्ट रिपोर्ट साल 2013 में बीआरओ यानि बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (Border Road Organisation) ने तैयार की थी. इसके बाद साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इसकी आधारशिला रखी थी. इसके 5 साल बाद अब निर्माण कार्य शुरू होने जा रहा है.
देश को अटल टनल की सौगात देने के बाद केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर में सामरिक महत्व की एक और टनल का निर्माण शुरू करने जा रही है। केंद्रीय सड़क – परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए इस सुरंग के निर्माण के लिए पहला ब्लास्ट किया। सेना और सिविल इंजीनियरों की एक चोटी की टीम जोजिला-दर्रे के पहाड़ को काट कर इस सुरंग का निर्माण करेगी।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने खुद ट्वीट कर भारत सरकार के इस महात्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी है। बता दें कि टनल का निर्माण-कार्य ऐसे समय में शुरू हो रहा है जब पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर चीन से पिछले पांच महीनों से टकराव चल रहा है। गड़करी ने कहा है कि इस टनल के बनने से श्रीनगर, द्रास, करगिल और लेह क्षेत्रों में हर मौसम के लिए कनेक्टिविटी स्थापित हो जाएगी। इसके अलावा दोनों स्थानों के बीच यात्रा में लगने वाले समय में 3 घंटे 15 की कमी आएगी।
इस टनल के बनने से लैंड स्लाइड की आशंकाओं के बगैर नेशनल हाईवे वन पर श्रीनगर से लेह के बीच यात्रा की जा सकेगी। इस प्रोजेक्ट के तहत 14.15 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जाएगी, इसके अलावा 18.63 किलोमीटर लंबी एप्रोच रोड का निर्माण किया जाएगा। इस तरह से पूरे प्रोजेक्ट में 32.78 किलोमीटर लंबा सड़क बनाया जाएगा।
इस पूरे प्रोजेक्ट के निर्माण में 6808.63 करोड़ रुपये की लागत आएगी. सुरंग के निर्माण में 6 वर्ष का समय लगेगा, जबकि एप्रोच रोड को बनाने में 2.5 साल लगेंगे।
जोजिला टनल का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद पूरा लेह-लद्दाख, करगिल-द्रास और सियाचिन सालों भर देश के बाकी हिस्सों से सड़क मार्ग से जुड़ा रहेगा। अभी इनमें से कई क्षेत्रों में सड़क मार्ग से कनेक्टिविटी साल के 6 महीने तक ही हो पाती है। सर्दियों के मौसम में यहां जाने वाली मौजूदा सड़कें बर्फ से ढक जाती हैं, लेकिन ये सुरंग इस समस्या को दूर कर देगी। इस नए सुरंग की मदद से इन इलाकों में सेना की मूवमेंट बेहद आसान हो जाएगी।
जोजिला टनल केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करेगी।
बता दें कि जोजिला दर्रा दुनिया के सबसे खतरनाक रास्तों में से एक है। इस दुर्गम रास्ते में वाहन चलाना बेहद चुनौतीपूर्ण और खतरे से भरा है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/10/जोजिला-टनलसाढ़े-3-घंटे-का-सफर-15-मिनट-में-जानें-एशिया-की-सबसे-लंबी-सुरंग.jpg405540Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-10-15 13:44:592020-10-15 13:47:18एशिया की सबसे लंबी जोज़िला टनल देश को सामरिक महत्व का एक और तोहफा
मुफ्ती और अब्दुल्ला की मौजूदा जुगलबंदी कुछ वैसी ही है, जैसी दो दिन पहले हमने पूरे बॉलीवुड में देखी. खुद को बचाने के लिए पूरे बॉलीवुड के सारे ग्रुप 70 वर्ष में पहली बार एकजुट हो गए. उसी तरह महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला की ये दोस्ती भी शायद अपना अस्तित्व बचाने के लिए है. ये अस्तित्व खत्म होने का डर है जो दोनों का पास पास ला रहा है. डर बड़े-बड़े दुश्मनों को भी एक साथ ला देता है. ये बैठक नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला द्वारा बुलाई गई है, जिसमें उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, सज्जाद लोन समेत वो नेता शामिल हो रहे हैं, जिन्होंने चार अगस्त 2019 को साझा बयान जारी किया था. फारूक अब्दुल्ला के घर हो रही इस खास बैठक में शामिल होने के लिए पीडीपी मुखिया और राज्य की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती पहुंच चुकी हैं. पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के कई अन्य नेता भी पहुंचे हैं.
जम्मू / कश्मीर(ब्यूरो):
महबूबा मुफ्ती की रिहाई के बाद फारूक और उमर अब्दुल्ला उनके घर मिलने पहुंचे थे, ये तस्वीर भी ट्विटर पर पोस्ट की गई है. इस तस्वीर में जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री जिस लॉन में बैठे हुए हैं, वो महबूबा मुफ्ती का सरकारी आवास है. बतौर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती इसी आवास में रहती थीं. वो सारी सुख सुविधाएं जो उन्हें उस समय मिलती थीं, वो आज भी उन्हें मिल रही हैं. महबूबा मुफ्ती की सुरक्षा में आज भी एसएसजी यानी स्पेशल सिक्योरिटी ग्रुप तैनात है. सुरक्षा और निवास पर होने वाला खर्च आज भी सरकारी खजाने से होता है.
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर अपना एक बयान पोस्ट किया है. महबूबा मुफ्ती ने अपने इस ऑडियो संदेश में धारा 370 को दोबारा हासिल करने का ऐलान किया है. 434 दिन बाद जम्मू कश्मीर प्रशासन की हिरासत से महबूबा मुफ्ती को मंगलवार रात रिहा किया गया था. रिहाई के दो घंटे बाद ही महबूबा मुफ्ती ने ब्लैक स्क्रीन करके एक ऑडियो संदेश ट्वीट किया.
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35 ए बहाल करवाने व राज्य के एकीकरण के लिए कश्मीर केंद्रित राजनीतिक दलों ने आपस में हाथ मिला लिए हैं. नेशनल कांफ्रेंस नेता फारूख अब्दुल्ला के निमंत्रण पर उनके घर पर कश्मीरी राजनीतिक दलों की बैठक हो रही है.
महबूबा, सज्जाद लोन, यूसुफ तारिगामी बैठक में शामिल जानकारी के मुताबिक महबूबा मुफ्ती, सज्जाद गनी लोन और कम्युनिस्ट नेता यूसुफ तारिगामी फारूख अब्दुल्ला के घर पहुंच चुके हैं. करीब एक साल घर में नजरबंद रहने के बाद महबूबा मुफ्ती दो दिन पहले रिहा हुई हैं. फारूख अब्दुल्ला के बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उनकी आगवानी की.
कांग्रेस के नेताओं ने फिलहाल साधी चुप्पी कांग्रेस के नेताओं ने फिलहाल इस कवायद से दूरी बना रखी है. वहीं जम्मू का भी कोई राजनेता इस बैठक में शामिल नहीं है. इस बैठक के विरोध में बीजेपी कार्यकर्ता कई जगह विरोध कर रहे हैं. उनका आरोप है कि इस बैठक के जरिए कश्मीरी नेता फिर से प्रदेश में उपद्रव कराने की साजिश कर रहे हैं.
फारूख अब्दुल्ला ने पिछले साल बुलाई थी कश्मीरी दलों की बैठक बता दें कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म होने से एक दिन पहले यानी 4 अगस्त 2019 को अपने गुपकार रोड़ वाले आवास पर कश्मीरी नेताओं की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर की पहचान, स्वायत्तता और उसके विशेष दर्जे को संरक्षित करने के लिए वे मिलकर प्रयास करेंगे. इस प्रस्ताव पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अलावा पीडीपी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और कुछ छोटे दल शामिलों ने भी हस्ताक्षर किए. नेशनल कांफ्रेंस ने इस बैठक के बाद हुई घोषणा को गुपकार घोषणा करार दिया था.
बदले माहौल में राजनीति की नई राह तलाश रहे हैं फारूख-महबूबा करीब एक साल नजरबंदी में रहने के बाद अब फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और मेहबूबा मुफ्ती बाहर आ चुके हैं. ऐसे में जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली और राज्य के एकीकरण के मुद्दे पर फारूख और महबूबा मुफ्ती ने हाथ मिला लिए हैं. फारूख अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल करने की मांग को लेकर चीन से समर्थन मांगने की भी बात कर चुके हैं. जिसके लिए उनकी पूरे देश में आलोचना हो रही है. आज की बैठक में वे अपनी धुर विरोधी महबूबा मुफ्ती के साथ मिलकर जम्मू कश्मीर में अपनी नई राजनीति की राह तैयार कर सकते हैं.
इस पूरे मामले पर एक राष्ट्रिय चैनल के संपादक ने कुछ सवाल पूछे हैं जो ज़ाहिर सी बात है अनुत्तरित ही रहेंगे:
पहला प्रश्न : जो आप सोच रहे होंगे कि अब्दुल्ला और मुफ्ती जैसे लोगों के रहते बाहरी दुश्मनों की क्या जरूरत है? जब अपने ही देश में ऐसे लोग मौजूद हैं तब हमें चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मनों की क्या जरूरत है?
दूसरा प्रश्न: ये है कि ऐसे देश विरोधी बयान देने की आजादी कब तक मिलती रहेगी. जब किसी सांसद को आपकी बात पसंद नहीं तो वो आपके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दे देता है. अदालत के फैसले पर कोई टिप्पणी कर देता है तो उस पर अवमानना का आरोप लग जाता है लेकिन ऐसे लोग जो भारत देश के खिलाफ बोलते हैं उन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती. उनके खिलाफ सड़क से संसद तक कोई आवाज क्यों नहीं उठाता?
तीसरा प्रश्न: ये है कि जब फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने संविधान की शपथ लेकर जम्मू कश्मीर पर शासन किया था. तब क्या इन्होंने राष्ट्रहित में सारे निर्णय लिए होंगे? ये बहुत बड़ा प्रश्न है क्योंकि जम्मू कश्मीर एक संवेदनशील राज्य है, जहां आए दिन आतंकवादी हमले होते हैं, एनकाउंटर होते हैं. क्या जम्मू कश्मीर में सेना और केंद्रीय सुरक्षा बलों को राज्य सरकार का पूरा सहयोग मिलता रहा होगा? महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला के हाल के बयानों के बाद क्या उनके फैसलों की जांच की जानी चाहिए?
चौथा प्रश्न है जब फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जैसे राजनेता संसद के फैसले को पलटने की बात खुलेआम करते हैं. तब इनकी संसद सदस्यता रद्द क्यों नहीं की जाती. इन नेताओं की पार्टियों का रजिस्ट्रेशन रद्द क्यों नहीं किया जाता. महबूबा मुफ्ती इस समय पीडीपी यानी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष हैं और फारूक अब्दुल्ला नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के सबसे बड़े नेता. पार्टी की कमान भले ही उन्होंने अभी बेटे उमर अब्दुल्ला को दे रखी है लेकिन पार्टी के निर्णयों पर आखिरी मुहर उन्हीं की होती है?
इन सवालों का जवाब जानने के लिए हमने कुछ कानूनी जानकारों से बात की है उनके मुताबिक,
कोई भारतीय नागरिक इस तरह के बयानों के खिलाफ देश में कहीं भी एफआईआर दर्ज करा सकता है.
हमारे चुने हुए प्रतिनिधि चाहें सांसद हो या विधायक वो भी ऐसे बयान देने वालों के खिलाफ एफआईआर कर सकते हैं. ऐसे बयान आईपीसी की धारा 124 ए यानी देशद्रोह के दायरे में आते हैं.
-इस तरह के बयानों पर हमारी संसद क्या एक्शन ले सकती है?
Representation of people act 1951 यानी जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत संसद एक प्रस्ताव ला सकती है. जिसके तहत फारूक अब्दुल्ला जैसे सांसद की सदस्यता रद्द की जा सकती है. चुनाव आयोग से ऐसी पार्टियों की सदस्यता खत्म करने की सिफारिश की जा सकती है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/10/15649833630521_ghati_730_1_0.jpg9001200Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-10-15 12:37:062020-10-15 12:38:48महबूबा के रिहा होते ही अब्दुल्ला ने अलापा धारा 370 का राग, 6 और दलों की जुगलबंदी
प्रतिष्ठित बिल्डर ने मान के साथी सुखदेव के आरोपों से इनकार किया. नंदा ने कहा की सुखदेव व् आलमजीत को नंदा फोबिआ होगया है इसलिए वो बौखला कर रोजाना प्रेस कॉन्फ्रेंस करता रहता है
चंडीगढ़ –
एक प्रमुख रियाल्टार समूह एम् एम् डी इंफ्रास्ट्रक्चर ने आज सुखदेव सिंह के आरोपों का खंडन किया, एक पूर्व पुलिसकर्मी कथित सामाजिक कार्यकर्ता सुखदेव और आलमजीत सिंह मान के सहयोगी है कि उन्होंने चंडीगढ़ अंबाला राष्ट्रीय हाइवे पर सिंहपुरा में एक प्रमुख स्थान पर एक व्यावसायिक स्थल के संबंध में उनसे 20 लाख का ड्राफ्ट दिया है , जबकि वो २० लाख का ड्राफ्ट सुखदेव ने आलमजीत मान को दिया है । आलमजीत सिंह मान ने जब २००९ में एम् एम् डी को रजिस्ट्री करवाई है तब उस ड्राफ्ट का जिक्र रजिस्ट्री में नहीं है क्यों की ये सुखदेव और आलम जीत की मिलीभगत है , अब दस साल बाद उस जमीन को वापिस हथियाने की कोशिश है
अमित नंदा ने आज आलमजीत मान , सुखदेव सिंह व् आम जनता को खुला चैलेन्ज देते हुए कहा की अमित नंदा के खिलाफ इस प्रॉपर्टी के केस को छोड़कर यदि कोई भी शिकायत या मामला दिखा दिया जाये तो वो अपने हिस्से की सारी जमीन दान दे देंगे , आलमजीत सिंह मान द्वारा उनकी जमीन हथियाने के लिए उनके खिलाफ जगह जगह जीरकपुर की जमीन के कभी चंडीगढ़ , कभी पंचकूला , डेराबस्सी में , खन्ना में व् जीरकपुर में झूठे मामले दर्ज कराए गए हैं , ये मुकदमे या तो मानयोग हाई कोर्ट द्वारा क्वैश क्र दिए गए हैं या फिर स्टे कर दिए गए हैं या फिर पुलिस द्वारा कैंसिल कर दिए गए हैं , आलमजीत सिंह अपने साथियों द्वारा बार बार प्रेस कांफ्रेंस करके सभी को भर्मित करता है क्योंकि इस जमीन में इसके खिलाफ भी ४२० धरा के २ मुकदमें दर्ज हैं जिनमें वह अंतरिम जमानत पर बहार है और जो भी पुलिस कर्मी इसके खिलाफ करवाई करता है या इसके कहने पे नहीं चलता तो यह उनके खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस करके या झूठे मुकदमे डालकर उनको बदनाम करता है .
MMDI के प्रबंध निदेशक अमित नंदा ने मीडिया मामला साफ़ करते हुए बताया कि सुखदेव सिंह द्वारा डेरा बस्सी और चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बार-बार आरोप लगाया गया कि उन्होंने 2008-09 में 20 लाख रुपये का चेक दिया था, जबकि 10,750 वर्ग गज साइट में उनका हिस्सा संयुक्त रूप से था। उनके द्वारा मान के साथ पूरी तरह से झूठ और आधिकारिक रिकॉर्ड में उपलब्ध तथ्यों पर आधारित नहीं था।
नंदा ने कहा कि चूंकि मामला सब- जुडिसेड था, इसलिए वे बहस में नहीं पड़े, लेकिन चूंकि सुखदेव सिंह मान के इशारे पर बार-बार आरोपों को विभिन्न प्लेटफार्मों पर लगा रहे थे, इसलिए उन्हें तथ्यों के साथ आप सब के सामने आने के लिए मजबूर होना पड़ा।
उन्होंने कहा कि सुखदेव सिंह ने एमएमडीआई या इसके किसी भी निदेशक को सिंहपुरा भूमि में चेक या कैश के माध्यम से अपने हिस्से के रूप में 20 लाख रुपये का भुगतान करने के किसी भी दस्तावेजी सबूत पेश करना चाहिए तभी उनका इल्जाम साबित होगा ।
नंदा ने कहा कि 20 लाख रुपये का चेक, जिसके बारे में सुखदेव सिंह आरोप लगा रहे हैं, उनके सहयोगी मान के नाम पर था, जो खुद सिंहपूरा के जमीन विवाद के सिलसिले में उनके खिलाफ दर्ज एक मामले में 2019 से अंतरिम जमानत पर हैं।
दिसंबर 2009 में की गई साइट की रजिस्ट्री में सुखदेव सिंह का कोई संदर्भ नहीं है और न ही 20 लाख रुपये के उनके चेक भुगतान का कोई विवरण है।उन्होंने कहा कि अगर सुखदेव सिंह दावा करते हैं (उन्हें 20 लाख रुपये का चेक दिया गया है) तथ्यों पर आधारित है, तो उन्होंने 2009 से 2019 तक 10 साल तक चुप्पी साधे रखी और निचली अदालत के निर्देश मिलने के बाद मार्च 2019 में ही जब उन्होंने पहली बार डेरा बस्सी पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी । बाद में MMDI और इसके निदेशकों ने सत्र न्यायालय से स्टे प्राप्त किया जिसे सुखदेव सिंह ने आज तक चुनौती नहीं दी। नंदा ने कहा कि उन्होंने जुलाई 2019 में उच्च न्यायालय से उनके खिलाफ एफआईआर की जांच पर रोक लगा दी है।
उन्होंने कहा कि सुखदेव सिंह का आरोप है कि उनकी प्राथमिकी पर कोई जांच नहीं की जा रही है और अदालत की अवमानना की जा रही है क्योंकि इस पर रोक है इसलिए पुलिस इसमें आगे कैसे बढ़ सकती है।लेकिन इसके बावजूद मान के इशारे पर सुखदेव सिंह बार-बार कई जगहों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे ताकि उन्हें और उनके ग्रुप एमएमडीआई को बदनाम किया जा सके, जिसके लिए वे जल्द ही उचित कार्रवाई करने के लिए अपने वकीलों से सलाह लेंगे। उन्होंने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करना उप-न्यायाधीशों के मामले में अदालत की अवमानना करना है।
उन्होंने कहा कि सुखदेव सिंह और मान ने हाल ही में वर्तमान सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ राजनीतिक मंच साझा किया है और उनके राजनीतिक संबंधों के कारण उन्हें परेशान करना और उन्हें बदनाम करना है। लेकिन वे न्यायिक प्रणाली में विश्वास करते हैं.
नंदा ने कहा कि सुखदेव सिंह और आलमजीत सिंह मान सिंह की 10,750 वर्ग गज जमीन हड़पना चाहते हैं, जो 2009 से उनके नाम पर पहले से ही पंजीकृत है, जिसमें सुखदेव सिंह के 20 लाख रुपये के चेक का कोई उल्लेख नहीं है।
उन्होंने कहा कि सुखदेव सिंह को 2018 में मोहाली में पंजीकृत दो एफआईआर हैं और 2019 में तलवंडी साबो में नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों द्वारा धोखाधड़ी (420 आईपीसी) आदि दर्ज की गई है, जिन्होंने शिकायत की है कि पूर्व पुलिसकर्मी ने उन्हें भर्ती करने के लिए उनसे पैसे लिए थे। पुलिस जो वह ऐसा करने में विफल रही।
नंदा ने कहा कि सुखदेव सिंह 2008-09 में केवल एक कांस्टेबल थे, जब उन्होंने 20 लाख रुपये का भुगतान करने का दावा किया था। वह आलमजीत सिंह मान के इशारे पर उन पर आरोप लगा रहे हैं, जिनके साथ उनका सिंहपुरा की जमीन पर विवाद है।उन्होंने कहा कि मान ने संयुक्त रूप से 2008-09 में एनएच पर सिंहपुरा में 10,750 वर्ग गज की जगह 13.58 करोड़ रुपये में खरीदी थी, जिसमें उनका 47.5 प्रतिशत हिस्सा था और बाकी मान के पास था।
रजिस्ट्री, फर्द और गिरदावरी सहित विभिन्न सरकारी रिकॉर्ड में जमीन संयुक्त नामों से दर्ज है, नंदा ने कहा कि हालांकि, धोखाधड़ी के माध्यम से मान ने उन पर पांच मामले दर्ज किए, जिसमें आरोप लगाया कि वे उनके साथ कानून के मालिक हैं।
इन मामलों को दर्ज करने के समय मान ने इस तथ्य को छुपाया कि एमएमडीआई सिंहपुरा भूमि में संयुक्त मालिक था और वह एकमात्र मालिक नहीं था। जांच के बाद, जिसके दौरान उन्होंने यह साबित करने के लिए विभिन्न दस्तावेज प्रस्तुत किए कि वे संयुक्त भूमि के मालिक थे, मान द्वारा दायर किए गए मामलों को या तो खारिज कर दिया गया था या रोक दिया गया था। इतना ही नहीं, उनकी सहमति के बिना या उन्हें शामिल करते हुए, मान ने धोखे से सिंहपुरा की जमीन का एक हिस्सा एनएच के साथ किसी और को बेच दिया, नंदा ने कहा कि 2012 में उनके पक्ष में डिक्री आदेश जारी किया गया था ताकि वे साबित करने के लिए विभिन्न दस्तावेज जमा कर सकें। प्रधान भूमि में उनका 47.5 प्रतिशत हिस्सा था।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/10/IMG-20201015-WA0016.jpg8531280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-10-15 12:04:032020-10-15 12:04:15सुखदेव व् आलमजीत को नंदा फोबिआ हो गया है इसलिए वो बौखला कर रोजाना प्रेस कॉन्फ्रेंस करता रहता है : अमित नंदा
The Enactus team of Panjab University has once again brought fame and glory to its University by winning the grant of Rs. 50,000/- for its projects- “Project Dhra ” & “Project Uday “, told Prof. Seema Kapoor, Faculty Advisor, Enactus team.
Enactus, Panjab University is a community of students using the power of entrepreneurial action to uplift the underprivileged sections of society. The team in its endeavor to make bigger impacts had applied for the KPMG Business Ethics Grant, 2020. Out of 58 Enactus teams nationwide that had contested for this grant, Enactus Panjab University was selected among top 10 teams.
Project Dhra aims to uplift the potter community in and around Chandigarh by promoting the art of pottery as well as eradicating the use of plastic ware. Project Uday works on similar lines by eliminating the use of plastic bags by bringing up cloth bags into function and also uplifting the underprivileged semi-skilled women. Both the projects were started with an aim to curb plastic menace, conveyed Amandeep Singh, Vice President of Enactus team.
The team is highly motivated and has formulated a road map to accomplish greater goals by utilizing the grant money to build a better world for everyone, conveyed Sumedha Sen and Ishpreet Kaur of Enactus Team. The team President, Shubham Jindal, expressed sincere gratitude towards Enactus India and Panjab University administration for the constant support and motivation that has always been provided to the team for its endeavours.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/10/Press-note-4-photo-1.jpg9601280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-10-15 11:49:372020-10-15 11:49:40Team Enactus of PU wins KPMG Business Ethics Grant 2020
The Department of Computer Science and Applications, Panjab University Chandigarh organized a webinar on ‘NEP 2009/2020: Open Standards For Interactive Computing’ on October 15th, 2020.
The occasion was graced by Prof. V.R. Sinha, Dean Research and officiating Dean of University Instructions, Panjab University Chandigarh.Hehighlighted upon the mandate of NEP 2020 which is to make the education system holistic and multidisciplinary and encourage the use of technology for effective teaching.
He dwelled upon the changes proposed by the policy which were :- Multiple entry and Multiple exits, abolishment of M.Phil, autonomy which could be given to private colleges, one regulator for higher education and parity between the government and private colleges.
Prof. Maninder Singh, Head of Computer Science and Engineering Department and Center of Information and Technology Management (CITM), Thapar Institute of Engineering and Technology, Patiala, highlighted the importance of quality education which can only be achieved through a strong framework and design.He also focused on 2009’s Right to Education in the Constitution of India which provided free and compulsory education for all children in the age group of six to fourteen years as a Fundamental Right.He emphasised on quality education and virtual labs and the change in the overall spending of the government from 3% of the GDP to proposed 6% of the GDP on the national education, and the key aspect of measurement such as international rankings and research aspect.He vividly explained the importance of Google Colaboratory and Project Jupyter(Project Jupyter exists to develop open-source software, open-standards, and services for interactive computing across dozens of programming languages) through interactive examples and great explanation.
The programme was coordinated by Prof. Sonal Chawla, DCSA, Panjab University, Chandigarh. The session was overwhelmingly attended by DCSA students, research scholars, faculty from other departments and colleges too
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/10/Press-note-3-photo1.jpg332641Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-10-15 11:46:512020-10-15 11:46:53NEP 2009/2020: Open Standards For Interactive Computing
After taking cognizance of unlock 5 guidelines, Professor Raj Kumar, Vice Chancellor, Panjab University, Chandigarh has decided to seek advice of UT administration regarding the conduct of senate elections 2020 . In the meantime the dates of senate elections stands postponed till further order .
Further course of action shall be decided after the receipt of advice from UT administration Chandigarh.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/07/punjab-university.jpg712957Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-10-15 11:44:542020-10-15 11:44:58Senate Elections Stands Postponed Till Further Orders
It is hereby notified that the Institutions/Regional Centers/ Rural Center, Affiliated Colleges of Panjab University located in the State of Punjab will remain closed on Friday 16th October 2020 on account of 350th Birthday of Baba Banda Singh Bahadur Ji. The declaration has been made in terms of Punjab Govt. Notification No. 1/77726/2020 dated 16.09.2020. The Panjab University (Sector-14&25) Campus, offices/Teaching departments and affiliated colleges in Chandigarh shall remain open on 16.10.2020 as usual.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/panjab_university.jpg246500Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-10-15 11:43:062020-10-15 11:43:09PU to remain open on 16.10.20
पुलिस ने रात्रि गस्त के दौरान अवैध शराब तस्कर को किया काबू
पचंकूला के पुलिस थाना रायपुररानी के प्रबंधक निरिक्षक रामपाल ने मोहित हाण्डा, भा.पु.से., पुलिस उपायुक्त पंचकुला के द्वारा दिये गये निर्देशो की पालना करते हुए अपने पडनें वाले रायपुरानी के क्षेत्र में पुलिस थाना से पुलिस कर्मचारी की टीमो को तैयार करके अलग अलग रायपुररानी के क्षेत्र मे गस्त पर भेजा जाता है ताकि रायपुररानी क्षेत्र मे किसी भी प्रकार की असामाजिक घटना ना घट सके तथा अवैध जो कल दिनाक 14.10.2020 को रात्रि को पुलिस थाना रायपुररानी की टीम ने रात्रि गस्त के दौरान एक आरोपी को अवैध देसी शराब बेचने के जुर्म मे गिरफ्तार किया गया । जो गिरफ्तार किये गये आरोपी से अवैध 11 बोतल देसी शराब भी बरामद की गई । जो गिरफ्तार किये गये आरोपी की पहचान वकील खान उर्फ डोलू पुत्र रुदा कखान वासी हरयौली रायपुरानी के रुप मे हुई जिस आरोपी के खिलाफ थाना रायपुररानी मे अवैध शराब बेचने के जुर्म मे अभियोग दर्ज करके कार्यवाही की गई ।
पचंकूला पुलिस ने पैट्रोलिंग के दौरान 8 आरोपियो को सार्वजनिक स्थान पर हगांमा करने व 1 आरोपी को जुआ खेलने के मामले मे गिरफ्तार किया
मोहित हाण्डा, भा.पु.से.,पुलिस उपायुक्त पंचकुला के द्वारा चलाये गये अभियान सार्वजनिक स्थानो पर शराब पीने, लडाई झगडा करना व सार्वजनिक स्थान पर जुआ खेलने बारे पचंकूला पुलिस की टीमो ने निर्देशो की पालना करते हुए सभी थाना प्रबंधको ने अपने अपने क्षेत्र मे गस्त पडताल पर विशेषकर ध्यान दिया जा रहा है जो दौराने गस्त पडताल पचंकूला पुलिस की टीमो ने दृढता से कार्य करते हुए दिनाक 14 अक्तूबर को 8 आरोपीयो को सार्वजनिक स्थान पर लडाई झगडा करने व एक आरोपी को जुआ खेलने के मामले मे गिरफ्तार किया गया । जो गिरफ्तार किये गये आरोपियो की पहचान अखिलेश पुत्र भूखल वासी पीर मुच्छला मौहाली पजांब 2. रामचेत पुत्र राज देव वासी पीर मुच्छला मौहाली पजांब 3. रवि कुमार पुत्र बलजीत सिह वासी एकता विहार बलटाना पजांब 4. विजय कुमार पुत्र छोटे लाल वासी पचंकूला 5. यशीक पुत्र सुरेन्द्र कुमार वासी पचंकूला 6. अभिनव चड्डा पुत्र अनिल चडा वासी पचंकूला 7.कपिल गुप्ता पुत्र सोहन गुप्ता वासी पचंकूला 8. सुरेश कुमार वासी चण्डीगढ को सार्वजनिक स्थान पर हगामा करने के आरोप मे थाना सैक्टर 05 पचंकूला की टीम गिरफ्तार किया गया तथा आरोपी राजकुमार पुत्र बाबू राम वासी मौली जागरा चण्डीगढ को सार्वजनिक स्थान पर जुआ खेलने के जुर्म मे 1020/- रुपये सहित गिरफ्तार किया गया जिसके खिलाफ थाना सैक्टर 14 पचंकूला मे अभियोग दर्ज किया गया । ताकि पचंकूला क्षेत्र मे शाति व्यवस्था बनी रही व किसी भी प्रकार होने वाले अपराधो पर लगाम दिया जा सके ।
पिन्जौर पुलिस पचंकूला ने लडाई झगडा मार पिटाई करने के जुर्म मे आरोपी को किया काबू
मोहित हाण्डा, भा.पु.से.,पुलिस उपायुक्त पंचकुला के द्वारा दिये हुऐ निर्देशानुसार जिला पचंकूला में अपराधो की रोकथान करते हुए तथा लडाई झगडे के मामलो को जल्द से कार्यवाही करते हुए कल दिनाक 14.10.2020 को पुलिस थाना पिन्जौर की टीम ने कार्यवाही करते हुए एक आरोपी को मारपिटाई करने व जान से मारने की धमकी देने के मामले मे आरोपी को किया गिरप्तार । जो गिरफ्तार किये गये आरोपी की पहचान रवि पुत्र खरैती लाल वासी पिन्जौर पचंकूला के रुप में हुई ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस थाना पिन्जौर मे शिकायतकर्ता कुलदीप सिह पुत्र रामलाल रतपुर कालौनी पिन्जौर ने रवि कुमार पुत्र खरैती लाल के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई कि रवि व उसके भाई ने शिकायतकर्ता के साथ 08.10.2020 को तलवार के साथ मारपिटाई तथा उपरोक्त आरोपी ने कुलदीप सिह शिकायतकर्ता के मामा व शिकायतकर्ता के साथ तलवार द्वारा मारपिटाई करने के जुर्म मे पुलिस थाना पिन्जौर मे अभियोग दर्ज करके कार्यवाही करते हुए कल दिनाक 14.10.2020 को आरोपी रवि पुत्र खरैती लाल को गिरफ्तार करके कार्यवाही अमल मे लाई गई ।
पचंकूला पुलिस ने जमीन के धोखाधडी करने मामले मे आरोपी को किया गिरफ्तार
मोहित हाण्डा, भा.पु.से., पुलिस उपायुक्त पंचकुला के द्वारा दिये हुऐ निर्देशानुसार जिला पचंकूला मे हुए जमीन से जुडे विवादो मे जल्द से जल्द से कार्यवाही व अपराधियो की गिरफ्तारी करते हुए पुलिस थाना कालका की टीम दिनाक 14.10.2020 को जमीन के मामले मे धोखाधडी करने के आरोप मे आरोपी को गिरफ्तार किया गया । जो गिरफ्तार किये गये आरोपी की पहचान विनय गुप्ता पुत्र धर्मपाल वासी कालका पचकूला के रुप मे हुई ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 07.12.2019 को जिला टाऊन प्लानर के पत्र प्राप्त करने पर कि उपरोक्त आरोपी ने ने ग्राम टिपरा की राजस्व संपत्ति में खसरा नंबर 70 में गिरने वाली भूमि पर अधिकृत कॉलोनी का निर्माण करने की धोखाधडी करने के मामले मे थाना कालका मे पत्र प्राप्त करने पर उपरोक्त आरोपी के खिलाफ सम्बनिधत धाराओ के तहत अभियोग अकितं करके तथा अभियोग मे गहनता से छानबीन करते हुए आरोपी को कल दिनाक 14.10.2020 आरोपी को गिरफ्तार करके कार्यवाही अमल मे लाई गई ।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/panchkula-police-1.jpg250300Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-10-15 11:39:032020-10-15 11:39:54पुलिस फाइलें, पंचकुला – 15 अक्टूबर
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