नहर, ताज या पिरामिड की भांति एक स्मारक के रूप में प्रभावशाली है: आनंद महिंद्रा

पटना( ब्यूरो):

30 सालों तक लगातार फरसा और कुदाल चलाने की वजह से बिहार के लौंगी भुइयां को आज पूरा देश जान रहा है। बिहार के इस किसान के लगन और कड़ी मेहनत की ही देन है कि आनंद महिंद्रा ने उन्हें ब्रैंड न्यू ट्रैक्टर भेंट दिया है। बता दें कि लौंगी भुइयां ने 30 साल अकेले मेहनत कर अपने गांव और आसपास के लिए नहर खोद दी, जिसकी वजह से आज पहाड़ियों का पानी इस नहर की मदद से नीचे आ रहा है और 3 गांवों के 3000 लोगों को लाभ मिल रहा है।

दरअसल शनिवार को ट्विटर पर एक यूजर ने आनंद महिंद्रा को टैग कर के उन्हें लौंगी भुइयां की ज़रूरत के बारे में बताया था। इस ट्वीट में लिखा कि गया के लौंगी माँझी ने अपने ज़िंदगी के 30 साल लगा कर नहर खोद दी। उन्हें अभी भी कुछ नहीं चाहिए, सिवा एक ट्रैक्टर के। उन्होंने मुझसे कहा है कि अगर उन्हें एक ट्रैक्टर मिल जाए तो उनको बड़ी मदद हो जाएगी। जब यह ट्वीट वायरल हुआ तो आनंद महिंद्रा तक पहुँच गया और उन्होनें ट्वीट के जरिये लौंगी की मदद करने का आश्वासन दिया।

इसके बाद आनंद महिंद्रा की टीम लौंगी तक पहुंची और उन्हें शनिवार तक महिंद्रा की तरफ से ट्रैक्टर भेंट कर दिया गया। लौंगी को ट्रैक्टर के लिए कोई पैसा नहीं देना पड़ा। इसपर भुइयां का कहना है कि,” मैं बहुत खुश हूँ, मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे ट्रैक्टर मिल जाएगा”।

क्या है लौंगी भुइयां की कहानी
बिहार के गया जिले में लुटुआ नाम की एक पंचायत पड़ती है। इसी पंचायत के एक छोटे से गांव कोठिलवा का 70 साल का यह बुजुर्ग जब अपनी 30 साल की मेहनत की कहानी सुनाता है तो सामने वाले की आंखें अचरज से फैल जाती हैं। आज से 3 दशक पहले यानी 1990 के दशक का बिहार। बिहारी सब रोजगार की तलाश में अपने गांवों को छोड़ शहरों की ओर पलायन शुरू कर चुका था। पलायन करने वालों में बड़ी संख्या तो ऐसी थी, जिसे राज्य ही छोड़ना पड़ा थाय़ इसी पलायन करने वालों में लौंगी भुइयां का एक लड़का भी था। करता भी क्या, जीवन के लिए रोजगार तो करना ही था क्योंकि गांव में पानी ही नहीं था तो खेती क्या खाक होती। आज से तीन दशक पहले जब ये सब हो रहा था तो लौंगी भुइयां बस अपने आसपास से बिछड़ रहे चेहरों को देख रहे थे। एक दिन बकरी चलाते हुए उन्होंने सोचा, अगर खेती मजबूत हो जाए तो अपनी माटी को छोड़कर जा रहे लोगों का जत्था शायद रुक जाए। पर खेती के लिए तो पानी चाहिए था।

उस दिन लौंगी भइयां ने जो फावड़ा कंधे पर उठाया, आज तीन दशक बाद जब गांव में पानी आ पहुंचा है तब भी ये फावड़ा उनके कंधे पर ही मौजूद है। हां इतना जरूर है कि गांव तक पानी आ पहुंचा है। 30 साल की अथक मेहनत के बीच यह शख्स बूढ़ा हो गया लेकिन गांव की जवानी को गांव में ही रुकने की व्यवस्था देने में कामयाब जरूर हो गया। इतनी बातों का सार यह है कि लौंगी भइयां अकेले दम पर फावड़े से ही 3 किलोमीटर लंबी नहर खोद पहाड़ी के पानी को गांव तक लेकर चला आया। अब जब बारिश होती है तो पहाड़ी से नीचे बहकर पानी बर्बाद नहीं होता बल्कि लौंगी भुइयां की बनाई हुई नहर के रास्ते गांव के तालाब तक पहुंचता है। 3 किलोमीटर लंबी यह नहर 5 फीट चौड़ी और 3 फीट गहरी है। बारिश के पानी के संरक्षण की सरकारी कोशिशों का हाल तो सरकार जाने लेकिन लौंगी भुइयां की इस सफल कहानी से आसपास के 3 गांवों के 3000 लोगों को लाभ मिला है।

कृषि सुधारों की धज्जियां उड़ाती राजनीति

किसानों को अपनी उपज की बिक्री की आजादी के लिए एपीएमसी एक्ट में सुधार नहीं किया गया है बल्कि ये एक नयाकानून है और यहनिर्बाध व्यापार के लिए हैवर्तमान एपीएमसी एक्ट व्यवस्था में कई तरह के नियामक प्रतिबंधों  के कारण देश के किसानों को अपने उत्पाद बेचने में काफी कठिनाई आती है। अधिसूचित कृषि उत्पाद विपणन समिति वाले बाजार क्षेत्र के बाहर किसानों पर उत्पाद बेचने पर कई तरह के प्रतिबंध हैं। अपने उत्पाद सरकार द्वारा लाइसेंस प्राप्त क्रेताओं को ही बेचने की बाध्यता है। इसके अतिरिक्त एक राज्य से दूसरे राज्य को ऐसे उत्पादों के  व्यापार के रास्ते में भी कई तरह की बाधाएं हैं। किसानों के सामने अब यह मजबूरी खत्म हो गई है। अब किसान को जहां भी उसकी फसल के ज्यादा दाम मिलेंगे, वहां जाकर अपनी फसल बेच सकता है। अब किसानों  को  कोई   भी  शुल्क अपनी  ऊपज  की  बिक्री  पर नहीं  देना  होगा।

चंडीगढ़(ब्यूरो) – 21 सितंबर:

कभी ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले डॉक्टर-कम्पाउण्डर या झोला छाप डॉक्टर का ही, दवाइयों वाला थैला खुलते हुए देखा है? ये बैग काफी भरा हुआ सा होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ग्रामीण इलाकों में दवाइयाँ मिलनी मुश्किल होती हैं।

इस वजह से डॉक्टर कई जरूरी दवाएँ साथ ही लिए चलते हैं। चूँकि झोला इतना भरा हुआ होता है, इसलिए एक दवा ढूँढनी हो तो पूरा थैला ही खाली करना पड़ता है! ऐसा होते ही आपको दिखेगा कि थैले में 1-2 लाइफबॉय साबुन की टिकिया भी रखी है। आप सोचेंगे कि शायद ये हायजिन मेन्टेन करने के लिए डॉक्टर ने हाथ धोने का साबुन रखा हुआ है।

ऐसा बिलकुल नहीं है। ये एक दवाई के तौर पर ही रखी हुई है। ग्रामीण इलाकों में आत्महत्या का सबसे आसान तरीका कीटनाशक पी लेना होता है। घर से रेल की पटरी पता नहीं कितनी दूर होगी, झोपड़ी में फूस का छप्पर इतना ऊँचा ही नहीं होता कि लटका जा सके, तैरना पहले ही आता है तो डूबना भी मुश्किल है, लेकिन कृषि आधारित काम करने वालों के पास सल्फास से लेकर तरल कीटनाशकों के डब्बे मौजूद होना कोई बड़ी बात नहीं।

किसी के ऐसे जहर खा-पी लेने पर सबसे पहले उसे उल्टी करवाकर उसके पेट से जहर को बाहर निकालने की कोशिश की जाती है। इसके लिए नए लाइफबॉय साबुन को पानी में थोड़ा घोलकर पिला दिया जाता है।

जब कोई और तरीका ना सूझे तो नए लाइफबॉय को पानी में घोलकर पिला देना उल्टी करवाने का सबसे आसान तरीका होता है। अक्सर ऐसा करने पर प्राइमरी हेल्थ सेंटर या अस्पताल तक ले जाने का वक्त मिल जाता है।

अब आप सोच रहे होंगे कि क्या कीटनाशक से इतनी मौतें होती हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों के डॉक्टर उसका इंतजाम पास ही रखते होंगे? तो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) के मुताबिक 900000 से अधिक मौतें विश्व भर में आत्महत्या से होती हैं। इसमें से 250000 से 300000 मौतें सिर्फ कीटनाशक वाले जहर से होती हैं। इसमें से भी ज्यादातर मौतें एशियाई देशों, जिनमें चीन, मलेशिया और श्रीलंका भी शामिल हैं, में होती हैं।

हाल ही में जब एनसीआरबी ने किसानों की आत्महत्या का 2019 का आँकड़ा पेश किया तो पता चला कि गत वर्ष 10281 किसानों ने आत्महत्या की है। ये आँकड़े पिछले 25 वर्षों में सबसे कम हैं। सन 1995 से, जबसे ये आँकड़े मौजूद हैं, उसके आधार पर देखें तो 2015 के बाद से इनमें लगातार कमी आती जा रही है।

जाहिर है कुछ लोगों को ये हजम नहीं होता। अपनी आदत के मुताबिक, जब आँकड़े नहीं होते तो वो कहेंगे कि आँकड़े छुपाए जा रहे हैं, और जब आ जाते हैं तो सवाल करेंगे कि क्या इन पर भरोसा किया जाए?

जब इन आँकड़ो को भी गौर से देखा जाए तो पता चलता है कि गरीबी या कर्ज की वजह से कम ही किसान आत्महत्या कर रहे हैं। अधिकांश में आत्महत्या का कारण “अन्य वजहें” नजर आती हैं।

गौरतलब है कि किसानों में दो किस्म के लोग आते हैं। एक तो वो हैं, जो खुद के खेतों में खेती करते हैं, और दूसरे वो जो खेतों में मजदूरी करते हैं। अब अगर आँकड़ों को देखा जाए तो ये पता चलता है कि अपनी जमीन पर खेती करने वालों की आत्महत्या की दर कम नहीं हुई है।

एक तथ्य ये भी है कि 19 राज्य ऐसे हैं, जो किसानों की आत्महत्या के कोई आँकड़े नहीं दे रहे। अब अगर ये देखा जाए कि किसानों की आत्महत्या का कारण क्या है, तो 2015 में उस वक्त के कृषि मंत्री ने कहा था कि कई बार किसान प्रेम संबंधों या नपुंसकता के कारण भी आत्महत्या करते हैं। इस बयान पर अच्छा ख़ासा बवाल भी हुआ था।

ये सब हमें वापस इस बात पर ले आता है कि अगर स्थिति ऐसी है तो क्या कृषि क्षेत्र में सुधारों की जरूरत नहीं है? जिनकी याददाश्त अच्छी होगी, उन्हें इस मुद्दे पर राहुल गाँधी का अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ जाना भी याद होगा।

जाहिर है कृषि क्षेत्रों में सुधार बहुप्रतीक्षित थे। किसान अपनी फसल केवल खुदरा ही कहीं और बेच सकता था, थोक में उसे लाइसेंस-परमिट धारकों के पास ही जाना पड़ता था, उस किसान को इस लाइसेंस-परमिट राज से मुक्त किया जाना आवश्यक था।

अब जब ये कदम उठाया जा रहा है तो तरह-तरह के जुमलों से किसानों को बरगलाने की कोशिश की जा रही है। एमएसपी जो कि अभी भी लागू है, उसके ख़त्म किए जाने का डर बनाया जा रहा है। इस समय ये लोग बताना भूल जाते हैं कि एमएसपी पर खरीदने के बाद भी सरकारें लम्बे समय तक भुगतान नहीं करतीं। इसके लिए भी यदा-कदा धरने-प्रदर्शन की ख़बरें आ ही जाती हैं।

बाकी अब जब लाइसेंस-परमिट राज को कृषि उत्पादों के थोक बाजार से ख़त्म कर दिया गया है, तब बदलाव आने में कितनी देर लगेगी, वो देखने लायक होगा। कुछ वर्षों बाद कृषक की आय दोगुनी हुई है या नहीं, ये तो सरकार की रिपोर्ट कार्ड पर चढ़ेगा ही!

पुलिस फ़ाइल, पंचकुला – 21 सितंबर

पंचकूला 21 सितम्बर  :-  क्राईम ब्रांच पचंकुला नशीला पदार्थ गान्जा तसकर के मामले मे सलिप्त आरोपी को किया गिरफ्तार ।

                       माननीय पुलिस महानिदेशक, हरियाणा के अवैध नशा व नशे के तशकरो पकडने के लिए चलाये गये अभियान को निरन्तरता में रखते हुए । पचंकुला पुलिस के क्राईंम ब्रांच सैक्टर 26 पचंकुला के इन्चार्ज निरिक्षक श्री अमन व उनकी टीम ने पुलिस उपायुक्त पंचकुला के द्वारा दिये निर्देशो के तहत जिला में अपराधों पर रोकथाम व नशे का तसकरो को खिलाफ कार्यवाही करते हुए । दिनाक 31.08.2020 को एक अवैध नशीला पदार्थ गान्जा बरामद किया गया था जो आरोपी के खिलाफ नशा अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज करके आरोपी को 10 किलो 100 ग्राम गान्जा सहित गिरफ्तार किया गया था । जो गिरफ्तार किये गये आरोपी की  पहचान बिरु पुत्र कृष्ण वासी झुग्गी रेलवे क्रासिग पिन्जौर  के रुप मे हुई थी । जो आरोपी से पुछताछ के दौरान व अभियोग मे जाचं क्राईम ब्राच निरिक्षक दवारा गहनता से जाचं करते हुए अभियोग मे सलिफ्त अन्य अपराधी को दिनांक 20.09.2020 को गिरफ्तार कर लिया गया  । जो गिरफ्तार किये गये आरोपी की पहचान सतबीर पुत्र हवा सिह वासी हजामपुर जिला हिसार हाल सियुडी कालका पचंकुला के रुप मे हुई ।

 गस्त पडताल के दौरान अफीम नशीला पदार्थ के मामले मे फरार आरोपी को किया गिरफ्तार ।

                               माननीय पुलिस महानिदेशक, हरियाणा के अवैध नशा व नशे के तशकरो पकडने के लिए चलाये गये अभियान को निरन्तरता में रखते हुए । दिनाक 12.09.2020 को थाना चण्डीमन्दिर की टीम ने रात्री गस्त पडताल के दौरान 500 ग्राम अफीमएक अवैध नशीला पदार्थ 500 ग्राम अफीम सहित गस्त पडताल के दौरान थाना चण्डीमन्दिर के टीम ने गिरफ्तार किया गया था जो की आरोपी के साथ सलिप्त आरोपी साथ जो की मौका से फरार हो गया था । जिस अभियोग मे डिटैक्टिव स्टाफ सैक्टर 25 पचंकुला की टीम ने  गहनता से जाचं करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया । जो गिरफ्तार किये गये आरोपी की पहचान जगदीप सिह पुत्र जय सिह वासी बरवाला पचंकुला के रुप मे हुई ।जो आरोपी को माननीय पेश अदालत किया जाकर कार्यवाही अमल मे लाई गई 

पचंकुला पुलिस ने किया उदघोषित अपराधी को गिरफ्तार ।

मोहित हाण्डा, भा॰पु॰से॰, पुलिस उपायुक्त पंचकुला के द्वारा दिये हुऐ निर्दशोनुसार जिला पचंकुला मे अपराधो की रोकथाम तथा अपराधियो को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने हेतु । कल दिंनाक  20.09.2020 एक उदघोषित अपराधी को विधि- पूर्वक गिरफ्तार किया गया । जो गिरफ्तार किये गये आरोपी की पहचान प्रवीन राणा पुत्र मदन लाल वासी चण्डीगढ के रुप मे हुई ।

प्राप्त जानकारी के अनुसार उपरोक्त अपराधी को दिनाक 05.08.2019 को Viren Kadyan) JMIC/Panchkula की माननीय अदालत के दवारा उदघोषित अपराधी कर दिया गया था जो थाना सैक्रटर 05 पचकुला मे कोर्ट के दवारा आदेश प्राप्त होने पर अपराधी के खिलाफ धारा 174 –ए के तहत अभियोग दर्ज किया जाकर थाना सैक्टर 05 पचंकुला की टीम ने उपरोक्त आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है जो काबू किये गये आरोपी की पहचान प्रवीण राणा पुत्र मदन लाल वासी चण्डीगढ के रुप मे हुई ।

भारत विकास परिषद ने मंदिरों में रुद्राक्ष के पौधे लगाए

चंडीगढ़ 21 सितंबर:

भारत विकास परिषद चंडीगढ़ ,एवं हिंदू पर्व महासभा के द्वारा और प्रो. डी वी राय जी अध्यक्ष भारत विकास परिषद चंडीगढ़ नॉर्थ जोन की प्रेरणा से संयुक्त रूप से चंडीगढ़ के मंदिरों में रुद्राक्ष ( भगवान शिव का साक्षात रूप) के पौधे लगाए जा रहे है ।

इस कड़ी में आज 21-9-20 दिन सोमवार को सेक्टर 15 के श्री सनातन धर्म मंदिर सभा और सेक्टर 22 श्री सत्य नारायण मंदिर सभा के सहयोग से मंदिर के विद्वानों द्वारा इन् मंदिरो में पूर्ण विधि-विधान और मंत्रोचार से रुद्राक्ष के पौधे लगाए गए।

इस अवसर पर भारत विकास परिषद के श्री अजय दत्ता जी राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर , तिलक राज वधवा जी प्रांतीय महासचिव , अजय सिंगला जी सचिव नॉर्थ ज़ोन , सतीश भास्कर संपर्क सचिव नार्थ जोन, श्रीमती विजय सिंगला जी, महिला प्रमुख नार्थ जोन,


श्रीमती प्रेम शाह जी (प्रधान नॉर्थ 5), के एन गुप्ता जी ( वित सचिव नॉर्थ 5 ), दीपक मित्तल (उपाध्यक्ष नॉर्थ 5 ), अरुणेश अग्रवाल जी अध्यक्ष नॉर्थ 1, एस के शर्मा जी सचिव नॉर्थ 1 , हिंदू पर्व महासभा के बी पी अरोड़ा जी ( अध्यक्ष ), एल सी बजाज जी (उपाध्यक्ष ), एल एन सिंगला जी ( वित सचिव) विशेष रूप से उपस्थित रहे।

इस अवसर पर श्री सौरभ नेहा जोशी जी, जोशी फाउंडेशन से और पूर्व पार्षद , सेक्टर 15 सनातन धर्म मंदिर में और श्री दीपक मधु मित्तल जी ,उपाध्यक्ष नॉर्थ 5 ,सेक्टर 22 के श्री सत्य नारायण मंदिर में यजमान के रूप में उपस्थित रहे

अजय सिंगला
सचिव नॉर्थ जोन

पाकिस्तान का बार्डर खोलने की धमकी दे रहे हैं जाखड़

कृषि विधेयकों के विरोध की अगुवाई करने के लिए सोमवार को बस्सी पठाना पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ शिरोमणि अकाली दल बादल और केंद्र सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा अकाली दल अंगुली पर खून लगाकर शहीद बनने की कोशिश में है। उन्होंने सवाल किया कि अकाली दल खेती के मुद्दे केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध कर रहा है तो समर्थन क्यों दे रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कृषि विधेयक फसल बेचने की आजादी देने के बजाय बड़ी कंपनियों की ओर से किसानों को लूटने के लिए लाए गए हैं।

सारिका तिवारी, चंडीगढ़ :

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने हरियाणा में ट्रैक्टर रैली रोके जाने पर विवादित बयान दिया है. जाखड़ ने कहा, ‘जिस तरह हमें हरियाणा में रोका गया, तो हम पाकिस्तान जाने के लिए बॉर्डर खोल देंगे.’ 

कांग्रेस ने जलाए केंद्र सरकार के पुतले

दरअसल, पंजाब कांग्रेस ने सोमवार को राज्य में तीन कृषि विधेयकों के खिलाफ प्रदर्शन किया. पार्टी का आरोप है कि इन विधेयकों से किसान समुदाय ‘बर्बाद’ हो जाएगा. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ‘किसान विरोधी’ विधेयकों को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और केंद्र सरकार के पुतले जलाए.

‘किसान तबाह हो जाएंगे’

वहीं पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने फतेहगढ़ साहिब के बस्सी पठाना में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया और राजग सरकार की निंदा की. उन्होंने कहा, ‘ इन विधेयकों से किसान तबाह हो जाएंगे.’ जाखड़ ने वादा किया कि उनकी पार्टी किसान समुदाय के हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी.

किसानों को गुमराह कर रही बीजेपी

जाखड़ ने पंजाब की विपक्षी पार्टी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) पर हमला बोलते हुए कहा कि किसानों में प्रस्तावित विधेयकों के खिलाफ गुस्सा देखते हुए पार्टी ने ‘यू-टर्न’ लिया. उन्होंने कहा, ‘इससे पहले वे इन विधेयकों को हित में बताकर किसानों को गुमराह कर रहे थे.’ जाखड़ ने आगे कहा कि वह खुश हैं कि सभी किसान संगठन इन विधेयकों का विरोध करने के लिए साथ आए हैं. 

25 सितंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान

किसान संगठनों ने इन विधेयकों के खिलाफ 25 सितंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है. होशियारपुर में राज्य मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने शिअद नेता हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे को ‘राजनीतिक पैतराबाजी’ करार देते हुए सवाल किया है कि उन्होंने तब क्यों नहीं पद छोड़ा था जब मोदी सरकार यह अध्यादेश लेकर आई थी. उन्होंने कहा, ‘हम सब किसानों के साथ हैं.’

‘हरसिमरत अधिनियमों को किसान विरोधी नहीं मानतीं’
जाखड़ ने कहा हरसिमरत कौर बादल अभी भी कह रहीं हैं कि वे इन अधिनियमों को किसान विरोधी नहीं मानतीं, बल्कि किसान इन्हें किसानी विरोधी कह रहे हैं। इससे स्पष्ट होता है कि अकाली दल के नेताओं को किसानों की परवाह नहीं है बल्कि ये तो अभी भी मोदी सरकार से सत्ता में भागीदारी के लिए उम्मीद लगाए बैठे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सूबे में कांग्रेस सरकार ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में हमेशा ही किसानों के हितों की रक्षा की है, वह चाहे एसवाईएल नहर का मुद्दा हो या कोरोना काल में मंडियों की संख्या दो गुनी करके गेहूं की खरीद का काम हो।

यह भी पढ़ें : राज्य सभा से 8 उपद्रवी सांसद शेष सत्र के लिए निलंबित

गौरतलब है कि विपक्ष ने रविवार को राज्य सभा में हुए हंगामे के चलते सोमवार को आठ विपक्षी सदस्यों को निलंबित किए जाने को लेकर सरकार पर हमला बोला तथा इस कदम के विरोध में संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया. निलंबित किए गए आठ सांसदों में कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा), तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आआपा) के सदस्य शामिल हैं. उच्च सदन में कृषि संबंधी विधेयक को पारित किए जाने के दौरान ‘अमर्यादित व्यवहार’ के कारण इन सदस्यों को शेष सत्र के लिए निलंबित किया गया है.

‘संसद से लेकर सड़क तक लड़ेंगें जंग’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘किसानों के हितों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ने वाले आठ सांसदों का निलंबन दुर्भाग्यपूर्ण है और इस तानाशाह सरकार की उस मानसिकता को दर्शाती है जो लोकतांत्रिक मर्यादाओं और नियमों का सम्मान नहीं करती. हम झुकने वाले नहीं हैं और हम इस तानाशाह सरकार के खिलाफ संसद से लेकर सड़क तक लड़ेंगें.’

‘संसद की मौत’ लिखी तख्तियां लेकर विपक्ष ने दिया धरना

निलंबन के खिलाफ कांग्रेस, माकपा, शिवसेना, जनता दल (सेक्यूलर), तृणमूल कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और समाजवादी पार्टी के सांसद संसद भवन परिसर में धरने पर बैठ गए. उनके हाथों में ‘लोकतंत्र की हत्या’ और ‘संसद की मौत’ लिखी तख्तियां थीं.

‘उपसभापति ने संसदीय प्रक्रियाओं का गला घोंटा’

माकपा नेता इलामारम करीम ने कहा कि निलंबन से हमारी आवाज को दबाया नहीं जा सकता. हम किसानों के साथ उनकी लड़ाई में साथ रहेंगे. उपसभापति ने कल संसदीय प्रक्रियाओं का गला घोंटा है. सांसदों के निलंबन ने भाजपा के कायर चहरे को उजागर कर दिया है. 

राज्य सभा से 8 उपद्रवी सांसद शेष सत्र के लिए निलंबित

मानसून सत्र के दौरान रविवार को संसद के ऊपरी सदन में खासी नोकझोंक देखने को मिली। कृषि विधेयकों पर बहस के दौरान टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने उपसभापति के सामने रूल बुक फाड़ दी। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सांसद वेल में पहुंच गए। वहीं, आज इस पर कार्रवाई करते हुए संजय सिंह सहित विपक्ष के आठ सदस्यों को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है।  राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने रविवार को विपक्ष के हंगामे पर कहा, कल राज्यसभा के लिए बुरा दिन था जब कुछ सदस्य सदन के वेल में आए। कुछ सांसदों ने पेपर को फेंका। माइक तोड़ दिया। रूल बुक को फेंका गया। उपसभापति को धमकी दी गई। उन्हें उनका कर्तव्य निभाने से रोका गया। यह दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। मैं सांसदों को सुझाव देता हूं, कृपया कुछ आत्मनिरीक्षण करें।

नयी दिल्ली(ब्यूरो) – सितम्बर 21 :

राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने सदन में उपद्रव करने के लिए 8 सांसदों को 1 सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान वो सदन की कार्यवाही में भी हिस्सा नहीं ले सकेंगे। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने जिन सांसदों को सस्पेंड किया, उसमें आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और तृणमूल कॉन्ग्रेस के डेरेक ओब्रायन भी शामिल हैं। इन सभी ने रविवार (सितम्बर 20, 2020) को जबरदस्त उपद्रव किया था।

संजय सिंह और डेरेक ओब्रायन के अलावा राजू सातव, केके रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैयद नज़ीर हुसैन और एलमरान करीम पर कार्रवाई करते हुए इन सभी को 1 सप्ताह के लिए सस्पेंड किया गया। इन सभी ने रविवार को सदन में महत्वपूर्ण कृषि बिलों के पास होने के दौरान जम कर हंगामा किया था। उपसभापति हरिवंश के सामने लगे माइक को भी तोड़ डाला गया था। साथ ही बिल की प्रति फाड़ कर चेयर की तरफ फेंका था।

राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने पूरी कार्यवाही की वीडयो फुटेज देख कर उपद्रवी सांसदों के व्यवहारों को देखा। जैसे ही सोमवार को राज्यसभा शुरू हुई, डिप्टी स्पीकर हरिवंश ने सभी सस्पेंड हुए सांसदों को सदन से बाहर जाने को कहा। वहीं सभापति नायडू ने कहा कि रविवार को राज्यसभा के लिए अत्यंत बुरा दिन था, जब कुछ सांसदों के व्यवहार ने निश्चित रूप से संसदीय मर्यादा और शिष्टाचार की सारी रेखाओं को पार कर दिया और सदन के सम्मान को नीचा दिखाया।

हालाँकि, सस्पेंड हुए सांसदों ने पहले तो सदन से निकलने से इनकार कर दिया, जिसके बाद 10 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। इससे पहले इन सांसदों पर कार्रवाई के लिए सदन में मोशन मूव किया गया। नायडू ने कहा कि कल डिप्टी स्पीकर को शारीरिक रूप से धमकाया गया और मार्शल अगर समय पर हस्तक्षेप नहीं करते तो उन्हें नुकसान भी पहुँचाया जा सकता था।

नायडू ने कहा कि बेंच पर चढ़ जाना, सदन में नाचने लगना और चेयर की तरफ रूल-बुक फेंकना सांसदों के लिए अशोभनीय व्यवहार है। उन्होंने कहा कि वो रविवार की कार्यवाही देखने के बाद क्षुब्ध हैं। उधर उल्टा डिप्टी स्पीकर के खिलाफ ही राज्यसभा में नो-कॉन्फिडेंस मोशन पेश कर दिया गया, जिसे ‘प्रॉपर फॉर्मेट’ में न होने के कारण सभापति वेंकैया नायडू द्वारा रिजेक्ट कर दिया गया। सदन में आज भी हंगामा जारी है।

बता दें कि राज्यसभा में बिल का विरोध करते हुए विपक्षी सांसद वेल तक पहुँच गए थे। कोविड-19 के खतरे को भुलाते हुए धक्‍का-मुक्‍की भी हुई। तृणमूल कॉन्ग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने उप सभापति के सामने रूल बुक फाड़ने की कोशिश की। इस दौरान ब्रायन उप सभापति हरिवंश के बिल्कुल ही करीब पहुँच गए। वहाँ खड़े मार्शल ने बड़ी ही मुश्किल से उन्हें हटाया। राजनाथ सिंह ने भी संसद में हुए हंगामे की कड़ी निंदा की। 

Big Breaking: रबी फसलों की एमएसपी बढ़ी, नहीं खत्म हो सकतीं मंडियाँ

मोदी सरकार लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी कृषि से संबंधित बिल पास करवा चुकी है. वहीं अब सूत्रों का कहना है कि मोदी कैबिनेट ने रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बढ़ोतरी को मंजूरी दी है. इसको लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बयान देने वाले हैं.

देश में किसानों से जुड़े बिल पर बवाल मचा हुआ है. इस बीच सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार ने रबी की फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एसएसपी) बढ़ाने का फैसला किया है. वहीं देश के कई कोनों में एमएसपी को लेकर ही विवाद चल रहा है. जिस वजह से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं.

नयी दिल्ली (ब्यूरो):

कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (Commission for Agricultural Costs and Prices) की सिफारिशों को मानते हुए मोदी सरकार (Modi Government) ने रबी की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि करने का फैसला कर लिया है. बता दें कि आज सुबह ही प्रधानमंत्री ने ये साफ़ कर दिया था कि MSP पहले की ही तरह चलने वाली है. किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर चल रही मोदी सरकार ने कृषक उत्पादों की बिक्री के लिए राज्यों के कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) कानून के तहत संचालित मंडियों के अलावा एक वैकल्पिक चैनल मुहैया करने के लिए नया कानून बनाया है. नये कानून में गेहूं, चावल या अन्य मोटा अनाज, दालें, तिलहन, खाद्य तेल, शाक-सब्जी, फल, मेवा, मसाले, गन्ना और कुक्कुट, सूअर, बकरी, मछली और डेरी उत्पाद सहित ऐसे खाद्य पदार्थ, जिनका नैसर्गिक या प्रसंस्कृत रूप में मानव उपभोग करता है, उनको कृषक उत्पाद कहा गया है.

समर्थन मूल्य क्यों?
केंद्र सरकार कृष‍ि लागत और मूल्य आयोग (CACP-Commission for Agricultural Costs and Prices) की सिफारिश पर कुछ फसलों के बुवाई सत्र से पहले ही न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा करती है. इससे किसानों को यह सुनिश्चित किया जाता है कि बाजार में उनकी फसल की कीमतें गिरने के बावजूद सरकार उन्हें तय मूल्य देगी. इसके जरिए सरकार उनका नुकसान कम करने की कोश‍िश करती है.

क्यों जरूरी है MSP?
हालांकि, सभी सरकारें किसानों को इसका लाभ नहीं देतीं. इस वक्त बिहार और मध्य प्रदेश में सबसे बुरा हाल है, जहां किसानों को एमएसपी नहीं मिल पा रहा है. वैसे भी शांता कुमार समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि महज 6 फीसदी किसानों को ही एमएसपी का लाभ मिलता है. यानी 94 फीसदी किसान मार्केट पर डिपेंड हैं.

एमएसपी तय करने का आधार
कृष‍ि लागत और मूल्य आयोग न्यूनतम समर्थन मूल्य की सिफारिश करता है. वह कुछ बातों को ध्यान में रखकर दाम तय किया जाता है.
– उत्पाद की लागत क्या है.
– फसल में लगने वाली चीजों के दाम में कितना बदलाव आया है.
– बाजार में मौजूदा कीमतों का रुख.
– मांग और आपूर्ति की स्थ‍िति.
-राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्थ‍ितियां कैसी हैं.

Police Fles, Chandigarh – 21.09.2020

Korel ‘Purnoor’, CHANDIGARH – 21.09.2020

One arrested for possessing illegal liquor

Chandigarh Police arrested Rahul R/o # 4692/3, Sector-38, Chandigarh and recovered 40 quarters of illegal country made liquor near Sabji mandi, DMC, Chandigarh on 20.09.2020 from his possession. A case FIR No. 142, U/S 61-1-14 Excise Act has been registered in PS-Maloya, Chandigarh. He was later bailed out. Investigation of the case is in progress.

Attempt to murder

          A case FIR No. 189, U/S 307, 34 IPC has been registered in PS-34, Chandigarh on the complaint of Pankaj Vaid R/o # 29, Army flat, Sector 44, Chandigarh against unknown person who beaten with intention to kill unknown person near Sector-43/44 light point on 20.09.2020. Unknown injured got admitted in PGI, Chandigarh.  Investigation of the case is in progress.

 Snatching

Sh. Charan Singh R/o D-222, Shakurpur JJ Colony, North West Delhi alleged that  2 unknown motorcyclist who snatched complainant’s mobile phone, some cash and documents from 66 KV, Sub Station, Sector-52, Chandigarh on 19.092020. A case FIR No. 181, U/S 379-B IPC has been registered in PS-36, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

MV Theft

Sunny R/o # 3139, Sector-27, Chandigarh reported that unknown person stole away motorcycle No. PB27E-0772 parked near his residence on the night intervening 11/12-09-2020. A case FIR No. 157, U/S 379 IPC has been registered in PS-26, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Sone Lal R/o # 460, Govind Nagar, Naaya Gaon, Mohali, reported that unknown person stole away motorcycle No. PB65AB-8632, parked near # 327, Sector-56, Chandigarh on the night intervening 18/19-09-2020. A case FIR No. 291, U/S 379 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

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पंचांग 21 सितम्बर 2020

आज 21 सितंबर को हिंदू पंचांग के अनुसार सोमवार है. सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित माना जाता है. सोमवार यानी भगवान शिव का दिन और सोम यानी चंद्रमा का दिन. तो इस दिन सुबह उठकर आप भगवान शिव के दर्शन कर शिव चालीसा या शिवाष्टक का पाठ कर सकते हैं. इससे भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और आपकी समस्याएं अपने आप हल होती जाती हैं

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1942, 

मासः आश्विनी़, अधिक (मल) मास प्रारम्भ, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः पंचमी रात्रि 11.43 तक है, वारः सोमवार, 

नक्षत्रः शतभिषा रात्रि 08.49 तक, 

योगः वैधृति प्रातः 07.58 तक, 

करणः बव, 

सूर्य राशिः कन्या, 

चंद्र राशिः तुला, 

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.12, 

सूर्यास्तः 06.15 बजे।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।