पंचांग, 31 अगस्त 2020

आज 31 अगस्त को भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है. आज दक्षिण भारत का . प्रमुख त्योहार ओणम भी है. ओणम पर राजा बलि की पूजा की जाती है. ओणम पर नौका रेस भी की जाती है जिसमें लाखों की संख्या में लोग भाग लेते हैं. हालांकि इस बार कोरोना की वजह से ऐसा नहीं होगा. 

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1942, 

मासः भाद्रपद़़, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः त्रयोदशी तिथि प्रातः 08.49 तक है, 

वारः सोमवार, 

नक्षत्रः श्रवण अपराहन् 03.04 तक, 

योगः शोभन दोपहर 01.22 तक, 

करणः तैतिल, 

सूर्य राशिः सिंह, 

चंद्र राशिः मकर, राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.02, 

सूर्यास्तः 06.41 बजे।

नोटः आज रात्रि 03.48 से पंचक प्रारम्भ हो रहे हैं, पंचक काल में तृण, काष्ठ, धातु का संचय व भवन निर्माण और नवीन कार्य तथा यात्रा आदि कर्म वर्जित होते हैं।पंचक काल में शव दाह का भी निषेध होता है।चूंकि शव को इतनी लंबी अवधि हेतु रोकना देश काल परिस्थिति के अनुसार मुश्किल हैं, अतः योग्य वैदिक ब्रह्मण की सलाह लेकर पंच पुतलों का दाह और पंचक नक्षत्रों की शांति विधि पूर्वक करानी चाहिए। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि मृतक व्यक्ति के परिवार व संबंधियों में से ही पाॅच व्यक्तियों के अकालमृत्यु होने की आशंका बनी रहती है।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

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