क्या राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाजी पलट दी है?

राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाजी पलट दी है. उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की बगावत से गहलोत सरकार पर छाए संकट के बाद फिलहाल छंटते नजर आ रहे हैं. सीएम आवास के अंदर गहलोत ने अपने समर्थक विधायकों की मीडिया के सामने परेड कराई है. गहलोत खेमे ने दावा किया है कि उनके पास 109 विधायक हैं. यानी बहुमत के आंकड़े 101 से ज्यादा विधायक उनके पास हैं. हालांकि, सचिन पायलट का कहना है कि उनके पास 25 विधायक हैं. लेकिन फिलहाल अशोक गहलोत की सरकार बचती नजर आ रही है. अब प्रियंका गांधी ने भी इस संकट को खत्म करने के लिए मार्चो संभाल लिया है. प्रियंका के अलावा राहुल गांधी समेत कुल 5 बड़े नेताओं ने पायलट से बात कर उन्हें समझाने की कोशिश की है.

राजस्थान (ब्यूरो)

सीएम अशोक गहलोत और डिप्‍टी सीएम सचिन पायलट के बीच सियासी मनमुटाव ने कांग्रेस आलाकमान की परेशानी बढ़ा दी है. तमाम प्रयासों के बावजूद सोमवार को सचिन पायलट (Sachin Pilot) की गैरमौजूदगी में ही राजस्‍थान कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई. इस बीच, सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आई है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) अब इस सियासी संकट को निपटाने के लिए सामने आई हैं. उनके दखल पर नाराज पायलट से फिर से बातचीत शुरू हुई है, ताकि हालात को सामान्‍य किया जा सके. जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस कार्यालय से सचिन पायलट के उतारे गए होर्डिंग्‍स को फिर से लगा दिए गए हैं. बताया जाता है कि राजस्‍थान के राजनीतिक घटनाक्रम से कांग्रेस आलाकमान बेहद चिंतित है.

इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर बुलाई गई विधायक दल की बैठक में 100 से ज्यादा विधायकों के पहुंचने के बाद दो दिन से चल रहे सियासी घटनाक्रम का पटाक्षेप होता दिखा. सीएम गहलोत ने 10 से ज्यादा निर्दलीय विधायकों का समर्थन जुटाकर मीडिया को संकेत दिया कि उनकी सरकार सुरक्षित है. हालांकि इस बैठक में सचिन पायलट और उनके कुछ समर्थक विधायक शामिल नहीं हुए. पायलट के करीबी सूत्रों ने यह दावा भी किया था कि उनके गुट को 25 MLA का समर्थन हासिल है. उन्‍होंने स्‍पष्‍ट रूप से कहा था कि सीएम गहलोत की अध्यक्षता में होने वाली विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे. बहरहाल, बदलते घटनाक्रम के बीच अब डिप्टी सीएम सचिन पायलट को मनाने की कवायद फिर से शुरू हो गई है.

आपको बता दें कि कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे ने आज सुबह मीडिया के साथ बातचीत में प्रदेश की सरकार को अस्थिर करने का आरोप भारतीय जनता पार्टी के ऊपर लगाया था. पांडे ने कहा था कि बीजेपी की साजिश को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा. राजस्थान कांग्रेस के सब विधायक एकजुट हैं. उन्होंने कहा था कि बीजेपी हर राज्य में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी सरकारों को अस्थिर करने की साजिश रच रही है. वह कर्नाटक और मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान में भी ऐसी घटनाएं दोहराना चाहती है, लेकिन इसे कामयाब नहीं होने दिया जाएगा.

कांग्रेस के बागी: सचिन आखिरी नहीं

  • राजस्थान में संकट में आई गहलोत की सरकार
  • कांग्रेस में उभर रहा युवा नेताओं का असंतोष
  • सिंधिया और हिमंता बिस्वा की राह पर पायलट

डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम सिंधिया के इस्तीफ़े को कांग्रेस के लिए ख़तरे की घंटी बताया था। उस समय भी कहा गया था कि, “ऐसा नहीं है कि सिंधिया से पहले कोई कांग्रेस नेता बीजेपी में शामिल नहीं हुआ. असम के हिमंता बिस्वा सरमा को देखिए. कांग्रेस ने उन्हें तवज्जो नहीं दी और अब वो बीजेपी में जाकर चमक रहे हैं. अब सिंधिया के इस्तीफ़े से कांग्रेस के अन्य युवा नेताओं के भी ऐसा क़दम उठाने की आशंका है.”

आज हम फिर दोहराते हैं कि सचिन आखिरी नहीं हैं, मिलिंद देवड़ा, आरपीएन सिंह और जितिन प्रसाद जैसे युवा नेताओं को पार्टी ने कोई अहम भूमिका नहीं दी है. ऐसे में उनमें असंतोष आना स्वाभाविक है। कांग्रेस के कई नेता बीच-बीच में पार्टी की अप्रभावी कार्यशैली और नेतृत्व की कमी का मुद्दा उठाते रहते हैं। ज़ाहिर है, कांग्रेस के अपने नेताओं में भी कम असंतोष नहीं है।

Sachin Pilot , Jyotiraditya Scindia , RPN Singh Milind Deora Jitin Prasada during the swearing-in ceremony for the new ministers at Rashtrapati Bhavan on October 28, 2012 in New Delhi, India

सारिका तिवारी, चंडीगढ़ – 13 जुलाई :

सियासत में हमेशा ओल्ड गार्ड के साथ युवा जोश के सामंजस्य को कामयाबी की सबसे मजबूत कड़ी समझा जाता है. ये फॉर्मूला कई मौकों पर कारगर होते हुए भी देखा गया है. मौजूदा वक्त में राजनीतिक संकट से जूझ रही कांग्रेस के लिए भी अनुभव और युवा सोच ने मिलकर जीत की कई कहानियां लिखी हैं, लेकिन अब हालात ऐसे हो गए हैं कि युवा चेहरे ही पार्टी के साथ-साथ दिग्गज नेताओं की चूलें हिला रहे हैं.

ताजा उदाहरण सचिन पायलट का है. राजेश पायलट जैसे कांग्रेसी दिग्गज के बेटे सचिन पायलट 26 साल की उम्र में कांग्रेस से सांसद बने तो 35 साल की उम्र में उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में जगह दी गई. इसके बाद 2014 में जब उनकी उम्र 37 साल थी तो पार्टी ने राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान उनके हाथों में सौंप दी.

सचिन पायलट ने जी-तोड़ मेहनत की. पूरे प्रदेश में घूमकर तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार को एक्सपोज किया और अपने संगठन को मजबूती से आगे बढ़ाया. ये वो वक्त था जब अशोक गहलोत दिल्ली में राहुल गांधी के साथ देश की राजनीतिक बागडोर संभाले हुए थे. सचिन पायलट की मेहनत रंग लाई और 2018 में राजस्थान की जनता ने वसुंधरा सरकार उखाड़ फेंकी और कांग्रेस को सत्ता सौंप दी. हालांकि, जब जीत का सेहरा बंधने का नंबर आया तो अशोक गहलोत का तजुर्बा और प्रदेश व पार्टी में उनकी पकड़ सचिन पायलट की पांच साल की मेहनत पर भारी पड़ गई. तमाम खींचतान के बाद सचिन पायलट उपमुख्यमंत्री पद पर राजी हुए, लेकिन दोनों में तालमेल नहीं बैठ पाया. अब बात यहां तक पहुंच गई है कि सचिन पायलट बगावत पर उतर आए हैं और गहलोत सरकार संकट में आ गई है.

सिंधिया ने दिखाई कांग्रेस को जगह

इसी साल मार्च महीने में जब देश में कोरोना वायरस का संक्रमण अपने पैर पसार रहा था और देश होली के जश्न में डूबा हुआ था, मध्य प्रदेश और देश की राजनीति का बड़ा फेस माने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को ऐसा गम दिया कि पार्टी को सरकार से हाथ धोना पड़ा. पिता माधवराव सिंधिया की मौत के बाद सिंधिया ने 2001 में कांग्रेस ज्वाइन की और चुनाव-दर चुनाव गुना लोकसभा से जीतते चले गए. 2007 में केंद्र की मनमोहन सरकार में सिंधिया को मंत्री बनाकर बड़ा तोहफा दिया गया. लेकिन 2018 में जब मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत मिलने के बाद पार्टी नेतृत्व ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाया तो सिंधिया के अरमान टूट गए. इसका नतीजा ये हुआ कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी का साथ देकर कमलनाथ की सरकार 15 महीने के अंदर ही गिरा दी.

हिमंता बिस्वा सरमा ने नॉर्थ ईस्ट से बाहर कराया

सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के लिए उन राज्यों में चुनौती बनकर उभरे जहां मुख्य विरोधी बीजेपी हमेशा से मजबूत रही है. लेकिन पार्टी के एक और युवा चेहरे रहे हिमंता बिस्वा सरमा ने कांग्रेस को जो नुकसान पहुंचाया वो ऐतिहासिक है. हिमंता बिस्वा सरमा कभी दिल्ली में बैठे कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व तक पहुंच रखते थे. लेकिन 2015 में उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया. 1996 से 2015 तक हिमंता बिस्वा कांग्रेस में रहे और असम की कांग्रेस सरकार में मंत्रीपद भी संभाला.

कांग्रेस से हिमंता बिस्वा सरमा इतने नाराज हो गए कि उन्होंने बीजेपी में जाने का फैसला कर लिया. उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर उस वक्त गंभीर आरोप भी लगाए. इसके बाद 2016 असम विधानसभा चुनाव लड़ा और कैबिनेट मंत्री बने. इतना ही नहीं बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने हिमंता बिस्वा सरमा को नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (NEDA) का संयोजक भी बना दिया. NEDA, नॉर्थ ईस्ट भारत के कई क्षेत्रीय दलों का एक गठबंधन है. नेडा के संयोजक रहते हुए हिमंता बिस्वा सरमा बीजेपी के लिए सबसे बड़े संकटमोचक के तौर पर उभरकर सामने आए. नॉर्थ ईस्ट की राजनीति में शून्य कही जाने वाली बीजेपी ने असम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर जैसे राज्यों में सरकार बनाकर कांग्रेस का सफाया कर दिया. इसके अलावा नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों की सत्ता में भी बीजेपी का दखल बढ़ गया. हिमंता बिस्वा सरमा ने नॉर्थ ईस्ट की राजनीति में बीजेपी की बढ़त बनाने में अहम भूमिका अदा की.

इस तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जहां कमलनाथ जैसे दिग्गज को कुर्सी से हटाने का काम किया, वहीं सचिन पायलट अब कांग्रेस के जमीनी नेताओं में शुमार अशोक गहलोत के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं. वहीं, हिमंता बिस्वा सरमा लगातार कांग्रेस को बड़ा आघात पहुंचा रहे हैं. यानी कांग्रेस के ये तीन युवा चेहरे रहे आज देश की इस सबसे पुरानी पार्टी के बड़े-बड़े दिग्गजों को सियासी धूल चटा रहे हैं.

गहलोत के करीबियों पर आईटी के छापों से कांग्रेस में खलबली

  • राजीव अरोड़ा और धर्मेंद्र राठौड़ के ठिकानों पर छापेमारी
  • केंद्रीय रिजर्व पुलिस के साथ आयकर विभाग कर रही पड़ताल

आज सुबह दिल्ली से जयपुर पहुंची आयकर विभाग की टीम ने केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर छापे की यह कार्रवाई की है। आईटी टीम ने कूकस स्थित होटल फेयरमाउंट सहित प्रदेशभर में कांग्रेस नेताओं के 22 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। फेयरमाउंट होटल के बारे में बताया गया कि यह सीएम गहलोत के करीबी शख्स का होटल है। आयकर विभाग ने जयपुर के अलावा कोटा, दिल्ली और मुंबई के ठिकानों पर भी छापे की कार्रवाई को अंजाम दिया है। विभाग के सूत्रों के मुताबिक बड़े हवाला कारोबार और टैक्स चोरी की शिकायतों के आधार पर छापेमारी की कार्रवाई की गई है। सनद रहे की यह छापेमारी अचानक नहीं हुई है। रविकांत शर्मा से विदेश से आए करोड़ों रुपये के बारे में पूछताछ की जा रही है. पिछले दिनों ही ईडी ने रविकांत शर्मा को नोटिस भेजा था।

अशोक गहलोत और धर्मेंद्र राठौड़

राजस्थान(ब्यूरो):

राजस्थान में सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबियों पर आयकर विभाग का शिकंजा कसना शुरू हो गया है. आयकर विभाग के 200 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों ने दिल्ली और राजस्थान के कई जगहों पर छापेमारी की है. यह छापेमारी अशोक गहलोत के करीबी धर्मेंद्र राठौड़ और राजीव अरोड़ा के ठिकानों पर की गई है.

सीएम अशोक गहलोत के करीबी और ज्वैलरी फर्म के मालिक राजीव अरोड़ा के ठिकानों पर सोमवार सुबह आयकर विभाग की टीम पहुंची. उनके घर और दफ्तरों पर छापेमारी चल रही है. खास बात है कि इस छापेमारी की सूचना स्थानीय पुलिस को नहीं दी गई थी. आयकर विभाग की टीम केंद्रीय रिजर्व पुलिस के साथ छापेमारी को अंजाम दे रही है.

राजीव अरोड़ा के अलावा धर्मेंद्र राठौड़ के आवास और दफ्तर पर आयकर विभाग की टीम छापेमारी कर रही है. धर्मेंद्र अरोड़ा को भी सीएम अशोक गहलोत का करीबी बताया जाता है. सूत्रों का कहना है कि राजीव अरोड़ा और धर्मेंद्र राठौड़ से देश के बाहर किए गए ट्रांजेक्शन के बारे में पूछताछ की जा रही है.

गहलोत के बेटे के बिजनेस पार्टनर पर ईडी की छापेमारी

सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के बिजनेस पार्टनर रविकांत शर्मा पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की है. रविकांत शर्मा से विदेश से आए करोड़ों रुपये के बारे में पूछताछ की जा रही है. पिछले दिनों ही ईडी ने रविकांत शर्मा को नोटिस भेजा था.

कांग्रेस ने छापेमारी पर उठाए सवाल

राजीव अरोड़ा और धर्मेंद्र अरोड़ा के करीब 24 ठिकानों पर चल रही छापेमारी पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस ने बीजेपी पर गहलोत सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया. साथ ही कांग्रेस ने बिना स्थानीय पुलिस को सूचना दिए आयकर विभाग की छापेमारी पर भी सवाल पूछा.

बीजेपी ने किया आरोपों से इनकार

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस के आरोपों से इनकार कर दिया है. संबित पात्रा का कहना है कि कोरोना के कारण आयकर विभाग ने छापेमारी रोकी थी. अब फिर से आयकर विभाग की कार्रवाई कर रही है. इस छापेमारी और राजस्थान के सियासी संकट का कोई लेना-देना नहीं है.

राजस्थान कांग्रेस का आर्थिक मैनेजमेंट देखते हैं राजीव अरोड़ा

आयकर विभाग की टीम ने जिन राजीव अरोड़ा के ठिकानों पर छापेमारी की है, वह राजस्थान कांग्रेस का आर्थिक मैनेजमेंट भी देखते हैं. इस छापेमारी के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. कांग्रेस, बीजेपी पर हमलावर है और गहलोत सरकार को अस्थिक करने का आरोप लगा रही है.

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राशीफल 13 जुलाई 2020

Aries

13 जुलाई 2020: लोगों से बात करने और समारोह में शिरकत करने का डर आपके घबराहट की वजह बन सकता है. इस परेशानी से बचने के लिए अपने आत्मविश्वास में इज़ाफ़ा करें. कोई बेहतरीन नया विचार आपको आर्थिक तौर पर फ़ायदा दिलाएगा. आज हर कोई आपसे दोस्ती करना चाहता है और आप उनकी ये इच्छा पूरी करने में ख़ुशी महसूस करेंगे. आप आज रूहानी प्यार की मदहोशी महसूस कर सकेंगे. इसे महसूस करने के लिए कुछ वक़्त बचाकर रखें. आज कार्यक्षेत्र में आप अपनी ताक़त और कमज़ोरियों को जान सकेंगे. दिन वाक़ई कुछ कठिन हो सकता है. आपको अपने दायरे से बाहर निकलकर ऐसे लोगों से मिलने-जुलने की ज़रूरत है, जो ऊंची जगहों पर हों. कई लोग साथ तो रहते हैं, लेकिन उनके जीवन में रोमांस नहीं होता, लेकिन यह दिन आपके लिए बेहद रोमानी होने वाला है. अपने अच्छे लेखन के साथ आज आप किसी अकल्पनीय उड़ान पर जा सकते हैं.

Taurus

13 जुलाई 2020: आपको सेहत से जुड़ी परेशानियों के चलते अस्पताल जाना पड़ सकता है, अतः सावधानी अपेक्षित है. अगर आप आय में वृद्धि के स्रोत खोज रहे हैं, तो सुरक्षित आर्थिक परियोजनाओं में निवेश करें. अपने पारिवारिक सदस्यों को तय नहीं करने दीजिए कि आज के दिन आपको क्या करना है और क्या नहीं. ज़िंदगी की हक़ीक़त का सामना करने के लिए आपको अपने प्रिय को कम-से-कम कुछ वक़्त के लिए भूलना पड़ेगा. नए ग्राहकों से बात करने के लिए बेहतरीन दिन है. अगर आज आप यात्रा कर रहे हैं तो आपको अपने सामान की अतिरिक्त सुरक्षा करने की ज़रूरत है. जीवनसाथी की वजह से आपको अनमने ढंग से बाहर जाना पड़ सकता है, जो बाद में आपकी झल्लाहट की वजह बनेगा. अगर आज ज़्यादा कुछ करने को नहीं है तो कोई अच्छे पकवान बनाकर उसका लुत्फ़ उठाना आपको शाही एहसास दिला सकता है.

Gemini

13 जुलाई 2020: स्वास्थ्य का ख़याल रखें, नहीं तो लेने के देने पड़ सकते हैं. अनुमान नुक़सानदेह साबित हो सकता है. इसलिए हर तरह का निवेश करते वक़्त पूरी सावधानी बरतें. दोस्त और क़रीबी लोग मदद के लिए आपकी ओर हाथ बढ़ाएंगे. आपके प्रिय की ग़ैरहाज़िरी आज आपके दिल को नाज़ुक बना सकती है. हो सकता है कि आपकी वजह से दफ़्तर में कुछ बड़ा नुक़सान हो जाए, इसलिए सोच-समझकर हर काम करें. सड़क पर बेक़ाबू गाड़ी न चलाएं और बेजा ख़तरा मोल लेने से बचें. शादिशुदा ज़िंदगी की तमाम मुश्किल दिनों के बाद आप और आपका हमदम फिर प्यार की गर्माहट महसूस कर सकते हैं. अकेलेपन का एहसास बहुत अखरता है और यह आज आपको जकड़ने की कोशिश कर सकता है. इसे ख़ुद पर क़ाबू न करने दें, बाहर जाकर कुछ दोस्तों के साथ समय बिताएं.

Cancer

13 जुलाई 2020: डर आपकी ख़ुशी को बर्बाद कर सकता है. आपको समझना चाहिए कि यह आपके अपने ख़यालों और कल्पनाओं से पैदा हुआ है. डर सहजता को ख़त्म कर देता है. इसलिए इसे शुरुआत में ही कुचल दें, ताकि यह आपको कायर न बना सके. कोई बड़ी योजनाओं और विचारों के ज़रिये आपका ध्यान आकर्षित कर सकता है. किसी भी तरह का निवेश करने से पहले उस व्यक्ति के बारे में भली-भांति जांच-पड़ताल कर लें. अपना कुछ समय दूसरों को देने के लिए अच्छा दिन है. प्यार में अपने अशिष्ट बर्ताव के लिए माफ़ी मांगें. कार्यक्षेत्र में चीज़ें आज आपके मुताबिक़ नहीं होंगी. जब आपसे राय पूछी जाए तो संकोच न करें, क्योंकि इसके लिए आपकी काफ़ी तारीफ़ होगी. लंबे अरसे के बाद जीवनसाथी के साथ काफ़ी वक़्त गुज़ारने का मौक़ा मिल सकता है. अपने अच्छे लेखन के साथ आज आप किसी अकल्पनीय उड़ान पर जा सकते हैं.

Leo

13 जुलाई 2020: व्यस्त दिनचर्या के बावजूद स्वास्थ्य अच्छा रहेगा. पैसा अचानक आपके पास अएगा, जो अपके ख़र्चों और बिल आदि को संभाल लेगा. काम का तनाव आपके दिमाग़ पर छा सकता है जिसकी वजह से परिवार और मित्रों के लिए वक़्त नहीं निकाल सकेंगे. रोमांस के लिए अच्छा दिन है. आपको अपने भागीदार को आपकी योजना से जुड़े रहने के लिए मनाने में दिक़्क़त होगी. छुपे हुए दुश्मन आपके बारे में अफ़वाहें फैलाने के लिए अधीर होंगे. आप और आपका जीवनसाथी मिलकर वैवाहिक जीवन की बेहतरीन यादें रचेंगे. आज वह दिन है जब आप पूरी तरह से आराम करना चाहते हैं, लेकिन लगता है कि आपके परिजनों की कुछ और ही योजना है. इसलिए तैयार रहें और खीझें नहीं, नहीं तो पूरा सप्ताहांत ख़राब हो सकता है.

Virgo

13 जुलाई 2020: वाहन चलाते वक़्त सावधानी बरतें, ख़ास तौर पर अगर आप रात के समय यात्रा कर रहें हों. आज आप आसानी से पैसे इकट्ठा कर सकते हैं. लोगों को दिए पुराने कर्ज़ वापिस मिल सकते हैं या फिर किसी नई परियोजना पर लगाने के लिए धन अर्जित कर सकते हैं. परिवार के सदस्यों की अच्छी सलाह आपके मानसिक तनाव को कम करने में दवा की तरह असरदार साबित होगी. आज आपको अपने प्रिय का एक अलग ही अंदाज़ देखने को मिल सकता है. आज आपका कोई छुपा विरोधी आपको ग़लत साबित करने की पुरज़ोर कोशिश करेगा. ऐसे बदलाव लाएं जो आपके रूप-रंग में निखार ला सके और संभावित साथियों को आपकी ओर आकर्षित करे. ख़र्चों को लेकर जीवनसाथी से तनातनी संभव है. आप आराम करने में क़ामयाब नहीं हो पाएंगे, क्योंकि आपके कुछ तथाकथित दोस्त आपको आराम करने नहीं देंगे. हालांकि हर सिक्के का एक अच्छा पहलू भी होता है. इस मौक़े का उपयोग आप दोस्ती की डोर मज़बूत करने में भी कर सकते हैं, इससे बाद में आपको फ़ायदा भी मिलेगा.

Libra

13 जुलाई 2020: ज़्यादा शराब पीने और तेज़ गाड़ी चलाने से बचें. इस बात में सावधानी बरतें कि आप किसके साथ आर्थिक लेन-देन कर रहे हैं. घर में कुछ बदलाव आपको काफ़ी भावुक बना सकते हैं, लेकिन आप अपनी भावनाएं उनके सामने ज़ाहिर करने में क़ामयाब रहेंगे जो आपके लिए ख़ास हैं. मुहब्बत के मोर्चे पर आज आपकी तूती बोलेगी, क्योंकि आपका महबूब आपकी रसिक कल्पनाओं को अमली जामा पहनाने के लिए तैयार है. संयम और साहस का दामन थामे रखें. ख़ास तौर पर तब जब दूसरे आपका विरोध करें, जिसकी कामकाज के दौरान संभावना है. अगर आप जल्दबाज़ी में निष्कर्ष निकालेंगे और ग़ैर-ज़रूरी काम करेंगे, तो आज का दिन काफ़ी निराशाजनक हो सकता है. आपका जीवनसाथी आज काफ़ी रोमानी मिज़ाज में है. संगीत तनाव दूर करने की रामबाण दवा है. आज के दिन अच्छा संगीत सुनना आपके हफ़्ते भर के तनाव को छूमंतर कर सकता है.

Scorpio

13 जुलाई 2020: आउटडोर गतिविधियां काफ़ी थकावटी और तनाव देने वाली साबित होंगी. रुका हुआ धन मिलेगा और आर्थिक हालात में सुधार आएगा. ज़रूरत के वक़्त आपको दोस्तों का सहयोग मिलेगा. क्या आपने कभी गुलाब और केवड़े की महक को एक साथ महसूस किया है? आज आपकी ज़िंदगी प्यार-मुहब्बत के नज़रिये से ऐसे ही महकने को है. अगर आप अपने काम पर ध्यान दें तो क़ामयाबी और प्रतिष्ठा आपकी होगी. आप और आपका जीवनसाथी मिलकर वैवाहिक जीवन की बेहतरीन यादें रचेंगे. आज वह दिन है जब आप पूरी तरह से आराम करना चाहते हैं, लेकिन लगता है कि आपके परिजनों की कुछ और ही योजना है. इसलिए तैयार रहें और खीझें नहीं, नहीं तो पूरा सप्ताहांत ख़राब हो सकता है.

Sagittarius

13 जुलाई 2020: लंबी यात्रा के लिहाज़ से आपने सेहत और ऊर्जा-स्तर में जो सुधार किए हैं, वे काफ़ी फ़ायदेमंद रहेंगे. व्यस्त दिनचर्या के बावजूद आप थकान के चंगुल में फंसने से बचे रहेंगे. आपके घर से जुड़ा निवेश फ़ायदेमंद रहेगा. दोस्त शाम के लिए कोई बढ़िया योजना बनाकर आपका दिन ख़ुशनुमा कर देंगे. आज आपको अपने प्रिय की याद सताएगी. अगर आप कामकाज के लिए ज़रूरत से ज़्यादा दबाव बनाएंगे तो लोग भड़क सकते हैं. कोई भी फ़ैसला लेने से पहले दूसरों की ज़रूरतों को समझने की कोशिश करें. अगर आप ख़रीदारी पर जाएं तो ज़रूरत से ज़्यादा जेब ढीली करने से बचें. हो सकता है अपने जीवनसाथी से गर्मागरम बहस के बाद आपका मन करे कि आप अपना सर फ़ोड़ लें. बेहतर रहेगा कि आप थोड़ा योगाभ्यास करें. अपने भविष्य की योजना बनाने के लिए बिलकुल उपयुक्त दिन है, क्योंकि आपके पास आराम के कुछ लम्हे होंगे, लेकिन अपनी योजनाओं को व्यावहारिक रखें और हवाई क़िले न बांधें.

Capricorn

13 जुलाई 2020: अपने दफ़्तर से जल्दी निकलने की कोशिश करें और वे काम करें जिन्हें आप वाक़ई पसंद करते हैं. आप दूसरों पर कुछ ज़्यादा ख़र्चा कर सकते हैं. दोस्तों के साथ कुछ दिलचस्प और रोमांचक समय बिताने के लिए अच्छा समय है. अचानक हुई रोमांटिक मुलाक़ात आपके लिए उलझन पैदा कर सकती है. वरिष्ठ सहकर्मी और रिश्तेदार मदद का हाथ बढ़ाएंगे. अगर आप यात्रा कर रहें है तो सभी ज़रूरी दस्तावेज़ साथ रखना न भूलें. जीवनसाथी के साथ समय गुज़ारने का यह बढ़िया मौक़ा है. सफलता-प्राप्ति के लिए स्वप्न देखना बुरा नहीं है, लेकिन हमेशा दिवास्वप्न में खोए रहना आपके लिए नुक़सानदेह साबित हो सकता है.

Aquarius

13 जुलाई 2020: अगर बच्चा परीक्षा में बहुत अच्छा न कर सके तो उसे फटकारें नहीं, बल्कि अगली बार बेहतर प्रदर्शन करने के लिए उसे प्रोत्साहित करें. आपको याद रखना चाहिए कि हाथ में पांचों उंगलियां एक जैसी नहीं होती हैं. अनुमान नुक़सानदेह साबित हो सकता है. इसलिए हर तरह का निवेश करते वक़्त पूरी सावधानी बरतें. मुश्किल दौर में आपकी जिन रिश्तेदारों ने मदद की है, उनके लिए अपनी कृतज्ञता को व्यक्त करें. आपका यह छोटा-सा काम उनके उत्साह को बढ़ाएगा. कृतज्ञता जीवन की सुगंध को फैलाती है और अहसान-फ़रामोशी इसे तार-तार कर देती है. कामकाज में व्यस्तता के चलते रोमांस को दरकिनार होना पड़ेगा. अगर आपका साथी अपना वादा न निभाए तो बुरा महसूस न करें. आपको बैठकर बातचीत के ज़रिये मामला सुलझाने की ज़रूरत है. उन लोगों पर नज़र रखें जो आपको ग़लत राह पर ले जा सकते हैं या फिर ऐसी जानकारी दे सकते हैं जो आपके लिए नुक़सानदेह साबित हो सकती है. जीवनसाथी यह जता सकता है कि आपके साथ रहने का क्या-क्या ख़ामियाज़ा उसे भुगतना पड़ रहा है.

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13 जुलाई 2020: चूंकि यात्रा के लिहाज़ से आप अभी कुछ कमज़ोर हैं, इसलिए लंबी यात्राओं से बचने की कोशिश कीजिए. ख़र्चों में हुई अप्रत्याशित बढ़ोतरी आपके मन की शांति को भंग करेगी. परिवार के सदस्यों की अच्छी सलाह आज आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगी. आज किसी ऐसे इंसान से मिलने की संभावना है जो आपके दिल को गहराई से छुएगा. अपने बॉस/वरिष्ठों को घर पर बुलाने के लिए अच्छा दिन नहीं है. अपने व्यक्तित्व और रंग-रूप को बेहतर बनाने का कोशिश संतोषजनक साबित होगी. आप अपने वैवाहिक जीवन में दिलचस्पी कम होती हुई महसूस कर सकते हैं, लेकिन जल्दी ही सब ठीक हो जाएगा. सप्ताह के आख़िर में छुट्टियों के दिन पलक झपकाते ही ग़ायब हो जाते हैं. इसलिए अब आलस्य को ख़ुद पर हावी न होने दें और बाक़ी बचे कामों को झटपट हाथ में लें.

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पंचांग 13 जुलाई 2020

आज 13 जुलाई को हिंदू पंचांग के अनुसार सावन माह (Sawan Somvar) का दूसरा सोमवार है. सावन को श्रावण मास भी कहते हैं. सावन के सोमवार को भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सावन में भगवान शिव की पूजा से वो प्रसन्न होते हैं और अविवाहित लोगों को इच्छित जीवनसाथी की प्राप्ति होती है.

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1942, 

मासः श्रावण़़, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः अष्टमी सांय 06.10 तक है, 

वारः सोमवार, 

नक्षत्रः रेवती प्रातः 11.14 तक, 

योगः सुकृत रात्रि 10.47 तक, 

करणः कौलव, 

सूर्य राशिः मिथुन, 

चंद्र राशिः मीन, 

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.36, 

सूर्यास्तः 07.17 बजे।

नोटः पंचक समाप्त प्रातः 11.14 बजे।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

कमलनाथ के करीबी प्रद्युमान सिंह भाजपा में शामिल, बने नागरिक आपूर्ति निगम का अध्यक्ष

  • एमपी में प्रद्युम्न सिंह लोधी को बनाया गया नागरिक आपूर्ति निगम का अध्यक्ष
  • प्रदीप जायसवाल को मध्य प्रदेश राज्य खनिज निगम का अध्यक्ष बनाया गया

एक ओर जहां सबकी निगाहें राजस्थान में सचिन – गहलोत प्रकरण पर लगीं थीं वहीं उमा भारती की नाराजगी मिटाने के लिए मध्यप्रदेश में प्रद्युमान सिंह लोधी को भाजपा में शामिल करवा लिया गया। बीजेपी में शामिल होने से पहले प्रद्युम्न सिंह लोधी पहले श्यामला हिल्स स्थित उमा भारती के बंगले पहुंचे और वहां पर मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने सीएम हाउस गए. सीएम हाउस में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें मिठाई खिलाई और बीजेपी में उनका स्वागत किया. इसके बाद सभी नेता बीजेपी प्रदेश मुख्यालय पहुंचे और वहां विधिवत रूप से प्रद्युम्न सिंह लोधी ने बीजेपी ज्वाइन कर ली.

दिल्ली(ब्यूरो):

मध्य प्रदेश में एक और कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी ने इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया है. इसके साथ ही अब उन्हें रविवार को नागरिक आपूर्ति निगम का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. वहीं निर्दलीय कोटे से विधायक प्रदीप जायसवाल को मध्य प्रदेश राज्य खनिज निगम का अध्यक्ष बनाया गया है.

एक तरफ जहां राजस्थान में सियासत गर्मा रही है तो वहीं मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेताओं का बीजेपी में शामिल होने का सिलसिला अभी भी चल रहा है. कांग्रेस के विधायक रहे प्रद्युम्न सिंह लोधी आज ही बीजेपी में शामिल हुए हैं. वहीं बीजेपी में आने के साथ ही लोधी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है.

उमा भारती की नाराजगी का असर?

प्रद्युम्न सिंह लोधी का बीजेपी में शामिल होना कांग्रेस को झटका देने से ज्यादा उमा भारती की नाराजगी को दूर करने के तौर पर देखा जा रहा है. दरअसल हाल ही में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में उमा भारती की नाराजगी सामने आई थी. उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को एक संदेश भेजते हुए मंत्रिमंडल में जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन ना होने की वजह से नाराजगी जाहिर की थी. माना जा रहा है कि उमा की इसी नाराजगी को दूर करने के लिए बड़ा मलहरा से विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी को बीजेपी में शामिल कराया गया है. खुद उमा भारती भी इस सीट से विधायक रह चुकी हैं.

इसके साथ ही उन्हें नागरिक आपूर्ति निगम का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. प्रद्युम्न सिंह लोधी कांग्रेस की तरफ से बड़ा मलहरा क्षेत्र के विधायक रहे हैं. हालांकि उन्होंने विधायकी से अपनी इस्तीफा प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा को सौंप दिया है और स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने लोधी का इस्तीफा मंजूर भी कर लिया है.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में लोधी ने बीजेपी ज्वॉइन की है. इससे पहले मार्च में कांग्रेस के 22 ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद कमलनाथ सरकार गिर गयी थी. वहीं लोधी के बीजेपी में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट के माध्यम से उनका अभिनंदन किया.

प्रदीप जायसवाल खनिज निगम के अध्यक्ष

इसके अलावा निर्दलीय कोटे से विधायक प्रदीप जायसवाल को मध्य प्रदेश राज्य खनिज निगम का अध्यक्ष बनाया गया है. प्रदीप जायसवाल शिवराज सरकार को समर्थन दे रहे हैं. इससे पहले वो निर्दलीय कोटे से कमलनाथ सरकार में खनिज मंत्री थे लेकिन कमलनाथ के इस्तीफा देते ही बीजेपी को समर्थन दे दिया था.

अब 25 सीटों पर होगा उपचुनाव

प्रद्युम्न सिंह लोधी ने बीजेपी में शामिल होने से पहले विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. बीजेपी में औपचारिक तौर पर उनके शामिल होने के कुछ वक्त पहले ही विधानसभा सचिवालय की ओर से उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया. और बड़ा मलहरा सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया है. इस सीट के खाली होने के बाद अब मध्य प्रदेश में 24 के बजाय 25 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होगा. इससे पहले कांग्रेस के 22 विधायक इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुए थे, जबकि दो सीटें विधायकों के निधन की वजह से खाली हुई हैं.

सचिन द्वारा 30 विधायकों और कुछ निर्दलियों के साथ के दावे के साथ अल्पमत में गहलोत सरकार

राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार पर संकट गहराता जा रहा है। अपने गुट के विधायकों सहित बागी सुर लेकर दिल्ली पहुँचे उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पुराने कॉन्ग्रेसी नेता व साथी ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की। यह मुलाकात दिल्ली में रविवार (12 जुलाई, 2020) को तब हुई जबकि आज के ही दिन शाम में सचिन पायलट और राहुल गाँधी की मुलाकात होनी थी। पार्टी के सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी ने पायलट से फोन पर बात कर सचिन को समझा दिया था और यह भी दावा किया गया की पायलट राहुल की बात मान गए हैं और अगले दिन गहलोत के घर होने वाली बैठक में सुरजेवाला और माकन के साथ शामिल होंगे। सचिन ने बैठक में न शामिल होने की बात कह कर पार्टी के दावे की पोल खोल दी। इधर सचिन खेमे से यह दावा किया जा रहा है की कॉंग्रेस के 30 विधायक और कुछ स्वतंत्र विधायक भी उनके साथ हैं। इस दावे के साथ ही गहलोत की सरार अल्पमत में आ जाती है।

राजविरेन्द्र वसिष्ठ, चंडीगढ़:

राजस्थान में अशोक गहलोत की अगुवाई वाली कॉन्ग्रेस सरकार का संकट गहरा गया है। उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपने साथ 30 विधायकों के होने का दावा किया है। सूत्रों के अनुसार सोमवार को कॉन्ग्रेस विधायक दल की बैठक में भी वे शामिल नहीं होंगे।

मुख्यमंत्री गहलोत ने आज (जुलाई 12, 2020) रात पार्टी के विधायकों और मंत्रियों की बैठक बुलाई थी। इसमें 90 विधायकों के उपस्थित होने का दावा किया जा रहा है। कॉन्ग्रेस विधायक राजेंद्र गुड्डा ने कुछ बीजेपी विधायक के भी साथ होने की बात कही है।

पार्टी सूत्रों से जानकारी मिली है कि पायलट कल यानी सोमवार (जुलाई 13, 2020) की सुबह होने वाली कॉन्ग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे। पायलट के नजदीकी सूत्रों का कहना है कि 30 से ज्यादा कॉन्ग्रेस विधायक और कुछ निर्दलीय विधायक पायलट के समर्थन में हैं। यदि उनका दावा सही है तो कॉन्ग्रेस सरकार अल्पमत में आ चुकी है।

बैठक सुबह 10.30 बजे मुख्यमंत्री गहलोत के आवास पर होगी। सभी विधायकों को जयपुर पहुँचने को कहा गया है। इस बैठक में वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन और अविनाश पांडे भी शामिल होंगे। ये यहाँ पर विधायकों से बातचीत करेंगे।

राजस्थान में सत्ताधारी कॉन्ग्रेस सरकार के लिए संकट के बादल गहराते जा रहे हैं। विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में एसओजी (विशेष संचालन समूह) की ओर से पूछताछ के लिए बुलाए जाने के बाद राज्य के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट विधायकों के साथ दिल्ली पहुँचे हैं।

पायलट के नाराज होने की वजह विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) का नोटिस बताया जा रहा है। एसओजी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत अन्य मंत्रियों को भी नोटिस भेजा है। हालाँकि, सीएम ने कहा है कि यह सामान्य प्रक्रिया है। नोटिस के बाद पायलट समर्थक विधायक नाराज हैं। उनका कहना है कि सरकार ने सभी हदें पार कर दी हैं और अब अशोक गहलोत के साथ काम करना असंभव है।

गौरतलब है कि करीब पौने दो साल पहले राजस्थान में सत्ता में आई कॉन्ग्रेस 23 दिन पहले राज्यसभा चुनाव के बाद पूरी तरह सुरक्षित नजर आ रही थी। खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी आलाकमान आश्वस्त थे कि उनकी सरकार के पास पूरा बहुमत है और पाँच साल कोई मुश्किल होने वाली नहीं है, लेकिन गहलोत सरकार अब संकट से घिरती नजर आ रही है।

गहलोत और पार्टी आलाकमान की मुश्किलें उपमुख्यमंत्री व प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट व उनके समर्थकों ने बढ़ा दी हैं। रविवार को दिनभर जयपुर से लेकर दिल्ली तक कॉन्ग्रेस की गतिविधियाँ तेज रहीं। गहलोत की दिन में कई बार राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल व राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे से बात हुई। गहलोत से बात होने के बाद पांडे ने पायलट से भी संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं हो सकी।

बता दें कि अशोक गहलोत सुबह से ही अपने आवास पर कॉन्ग्रेस के विधायकों और मंत्रियों से मिल रहे हैं। सभी मंत्रियों और विधायकों को कहा गया है कि वह अपने क्षेत्र को छोड़कर जयपुर पहुँचे। इससे पहले कपिल सिब्बल ने अपनी ही पार्टी पर तंज कसते हुए कहा था कि क्या कॉन्ग्रेस तभी जागेगी, जब उसके अस्तबल से घोड़े चले जाएँगे?

वहीं पायलट अपने पुराने साथी ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिले थे। जिसके बाद सिंधिया ने राजस्थान की सियासी हालात को निराशाजनक बताते हुए कहा था कि कॉन्ग्रेस में काबिलियत की कद्र नहीं है। बताया जा रहा है कि पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने सचिन पायलट को मिलने के लिए बुलाया था लेकिन वो नहीं पहुँचे। अब दोनों की फोन पर बातचीत हो रही है। राहुल गाँधी के दफ्तर के अधिकारियों का कहना है कि दोनों नेताओं की फोन पर ही बातचीत हो रही है।

इससे पहले अशोक गहलोत खेमे के अधिकारियों ने सचिन पायलट के बीजेपी के साथ संपर्क में होने का भी आरोप लगाया था। हालाँकि फिलहाल अभी तक कुछ साफ नहीं हो पाया है। इस मामले में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि तमाम घटनाक्रम, इस बात का सबूत हैं कि कॉन्ग्रेस के भीतर अंतर्कलह चरम पर है। मुख्यमंत्री खुद गृहमंत्री हैं और विभाग के मुखिया को एक साधारण  डिप्टी एसपी द्वारा नोटिस दिया जाना ताज्जुब की बात है।

इससे पहले पायलट ने शनिवार देर रात दिल्ली में अहमद पटेल से मुलाकात की थी। पायलट ने अहमद पटेल से मुलाकात के बाद रविवार को कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी व राहुल गाँधी को साफ संदेश पहुँचा दिया था कि गहलोत उन्हें साइडलाइन करने में जुटे हैं, जिसे वे स्वीकार नहीं करेंगे।

कहीं सिंधिया पायलट की राह न हों लें छत्तीसगढ़ के सिंहदेव

रविरेन्द्र वशिष्ठ, चंडीगढ़:

राजस्‍थान के डिप्‍टी सीएम सचिन पायलट की नाराजगी बरकरार है. इसी वजह से वह सोमवार सुबह 10.30 बजे होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे. जबकि पायलट के नजदीकी लोगों ने कहा कि 30 विधायकों के उनके समर्थन में आने से सरकार अल्पमत में है.

राजस्थान की कॉन्ग्रेस सरकार पर संकट के बादल घने होने के साथ ही एक बार फिर छत्तीसगढ़ को लेकर भी अटकलों का बाजार गर्म है। वैसे मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ की कॉन्ग्रेस सरकारों की आतंरिक कलह से अकाल मौत के कयास उस दिन ही लगने शुरू हो गए थे, जब 2018 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद तीनों राज्यों के लिए राहुल गाँधी ने मुख्यमंत्री फाइनल किया था। वैसे बात करें तो नाम सोनिया और प्रियंका ने चुने थे राहुल तो अपने युवा साथियों के पक्ष में थे लेकिन सोनिया राहुल के समकक्ष किसी भी युवा को एक सक्षम प्रशासक के तौर पर स्थापित होते नहीं देख सकतीं।

जिस तरह मध्य प्रदेश में ज्योतिदारित्य सिंधिया अपनी उपेक्षा से आहत थे, उसी तरह राजस्थान में भी सचिन पायलट को अपनी मेहनत की मलाई अशोक गहलोत को सौंपा जाना खटक रहा था। छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव को खुद के छले जाने का अहसास हो रहा था। पहल सिंधिया ने की। अब लपटें पायलट के खेमे से निकल रही है और सोशल मीडिया में सिंहदेव के भी जल्द धधकने के दावे किए जा रहे हैं।

यह सच है कि सियासी बाजियाँ सोशल मीडिया के पोस्ट के हिसाब से नहीं चली जातीं। लेकिन, यह भी उतना सच है कि सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार तभी गर्म होता है, जब खिचड़ी पक रही होती है। हालाँकि सिंहदेव अभी भी इन दावों को खारिज कर रहे हैं। पहले भी खारिज किया था।

मध्य प्रदेश में सिंधिया की बगावत के बाद उन्होंने कहा भी था, “लोग दावे करते रहें लेकिन मैं भाजपा में शामिल नहीं होऊँगा। सौ जीवन मिलने के बाद भी मैं उस विचारधारा से कभी नहीं जुड़ूँगा। जो व्यक्ति मुख्यमंत्री नहीं बन पाने के कारण भाजपा में शामिल होता है, उसे कभी सीएम नहीं बनना चाहिए।”

लेकिन, हम सब जानते हैं कि नेता बयानों के हिसाब से नहीं चलते। वे फैसले अपने सियासी भविष्य को देखकर करते हैं। कॉन्ग्रेस में ये बगावत मुख्यमंत्री बनने की भी नहीं है। यदि ऐसा होता तो शिवराज की जगह सिंधिया को मध्य प्रदेश का सीएम होना था।

असल में यह आत्मसम्मान बचाने की लड़ाई है। हाईकमान लगातार इनकी उपेक्षा कर रहा है। पार्टी जिस तरीके से चलाई जा रही उससे इनकी असहमति है। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने से लेकर चीन से सीमा विवाद तक के मसलों पर पार्टी स्टैंड ने कई नेताओं को असहज कर रखा है। सबसे बड़ी बात अपने-अपने राज्य के डिप्टी सीएम होने के बावजूद न तो पायलट की सरकार में सुनी जाती है और न सिंहदेव की।

लिहाजा इनके पास विकल्प सीमित हैं। या तो अपनी ही सरकार में उपेक्षित बने रहे या फिर उस रास्ते चलें जो सिंधिया ने चुना। राजस्थान में सियासी घटनाक्रम जिस तरह से चल रहे हैं उससे स्पष्ट है कि पायलट ने फैसला कर लिया है।

खबरों के अनुसार, राजस्थान के कॉन्ग्रेस के 24 विधायक हरियाणा और दिल्ली स्थित होटलों में पहुँच गए हैं। भयभीत राज्य सरकार ने सभी सीमाओं को सील कर दिया है। ऊपरी तौर पर तो कहा जा रहा है कि ये कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए ये फैसला लिया गया है, लेकिन इसे कॉन्ग्रेस के भीतर भारी अंदरूनी फूट को दबाने और विधायकों को बाहर जाने से रोकने के प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि अधिकतर कॉन्ग्रेस विधायकों का फोन स्विच ऑफ है।

इधर मुख्यमंत्री गहलोत ने भी आज रात पार्टी विधायकों और मंत्रियों की बैठक बुलाई। पायलट के अहमद पटेल से भी मिलने की खबरे हैं। ऐसे में पूरी राजनीतिक तस्वीर स्पष्ट होने में मध्य प्रदेश की तरह ही कुछ वक्त लग सकता है।

यहाँ यह भी गौर करने वाली बात है कि पायलट ने अचानक से सियासी पारा तब चढ़ाया है, जब प्रदेश सरकार को गिराने की कथित साजिशों के मद्देनजर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने उन्हें और गहलोत को बयान जारी करने का नोटिस भेजा है। साथ ही कुछ कॉल रिकॉर्ड भी हैं जो बताते हैं कि कॉन्ग्रेस में खेमेबंदी जोरों पर है।

ऐसे ही एक कॉल के दौरान बातचीत में यह बात सामने आई कि महेन्द्रजीत सिंह मालवीय पहले उप मुख्यमंत्री के साथ थे, अब उन्होंने पाला बदल लिया है। ऐसे में पायलट को यह भी चिंता सता रही होगी कि अब और देरी करने पर गहलोत एक-एक कर उनके समर्थकों को तोड़ उन्हें अलग-थलग कर सकते हैं।

पर उनके इस कदम ने छत्तीसगढ़ कॉन्ग्रेस की आंतरिक कलह को भी चर्चा में ला दिया है। सिंहदेव ने बीते महीने ही विधानसभा चुनाव के वक्त जारी कॉन्ग्रेस के जन-घोषणा पत्र में किए गए वादे पूरे नहीं होने को लेकर सरकार से नाराज होने के संकेत दिए थे। उन्होंने ट्वीट कर कहा था, “सभी बेरोज़गार शिक्षा कर्मियों, विद्या मितान, प्रेरकों एवं अन्य युवाओं की पीड़ा से मैं बहुत दुखी और शर्मिंदा हूँ।”

यही कारण है कि सोशल मीडिया में उनको लेकर भी पोस्ट की भरमार है। जैसा कि जशपुर के रहने वाले विवेकानंद झा लिखते हैं, “माना कि ठाकुर के हाथ नजर नहीं आते। पर ये हाथ न होते तो जय-वीरू जेल से आजाद न होते। सूत्रों की मानें तो ठाकुर भी जल्द ज्वाइन करेंगे जय-वीरू को।”

ठाकुर यानी टीएस सिंहदेव। वे सरगुजा के राजा भी हैं। मुख्यमंत्रियों का ऐलान करते हुए राहुल गाँधी ने सिंधिया और पायलट को भविष्य बताकर संकेत दिया था कि आगे उन्हें भी मौका मिल सकता है। पर 67 साल के सिंहदेव को लेकर ऐसा कोई भरोसा उन्होंने भी नहीं दिया था। सो, सिंहदेव भी जानते ही होंगे कि उनके पास सिंधिया और पायलट के उलट मौके भी सीमित ही हैं।

“अधिवक्ताओं के वृतिक आचार और न्यायिक अवमानना” विषय पर ई-व्याख्यान आयोजित

भूमिका चौबीसा, उदयपुर :

अधिवक्ता परिषद् महिला टोली की ओर से आज दिनांक 12 जून 2020 रविवार को “अधिवक्ताओं के वृतिक आचार और न्यायिक अवमानना” विषय पर ई-व्याख्यान आयोजित किया गया।

विषयवेत्ता मा.उच्चतम न्यायालय की एडवोकेट ऑन रेकॉर्ड  एवं  उप-महाधिवक्ता व पुर्व सचिव, अधिवक्ता परिषद् (उच्चतम न्यायालय, दिल्ली इकाई) मा. अंकिता जी चौधरी रही।

  विषय पर विस्तार से चर्चा करते हुए  विभिन्न  न्यायिक दृष्टांत के माध्यम से एवं कॉविड की चुनौतियों का सामंजस्य रखते हुए बेहद सरल शब्दों के द्वारा अपने विचारों को साझा किया। वृतिक आचार में गणवेश और प्रस्तुतीकरण दोनों के कार्यक्षेत्र मे प्रभाव को भी समझाया। अंत में समस्याओं को प्रश्न के माध्यम से प्रतिभागियों द्वारा पूछे जाने पर  उनके समाधान भी किये गए।

  कार्यक्रम की संयोजिका एडवोकेट भूमिका चौबीसा ने बताया कि अधिवक्ता परिषद् से  कई  महिला अधिवक्ताओ के अतिरिक्त इकाई समन्वयक महेन्द्र जी ओझा, उपाध्यक्ष अजय जी चौबीसा, महिपाल सिंह जी चुण्डावत, बबीता जी जैन, विधि विद्यार्थी विनीता पालीवाल, जया कंठालिया आदि उपस्थित रहे।  संपूर्ण उदयपुर विभाग से स्वाति जी पारीक, सोनल जी राठौड़,  सरोज जी भंडारी,  मोनिका जी कलाल, महिला अधिवक्ताओं की सशक्त उपस्थिति रही तथा सोनल जी विजय (कोटा),  अंकिता जी वाधवा(उच्चतम न्यायालय)की विशेष रूप से भागीदारी रही।

अपर मोहल्ला नजदीक कमेटी हाउस कालका, मोहल्ला भैरों की सैर कालका कंटेनमेंट जोन घोषित

पंचकूला 12 जुलाई :

उपायुक्त मुकेश कुमार आहुजा ने आदेश जारी कर अपर  मोहल्ला नजदीक कमेटी हाउस कालका, मोहल्ला भैरों की सैर कालका में कोरोना पोजिटिव मामले पाए जाने पर तुरंत प्रभाव से संज्ञान लेते हुए इन क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया है। इसके साथ लगता बफर जोन में रहेगा। इसके अलावा रायपुररारानी के कंटेनमेंट जोन को खोल दिया गया है।

उपायुक्त के  आदेशानुसार इन कंटेनमेंट जोन के एसडीएम राकेश संधु ओवर आल इंचार्ज होंगें व तहसीलदार वीरेन्द्र गिल उनकी सहायता करेंगे। इसके अलावा सिविल सर्जन डा. जसजीत कौर रोगी को आईसोलेट करने के अलावा चिकित्सकों की टीमों का गठन कर घर घर स्क्रीनिंग एवं सांस व फ्लू आदि से ग्रस्त लोगों की जाचं एवं नियमित निगरानी सुनिश्चित करने के साथ ही रोगियों के कंटेक्ट में पहले व अब तक रहे लोगों की पहचान एवं जांच का कार्य करेंगे।
जारी आदेशानुसार कंटेनमेंट जोन एवं बफर जोन में  पुलिस उपायुक्त मोहित हांडा पर्याप्त संख्या में पुलिस कर्मचारियों की तैनाती एवम् नाके लगवाना सुनिश्चित करेंगें। जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक आवश्यक सेवाओं की पूर्ति तथा कार्यकारी अभियंता उत्तर हरियाणा बिजली निगम बिजली सप्लाई तथा कार्यकारी अभियंता जन स्वास्थ्य विभाग को पेयजल सप्लाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।