मां तो मां होती है

।।कविता।।

मां तो मां होती है
मां तो मां होती है चाहे किसी गरीब कि या अमीर कि हो।
मां का जिस घर मे आदर होता है उस घर मैं खुशिया कम नहीं होती मां का हाथ जिसके सिर पर होता
उस पर बुरे साये काअसर नही होता।
मां कि दुआएं जहा होती है ,
वहां अमगंल नही होता है।
मां जिस घर मै होती वह घर स्वर्ग से कम नहीं होता।
मां का आशीर्वाद हो साथ वहां जीवन मे कोई कष्ट नहीं आता।
मां तो मां होती हैं चाहे रकं कि या राजा की हो।
मां हसते हसते निवाला बच्चे को खिलाती है।
चाहे वह भुख से तडप रही हो।
मां पुजा मे भी भगवान से बच्चों के लिए ही दुआ मांँगती है ।
मां तो मां होती है मां से बडा कोई ईश्वर नहीं ।
मां के सामने तो ईश्वर भी झुका है
तो हम किया है।
मां के प्रेम को पाने के लिए तो, ईश्वर ने भी जन्म मरण को पाया।
तो हम तो बडे़ भाग्यशाली हैं,
कि हमें ईश्वर के रूप में मां मिली।
मां तो मां होतीहै मां तो मां होती है।

अपनी लेखनी
अधिवक्ता भावना नागदा
(अपनी मां को समर्पित)

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