महिला अधिवक्ताओं की तरफ से अधिवक्ताओं को 5 लाख रुपए तक का लोन देने के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों को निर्देश देने की मांग उठी
अधिवक्ता भूमिका चौबीसा, उदयपुर – 25 जुलाई:
संपूर्ण भारत की महिला अधिवक्ताओं द्वारा कोविड महामारी के कठिन समय में सभी अधिवक्ताओं की आर्थिक स्थिति का संज्ञान लेते हुए सर्व अधिवक्ताओं के हितों और आत्मसम्मान का ध्यान रखते हुए बैंक ॠण हेतु एक याचिका राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन माध्यम से सहमति प्रपत्र अभिसमर्थित किया गया। जिसे देशभर की महिला अधिवक्ता शक्ति का विधिक इतिहास में पहली बार संगठित स्वरूप के रूप में देखा गया।
उक्त याचिका केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के समक्ष महिला प्रतिनिधियो द्वारा हस्ताक्षरित कर प्रस्तुत की गयी, जिसमें अधिवक्ताओ के विधि व्यवसाय के अतिरिक्त अन्य आय स्रोत के निर्बंधनों और बार कौंसिल द्वारा की गयी मदद अपर्याप्त होने से आपदा प्रबंधन अधिनियम 2015 के अंतर्गत अधिवक्ता 5,00,000/- तक के ॠण प्राप्ति की सुविधा हेतु निवेदन याचिका के माध्यम से दिनांक 24.07.2020 को प्रस्तुता किया गया। याचिका में न्यायिक दृष्टांत के माध्यम से भी अधिवक्ताओं की समस्याओं पर प्रकाश डाला गया तथा विकट परिस्थितियों में अधिवक्ताओं को हुई जीवन क्षति से भी अवगत कराया गया।
उक्त राष्ट्र व्यापी मुहिम में उदयपुर विभाग से जिला एवं सत्र न्यायालय, उदयपुर की अधिवक्ता भूमिका चौबीसा के द्वारा विभिन्न जिलों में महिला अधिवक्ताओं को इस विषय के बारे में जानकारी देते हुए सहमति पत्र भरने हेतु आग्रह किया जिसमें सभी महिला अधिवक्ताओं के पूर्ण सहयोग से उदयपुर विभाग से 53 पत्रक भरकर सहमति प्रदान की गयी। महिला अधिवक्ताओं के द्वारा सामुहिक रूप से यह प्रथम प्रयास था, जिसमें पूरे भारत से ढाई हजार के लगभग महिला अधिवक्ताओं की सहभागिता रही।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!