Web lecture by Uday Mahurkar at PU

Chandigarh July 23, 2020:

Department of History, PU, Chandigarh and Panjab University Alumni Association (PUAA) jointly organized a Web Lecture of Shri Uday Mahurkar, a senior journalist, author and interpreter of history.About120participants participated in the web lecture .

Shri Mahurkar, the distinguished speaker delivered his lecture on, “Chattrapati Shivaji: A New Discovery”in an analytical and thought-provoking manner.His candid, comprehensive and critical presentation was indeed spell-binding. Professor Anju Suri, Chairperson, Department of History was the Director of the Webinar, Professor Deepti Gupta, Dean Alumni Relations and Chairperson, Department of English was the Convener and Dr. Priyatosh Sharma, Associate Professor, Department of History was the Co-Convener of the Webinar.

TheVice Chancellor, Prof Raj Kumar applauded the joint effort of the Department of History and PUAA for organizing the Web Lecture on an endearing historical personality of Shivaji. In his inaugural remarks, he said that great deeds make great personalities like Shivaji. Chattrapati Shivaji’s life and achievements impart inspiration to one and all. His leadership role, his organizational skills, his courageous military exploits earned him the reputation of a great ruler and won him glory. The spirit of nationalism may be imbibed from the heroic deeds of Chattrapati Shivaji.The present generation must preserve the memories of the great leader in Shivaji and pay tribute to his daring acts in fighting back Mughal tyranny. Professor Raj Kumar expressed his concern that the role of Shivaji must be discussed at length in the scholarly works to form a fair estimate of his life and personality.

Dr. Anju Suri, Professor and Chairperson of the Department of History introduced Chattrapati Shivaji as a powerful ruler known for his chivalry, courage and heroism. He set out for military campaigns with a strong conviction and determination to win and he tasted victory after victory to establish himself as a strong ruler. He possessed a rare combination of intellect and diplomacy. His role as a great organizer and a strategist cannot be underestimated.

The distinguished speaker, Shri Uday Mahurkar in his insightful and intellectual lecture addressed Shivaji as an Emperor instead of Chattrapati. He assessed the role of Shivaji on the basis of four determinants, which are generally required by a person, for being the most powerful Emperor and Shivaji qualifies all of them successfully. Shivaji expanded his empire by way of his conquering abilities to the length of 1600 kms from Poona to the land beyond Chennai. His strategic skills and command of his army instilled such enthusiasm among his soldiers that they continued with the legacy of successive victories during the lifetime of Shivaji and even after his death. Within forty years since his demise, the Marathas reached Delhi and became a dominating force. Shivaji’s combating skills speak of his powerful personality. He strongly believed that the attack is the best form of defence. He was a diplomat par excellence and knew to play his cards well. He handled his Mughal enemies including Aurangzeb with diplomatic maneuvers and often made truce with them to break them soon after. Shivaji has always remained fearless before Aurangzeb whereas the latter was afraid of his strategic skills and intellectual abilities. Despite all resources and authority at his disposal, Aurangzeb was belittled by Shivaji in a combat pitted against him and this fact has been indicated by Aurangzeb in his will too. The historical records have praised Shivaji and addressed him as ‘the greatest constructive genius’. His warfare achievements are as much appreciated as his welfare achievements. Shivaji took up several measures for welfare of his subjects including the issue of seed loans by the State to the farmers. As far as his social reforms are concerned, Shivaji allowed those who had defected Hinduism to embrace Islam to come back to Hinduism.Secondly, he taught each class to fight. Dalit Regiment of Maharashtra could be organized because of this initiative of Shivaji. Shivaji should find more space in historical books and should be given higher status as an Emperor.

The highly informative and incisive lecture was followed by Question-Answer Session conducted by Dr. Priyatosh Sharma of the Department of History.The lecture was joined by experts from academic, scientists, researchers, students and faculty members from various diverse Departments and Universities across India. The lecture ended with the formal vote of thanks delivered by Dr. Vinay Kumar, Secretary, Faculty of Arts, Panjab University, Chandigarh.

लव जिहाद : माँ -बेटी का कत्ल कर घर ही में दफनाने वाला ‘अमित गुर्जर’ निकला ‘शमशाद’

शमशाद उर्फ अमित गुर्जर ने गाजियाबाद की रहने वाली एक शादीशुदा महिला को खुद को हिंदू बताकर अपने चंगुल में फंसाया। पिछले कई सालों से महिला अपनी बेटी को लेकर प्रेमी के साथ रह रही थी। इसके बाद शमशाद दोनों की हत्या करके फरार हो गया। अब पुलिस के साथ मुठभेड़ में वह घायल हो गया है।

नई दिल्ली(ब्यूरो):

यूपी के मेरठ में मां-बेटी की हत्या कर शव को घर के अंदर दफनाने का सनसनीखेज मामला सामना आया है. गायब होने के बाद सहेली ने मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप शमशाद नाम के व्यक्ति पर है. इसपर नाम बदलकर शादी का आरोप है.

मेरठ पुलिस ने ब्रह्मपुरी इलाके में एक मुठभेड़ में शमशाद को गिरफ्तार कर लिया है. अभियुक्त शमशाद पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा 25000/- रुपये के इनाम की घोषणा की गई थी. अभियुक्त की पत्नी को भी साक्ष्य छुपाने/मिटाने का दोषी पाते हुए वांछित बनाया गया है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

देर रात थाना ब्राह्मपुरी के नूर नगर के मोड़ पर शमशाद के साथ पुलिस की मुठभेड़ में दुर्दांत हत्यारा बदमाश घायल हो गया। पुलिस ने उसको अस्पताल में भर्ती कराया। शमशाद के पास से एक बाइक,एक पिस्टल और कारतूस बरामद हुई हैं।

यह था पूरा मामला

बुधवार को मेरठ के थाना परतापुर के भूड बराल में रहने वाले शमशाद के घर से प्रिया और उसकी बेटी कशिश के शव शमशाद के घर से बरामद हुए थे। इन दोनों को शमशाद ने मार कर अपने ही घर में गाड़ दिया था। इसकी सूचना प्रिया की दोस्त चंचल ने पुलिस थाने में दी थी, जिसके बाद इस जघन्य हत्याकांड का खुलासा हुआ। शमशाद उर्फ अमित गुर्जर ने अपना नाम धर्म बदलकर 4 साल पहले गाजियाबाद निवासी प्रिया से फेसबुक के माध्यम से दोस्ती की और अपने प्रेम जाल में फंसाया और उसको लेकर थाना परतापुर के भूड बराल इलाके में रहने लगा।

आरोप है कि जब प्रिया को इस बात का पता चला कि उसका पति नाम और धर्म बदलकर उसको धोखा दे रहा है तो उसने इस बात की शिकायत अपनी दोस्त चंचल से की और अपनी जान को खतरा बताया। लॉकडाउन से पहले जब चंचल से उसकी बात होना बंद हो गयी, तो चंचल ने शमशाद को भी कॉल किया लेकिन शमशाद ने उससे बात नहीं कराई।उसके बाद चंचल ने थाना परतापुर में तहरीर दी जिसमें प्रिया के गुमशुदा होने की बात कही गई।

पुलिस ढिलाई बरतती रही

हैरान करने वाली बात तो यह है कि पुलिस ने मामले में शिकायत के बाद भी ढिलाई बरतते हुए कोई भी कार्रवाई नहीं की। बुधवार को एक स्थानीय नेता के इंवॉल्वमेंट के बाद पुलिस हरकत में आई और शमशाद के घर पर गहनता से तलाशी ली। तलाशी में प्रिया और उसकी बेटी की डेड बॉडी शमशाद के घर में ही गड्ढे में पाई गई। जिसको पुलिस ने पोस्टमॉर्टम और डीएनए जांच के लिए भेज दिया। तभी से आरोपी शमशाद फरार था। देर रात थाना ब्रह्मपुरी के नूर नगर के मोड़ पर पुलिस की जिस बदमाश से मुठभेड़ हुई वह आरोपी शमशाद निकला।

चुने गए विधायकों को असहमति का अधिकार है : सर्वोच्च न्यायालय

राजस्थान का सियासी संग्राम अभी खत्म नहीं हुआ है. अब सोमवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई की जाएगी. गुरुवार की सुनवाई में अदालत ने हाईकोर्ट की सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार किया और फैसला देने को कहा. यानी अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद सोमवार को सर्वोच्च अदालत मामले को सुनेगी

नई दिल्ली: 

राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ स्पीकर सीपी जोशी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कांग्रेस के बागी विधायकों पर राजस्थान हाईकोर्ट में कल सुनवाई होनी है। हाईकोर्ट ने 24 जुलाई तक विधायकों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगाई है।

राजस्थान हाईकोर्ट कल अपना फैसला सुनाएगा। हाईकोर्ट के फैसले पर रोक नहीं है लेकिन हाईकोर्ट का फैसला अंतिम नहीं है। हाईकोर्ट फैसले को सुप्रीम कोर्ट का फैसला प्रभावित कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को मामले की सुनवाई होगी।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि असंतोष दबाने से लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। चुने गए विधायकों को असहमति का अधिकार है।

सुप्रीम कोर्ट: असंतोष की आवाज को दबाया नहीं जा सकता. फिर तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा. आखिरकार वे विधायक लोगों द्वारा चुने गए हैं. क्या वे अपनी असहमति व्यक्त नहीं कर सकते? 
सिब्बल: लेकिन फिर उन्हें समझाना पड़ेगा. यह स्पीकर ही तय करेंगे, कोई कोर्ट नहीं. 
सुप्रीम कोर्ट: यह सिर्फ एक दिन की बात है. आप इंतजार क्यों नहीं कर सकते?
SC ने सिब्बल से पूछा: इंट्रा-पार्टी लोकतंत्र पर आपका क्या विचार है?
सुप्रीम कोर्ट: क्या पार्टी की बैठक में भाग लेने के लिए व्हिप जारी किया जा सकता है?
सिब्बल: स्पीकर सीपी जोशी ने बैठक के लिए व्हिप जारी किया. “यह केवल एक नोटिस था, व्हिप नहीं.” लेकिन यह एक बैठक में शामिल नहीं होने से ज्यादा यह उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों के बारे में है. 

इससे पहले, वकील कपिल सिब्बल ने राजस्थान विधानसभा के स्पीकर का पक्ष रखते हुए कहा कि स्पीकर के फैसले से पहले कोर्ट का दखल गलत है. कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में 1992 के किहोटो होलोहॉन मामले में दिए संविधान पीठ के फैसले का हवाला दिया. कहा कि इस फैसले के मुताबिक अयोग्यता के मसले पर स्पीकर का फैसला आने से पहले कोर्ट दखल नहीं दे सकता है. अयोग्य ठहराने की प्रकिया पूरी होने से पहले कोर्ट में दायर कोई भी याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. 

सिबल ने सुप्रीम कोर्ट के एक अन्य मामले में हाल ही में दिए गए आदेश का हवाला दिया जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को एक उचित समय में फैसला लेने का आग्रह किया था, न कि स्पीकर को कोई आदेश या स्पीकर को तय तारीख़ पर अयोग्य घोषित करने की प्रक्रिया पूरी करने या रोकने के लिए कहा गया था. 

सुप्रीम कोर्ट ने सिब्बल से पूछा- इस मामले में विधायकों की किस आधार पर अयोग्यता मांगी गई है?

सिब्बल: ये विधायक पार्टी की बैठक में शामिल नहीं हुए. वे पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं. उन्होंने साक्षात्कार दिया कि वे एक फ्लोर टेस्ट चाहते हैं. वे हरियाणा के एक होटल में हैं. वह अपनी एक अलग पार्टी बनाने की साजिश में लगे हुए हैं. वे राज्य की मौजूदा सरकार को गिराना चाहते हैं. 

Police Files, Chandigarh

Korel, CHANDIGARH – 23.07.2020

One persons arrested for disobeying orders of DM, UT, Chandigarh

A case FIR No. 145, U/S 188 IPC has been registered in PS-Ind. Area, Chandigarh against Avnish Sharma R/o # 408, Village Dariya, Chandigarh, who was arrested while roaming in his car without pass permission during lockdown hours near PP-Dariya, Chandigarh on 22.07.2020.  He disobeyed orders of DM, UT, Chandigarh. Later, he was bailed out. Investigation of the case is in progress.

Action against Gambling

Chandigarh Police arrested Sanjay R/o # 62, Village- Dariya, Sandeep @ Gonda R/o # 336, Village-Dariya and Davinder Kumar R/o # 397, Village- Dariya, Chandigarh while they were gambling near Guru Nanak Dharam Kanta, Village-Dariya, Chandigarh on 22.07.2020. Total cash Rs. 11,000/- was recovered from their possession. A case FIR No. 144, U/S 13-3-67 Gambling Act & 188 IPC has been registered in PS-Ind. Area, Chandigarh. Later they were released on bail. Investigation of the case is in progress.

One arrested for forgery

          Chandigarh Police arrested Suraj Pal R/o # 3816, DBC, Sec-25, Chandigarh
(age 36 years) from parking in front of RLA, Sector-17, Chandigarh who used to make fake/forged insurance policies of vehicles. A case FIR No. 135, U/S 420, 468, 472, 474 IPC has been registered in PS-17, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

MV Theft

Narinder Kumar Bhatia R/o # 3284, Sector-46C, Chandigarh reported  that unknown person stole away complainant’s Honda City Zx car No. CH04C-0227 parked in front of his house on the night intervening 21/22-07-2020. A case FIR No. 145, U/S 379 IPC has been registered in PS-34, Chandigarh Investigation of the case is in progress.

Attempt to murder

A case FIR No. 109, U/S 307, 506, 34 IPC has been registered in PS-Maloya, Chandigarh on the complaint of Sunny Chauhan R/o # 1213, DMC, Chandigarh alleged that Suraj and Chand both R/o # 1172, DMC, Chandigarh attacked on complainant with iron rod near H.No. 1153 & 1154, DMC, Chandigarh on 20.07.2020. Complainant got injuries and admitted in GMSH-16, Chandigarh. Both alleged persons have been arrested in this case. Investigation of the case is in progress.

आज लोक गीत मान कर गाये जाते हैं शिव कुमार बटालावी के गीत

कोरल ‘पुरनूर’ चंडीगढ़ – 23 जुलाई:

जन्मदिवस पर विशेष: पंजाबी के विद्यापति ‘शिव कुमार बटालवि’

शिव बटालवि

अमृता के ‘बिरह के सुल्तान’ लोक संस्कृति के पुरोधा भी हैं

शिव के गीत भारत पाकिस्तान में घर घर गली गली महफिल महफिल इस क़दर मशहूर हैं सभी आम – ओ – खास उनको लोक गीत ही समझकर गाते सुनते हैं लट्ठे दी चादर , ईक मेरी अख कासनी, जुगनी, म्धानियाँ हाय ओह … आदि  जैसे गीत हमारी संस्कृति का हिस्सा  ही नहीं बल्कि पंजाबी को द्निया में अहम स्थान दिलाने के श्रेय के भी अधिकारी है शिव पंजाब का विद्यापति है।

‘इक कुड़ी जिहदा नाम मोहब्बत गुम है’ उनकी शाहकार रचना  में भावनाओं का उभार, करुणा, जुदाई और प्रेमी के दर्द का बखूबी चित्रण है।

शिव कुमार बटालवी के गीतों में ‘बिरह की पीड़ा’ इस कदर थी कि उस दौर की प्रसिद्ध कवयित्री अमृता प्रीतम ने उन्हें ‘बिरह का सुल्तान’ नाम दे दिया। शिव कुमार बटालवी यानी पंजाब का वह शायर जिसके गीत हिंदी में न आकर भी वह बहुत लोकप्रिय हो गया। उसने जो गीत अपनी गुम हुई महबूबा के लिए बतौर इश्तहार लिखा था वो जब फ़िल्मों तक पहुंचा तो मानो हर कोई उसकी महबूबा को ढूंढ़ते हुए गा रहा था

वे 1967 में वे साहित्य अकादमी पुरस्कार पाने वाले सबसे कम उम्र के साहित्यकार बन गये। साहित्य अकादमी (भारत की साहित्य अकादमी) ने यह सम्मान पूरण भगत की प्राचीन कथा पर आधारित उनके महाकाव्य नाटिका ‘लूणा’ (1965) के लिए दिया, जिसे आधुनिक पंजाबी साहित्य की एक महान कृति माना जाता है और जिसने आधुनिक पंजाबी किस्सा गोई की एक नई शैली की स्थापना की।

        शिव कुमार का जन्म 23 जुलाई 1936 को गांव बड़ा पिंड लोहटिया, शकरगढ़ तहसील (अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में) राजस्व विभाग के ग्राम तहसीलदार पंडित कृष्ण गोपाल और गृहिणी शांति देवी के घर में हुआ। भारत के विभाजन के बाद उनका परिवार गुरदासपुर जिले के बटाला चला आया, जहां उनके पिता ने पटवारी के रूप में अपना काम जारी रखा और बाल शिव ने प्राथमिक शिक्षा पाई। लाहौर में पंजाबी भाषा की क़िताबें छापने वाले प्रकाशक ‘सुचेत क़िताब घर’ ने 1992 में शिव कुमार बटालवी की चुनिंदा शायरी की एक क़िताब ‘सरींह दे फूल’ छापी.

5 फ़रवरी 1967 को उनका विवाह गुरदासपुर जिले के किरी मांग्याल की ब्राह्मण कन्या अरुणा से हुआ  और बाद में दंपती को दो बच्चे मेहरबां (1968) और पूजा (1969) हुए। 1968 में चंडीगढ़ चले गये, जहां वे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में जन संपर्क अधिकरी बने, वहीं अरुणा बटालवी पुंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के पुस्तकालयमें कार्यरत रहीं। आज शिव कुमार बटालवी का परिवार केनेडा में रहता है।

ग्रामीण क्षेत्रों मे रहने वाले किसानों ओर बाकी लोगों के संपर्क में आए ओर उन्हीं की बातें अपने लेखन में ढाली उनको जानने वाले लोग उनकी जीवन शैली और दिनचर्या के बारे में बताते हैं के वो राँझे की सी जिंदगी जीते थे वह ऐसे कवि थे जो कि अपनी रचना को स्वयं लयबद्ध करते थे।

        बटालवी की नज्मों को सबसे पहले नुसरत फतेह अली खान ने अपनी आवाज दी. नुसरत ने उनकी कविता ‘मायें नी मायें मेरे गीतां दे नैणां विच’ को गाया था. इसके बाद तो जगजीत सिंह – चित्रा सिंह, रबी शेरगिल, हंस राज हंस, दीदार सिंह परदेसी और सुरिंदर कौर जैसे कई गायकों ने बटालवी की कविताएं गाईं. उस शायर के लिखे हुए गीत – अज्ज दिन चढ्या, इक कुड़ी जिद्दा नां मुहब्बत, मधानियां, लट्ठे दी चादर, अक्ख काशनी आदि आज भी न केवल लोगों की जुबां पर हैं बल्कि बॉलीवुड भी इन्हें समय समय पर अपनी फिल्मों को हिट करने के लिए यूज़ करता आ रहा है. नुसरत फतेह अली, महेंद्र कपूर, जगजीत सिंह, नेहा भसीन, गुरुदास मान, आबिदा, हंस राज हंस….

     “असां ते जोबन रुत्ते मरना…” यानी “मुझे यौवन में मरना है, क्यूंकि जो यौवन में मरता है वो फूल या तारा बनता है, यौवन में तो कोई किस्मत वाला ही मरता है” कहने वाले शायर की ख़्वाहिश ऊपर वाले ने पूरी भी कर दी. मात्र छत्तीस वर्ष की उम्र में शराब, सिगरेट और टूटे हुए दिल के चलते 7 मई 1973 को वो चल बसे. लेकिन, जाने से पहले शिव ‘लूणा’ जैसा महाकाव्य लिख गये, जिसके लिए उन्हें सबसे कम उम्र में साहित्य अकादमी का पुरूस्कार दिया गया. मात्र इकतीस वर्ष की उम्र में. ‘लूणा’ को पंजाबी साहित्य में ‘मास्टरपीस’ का दर्ज़ा प्राप्त है और जगह जगह इसका नाट्य-मंचन होता आया है.

शिव को राजनीतिक चुनोतियों का भी सामना करना पड़ा  उन्होने पंजाबी ओर हिन्दी को हिन्दू – सिक्ख में बँटते भी देखा ओर इस बात का पुरजोर विरोध भी किया, अपनी मातृभाषा को इस तरह बँटते देखना असहनीय था।  लोगों के दोहरे व्यवहार और नकलीपन की वजह से उन्होंने कवि सम्मेलनों में जाना बंद कर दिया था. एक मित्र के बार-बार आग्रह करने पर वे 1970 में बम्बई के एक कवि सम्मलेन में शामिल हुए थे. मंच पर पहुँचने के बाद जब उन्होंने बोला तो पूरे हॉल में सन्नाटा छा गया. उन्होंने बोला कि आज हर व्यक्ति खुद को कवि समझने लगा है, गली में बैठा कोई भी आदमी कवितायें लिख रहा है. इतना बोलने के बाद उन्होंने अपनी सबसे प्रसिद्ध रचना ‘इक कुड़ी जिदा नाम मोहब्बत है, गुम है’ सुनाई. इस पूरे पाठ के दौरान हॉल में सन्नाटा बना रहा. सच कहा जाए तो शिव कुमार कभी दुःख से बाहर निकल ही नहीं पाए. उन्हें हर समय कुछ न कुछ काटता ही रहा.

एक साक्षात्कार के दौरान शिव ने कहा आदमी, जो है, वो एक धीमी मौत मर रहा है. और ऐसा हर इंटेलेक्चुअल के साथ हो रहा है, होगा.”

राशिफल 23 जुलाई 2020

Aries

23 जुलाई 2020: ज़िन्दगी की बेहतरीन चीज़ों को शिद्दत से महसूस करने के लिए अपने दिल-दिमाग़ के दरवाज़े खोलें. चिंता को छोड़ना इसकी ओर पहला क़दम है. उधार मांगने वाले लोगों को नज़रअन्दाज़ करें. निजी मसले नियन्त्रण में रहेंगे. नाते-रिश्तेदार तरक़्क़ी और समृद्धि के लिए नयी योजनाएं लाएंगे. दिक़्क़तों का तेज़ी से मुक़ाबला करने की आपकी क्षमता आपको ख़ास पहचान दिलाएगी. जीवनसाथी के साथ रोज़ाना की खटपट आज बद-से-बदतर हो सकती है.

Taurus

23 जुलाई 2020: अध्यात्म की सहायता लेने का सही समय है, क्योंकि मानसिक तनाव को मार भगाने के लिए यह सबसे बेहतरीन विकल्प है. ध्यान और योग आपकी मानसिक मज़बूती को बढ़ाने में कारगर रहेंगे. आपकी लगन और मेहनत पर लोग ग़ौर करेंगे और आज इसके चलते आपको कुछ वित्तीय लाभ मिल सकता है. आज आप अपने चारों तरफ़ के लोगों के बर्ताव के चलते खीज महसूस करेंगे. प्यार का जज़्बा ठण्डा पड़ सकता है. बड़े उद्योगपतियों के साथ साझीदारी का व्यवसाय फ़ायदेमंद रहेगा. ऐसी जानकारियों को उजागर न करें जो व्यक्तिगत और गोपनीय हों. जीवन साथी से पूर्णरूपेण सहयोग न मिलने के कारण आप निराश हो सकते हैं. दिन के पहले भाग में ख़ुद को थोड़ा अलसाहट भरा महसूस कर सकते हैं.

Gemini

23 जुलाई 2020: मानसिक दबाव के बावजूद आपकी सेहत अच्छी रहेगी. जल्दबाज़ी में निवेश न करें- अगर आप सभी मुमकिन कोणों से परखेंगे नहीं तो नुक़सान हो सकता है. अगर आप दफ़्तर में अतिरिक्त समय लगाएंगे, तो आपकी घरेलू ज़िंदगी पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. आज ही लंबे वक़्त से चले आ रहे झगड़ों को सुलझा लें, क्योंकि हो सकता है कि कल बहुत देर हो जाए. दूसरों को ऐसा काम करने के लिए बाध्य न करें, जो आप स्वयं न करना चाहें. आज का दिन फ़ायदेमंद साबित होगा, क्योंकि ऐसा लगता है कि चीज़ें आपके पक्ष में जाएंगी और आप हर काम में अव्वल रहेंगे. आपको ख़ुश करने के लिए आपका जीवनसाथी काफ़ी कोशिशें कर सकता है. बेहतर भविष्य की योजना बनाना कभी बुरा नहीं होता. आज के दिन का अच्छा प्रयोग आप उज्ज्वल भविष्य की योजना बनाने के लिए कर सकते हैं.

Cancer

23 जुलाई 2020: ख़ुशी से भरा अच्छा दिन है. आज निवेश के जो नए अवसर आपकी ओर आएं, उनपर विचार करें. लेकिन धन तभी लगाएं जब आप उन योजनाओं का भली-भांति अध्ययन कर लें. आपके जीवनसाथी की सेहत आपको चिंता में डाल सकती है. अगर आप अपने प्रिय को पर्याप्त समय न दें, तो वह नाराज़ हो सकता/सकती है. तरोताज़गी और मनोरंजन के लिए बढ़िया दिन, लेकिन अगर आप काम कर रहे हैं तो व्यावसायिक लेन-देन में सावधानी की ज़रूरत है. छुपे हुए दुश्मन आपके बारे में अफ़वाहें फैलाने के लिए अधीर होंगे. आप अपने जीवन की कुछ यादगार शामों में से एक आज अपने जीवनसाथी के साथ बिता सकते हैं. सप्ताह के आख़िर में छुट्टियों के दिन पलक झपकाते ही ग़ायब हो जाते हैं. इसलिए अब आलस्य को ख़ुद पर हावी न होने दें और बाक़ी बचे कामों को झटपट हाथ में लें.

Leo

23 जुलाई 2020: घरेलू परेशानियां आपको तनाव दे सकती हैं. ख़र्चों पर क़ाबू रखने की कोशिश करें और सिर्फ़ ज़रूरी चीज़ें ही ख़रीदें. अपने बर्ताव में उदार बनें और परिवार के साथ प्यार भरे लम्हे गुज़ारें. प्यार के मामले में आज आप ग़लत समझे जा सकते हैं. अगर आप कामकाज के लिए ज़रूरत से ज़्यादा दबाव बनाएंगे तो लोग भड़क सकते हैं – कोई भी फ़ैसला लेने से पहले दूसरों की ज़रूरतों को समझने की कोशिश करें.अपने जीवनसाथी के चलते आप महसूस करेंगे कि स्वर्ग धरती पर ही है. विचारों से ही मनुष्य की दुनिया बनती है – कोई बेहतरीन किताब पढ़कर आप अपनी विचारधारा को और सशक्त कर सकते हैं.

Virgo

23 जुलाई 2020: मानसिक शान्ति के लिए किसी दान-पुण्य के काम में सहभागिता करें. आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा, लेकिन पैसे का लगातार पानी की तरह बहते जाना आपकी योजनाओं में रुकावट पैदा कर सकता है. रोमांस का फूल खिल सकता है. ऐसे काम हाथ में लें, जो रचनात्मक हैं. बाहरी लोगों का हस्तक्षेप आपके वैवाहिक जीवन में परेशानी उत्पन्न कर सकता है. छुट्टी वाले दिन काम करने से ज़्यादा झल्लाहट भरा कुछ नहीं हो सकता है; मुमकिन है कि आज आपको पूरे दिन इस झल्लाहट से जूझना पड़े. 

Libra

23 जुलाई 2020: आपका उदार स्वभाव आज आपके लिए कई ख़ुशनुमा पल लेकर आएगा. आज सफलता का मंत्र यह है कि उन लोगों की सलाह पर पैसे लगाएं, जो मौलिक सोच रखते हों और अनुभवी भी हों. घर को सजाने-संवारने के अलावा बच्चों की ज़रूरतों पर भी ध्यान दें. बच्चों के बिना घर आत्मा के बिना शरीर की तरह है, फिर चाहे वह कितना भी ख़ूबसूरत क्यों न हो. बच्चे घर में उत्साह और खुशियों की सौगात लाते हैं. ज़रूरत से ज़्यादा जज़्बाती होना आपका दिन बिगाड़ सकता है- ख़ास तौर पर तब जब आप अपने प्रिय को किसी और के साथ थोड़ा ज़्यादा दोस्ताना मिज़ाज का होते हुए देखेंगे. कड़ी मेहनत और पर्याप्त कोशिश अच्छा फल देगी. आज सोच-समझकर क़दम बढ़ाने की ज़रूरत है.

Scorpio

23 जुलाई 2020: आपको वे काम करने चाहिए, जो आपके स्वास्थ्य और सौन्दर्य में सुधार करने में मदद करें. आप पैसा बना सकते हैं, बशर्ते आप अपनी जमा-पूंजी पारम्परिक तौर पर निवेश करें. बढ़िया दिन है जब आप सबके ध्यान को अपनी तरफ़ खींचेंगे- आपके सामने चुनने के लिए कई चीज़ें होंगी और आपके सामने समस्या यह होगी कि किसे पहले चुना जाए. आपके प्रिय का प्यारा बर्ताव आपको ख़ास होने का अनुभव कराएगा; इन लम्हों का पूरा लुत्फ़ उठाएं. जिस पहचान और पुरस्कार की उम्मीद आप कर रहे थे, वह बाद के लिए टल सकती है और आपको हताशा का सामना करना पड़ सकता है. गप्पबाज़ी और अफ़वाहो से दूर रहें. आज आपको ऐसा अनुभव होगा कि आपके जीवनसाथी के द्वारा आपको नीचा दिखाया जा रहा है. जहां तक सम्भव हो इसे नजरअंदाज करें. स्वयं के लिए अच्छा समय निकालना बढ़िया रहेगा. आपको इसकी सख़्त ज़रूरत भी है.

Sagittarius

23 जुलाई 2020: इस वक़्त यह समझना बहुत ज़रूरी है कि मानसिक दुश्मन आपके शरीर की बीमारी से लड़ने की क्षमता को बहुत कम कर देते हैं. इसलिए नकारात्मक विचारों को अपने दिमाग़ में जगह न बनाने दें. अपने सामाजिक जीवन को दरकिनार न करें. अपनी व्यस्त दिनचर्या में से थोड़ा-सा समय निकालकर अपने परिवार के साथ किसी आयोजन में शिरकत करें. यह न सिर्फ़ आपका दबाव कम करेगा, बल्कि आपकी झिझक भी मिटा देगा. आज आपकी मुस्कान बेमानी है, हंसी में वो खनक नहीं है, दिल धड़कने में आनाकानी कर रहा है; क्योंकि आप किसी ख़ास के साथ की कमी महसूस कर रहे हैं. कामकाज के मोर्चे पर यह एक मुश्किल दिन हो सकता है. टैक्स और बीमे से जुड़े विषयों पर ग़ौर करने की ज़रूरत है. अगर आप अपने जीवनसाथी से स्नेह की आशा रखते हैं, तो यह दिन आपकी आशाओं को पूरा कर सकता है. इस सप्ताहांत में आप काफ़ी-कुछ करना चाहते हैं, लेकिन अगर आप काम टालते रहेंगे तो ख़ुद पर ही खीझ पैदा होने लगेगी.

Capricorn

23 जुलाई 2020: दोस्त से मिली ख़ास तारीफ़ ख़ुशी का ज़रिया बनेगी. ऐसा इसलिए है क्योंकि आपने अपनी ज़िंदगी को पेड़ की तरह बना लिया है, जो ख़ुद तपती धूप में खड़ा होकर और उसे सहकर भी राहगीरों को छांव देता है. रुका हुआ धन मिलेगा और आर्थिक हालात में सुधार आएगा. कोई ऐसा जिसके साथ आप रहते हैं, आपके लापरवाह और अनिश्चित बर्ताव की वजह से चिढ़ सकता है. काम के दबाव के चलते मानसिक उथल-पुथल और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. दिन के उत्तरार्ध में ज़्यादा तनाव न लें और आराम करें. अगर आप अपने काम पर ध्यान एकाग्र करें, तो आप अपनी उत्पादकता दोगुनी कर सकते हैं. आपका कम्यूनिकेशन और काम करने की क्षमता असरदार सिद्ध होंगे. वैवाहिक जीवन के नज़रिए से आज के दिन आपके सब्र का इम्तिहान है. चीज़ें क़ाबू में रखने के लिए मन को शान्त रखें. अगर आज कुछ अधिक करने को नहीं है तो अपने घर के सामानों को दुरुस्त करके आप अपने को व्यस्त रख सकते हैं.

Aquarius

23 जुलाई 2020: आपको सेहत से जुड़ी परेशानियों के चलते अस्पताल जाना पड़ सकता है, अतः सावधानी अपेक्षित है. रियल एस्टेट और वित्तीय लेन-देन के लिए अच्छा दिन है. लोगों के साथ ठीक तरह से पेश आएं, ख़ास तौर पर उनके साथ जो आपसे प्यार करते हैं और आपका ख़याल रखते हैं. आपको अपनी ओर से सबसे अच्छा बर्ताव करने की ज़रूरत है, क्योंकि आपके प्रिय का मूड बहुत अनिश्चित होगा. किसी लघु या मध्यावधि पाठ्यक्रम में दाखिला लेकर अपनी तकनीकी क्षमताओं में निखार लाएं. महत्वपूर्ण लोगों के साथ बातचीत करते वक़्त अपने शब्दों को ग़ौर से चुनें. जीवनसाथी के साथ वाद-विवाद होने की काफ़ी संभावना है.

Pisces

23 जुलाई 2020: सफलता क़रीब होने के बावजूद आपकी ऊर्जा के स्तर में गिरावट आएगी. कुछ ख़रीदने से पहले उन चीज़ों का इस्तेमाल करें, जो पहले से आपके पास हैं. आपको बच्चों के साथ कुछ समय बिताने, उन्हें अच्छे संस्कार देने और उनकी ज़िम्मेदारी समझाने की ज़रूरत है. आपका प्यार न सिर्फ़ परवान चढ़ेगा, बल्कि नई ऊंचाइयों को भी छूएगा. दिन की शुरुआत प्रिय की मुस्कान से होगी और रात उसके सपनों में ढलेगी. व्यापारियों के लिए अच्छा दिन है. आप उन लोगों की तरफ़ वादे का हाथ बढ़ाएंगे, जो आपसे मदद की गुहार करेंगे. हो सकता है अपने जीवनसाथी से गर्मागरम बहस के बाद आपका मन करे कि आप अपना सर फ़ोड़ लें. बेहतर रहेगा कि आप थोड़ा योगाभ्यास करें. ध्यान सर्वश्रेष्ठ मानसिक औषधि है जो आपकी कार्यक्षमता को आश्चर्यजनक रूप से बढ़ा सकता है. आपके पास आज इसके लिए समय भी है.

23 जुलाई : हरियाली तीज व्रत

हरियाली तीज सावन महीने में आने वाला, स्त्रियों का मुख्य पर्व है. हिन्दू पंचांग के अनुसार, इसे सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को धूमधाम के साथ मनाया जाता है. सावन महीने  में आने के कारण, इसे श्रावणी तीज भी कहा जाता है. इस बार हरियाली तीज कल यानी 23 जुलाई (गुरुवार) को मनाई जाएगी. कुछ जगह इसे कजली तीज के नाम से भी जाना जाता है. तीज का त्योहार सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत खास होता है. इस दिन सुहागन स्त्रियां व्रत रखती हैं. मां पार्वती और शिव जी की पूजा करके अपने पति की लंबी उम्र और सौभाग्य की प्रार्थना करती हैं. इस दिन महिलाएं बागों में झूला झूलती हैं और अपने हाथों पर मेहंदी भी रचाती हैं.

हरियाली तीज 2020 का शुभ मुहूर्त

(बुधवार) जुलाई 22, 2020 को 19:23:49 से तृतीया आरम्भ
(गुरुवार) जुलाई 23, 2020 को 17:04:45 पर तृतीया समाप्त

इस दिन मघा नक्षत्र होगा और व्यतीपात योग होने से इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है.

हरियाली तीज के विभिन्न नाम

इस दौरान पृथ्वी पर चारों ओर हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है और यही कारण है कि इसे हरियाली तीज कहा जाता है. ये पर्व उत्तर भारत के राज्यों का मुख्य त्यौहार है, जिसके चलते इसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, झारखंड में हर साल हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है. ये पर्व विदेशों में रह रहे भारतीयों द्वारा भी मनाया जाता है. वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में इसे कजली तीज के नाम से जाना जाता है. सालभर सावन और भाद्रपद के महीने में, कुल 3 तीज आती हैं, जिनमें पहली हरियाली तीज व छोटी तीज, दूसरी कजरी तीज और फिर अंत में हरतालिका तीज मनाई जाती है.

हरियाली तीज हर वर्ष नागपंचमी पर्व से, ठीक 2 दिन पूर्व मनाए जाने का विधान है. हरियाली तीज से लगभग 15 दिन बाद कजली तीज आती है. तीज का त्यौहार मुख्य रूप से महिलाओं में बेहद प्रसिद्ध होता है. इस दौरान महिलाओं द्वारा व्रत कर और सुंदर-सुंदर वस्त्र पहनकर, तीज के गीत गाए जाने की परंपरा है, जिसे सालों से निभाया जा रहा है.

हरियाली तीज का महत्व

हरियाली तीज का पर्व विशेष रूप से, भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित होता है. माना जाता है कि इस दिन ही, भगवान शिव पृथ्वी पर अपने ससुराल आते है, जहां उनका और मां पार्वती का सुंदर मिलन होता है. इसलिए इस तीज के दिन, महिलाएं सच्चे मन से मां पार्वती की पूजा-आराधना करते हुए, उनसे आशीर्वाद के रूप में अपने खुशहाल और समृद्ध दांपत्य जीवन की कामना करती हैं. इस पर्व में हरे रंग का भी अपना एक अलग महत्व होता है. विवाहित महिलाएं इस दिन अपने पीहर जाती हैं, जहां वह हरे रंग के वस्त्र जैसे साड़ी या सूट पहनती हैं. सुहाग की सामग्री के रूप में इस दिन हरी चूड़ियां पहने जाने का विधान है. साथ ही महिलाएं इस पर्व पर खास झूला डालने की परंपरा भी निभाती हैं.

यही कारण है कि इस दिन विवाहित महिलाएं और कुंवारी लड़कियां पूर्ण श्रृंगार करके झूला झूलती हैं. विवाहित महिलाओं के ससुराल पक्ष द्वारा इस दौरान सिंधारा देने की परंपरा है जो एक सास अपनी बहू को उसके मायके जाकर देती हैं. सिंधारे के रूप में महिला को मेहंदी, हरी चूड़ियां, हरी साड़ी, घर के बने स्वादिष्ट पकवान और मिठाइयां जैसे गुजिया, मठरी, घेवर, फैनी देती हैं. सिंधारा देने के कारण ही इस तीज को सिंधारा तीज भी कहा जाता है. सिंधारा सास और बहू के आपसी प्रेम और स्नेह का प्रतिनिधित्व करता है.

हरियाली तीज की संपूर्ण पूजा-विधि

हिन्दू धर्म में हर कार्य को करने और उससे शुभ फल प्राप्ति के लिए कुछ नियम बताएं जाते हैं. इसके अनुसार अगर उस कार्य को किया जाए तो उससे न केवल सफलता प्राप्त होने की संभावना बढ़ जाती है, बल्कि उसका फल भी अधिक मिलता है. इसलिए हरियाली तीज की पूजा-विधि के लिए भी शास्त्रों में, कुछ विशेष नियमों का उल्लेख किया गया है. आइए जानते हैं, हरियाली तीज की संपूर्ण पूजा-विधि.

  • हरियाली तीज वाले दिन महिलाओं को ब्रह्म मुहूर्त में ही, प्रात: काल जल्दी उठना चाहिए.
  • इसके बाद स्नान, आदि से स्वच्छ होकर, नए वस्त्र पहनने चाहिए.
  • फिर पूजा घर की अच्छे से सफाई कर, वहां गंगाजल से छिड़काव करें.
  • इसके पश्चात स्वच्छ मिट्टी से भगवान शिव, मां पार्वती और बाल गणेश जी की प्रतिमा या मूर्ति का निर्माण करना चाहिए. अगर ऐसा करना संभव न हो तो, आप समस्त शिव परिवार की मूर्ति अथवा चित्र भी पूजा घर में रख सकते हैं.
  • अब एक चौकी पर स्वच्छ हरे रंग का वस्त्र बिछा लें और पूर्व दिशा की ओर मुंह करके भगवान का ध्यान करें.
  • फिर उस चौकी पर भगवान शिव के परिवार की मूर्ति अथवा चित्र को स्थापित करें.
  • इसके बाद ही वैवाहिक महिलाएं अपने समृद्ध दांपत्य जीवन की और कुवारी महिलाएं इच्छानुसार वर की प्राप्ति हेतु, सच्चे मन से हरियाली तीज का व्रत रखने का संकल्प लें.
  • इसके बाद सर्वप्रथम भगवान बाल गणेश की पंचोपचार पूजा कर, उनका भी आशीर्वाद लें.
  • अब भगवान महादेव और मां पार्वती की पूजा-आराधना करनी चाहिए.
  • पूजा के दौरान मां पार्वती को श्रृंगार और सुहाग की संपूर्ण सामग्री और भगवान शिव को वस्त्र अर्पित करें.
  • इसके बाद महिलाओं को तीज के व्रत की कथा पढ़नी या सुननी चाहिए.
  • महिलाएं चाहे तो एक समूह बनाकर अन्य महिलाओं के साथ भी इस व्रत की कथा को पढ़ या सुन सकती हैं.
  • इसके बाद सच्ची श्रद्धा से भगवान गणेश, भगवान शिव और मां पार्वती की पावन आरती करें.
  • इस दौरान उन्हें नैवेद्य अर्पित करें और फिर उन्हें घर के बने स्वादिष्ट पकवानों का भोग लगाएं. फिर उसी प्रसाद को खुद ग्रहण करें और दूसरों में बाटें.
  • अंत में संध्या काल में एक समय सात्विक भोजन करते हुए, तीज का व्रत खोलें.
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पंचांग 23 जुलाई 2020

आज 23 जुलाई को हिंदू पंचांग के अनुसार हरियाली तीज है. हर साल सावन माह में विवाहित महिलाएं यह व्रत करती हैं. महिलाएं आज पति की लंबी आयु की कामना के साथ निर्जल उपवास करती हैं. आज महिलाएं माता पार्वती और भगवान शिव की भी पूजा अर्चना करेंगी.

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1942, 

मासः श्रावण़़, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः तृतीया सांय 05.04 तक है, 

वारः गुरूवार, 

नक्षत्रः मघा सांय 05.44 तक, 

योगः व्यातिपात दोपहर 12.02 तक, 

करणः तैतिल, 

सूर्य राशिः कर्क, 

चंद्र राशिः सिंह, 

राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.41, 

सूर्यास्तः 07.13 बजे।

नोटः आज मधुस्रुवा हरियाली सिंघारा तीज।

विशेषः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरुवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।