रैग पीकर्स का सर्वे शुरू एक सप्ताह में होगा पूरा आई. कार्ड होंगे जारी : उपायुक्त

 मनोज त्यागी, करनाल 7 जुलाई :

नगर निगम की ओर से रैग पीकर्स यानि कूड़ा बीनने वाले लोगों की पहचान के लिए  सर्वे का काम सोमवार से शुरू हो गया है। निगम के मोटीवेटर्स की टीम, नगर निगम क्षेत्र के गली-मोहल्लों में जाकर इनका पता लगा रही है और यह काम एक सप्ताह में पूरा करने को कहा गया है।

         उपायुक्त एवं नगर निगम आयुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि सर्वे को लेकर शहर में रैग पीकर्स की संख्या, प्रवासी हैं या स्थानीय, घरों, सड़कों व सोलिड वेस्ट के ढेरों से कचरा एकत्रीकरण के बाद उसे सैग्रीगेट करके बेचते हैं तथा वर्षभर में कितनी मात्रा में रैग की ब्रिकी करते हैं, जैसे सवाल पूछ कर उसकी जानकारी जुटाई जा रही है। रैग पीकर्स की पारिवारिक स्थिति, उनके बच्चे स्कूल में दाखिल हैं या नहीं, बीनने के कार्य में मास्क या ग्लोव्स का प्रयोग करते हैं या नहीं, जैसी जानकारी ली जा रही है। सर्वे मुकम्मल कर लेने के बाद पहचान किए गए रैग पीकर्स को नगर निगम आई. कार्ड जारी करेगा।

             आयुक्त ने बताया कि वास्तव में कूड़ा बीनने का काम समाज के कुछलोग करते हैं, जो सोलिड वेस्ट मेनेजमेंट व स्वच्छता रैंकिंग में सार्वजनिक भागीदारी को बेहतर बनाते हैं। अब ऐसे लोगों को जागरूक किया जाएगा, ताकि स्मार्ट सिटी में शामिल सोलिड वेस्ट मेनेजमेंट को ओर प्रभावी बनाने के लिए शामिल कम्पोनेंट के तहत, घर-घर से कचरा कॉलेक्शन दक्षता में सुधार किया जा सके।

           उन्होंने बताया कि सर्वे में जिन रैग पीकर्स के बच्चे स्कूल नहीं जाते, उनको स्कूल में दाखिल करवाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। सम्भवत: उन्हें रैग पीकर्स के काम में मास्क व ग्लोव्स भी वितरित किए जाएं, ताकि स्वास्थ्य की दृष्टिï से वह सुरक्षित रहें। जागरूकता को लेकर उन्हें कूड़े में पड़े वेस्ट मास्क व ग्लोब्स को हाथ ना लगाने बारे भी कहा जाएगा।

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