Saturday, February 8

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक टीम संदेसारा घोटाला मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से पूछताछ करने के लिए आज उनके घर पहुंची। एजेंसी ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन उन्होंने कहा था कि वह सीनियर सिटीजन हैं और कोविड-19 गाइडलाइन के कारण पूछताछ के लिए नहीं आ सकते हैं।

नई दिल्ली. कांग्रेस के सीनियर नेता अहमद पटेल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. प्रवर्तन निदेशालय की टीम पूछताछ के लिए उनके घर पर पहुंची है. कहा जा रहा है कि संदेसरा घोटाले में उनका बयान रिकॉर्ड किया जा रहा है. अहमद पटेल ने जांच एजेंसी को कहा था कि उनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है इसलिए वो पूछताछ के लिए ईडी के ऑफिस नहीं जा सकते हैं. इसी को देखते हुए ईडी की टीम शनिवार को उनके घर पहुंची.

भारतीय बैंकों को नीरव मोदी के मुकाबले कहीं ज्यादा चूना लगाया है। यह दावा है प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का। इस केंद्रीय एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि जांच में स्टर्लिंग बायोटेक लि. (एसबीएल)/संदेसरा ग्रुप और इसके मुख्य प्रमोटरों, नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा और दीप्ति संदेसरा ने भारतीय बैंकों के साथ लगभग 14,500 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया जबकि नीरव मोदी पर पंजाब नैशनल बैंक को 11,400 करोड़ रुपये का झटका देने का आरोप है।

सीबीआई ने 5,383 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड के आरोप में कंपनी और उसके प्रमोटरों के खिलाफ अक्टूबर 2017 में एफआईआर रजिस्टर किया था। उसके बाद ईडी ने भी मुकदमा दायर किया। सूत्रों के मुताबिक, जांच के दौरान पता चला कि संदेसरा ग्रुप के विदेशों में स्थित कंपनियों ने भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं से 9 हजार करोड़ रुपये लोन लिया था।

क्या है संदेसरा घोटाला?

ईडी के मुताबिक संदेसरा स्कैम पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के घोटाले से भी बड़ा है. ईडी के सूत्रों के मुताबिक स्टर्लिंग बॉयोटेक कंपनी लिमिटेड और संदेसरा ग्रुप के मेन प्रमोटर नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा और दीप्ति संदेसरा ने फर्जी कंपनियां बनाकर कई बैंकों को करीब 14,500 करोड़ का चूना लगाया. पिछले साल ईडी ने इस मामले की जांच के तहत स्टर्लिंग बायोटेक की 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की थी. इसमें नाइजीरिया में तेल रिग, पोत, एक कारोबारी विमान और लंदन में एक आलीशान फ्लैट शामिल है. इसी घोटाले के तहत अहमद पटेल से पूछताछ की जा रही है.

विदेशी मुद्रा में लोन

जांच अधिकारी ने कहा कि एसबीएल ग्रुप भारतीय बैंकों से रुपये के साथ-साथ विदेशी मुद्रा में भी लोन लिए थे। ग्रुप को आंध्र बैंक, यूको बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), इलाहाबाद बैंक और बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) की अगुवाई वाले बैंकों के कंसोर्शियम ने लोन पास किया।

जांच के दौरान यह भी पता चला कि लोन से मिली रकम का अनुमति से इतर इस्तेमाल किया और कुछ रकम को फर्जी देसी-विदेशी संस्थानों के जरिए इधर से उधर ट्रांसफर किए। मुख्य प्रमोटरों ने कर्ज की रकम न केवल नाइजीरिया में अपने तेल के कारोबार में लगाई, बल्कि इसका निजी मकसदों में भी इस्तेमाल किया।ईडी ने 27 जून को एसबीएल/संदेसरा ग्रुप का 9,778 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी