आयुक्त की किराएदारो व प्रॉपर्टी टैक्स दाताओं को अपील समय पर चुकाएं किराया व टैक्स।
मनोज त्यागी करनाल 23 जून :
लम्बे समय से दुकानो का किराया ना चुकाने से डिफाल्टरों की श्रेणी में शामिल शहर की शहीद भगत सिंह मार्किट और लहसून मंडी में मौजूद तीन दुकानो को आखिर मंगलवार के दिन नगर निगम की टीम ने सील कर दिया। इनमें दो दुकाने रेलवे रोड स्थित भगत सिंह मार्किट में दुकान नम्बर-14 और छोटी दुकान बूथ नम्बर-1 के नाम से और तीसरी 23 नम्बर दुकान लहसून मंडी में वर्ष 1974-75 से चल रही थी।
जिला उपायुक्त एवं नगर निगम आयुक्त निशांत कुमार यादव ने दुकानो को सील करने की कार्रवाई को लेकर बताया कि उस समय के नगर सुधार मण्डल की ओर से जिन दुकानदारों को यह दुकाने किराए पर दी गई थी, वह बहुत कम था। नियमानुसार हर 5 साल के बाद किराए में 25 प्रतिशत की वृद्घि हो जाती है, जो किराएदार को किराए के रूप में चुकाना पड़ता है। लेकिन किराएदारों ने 25 प्रतिशत की राशि के साथ किराया नहीं दिया, उल्टे न्यायालय में चले गए। समय बीतते-बीतते इसके बाद वर्ष 2013 में न्यायालय का फैसला नगर सुधार मण्डल के हक में आया और मण्डल कार्यालय की ओर से कैल्कूलेशन करके इन दुकानदारों को बढ़ा हुआ किराया भरने के नोटिस दिए गए, जिसमें से पुराना किराया घटाकर शेष राशि की डिमांड की गई। इस पर भी इन दुकानदारों ने किराए को नगर सुधार मण्डल और अब नगर निगम में भरना उचित नहीं समझा। बीते 4 साल से निगम और दुकानदारों के बीच नोटिस का सिलसिला चलता रहा। पर्सनल हियरिंग भी की गई, लेकिन वही ढाक के तीन पात रहे और अंतत: दुकानों को सील करने की कार्रवाई अमल में लाई गई।
आयुक्त ने बताया कि नगर निगम की टीम में डीटीपी विक्रम कुमार को ड्ïयूटी मजिस्ट्रेट बनाया गया था। डीटीपी की अगुवाई में सचिव बाल सिंह, जेई राम निवास, सहायक राम सिंह व सुशील कुमार पुलिस बल के साथ आज दोपहर के समय दोनो जगह पर गए और करीब 2 घण्टे तक चली कार्रवाई में दुकानो को सील कर दिया। भारी पुलिस बल में महिला और पुलिस दोनो तरह के दोनो तरह के मुलाजिम थे। भगत सिंह मार्किट में किसी तरह का विरोध नहीं हुआ, जबकि लहसून मंडी में दुकानदार ने हल्का विरोध जताने की कोशिश की, लेकिन उसकी एक ना चली, अर्थात सारा मामला शांति से निपट गया।
निगम आयुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि नगर निगम की दुकाने जो किराए पर दी गई हैं, उनसे दुकानदारों का बिजनेस चलता है और किराया भी जायज है। ऐसे दुकानदारों को चाहिए कि समय पर अपना किराया चुकाएं, ताकि नगर निगम को आय होती रहे और वह शहर के विकास पर खर्च की जा सके। आयुक्त का कहना है कि दुकानो का किराया हो या प्रॉपर्टी टैक्स, सभी को समय पर अपना किराया अथवा टैक्स निगम के खजाने में जमा करवाना चाहिए। उन्होंने डिफाल्टरों को चेतावनी देते हुए कहा है कि जो दुकानदार अथवा प्रॉपर्टी टैक्स दाता निगम को किराया अथवा टैक्स नहीं चुकाएगा, उसके खिलाफ दुकान व प्रॉपर्टी को सील करने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।