कृषि योग्य भूमि पर धान नहीं लगाने वाली पंचायतों को मिलेगी 7500 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि: उपायुक्त निशांत कुमार यादव।

योजना का लाभ उठाने के लिए किसान स्वयं करें agriharyana.gov.in पोर्टल पर पंजीकरण।

मनोज त्यागी, करनाल – 9 जून:

 उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने जिला के किसानों से अपील की कि मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत धान की जगह वैल्पिक फसल उगाएं और अगली पीढ़ी के लिए भू-जल बचाएं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा फसल विविधिकरण अपनाने पर किसानों को 7 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि का विशेष अनुदान दिया जा रहा है। इनमें 2 हजार रुपये की पहली किस्त पंजीकरण के सत्यापन पर तथा 5 हजार रुपये की दूसरी किस्त के रूप में फसल पकने पर दिया जाता है। इसके अलावा ग्राम पंचायतों को भी कृषि योग्य भूमि पर धान न लगाने पर 7500 रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि धान की फसल से मिलने वाला धन तो पानी की तरह बह जाएगा लेकिन धान उगाने में लगने वाला भू-जल कभी वापिस नहीं आएगा। इसलिए किसानों को भूमि जल के अंधाधूंध दोहन को रोकना होगा और धान की जगह कम लागत वाली फसलें जैसे मक्का, कपास, बाजरा, दलहन एवं सब्जियां तथा बागवानी की फसलें उगानी चाहिएं।

उन्होंने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के माध्यम से चलाई जा रही अन्य प्रोत्साहन योजनाओं व लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा सभी वैकल्पिक फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदारी की जाएगी। सामान्य मक्का बिजाई करने वाली मशीनों पर 40 प्रतिशत अनुदान, सभी अनाज मंडियों मक्का ड्रायर की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि वैकल्पिक फसलों का बीमा सरकारी खर्चे पर किया जाएगा, अनुदान राशि डीबीटी द्वारा सीधा किसान के खाते में जमा होगी, किसान बीज अपनी पसंद की एजेंसी से खरीद सकता है।

इसी प्रकार बागवानी विभाग के माध्यम से खरीफ फल व सब्जियों काश्त के लिए वर्तमान अनुदान राशि के अलावा 7 हजार रुपये अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। टपका सिंचाई प्रणाली की यूनिट लागत के तहत किसानों को केवल जीएसटी ही देना होगा, बांस, स्कैंटिंग लगाने पर प्रति एकड़ 31250 रुपये का अनुदान दिया जाता है। उन्होंने बताया कि पानी के तालाब पर 70 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक अनुदान व घुलनशील उर्वरकों पर 50 प्रतिशत अनुदान, पॉली हाऊस व नेट हाऊस लगाने पर 65 प्रतिशत अनुदान व सब्जियों में मलचिंग लगाने पर 6400 रुपये प्रति एकड़ अनुदान तथा फसलों में कीट की रोकथाम के लिए फेरोमैन ट्रैप/स्टीकी ट्रैप पर 75 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान है। इस योजना में खरीफ की बागवानी, फल व सब्जियां भी भावांतर भरपाई योजना में शामिल की गई हैं।

सभी किसान योजना का लाभ लेने के लिए agriharyana.gov.in के पोर्टल पर मेरा पानी-मेरी विरासत पर स्वयं पंजीकरण कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नम्बर 1800-180-2117 अथवा अपने कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारी से सम्पर्क कर सकते हैं

0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply