Monday, March 17
  • खनन तस्करों ने यमुना नदी से निकाला करोड़ों का पत्थर 
  • विभाग बेखबर आनन-फानन में पत्थर की कर दी  नीलामी
  • खनन माफिया से मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता
  • मीडिया से दूरी बना कर रखी गयी

      जिला प्रशासन द्वारा आज जिस करोड़ों रुपए के पत्थर को बोली लगाकर नीलाम किया गया है उस पत्थर को इकट्ठा करने में 1 दिन का समय नहीं लगता। इस पत्थर को इकट्ठा करने में काफी दिनों का समय लगा होगा।  ऐसे में विभाग कुंभकरण की नींद सोया हुआ था। इससे विभाग की खनन तस्करों के साथ मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता।

 कोशिक खान, छछरौली – 3 जून:

      खनन तस्करों द्वारा बड़े पैमाने पर यमुना नदी से निकाले गए करोड़ों रुपए के मोटे पत्थर को आज एडीसी यमुनानगर व एसडीएम की मौजूदगी में 80 लाख 61हजार में नीलाम कर दिया। बताया जा रहा है कि यहां पर लगाए गए मोटे पत्थर को साथ लगते क्षेत्र के लोगों ने बेचने के लिए अवैध रूप से स्टॉक कर रखा था। ऐसे में सिंचाई विभाग व खनन विभाग पर लोगों की निगाह है। कि कुछ दूरी पर ही सिंचाई विभाग का कार्यालय है। ऐसे में खनन माफिया ने करोड़ों रुपए का पत्थर कैसे इकट्ठा कर लिया। खनन माफिया द्वारा बड़े पैमाने पर इकट्ठे किए गए पत्थर की आज आनन-फानन में बोली लगाकर इसको नीलाम कर दिया गया। लेकिन अब तक यह भी मालूम नहीं हुआ यह पत्थर किन-किन लोगों ने किन के कहने पर यहां पर इकट्ठा किया था। हालांकि सिंचाई व माइनिंग विभाग इससे पल्ला झाड़ रहा है ।

एक दिन का काम नहीं करोड़ों का पत्थर इकट्ठा करना

       जिला प्रशासन द्वारा जिस करोड़ों रुपए के पत्थर को बोली लगाकर नीलाम किया गया है। उस पत्थर को इकट्ठा करने में 1 दिन का समय नहीं लगता। इस पत्थर को इकट्ठा करने में काफी दिनों का समय लगा होगा।  ऐसे में विभाग कुंभकरण की नींद सोया हुआ था। इससे विभाग की खनन तस्करों के साथ मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता।।

 होनी चाहिए विभागीय जांच

       ताजेवाला  के पास इकट्ठे किए गए करोड़ों रुपए के अवैध मोटे पत्थर को किन-किन लोगों ने विभाग के किन किन कर्मचारियों के साथ मिलकर इकट्ठा किया था। इसकी विभागीय जांच होनी चाहिए। तभी दूध का दूध और पानी का पानी होगा। आखिरकार विभागीय जांच कब पूरी होगी। इसके बारे में सरकार को संज्ञान लेना होगा।

       वही इस बारे में सिंचाई विभाग के एक्सईएन हरिदेव कंबोज का कहना है की ताजेवाला स्थित इकट्ठा किए गए पत्थर किन लोगों का है इसका उनको पता नहीं है। इस बारे में खनन विभाग ही बता सकता है।

 इस बारे में जिला खनन अधिकारी अशोक कुमार ने बताया की ताजेवाला में अज्ञात लोगों द्वारा इकट्ठे किए गए पत्थर की आज नीलामी की गई। यह पत्थर किन लोगों का है इसका किसी ने दावा पेश नहीं किया। फिर भी मामले की जांच कराई जाएगी।

      इस बारे में एसडीएम बिलासपुर नवीन आहूजा का कहना है की ताजेवाला के पास पडे पत्थर कि आज खुली नीलामी करवाई गई। जिसमें पत्थरों की नीलामी 41 लाख 22हजार 900 से शुरू हुई। जोकि महा वैष्णो मिनरल कंपनी ने 80 लाख 61 हजार रुपए में पत्थर लिया। जबकि दूसरे बोली दाता आरके प्राइवेट लिमिटेड कंपनी रही । इस दूसरी कंपनी की बोली 80 लाख 60 हजार रुपए रही। उन्होंने बताया कि डायरेक्टर माइनिंग की तरफ से एडीसी यमुनानगर प्रतिमा चौधरी को कमेटी का अध्यक्ष चुना गया। मेरे को इसका सदस्य बनाया गया। बोली के दौरान जिला खनन अधिकारी अशोक कुमार, ओम दत्त, एक्शन सिंचाई विभाग, एसडीओ समेत अन्य कर्मचारी व ठेकेदार मौजूद रहे।

 मीडिया से दूरी बनाए रखी

      बोली के दौरान मीडिया को दूर रखा गया। क्योंकि मीडिया की तरफ से प्रशासन से सवाल पूछा गया था कि जिस पड़े पत्थर की आप बोली कर रहे हो वह पत्थर कहां से आया और किन लोगों ने इस को इकट्ठा किया। ऐसे में विभाग के पास कोई जवाब नहीं था। एसडीएम बिलासपुर ने कहा कि यह जांच का विषय है।