जिम संचालको की ओर भी ध्यान दे सरकार:- प्रभाकर शर्मा
सुशील पंडित, यमुनानगर – 3 जून
सरकारी कागजों में जिमों को तीसरे चरण में खोलने की बात की जा रही हो, परंतु यमुनानगर में प्रशासन की नाक तले लगभग 70 प्रतिशत जिमों में लगातार चोरी छुपे व्यापार जारी है।
पर्सनल ट्रेनिंग लेने वाले अधिकतर स्वास्थ्य प्रेमियों ने 2-2, 3-3 के ग्रुप में जिमो के दरवाजे बंद कर अपना व्यायाम जारी रखा है। यही कुछ हाल शौकिया बॉडीबिल्डिंग करने वाले अथवा प्रोफेशनल बॉडीबिल्डिंग करने वालों के साथ भी है। एक जानकार प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर ने बताया कि सरकार ने तो अपनी तरफ से जिलों को बिना सोचे समझे बंद कर दिया है परंतु एक बॉडीबिल्डर के शरीर को बनाने में कई साल की मेहनत होती है और कुछ दिनों की एक्सरसाइज छोड़ने से कई वर्षों की मेहनत खराब हो जाती है। शौकिया बॉडीबिल्डर के हिसाब से हजारों रुपए सप्लीमेंट के रूप में हर महीने अपने शरीर पर खर्च करने के बाद सप्लीमेंट की साइकिल को बीच में नहीं छोड़ा जा सकता है इसलिए उनके लिए एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है। हमीदा कॉलोनी, कैम्प, आजाद नगर, मॉडल टाउन, हुड्डा कॉलोनी सेक्टर 15 सेक्टर 17, जगाधरी छोटी लाइन एवं जगाधरी के अलावा रादोर, दामला, बूडिया, बिलासपुर, छछरोली, सढौरा की गलियों में अनेकों जिम बेधड़क चल रहे हैं।
पिछले 17 मार्च से ही बंद की मार झेल रहे जिम व्यवसाई प्रभाकर शर्मा ने बताया कि “एक मोटे अनुमान के अनुसार यमुनानगर जिले में छोटे-बड़े सभी जिम मिलाकर लगभग डेढ़ सौ से ज्यादा जिम व्यवसाई हैं। इनका कहना है कि, लाकडाउन की वजह से जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है।ऐसे में ना तो सरकार ही किसी भी प्रकार की कोई मदद करती दिखाई दे रही है और एक-दो बिल्डिंग मालिकों को छोड़ दें तो अधिकांश बिल्डिंगों के मालिक कुछ रियायत करने के मूड में दिखाई नहीं दे रहे हैं । जिम के किराए के साथ-साथ बिना बिजली इस्तेमाल किए ही बिजली का बिल भी सिर पर चढ़ रहा है। ऐसे में जिम व्यवसाय से जुड़े परिवारों के लिए भी राज्य अथवा केंद्रीय सरकार को सहायता के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। प्रभाकर शर्मा ने कहा कि, कानून सभी के लिए एक समान होना चाहिए। या तो जिम खोलने की अनुमति सभी को होनी चाहिए अथवा तीसरे चरण तक किसी को भी नहीं। हमें सरकार की नीतियों पर पूरा भरोसा है। जनता की सुरक्षा का उत्तरदायित्व सरकार पर है, और इस जनता जनार्दन में जिम व्यवसाय से जुड़े लोगों के परिवार भी आतें हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र में आने वाले ज्यादातर जिम लॉक डाउन के प्रथम चरण से ही सरकार के नियमों की पालना करने में लगे हुए हैं इसके लिए सभी जिम संचालको ने अपनी आर्थिक व्यवस्था से भी समझौता कर रखा है। जिम संचालक प्रभाकर शर्मा का कहना है कि प्रशासन के इस दोगले व्यवहार के चलते नियमों की पालना करने वाले जिम सचालक असमंजस की स्तिथि में है। इन सभी ने सरकार व प्रशासन से अपील की है कि जहाँ अनलॉक वन में सभी व्यवसायों को राहत प्रदान की गई है उसी प्रकार इनकी ओर भी ध्यान दिया जाए जिससे कि यह लोग भी अपना व्यवसाय चला कर पारिवारिक जीवन को फिर सामान्य रूप चला सके।
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