Saturday, March 15

सारिका तिवारी, चंडीगढ़:

हरियाणा काडर की चर्चित आईएएस अधिकारी रानी नागर द्वारा दिए गए इस्तीफे को हरियाणा सरकार द्वारा नामंजूर कर दिया गया है। रानी ने गत दिवस इस्तीफा देने औऱ घर की अनुमति मिल जाने के बाद अपनी बहन के साथ गाजियाबाद चलींं गई थी। वहीं उनके त्‍यागपत्र से हरियाणा की सियासत गर्मा गई थी।

भरोसेमंद उच्चपदस्थ सूत्रों ने बताया है कि राज्य सरकार की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने रानी नागर के इस्तीफे का पूरा मामला प्रदेश के मुख्यमंत्री व बाकी अफसरों के साथ में विचार-विमर्श किया। मामले में मुख्यमंत्री और सीएमओ के अफसरों ने फिलहाल इस्तीफा नामंजूर कर दिया गया है। दूसरा बताया जा रहा है कि पूरे मामले में सरकार फूंक फूंककर कदम रखेगी साथ ही इस महिला अधिकारी द्वारा अगर किसी अन्य राज्य में सर्विस करने का विकल्प दिया जाता है, तो उस पर भी सरकार विचार करेगी। इतना ही नहीं रानी की सहमति बनती है, तो उसको दूसरे काडर में भेजने की सिफारिश भी राज्य की ओर से कर दी जाएगी।

रानी नागर के सनसनीखेज आरोप

हरियाणा (Haryana) की महिला आईएएस अफसर रानी नागर (IAS Rani Nagar) ने अपना इस्तीफा देने के बाद गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने गुरुवार को ट्वीट कर यूटी गेस्ट हाउस (Guest House) पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि यूटी गेस्‍ट हाउस में उन्‍हें खराब खाना दिया जाता है. खाने में लोहे के पिन मिलाकर दिया जाता था. रानी नागर के आरोप से हड़कंप मच गया है. बता दें कि आईएएस अधिकारी रानी नागर ने चार मई को अपना इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद वो अपनी बहन के साथ उत्‍तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित अपने घर चली गई थीं. उनके त्‍यागपत्र देने से हरियाणा की सियासत गर्मा गई है.

https://twitter.com/ias_raninagar/status/1258304448687820801

रानी नागर ने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि हमें यूटी गेस्ट हाऊस में ही रखा गया. कर्फ्यू और लॉकडाउन में हमें खाना भी नहीं मिला. मैं और मेरी बहन रीमा नागर ने कर्फ्यू और लॉकडाउन में बड़ी मुश्किल से तरल पदार्थ आदि से अपना गुजारा चलाया. यदि आप मेरा इस्तीफा रोकने के बारे में आग्रह और आंदोलन ना करें तो आप सभी की हम पर बड़ी दया होगी.

https://twitter.com/ias_raninagar/status/1258304448687820801

उनके समर्थन में आए लोगों से की अपील

उन्होंने उनके समर्थन में आए लोगों से भी ट्वीट में अपील करते हुए कहा, आप सभी से हाथ जोड़कर सादर यह विनती करती हूं कि आप मेरा इस्तीफा स्वीकार ना किए जाने के लिए आग्रह और आंदोलन ना करें. मुझे माननीय न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. मैं अपने केस में माननीय न्यायपालिका में जाती रहूंगी. मेरे पास अभी अपनी रोटी खाने के लिए भी बहुत सीमित साधन है.

https://twitter.com/ias_raninagar/status/1258304036089892866

हाथ जोड़कर की विनती

मेरी आप सभी से हाथ जोड़कर विनती है कि जितनी जल्दी मेरा इस्तीफा स्वीकार होगा उतनी ही जल्दी मेरे तनख्वाह में से कटा हुआ एनपीएस फंड मुझे प्राप्त होगा जिससे मैं अपना रोटी का का खर्च चला पाऊंगी. मेरे इस्तीफा स्वीकार ना होने से मेरा और अधिक शोषण होगा. आगे सरकारी नौकरी कर पाना मेरे लिए संभव नहीं होगा.