Tuesday, December 24

धर्मपाल वर्मा, चंडीगढ़

सोनीपत जिले के गोहाना उपमंडल में शुरू से 2 विधानसभा क्षेत्र है। एक गोहाना दूसरा बरोदा। संयुक्त पंजाब के समय गोहाना नाम के दो हल्के हुआ करते थे। एक गोहाना जनरल दूसरा गोहाना रिजर्व। गोहाना रिजर्व में लाखन माजरा महम तक का क्षेत्र आता था। कहने को बरोदा में न कोई कस्बा है मैं उद्योग धंधे हैं। जबकि कुछ रौनक दिखती है तो गोहाना में  दिखती है। यहां एक यूनिवर्सिटी है एक मेडिकल कॉलेज है। शहर के नाम पर गोहाना है। खानपुर और मोहाना कस्बे का रूप लेने लगे हैंl

 रौनक  गोहाना में  ,चौधर  बरोदा में

सरसरी तौर पर बरोदा को बहुत पिछड़ा इलाका माना जाता है परंतु हरियाणा बनने से लेकर आज तक की सारी की सारी राजनीतिक चौधर बरोदा हलके के लोगों  के हाथ में रही है l इसमें एक अपवाद यह जरूर है कि गोहाना विधानसभा क्षेत्र के गांव बीधल से संबंधित चौधरी धर्मपाल सिंह मलिक दो बार सांसद एक बार विधायक और हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं l

चाहे मंत्री बने चाहे सांसद , चेयरमैन या दूसरे ऊंचे ओहदे ,हमेशा से बरोदा का पलड़ा काफी भारी रहा है lअब भी हालात ऐसे दिख रहे हैं कि आने वाले समय में उपचुनाव जीतने के लिए मौजूदा सरकार बरोदा हलके के दो तीन प्रभावशाली लोगों को किसी न किसी लाभ के पद पर सुशोभित जरूर करेगी l

पूर्व सांसद स्वर्गीय किशन सिंह सांगवान

लोकदल ने बरोदा के उम्मीदवारों को लड़ाया गोहाना में

चौधरी देवीलाल या ओमप्रकाश चौटाला की बात करें तो यह बात साफ होती है कि उन्होंने तो गोहाना हल्के की टिकटें भी बरोदा हलके वालों को दी lइस कोशिश में बरोदा हलका में नूरन खेड़ा गांव के स्वर्गीय किशन सिंह सांगवान और धनाना गांव के डॉक्टर रामकुमार सैनी गोहाना के विधायक बने lदेखें तो चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने पूर्व चेयरमैन प्रेम सिंह मलिक और उनके पुत्र अतुल मलिक को भी गोहाना से चुनाव लड़वाया lबेशक उनका गांव गोहाना हल्के में आता था परंतु आज यही गांव बरोदा हलके का हिस्सा है l

इनेलो की टिकट पर गोहाना से चुनाव लड़ने वालों में डॉ केसी बांगड़ का नाम भी शुमार है lजिन्होंने गोहाना से दो बार चुनाव लड़ा  l जाहिर है उनका गांव अभी बरोदा हलके में पड़ता है l

हरियाणा लोक सेवा आयोग के पूर्व चेयरमैन डॉक्टर केसी बांगड़

सोनीपत लोकसभा में 5 बार जीते बरोदा के उम्मीदवार

सोनीपत के जो सांसद रहे उनमें दो नेता बरोदा हलका के थे। यह कुल मिलाकर 5 बार जीते हैं  lयह थे स्वर्गीय कपिल देव शास्त्री और स्वर्गीय श्री किशन सिंह सांगवान। इनके गांव क्रमशः घड़वाल और नूरन खेड़ा है। यह दोनों गांव बरोदा हलके के हैं।
गोहाना क्षेत्र से जो भी मंत्री रहे थे, ज्यादातर बरोदा का प्रतिनिधित्व करने वाले रहे।

पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर स्वर्गीय चौधरी श्यामचंद

विकास के पर्याय ,  पहले  कैबिनेट मंत्री चौधरी श्यामचंद 

नमें स्वर्गीय चौधरी श्यामचंद का नाम सबसे ऊपर है lचौधरी श्यामचंद 1972 से 1977 तक मंत्री रहे lचौधरी बंसीलाल के प्रमुख कैबिनेट मिनिस्टर चौधरी श्यामचंद के पास  एक या दो नहीं बल्कि नो महत्वपूर्ण विभाग होते थे l आप समझ सकते हैं कि चौधरी श्यामचंद के पास excise and taxation, food and supply, urban local bodies development and panchayat  social welfare जैसे महत्वपूर्ण तथा भारी भरकम विभाग हुआ करते थे चौधरी श्यामचंद हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी HUDA के फाउंडर चेयरमैन के रूप में याद किए जाएंगे। वह पूरे राज्य में विकास पुरुष के रूप में जाने जाते हैं l

दूसरे महत्वपूर्ण मंत्री थे डॉ के आर पुनिया l वे 1987 में चौधरी देवीलाल की सरकार में दूसरे नंबर के मंत्री रहे l वे उद्योग मंत्री हुआ करते थे l डॉक्टर पूनिया ने हल्के में थोड़े समय में ही खूब काम किएl परंतु डेढ़ साल के बाद उन्होंने मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया और फिर पार्टी भी छोड़ दी थी l
गोहाना हल्के के प्रतिनिधि के रूप में दो ही व्यक्ति मंत्री रहे l एक थे पूर्व बिजली सिंचाई मंत्री स्वर्गीय रामधारी गॉड और दूसरे थे राज्यमंत्री जगबीर मलिक lइन दोनों के भी पैतृक गांव आज बरोदा हलके में आते हैं l

सत्ता सुख की दौड़ में आगे रहे  बरोदा वाले 

यदि हम सरकार में लाभ के पदों की बात करें तो सारे मौके भी बरोदा हल्का वालों को ही मिले हैं l गोहाना हल्के वालों का कभी कभार नंबर आया l प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं गोहाना उपमंडल के 5 लोग हरियाणा पब्लिक सर्विस कमिशन में रहे हैं lइनमें से गोहाना हल्के की केवल एक जबकि बरोदा के चार व्यक्ति इनमें भी एक चेयरमैन का रुतबा पाने में सफल रहे हैं l

आप हैरान रहेंगे की बरोदा हलके के गांव कोहला से दो मुंडलाना से दो यानी एक ही परिवार के दो दो सदस्य हरियाणा लोक सेवा आयोग जैसी संवैधानिक संस्था के सदस्य या चेयरमैन रहे हैं l

बता दें कि डॉ केसी बांगड़ आयोग के चेयरमैन और उनकी पत्नी संतोष बांगड़ सदस्य रही हैं l उधर जिले और हल्के के प्रमुख गांव मुंडलाना से स्वर्गीय पंडित रतिराम शर्मा और उनके पुत्र प्रेम प्रकाश पंडित हरियाणा लोक सेवा आयोग के सदस्य रह चुके हैं lगोहाना से एकमात्र सदस्य श्रीमती सुधा मलिक रही हैं। बड़े शैक्षिक समायोजन की बात करें तो डॉक्टर केसी बांगड़ दो तीन बार अलग-अलग विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर रहे हैं lपहले ही बताया जा चुका है कि डॉक्टर बांगड़ का ताल्लुक बरोदा हलके से हैइसके अलावा ओम प्रकाश चौटाला के शासनकाल में बरोदा हलके के गांव गंगेसर से संबंधित श्रीमती विमल लाठर को एससीईआरटी हरियाणा का निदेशक बनाया गया था l 

चेयरमैन और सदस्य भी बरोदा के ही ज्यादा

विभिन्न सरकारों में जो चेयरमैन या सदस्य आदि बनाए गए उनमें भी बरोदा का एकतरफा प्रतिनिधित्व रहा है lजबकि गोहाना के हिस्से कभी यह सौगात भी नहीं आई lचौधरी बंसीलाल की सरकार में स्वर्गीय मास्टर चंद्रभान को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग का सदस्य बनाया गया था l बता दें कि गोहाना उपमंडल से विभिन्न सरकारों में जो चेयरमैन बने, अमूमन बरोदा हल्का से ताल्लुक रखने वाले ही थे l इनमें स्वर्गीय कपिल देव शास्त्री हैफेड स्वर्गीय किशन सिंह सांगवान हैफेड रामकुमार सैनी आयुर्वेदिक बोर्ड दादा बलजीत सिंह मलिक हरियाणा मिनरल्स लिमिटेड के चेयरमैन रहे l इन सबके गांव बरोदा हल्के में पड़ते हैं  l

ऐसे ही कई और उदाहरण भी हैं जिससे यह साबित होता है कि गोहाना और बरोदा की तुलना करें तो राजनीतिक हिस्सेदारी में बरोदा का पलड़ा सदा भारी ही नहीं बहुत भारी रहा है और आने वाले समय में भी मनोहर लाल सरकार बरोदा हलके के एक दो नहीं तीन-तीन चेयरमैन आदि भी बना सकती है lऐसा उपचुनाव जीतने की योजना के तहत उसी तरह किया जा सकता है जैसे जींद उपचुनाव में कई लोगों को सरकार में समायोजित करके किया गया था l यह लाभ पाने वाले कौन-कौन लोग हो सकते हैं ,इस पर चर्चा आगे करेंगे l