राकेश शाह, चण्डीगढ़ – 18 अप्रैल 2020
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता और विधायक अमन अरोड़ा ने मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह से अपील की है कि इन चुनौती भरे हलातों में वह पंजाब में सब छोटे-बड़े उद्योगपतियों, व्यापारियों, दुकानदारों, कारोबारियों और उनके पास काम करने वाले कर्मचारियों और कामगारों में भ्रम पैदा करने की बजाए सब की मदद और विशेष राहत और वित्तीय पैकेज का ऐलान करें, क्योंकि यह मसला न केवल लाखों परिवारों की 2 समय रोटी के साथ जुड़ा हुआ है, बल्कि राज्य की आर्थिकता के साथ भी जुड़ा हुआ है।
‘आप’ हैडक्वाटर से जारी बयान में अमन अरोड़ा ने कहा कि उन्होंने मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह को पत्र लिख कर मांग की है कि वह पंजाब के औद्योगिक ईकाईओं, व्यापारिक अदारों, दुकानों और कारोबारियों के पास काम करते करीब 45 लाख मुलाजिमों और कामगारों को मौजूदा हालात में मासिक वेतन के बारे में सरकार की पहुंच और माली राहत या मदद के बारे में स्पष्ट करें, क्योंकि इस मुद्दे पर मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की तरफ से लिखी गई चि_ी और पंजाब के लेबर विभाग के प्रिंसीपल सचिव के दिशा-निर्देशों के मुताबिक लुधियाना के डिप्टी कमिशनर की तरफ से 11 अप्रैल 2020 को जारी पत्र एक-दूसरे के उलट हैं, जिस कारण रोजगार दाता और कामगारों के दरमियान न केवल भ्रम पैदा हो रहा है, बल्कि आपसी सम्बन्ध भी प्रभावित हो रहे हैं।
अमन अरोड़ा ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह प्रधान मंत्री को लिखे पत्र के द्वारा कह रहे हैं कि केंद्र सरकार की तरफ से सभी व्यापारिक अदारों को अपने मुलाजिमों-कामगारों को समय पर पूरे वेतन के बारे में जारी निर्देशों पर फिर से विचार करे, क्योंकि ऐसे हलातों में यह व्यापारिक पर औद्योगिक यूनिट दिवालिया हो सकते हैं। दूसरी तरफ लेबर विभाग और डिप्टी कमिशनर लुधियाना सभी औद्योगिक, व्यापारिक और कारोबारी अदारों को अपने मुलाजिमों-कामगारों को समय-समय पूरा वेतन देने के लिए फरमान जारी किये हैं। इतना ही बस नहीं फरमानों में सरकारी मुलाजिमों-कामगारों को अपने-अपने अदारों में पूरा वेतन लेने के लिए कहा गया है, परंतु कफ्र्यू (लॉकडाउन) की स्थिति में यह कैसे संभव है? जब कि कफ्र्यू के उल्लंघन करने पर सख्त कानूनी कार्यवाही और 2 साल तक की सजा हो सकती है।
अरोड़ा ने कहा कि उनकी पार्टी इस समय के दौरान सभी मुलाजिमों और कामगारों को समय सिर वेतन की वकालत करती है, परंतु इस लिए सम्बन्धित अदारों की अपेक्षा भी अधिक पंजाब और केंद्र सरकारों की जिम्मेदारी बनती है कि वह उद्योगों, दुकानदारों और कारोबारियों के लिए विशेष वित्तीय पैकेज और विशेष राहत ऐलान करे ताकि यह निजी अदारे आपने कामगारों-कर्मचारियों को समय पर पूरा वेतन दे सकें।