कोरोना पर चीन के नए दावे कितने सच कितने झूठ

चीन की एक गलती से कोरोना पूरे विश्व में फैल गया, चीन अपनी इस गलती को न केवल छुपाता रहा अपितु आगे बढ़ कर इस वाइरस को फैलाने का इल्ज़ाम दूसरों पर मढ़ता रहा। इस पूरे षड्यंत्र में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी उसका साथ दिया। इस महामारी का असर यह है कि सारा विश्व थम गया है, विश्व भर की अर्थव्यवस्था पर कुठराघात हुआ है। अमेरिका जैसे बड़े देश भी अर्थव्यवस्था के मामले में घुटनों पर आ गए हैं। ऐसे में चीन ने ढिठाई दिखते हुए दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था में सेंध लगानी शुरू कर दी है। अब विश्व भर के निशाने पर आए चीन को जब आर्थिक प्रतिबंधों का दर साता रहा है तब वह अधकचरी जानकारी ले कर सामने आया है।

नयी दिल्ली:

कोरोना (Coronavirus) के कहर के चलते चीन के वुहान में ढाई हजार नहीं बल्कि 4000 के आसपास लोगों ने जान गंवाई थी. यह खुलासा खुद चीन ने किया है. अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच बीजिंग ने कोरोना संक्रमण से हुई मौतों के नए आंकड़े जारी किए हैं. जिसके मुताबिक, वुहान में मृतक संख्या में 50% बढ़ोतरी के साथ 3,869 पहुंच गई है, जबकि पहले कहा गया था कि कोरोना से यहां 2,579 लोगों की मौत हुई है. 

इसके अलावा, संक्रमित मरीजों की संख्या में भी 325 की बढ़ोतरी की गई है. पूरे चीन की बात करें, तो संशोधित आंकड़ों के सामने आने के बाद मरने वालों की तादाद 4,362 और संक्रमितों की संख्या 82,692 पहुंच गई है.  

एक सोशल मीडिया पोस्ट में वुहान प्रशासन ने आंकड़े अपडेट करते हुए स्वीकार किया है कि ऐसे कई मामले ऐसे थे जो “गलती से रिपोर्ट किए गए” या फिर पूरी भुला दिए गए. इन संशोधित आंकड़ों को संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी देशों के बढ़ते दबाव के परिणाम के तौर पर देखा जा रहा है. गौरतलब है कि शुरुआत से ही चीन पर यह आरोप लगते रहे हैं कि वो मृतक संख्या छिपा रहा है. हालांकि, यह बात अलग है कि उसने कभी भी इन आरोपों को स्वीकार नहीं किया.

गिनाईं यह वजह

वुहान स्थित महामारी रोकथाम और नियंत्रण मुख्यालय ने कोरोना प्रभावितों की संख्या में गड़बड़ी के कई कारण गिनाए हैं. जैसे कि प्रकोप की शुरुआत में मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते चिकित्सा कर्मी घबराए हुए थे, जिसकी वजह से मामलों की रिपोर्टिंग में गलती हुई. टेस्ट और उपचार सुविधाओं की कमी के कारण कुछ कोरोना पीड़ितों की मृत्यु घर पर हुई, जिससे उन्हें समय पर रिपोर्ट नहीं किया जा सका.

उत्पत्ति की थ्योरी

इससे पहले, अमेरिका के मीडिया समूह वाशिंगटन पोस्ट और फॉक्स न्यूज ने संदेह जाहिर किया था कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन की प्रयोगशाला में हुई. जबकि चीन के वैज्ञानिकों का मानना है कि वायरस की उत्पत्ति वुहान के एक मांस बाजार में हुई, जहां यह पहली बार मनुष्य में पहुंचा था.

चीन ने पेश की सफाई

कोरोना पर आंकडे़ छुपाने के मामले में चीन ने शुक्रवार को कहा कि उसने कभी यह बात नहीं छिपाई कि कोरोना वायरस का देश पर कितना असर पड़ा है.

अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी ताकतों द्वारा उठाए जा रहे सवालों का जवाब देते हुए चीन ने यह बात कही. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने वायरस के तेजी से फैलने के कारण मामलों की गिनती में खामी के चलते चीन मृतक संख्या बढ़ाने की बात स्वीकार की लेकिन साथ ही कहा, ‘‘कभी कुछ छिपाया नहीं गया और हम कभी कुछ छिपाने भी नहीं देंगे.’’ 

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