चंडीगढ:
भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने प्रशासन को दिए बजट के तहत खर्चो पर लगाम लगाते हुए उसे 20 प्रतिशत तक सीमित कर दिया है। ऐसे में प्रत्येक तिमाही में प्रशासन कुल बजट का केवल 20 प्रतिशत की खर्च सकेगा।जारी किए गए इस बजट में प्रति माह के तहत खर्चो के बारे में भी निर्देश जारी किए हैंं। बजट सीमित करने का एक कारण करोना वायरस से चलते वित्तीय संकट भी माना जा रहा है। इसके तहत सरकार ने चंडीगढ प्रशासन को कुछ निर्देश जारी किए हैं जिसके तहत बजट को खर्च किया जाएगा।
केंंद्र सरकार ने सख्ति से कहा है कि किसी भी स्थिति में प्रशासन को अपने खर्चों को इन अनुदेशों के तहत तय सीमा से अधिक नहीं बढ़ाना है। इसके अलावा प्रतयेक विभाग को अपने दैनिक भोगी, अनुबंध और आउटसोर्स कर्मचारियों सहित सभी कर्मचारियों को समय पर वेतन देना होगा । अप्रैल, मई और जून के महीनों के लिए वेतन, किसी भी परिस्थिति में अगली तिमाही में स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, वेतन और सहायता अनुदान के बारे में कोई बिल केंद्रीय ट्रेजरी में नहीं भेजा जाएगा।
आफिसों और अन्य शुल्कों का भुगतान या पेट्रोल के भुगतान के अलावा अन्य खर्चों को इस बजट के साथ नहीं जोडा जा सकेगा। वहीं पेट्राल पर किए जाने वाले खर्च भी सावधानीपूर्व होने चाहिए।
सरकार ने साफ किया है कि किस भी कर्मचारी को एलटीसी नहीं दिया जाएगा। बजट का पैसा केवल जरूरी खर्चों के लिए ही प्रयोग किया जा सकेगा जिसके लिए एडवाइजर से इसकी अनुमति लेनी होगी। इसी प्रकार चिक्तिसा उपचार के लिए एडवांस भुगतान करने के लिए किसी भी विभाग को प्रशासन के वित्त विभाग से अनुमति लेने होगी।
किस विभाग को कितना बजट मिला
नगर निगम को कुल 104 करोड रुपए की राशि आवंटित की गई है जिसकी किश्त प्रत्येक माह की 25 से 30 तारीख के बीच जारी की जाएगी
- इजीनियरिंग विभाग इलेक्ट्रिसिटी को 96 करोड
- इजीनियरिंग विभाग को अलग अगल खर्चो के तहत कुल 123.70 करेाड रुपए दिए गए हैं।
- सरकारी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल को 10 करोड
- सीटीयू को 11 करोड
- हायर एजुकेशन 14.75
- स्कूल एजुकेशन 5.50
- आईटी 3 करोड
- सोशल वेलफेयर 13.50
- यूटी सचिवालय को0.20
- लॉ विभाग एसएलएसए 1.09
- डीसी आफिस5.10
- फूड सप्लाइज एंड कंज्यूमर अफयर्स 2 करोड
- खेल विभाग 0.60
- टूरिजम 0.45
- टेक्निकल एजुकेशन 11.25