नहीं तो कभी न पकड़े जाते जमात के कारनामे

निजामुद्दीन में तबलीगी जमात द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम से कम से कम 7,600 भारतीय और 1,300 विदेशी लोगों के जुड़े होने की जानकारी सामने आई है. बता दें कि दिल्ली के निजामुद्दीन पश्चिम इलाके में स्थित एक मरकज में 13 मार्च से 15 मार्च तक कई सभाएं हुईं थीं, जिनमें सऊदी अरब, इंडोनेशिया, दुबई, उज्बेकिस्तान और मलेशिया समेत अनेक देशों के मुस्लिम धर्म प्रचारकों ने भाग लिया था. देशभर के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों की संख्या में भारतीयों ने भी इसमें हिस्सा लिया था. उन सभाओं में भाग लेने वाले कुछ लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण फैल गया है. इस घटना के सामने आने के बाद देश के अन्य राज्यों में भी मरकज़ के धार्मिक सभा में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है. मामला सामने आने के बाद पूरे इलाके सील कर दिया गया है, जिसमें तबलीग-ए-जमात का मुख्यालय और आवास शामिल हैं. इलाके के उन होटलों को भी सील कर दिया गया है जिनमें जमात के लोग ठहरे थे. मरकज़ से लोगों को अस्पतालों और क्वारंटाइन केंद्रों में भेज दिया गया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों का पांचवां हिस्सा इसी सभा से जुड़ा हुआ है. इसके अलावा कुल 53 लोगों की मौत में से कम से कम 15 लोग इस आयोजन से जुड़े हुए थे.

नई दिल्ली: 

देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) रोकने में सबसे बड़ा खतरा बनकर उभरे तबलीगी जमात के बारे में लगातार खबरें आ रही है. राजधानी दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकज में 1 से 15 मार्च के बीच 2000 से अधिक लोग तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के आयोजन में हिस्सा लेने पहुंचे थे. लेकिन लॉकडाउन लगने के बाद ये कहां गायब हो गए? आपके मन में भी सवाल होगा कि आखिर इस बारे में पता कैसे चला?

खुलासे का तेलंगाना कनेक्शन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि तबलीगी जमात के सदस्यों में भंयकर रूप से फैले कोरोना वायरस के बारे में और भी देर हो जाती. लेकिन सौभाग्य से तेलंगाना में कुछ इंडोनेशियाई नागरिक मिले जो कोरोना वायरस से संक्रमित थे. काफी गहन पूछताछ के बाद जानकारी मिली कि बड़ी संख्या में तबलीगी जमात के सदस्य हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकज में मौजूद हैं. लेकिन सटीक जानकारी नहीं होने की वजह से दिल्ली सरकार के स्वास्थ्यकर्मी भवन में दाखिल नहीं हो पाए. इसी बीच तेलंगाना में फिर कुछ और पॉजिटिव मामले सामने आए. इन सभी पॉजिटिव लोगों का दिल्ली के मरकज से कनेक्शन था. इसी के बाद ही पुलिस की मदद से मरकज से लोगों को बाहर निकाला जा सका. 

इस संस्थान ने की सरकार की मदद

सूत्रों का कहना है कि दिल्ली सरकार के अधिकारी मंत्रालय से निर्देश मिलने के बाद से ही मरकज भवन में घुसने की कोशिश करते रहे. लेकिन दरवाजे पर ही यह कह कर वापस भेज दिया जाता कि यहां कोई सदस्य नहीं है. इस बीच पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PHFI) की भूमिका अहम रही. इस संस्था ने अपने सदस्यों की मदद से सभी संक्रमित लोगों के घरों में फोन कर मरकज में मौजूद लोगों की सटीक जानकारी जुटाई. भवन में भारी संख्या में लोगों के मौजूद होने के पुख्ता जानकारी के बाद ही पुलिस व स्वास्थ्य अधिकारी मरकज के भीतर दाखिल हो पाए.

ये है पूरा घटनाक्रम

  • 18 मार्च को तेलंगाना में 9 इंडोनेशियाई नागरिक जांच में कोरोना वायरस पॉजिटिव मिले
  • तेलंगाना सरकार के NCDC को मरकज का लिंक बताया गया
  • 20 मार्च NCDC के निर्देश पर मरकज में अधिकारी भेजे गए, लेकिन उन्हें घुसने नहीं दिया गया
  • 21 और 22 मार्च को फिर से तेलंगाना में चार कोरोना वायरस संक्रमित मिले, इनका भी मरकज कनेक्शन था
  • दूसरे दिन दिल्ली सरकार की टीम फिर निजामुद्दीन पहुंची, लेकिन भवन में कोई नहीं है कहकर दरवाजा नहीं खोला गया
  • 24 मार्च को फिर तबलीगी जमात के 7 सदस्य तेलंगाना में कोरोना वायरस संक्रमित मिले
  • स्वास्थ्य मंत्रालय ने PHFI से मदद मांगी, संस्था ने फोन के जरिए सदस्यों से मरकज में मौजूद लोगों की अहम जानकारी जुटाई
  • दिल्ली सरकार व दिल्ली पुलिस ने मिलकर सभी तबलीगी जमात सदस्यों को मरकज से बाहर निकाला
0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply