प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में देश की ‘सामूहिक शक्ति’ के महत्व को रेखांकित करते हुए रविवार पांच अप्रैल को देशवासियों से अपने घरों की बालकनी में खड़े रहकर नौ मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाने की अपील की.
चंडीगढ़:
कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो संबोधन में देशवासियों से कहा, ‘कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ लॉकडाउन के आज 9 दिन हो रहे हैं, इस दौरान आपलोगों ने जिस तरह से अनुशासन का परिचय दिया है, वह अभूतपूर्व है. आपने जिस प्रकार 22 मार्च रविवार के दिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले हर किसी का धन्यवाद किया, वो आज सभी देशों के लिए मिसाल बन गया, आज कई देश इसे दोहरा रहे हैं. यह भाव प्रकट हुआ कि देश एक होकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ सकता है. अब लॉकडाउन के समय में देश की आप सभी के लिए ये सामूहिकता चरितार्थ होती नजर आ रही है.’
पीए मोदी ने कहा, ”साथियों, ये लॉकडाउन का समय जरूर है, लेकिन हममें से कोई अकेला नहीं है. 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है. इस सामूहिक शक्ति की भव्यता की अनुभूति करना आवश्यक है. जनता जनार्दन ईश्वर का ही रूप है. इस कोरोना संकट से जो अनिश्चितता पैदा हुई है, उसे हमें दूर करना है. इसे पराजित करने के लिए हमें प्रकाश के तेज को चारों दिशाओं में फैलाना है. इसलिए इस रविवार, 5 अप्रैल को कोरोना के अंधकार को चुनौति देनी है. 130 करोड़ देशवासियों की महशक्ति का जागरण करना है. संकल्प की नई ऊंचाइयों पर ले जाना है. रात 9 बजे मैं आप सबके 9 मिनट चाहता हूं. घर की सभी लाइटें बंद करके घर के दरवाजे या बालकनी में खड़े होकर मोमबत्ती, दिया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाएं. चारों तरफ जब हर व्यक्ति एक-एक दिया जलाएगा तब प्रकाश की उस महाशक्ति का अहसास होगा. उस रोशनी में हम अपने मन में ये संकल्प करें कि हम अकेले नहीं हैं. कोई भी अकेला नहीं है. 130 करोड़ देशवासी एक ही संकल्प के साथ कृतसंकल्प है. मेरी एक और प्रार्थना है, किसी को भी कहीं भी इकट्ठा नहीं होना है.’
- एक दिया सीमा प्रहरियों के लिए,
- एक दिया स्वास्थ्य कर्मियों के लिए,
- एक सफाई कर्मचारियों के लिए,
- एक दिया उन स्व्यंसेवकों के लिए जिन्होने अपनी जान की परवाह न करते हुए गरीबों अकेले पड़े वृद्धों इत्यादि की खाद्यापूर्ति के लिए समय निकाला,
- एक दिया पुलिसवालों एवं सुरक्षा बलों को जिन्होने बड़ी ममता के साथ स्थिति संभाली,
- एक दिया परिवार के प्रत्येक सदस्य के नाम और
- एक दिया अपने पड़ोसियों के लिए जो इस कठिनाई की घड़ी में आपके साथ खड़े रहे।
इससे पहले कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते केसों के बीच पीएम मोदी ने सभी राज्यों के सीएम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. इस दौरान कोरोना के खिलाफ क्या किया जा सकता है, इस पर विस्तृत चर्चा हुई.
वहीं राज्य सरकारों ने पीएम मोदी से आर्थिक मदद की मांग करते हुए यह भी पूछा कि लॉकडाउन कब खत्म होगा. आर्थिक मदद के रूप में पश्चिम बंगाल सरकार ने 2500 करोड़ मांगे हैं. इसके अलावा ममता सरकार ने पुरानी बकाया राशि के 50 हजार करोड़ की भी मांग की है. वहीं पंजाब ने भी 60 हजार करोड़ की मांग की है.
पीएम मोदी ने अपील की है कि राज्य सरकारें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण स्कीम को लागू करें. पीएम ने यह भी कहा कि राज्य सरकार इस बात पर ध्यान दें कि पलायन ना हो और गरीबों को पैसा और राशन मिलता रहे.
पीएम मोदी के साथ इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे. मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में कोरोना की वजह से पैदा हुए हालातों, अलग-अलग जगह फंसे मजदूरों के लिए उठाए जा रहे कदमों और तबलीगी जमात के मामले पर भी चर्चा हुई.
बैठक के बाद अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने ट्वीट कर बैठक के बारे में जानकारी दी और बताया कि पीएम मोदी ने कहा है कि अभी युद्ध शुरू हुआ है. हमें 24 घंटे सतर्क रहना चाहिए और एकजुट होकर लड़ना चाहिए.
खांडू के मुताबिक पीएम मोदी ने कहा कि इस लड़ाई को हम सबको लड़ना है. इसे केवल स्वास्थ्य कर्मचारियों, पुलिस या सरकार पर नहीं छोड़ा जा सकता है. हमें एकजुट होकर लड़ना होगा, भले ही हम किसी भी विचारधारा के हों.
खांडू ने हालांकि इससे पहले एक ट्वीट ये भी किया कि 15 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म हो जाएगा लेकिन आप आवाजाही के लिए सड़कों पर स्वतंत्र नहीं हैं. हालांकि बाद में खांडू ने ये ट्वीट डिलीट कर दिया और सफाई देते हुए कहा कि उनके स्टाफ ने हिंदी ना समझने के कारण ऐसा ट्वीट कर दिया था.