खिसियानी बिल्ली बनी पार्टी ने इस्तीफा पेश कर देने के बाद ज्योतिरादित्य को निष्कासित किया

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. वहीं पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सिंधिया को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते निष्काशित किया गया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिंधिया को उसका काला इतिहास याद दिला रहे हैं, ना दाँ हैं सिंधिया का काला इतिहास तो माधवराव के कांग्रेस में शामिल होने के पीछे ही छिपा हुआ है। अपनी ही न फजीहत कारवा लें। यह वही नेता हैं जो UPA सरकार में सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता में से सिंधिया घराने का नाम हटवाने के लिए उतावले थे।

नई दिल्ली. 

9 मार्च 2020 को दिये गए सिंधिया के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने 10 मार्च को निष्कासित कर दिया

मध्य प्रदेश में सोमवार शाम से शुरू हुआ सियासी उथलपुथल का ताज़ा दौर अब अपने मुकाम पर पहुंचता दिख रहा है. राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) से नाराज़ चल रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiriaditya Scindia) ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजा जिसे पार्टी ने स्वीकार कर लिया है. हालांकि पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सिंधिया को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते निष्कासित किया गया है.

केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट कर बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया को तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया है.

इससे पहले सिंधिया ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह अमित शाह से मुलाकात की. इसके साथ ही जब पीएम मोदी से सिंधिया की बैठक खत्म हुई तो वह, शाह की गाड़ी में ही बाहर निकले, तभी से उनके कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगने लगी थीं.

इसके साथ ही कांग्रेस के कई नेताओं ने सिंधिया को ‘गद्दार’ बताना शुरू कर दिया. कांग्रेस नेता अरुण यादव ने कर कहा, ‘ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपनाए गए चरित्र को लेकर मुझे ज़रा भी अफसोस नहीं है. सिंधिया खानदान ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी अंग्रेज हुकूमत और उनका साथ देने वाली विचारधारा की पंक्ति में खड़े होकर उनकी मदद की थी.’

माना जा रहा है कि सिंधिया आज अपने अगले कदम को लेकर कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं. अगर वह कांग्रेस छोड़ने का फैसला करते हैं तो फिर मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर संकट गहरा जाएगा. राज्य में कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं और उसे चार निर्दलीय, बसपा के दो और समाजवादी पार्टी के एक विधायक का समर्थन हासिल है. भाजपा के 107 विधायक हैं.

सियासी संकट के बीच कमलनाथ सरकार के मंत्रियों ने सोमवार रात इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मंत्रिमंडल का नए सिरे से गठन किया जाएगा. सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों से सोमवार को बार बार प्रयास के बावजूद कोई संपर्क नहीं हो पाया. मध्य प्रदेश के घटनाक्रम के बीच, राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने ट्वीट कर कहा, ‘मैं आशा करता हूं कि मध्य प्रदेश में मौजूद संकट जल्द खत्म होगा और नेता मतभेदों को दूर लेंगे. लोगों से चुनावी वादे को पूरा करने के लिए राज्य को स्थिर सरकार की

सुमित कश्यप ने लिखा है- ‘माफ करें लेकिन इस बार गलती हमारी थी. हम एक साधारण समस्या हल नहीं कर सके. हम 3 नेताओं के अहंकार को रोक नहीं कर सके. कोई समाधान भी नहीं किया गया था. कुछ ऐलान हीं किया गया. कितनी देर तक हम सोचते रहेंगे कि समय के साथ समस्या खत्म हो जाएगी. कर्नाटक और एमपी, हम हार गए, बीजेपी नहीं जीती.’

हम मध्य प्रदेश में अपनी सरकार नहीं बचा पाये: अधीर रंजन चौधरी

मध्य प्रदेश में बड़ा सियासी ड्रामा चल रहा है जिस पर अधीर रंजन चौधरी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस पार्टी ने इतना दिया है, उससे बेईमानी कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि इस फैसले से पार्टी का नुकसान हुआ है और लगता है मध्य प्रदेश में हमारी सरकार नहीं बच पाएगी.

मध्य प्रदेश में बड़ा सियासी ड्रामा चल रहा है. कमलनाथ सरकार संकट से घिरी हुई है. ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya scindia) गुट के 20 कांग्रेस विधायकों ने विधायकी के साथ-साथ कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. सिंधिया ने भी कांग्रेस की प्राथमिकता सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. सूत्रों के मुताबिक, शाम तक सिंधिया बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. सिंधिया के इस्तीफे पर लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस पार्टी ने इतना दिया है, उससे बेईमानी कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि इस फैसले से पार्टी का नुकसान हुआ है और लगता है मध्य प्रदेश में हमारी सरकार नहीं बच पाएगी. अधीर रंजन ने सिंधिया के इस फैसले को पार्टी के साथ गद्दारी करार दिया.

सिंधिया समर्थक 5 मंत्रियों को मंत्री पद से हटाने की सिफारिश

खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल को चिट्ठे लिखकर सिंधिया समर्थक 5 मंत्रियों को मंत्री पद से हटाने की सिफारिश की है. CM ने जल्द आदेश जारी करने की अपील की है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री कमलनाथ की कुछ मंत्रियों और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ बैठक हुई. इसके बाद सिंधिया समर्थक मंत्रियों को बर्खास्त करने का फैसला लिया गया. सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी और महेंद्र सिंह सिसोदिया को बर्खास्त करने की सिफारिश की है. 

बेंगलुरू में ठहरे 19 विधायकों ने दिए इस्तीफे

बेंगलुरू में सिंधिया गुट के 19 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. इन विधायकों में प्रदुम्न सिंह तोमर, रघुराज कंसाना, कमलेश जाटव, रक्षा संत्राव (भांडेर), जजपाल सिंह जज्जी (अशोक नगर), इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, तुलसी सिलावट, सुरेश धाकड़ (शिवपुरी), महेंद्र सिंह सिसोदिया, ओपी एस भदौरिया, रणवीर जाटव, गिरराज दंडोतिया, जसवंत जाटव, गोविंद राजपूत, हरदीप डंग, मुन्ना लाल गोयल, ब्रिजेन्द यादव शामिल हैं.  सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस के 7 और विधायक भी बीजेपी के संपर्क में हैं. आज देर रात तक ये 7 विधायक भी अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को सौंप सकते हैं.

स्वाभिमानिनी दादी के नक्श-ए-कदम पर ज्योतिरादित्य सिंधिया

माधवराव सिंधिया जिन हालातों में काँग्रेस में गए थे उस बात का उल्लेख स्वयं राजमाता सिंधिया ने एक टीवी साक्षात्कार के दौरान किया था। वह दौर गाय और बछड़ा निशान वाली काँग्रेस का था। उस जमाने के राजनीति और राजनैतिक षडयंत्रों को समझने वाले लोग इस बात की बाखूबी तसदीक कर सकते हैं। इन्दिरा लहर के बावजूद विजय राजे सिंधिया गवालियर इलाक़े की तीन लोकसभा सीट राजमाता और उनके पसंदीदा जनसंघ उम्मीदवारों ने जीतीं, इसमें भिंड से ख़ुद विजयाराजे जीतीं, गुना से माधवराव सिंधिया और ग्वालियर से अटल बिहारी वाजपेयी ने चुनाव जीते। आज 43 साल बाद इतिहास खुद को फिर से दोहराता जान पड़ता है। लेकिन इस बार सिंधिया घराना वह धोखा नहीं खाएगा जो राजमाता ने खाया था।

चंडीगढ़:

ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने के साथ ही मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार का गिरना भी तय हो गया है, क्योंकि कांग्रेस के 19 विधायक उनके साथ हैं. 43 साल पहले उनकी दादी राजमाता ने भी नाराज होकर इसी तरह मध्य प्रदेश में डीपी मिश्रा की सरकार गिराई थी.

ज्योतिरादित्य सिंधियाके कांग्रेस से इस्तीफे और 19 कांग्रेसी विधायकों के उनके साथ जाने के चलते ये तय हो गया है कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कमलनाथ की सरकार गिर जाएगी. खुद कांग्रेस भी इस बात को मान रही है. जिस तरह ज्योतिरादित्य के इस कदम से मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरने जा रही है, कुछ वैसा ही काम 43 साल पहले उनकी दादी ने भी किया था. तब उनकी दादी राजमाता विजयराजे सिंधिया ने कांग्रेस की तत्कालीन डीपी मिश्रा सरकार को गिरवा दिया था.

तब राजमाता ने जनसंघ के विधायकों के समर्थन से स्व. गोविंद नारायण सिंह को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया था. यही वो मौका था जब मध्य प्रदेश में लोग ग्वालियर के सिंधिया राजघराने की ताकत का अहसास करने लगे थे. इसी घटना के बाद सिंधिया परिवार सही मायनों में सियासी में मजबूती से खुद का कद भी साबित करने लगा था.

दरअसल जब देश आजाद हुआ, तब तक ग्वालियर रियासत पर सिंधिया राजघराने का शासन था. राज्य की बागडोर महाराजा जिवाजीराव सिंधिया के कंधों पर थी. आजादी के कुछ समय बाद ग्वालियर रियासत का भी भारत में विलय हो गया. इसके बाद जिवाजी राव को भारत सरकार ने नए राज्य मध्य भारत का राज्य प्रमुख बनाया. वो इस राज्य के 1956 में मध्य प्रदेश में विलय किए जाने तक इसी पोजिशन पर रहे.

नेहरू के कहने पर कांग्रेस में आईं थीं राजमाता

1961 में जिवाजी राव के निधन के बाद राजमाता विजया राजे सिंधिया ने सिंधिया राजघराने की बागडोर संभाली. उस समय वो तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कहने पर कांग्रेस में शामिल हुईं. लेकिन कुछ सालों बाद 1967 के चुनावों में ऐसी बातें हुईं, जब उनका कांग्रेस से मोहभंग होने लगा.

सीएम मिश्रा कराने लगे थे ताकत का अहसास

वो तब राज्य के मुख्यमंत्री डीपी मिश्रा से मुलाकात करने भोपाल गईं थीं. जो महारानी को कई बार ये अहसास दिलाते रहे थे कि अब ताकत उनके हाथों में है. जब वो मुलाकात के लिए गईं तो तत्कालीन मुख्यमंत्री मिश्रा ने उन्हें 10 से 15 मिनट तक इंतजार करा दिया. ये बात राजमाता के लिए किसी झटके से कम नहीं थी.

इस मुलाकात में उन्होंने छात्र आंदोलनकारियों पर पुलिस लाठीचार्ज पर नाराजगी जाहिर करते हुए वहां के एसपी को हटाने की मांग की. मुख्यमंत्री ने उनकी बात नहीं मानीं.

फिर राजमाता ने कांग्रेस को कह दिया अलविदा

इसी टकराव के बाद सिंधिया ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया. वो जनसंघ के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ीं. साथ ही निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव भी लड़ीं. दोनों में विजयी रहीं. 1967 तक विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ होते रहे थे.

तब मध्य प्रदेश में गिरी थी कांग्रेस सरकार

मध्य प्रदेश विधानसभा में विजयाराजे सिंधिया के जाने से कांग्रेस की लिए मुश्किल हालात बन गए. कांग्रेस पार्टी के 36 विधायक विपक्षी खेमे में आ गए. जिससे कांग्रेस की डीपी मिश्रा सरकार गिर गई. पहली बार मध्य प्रदेश में ग़ैर कांग्रेसी सरकार बनी. इसका श्रेय राजमाता को दिया गया. राजमाता की पसंद के गोविंद नारायण सिंह राज्य के मुख्यमंत्री बने.

हालांकि ये गठबंधन भी स्थायी सरकार नहीं दे पाया. ये केवल 20 महीने में गिर गया. गोविंद नारायण सिंह फिर कांग्रेस में चले गए. लेकिन इस सारे उठापटक ने जनसंघ को मध्य प्रदेश में मजबूत बना दिया. साथ ही विजयाराजे सिंधिया खुद भी एक बड़ी सियासी ताकत के तौर पर स्थापित हो गईं.

इंदिरा लहर में भी ग्वालियर में जीती थीं

विजयाराजे सिंधिया की लोकप्रियता ग्वालियर में जबरदस्त थी. इसी का नतीजा था कि 1971 में जब देश में इंदिरा गांधी की लहर चल रही थी, तब भी ग्वालियर इलाक़े की तीन लोकसभा सीट राजमाता और उनके पसंदीदा जनसंघ उम्मीदवारों ने जीतीं. इसमें भिंड से ख़ुद विजयाराजे जीतीं, गुना से माधवराव सिंधिया और ग्वालियर से अटल बिहारी वाजपेयी ने चुनाव जीते. वैसे बाद में माधवराव सिंधिया जनसंघ से अलग होकर कांग्रेस में शामिल हो गए.

अब दादी के ही रास्ते पर चल पड़े ज्योतिरादित्य

इमरजेंसी के दौरान राजमाता सिंधिया जेल गई. हालांकि माधवराव सिंधिया फिर कांग्रेस के साथ ही रहे. उनके बेटे ज्योतिरादित्य भी करीब दो दशकों से कहीं ज्यादा समय से कांग्रेस के साथ थे लेकिन अब उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर उसी राह पर चलने का फैसला किया है. जिस पर 43 पहले उनकी दादी ने चली थीं.

आज का राशिफल

Aries

10 मार्च 2020: दोस्तों और भाइयों से सहयोग मिलेगा. नए काम शुरू होंगे और सोचे हुए काम भी पूरे होंगे. संपत्ति के कामकाज पर ध्यान देंगे. आपका पराक्रम बढ़ सकता है. सौदेबाजी में बहुत अच्छी सफलता भी मिलने के योग हैं. आपका दिन परिवार, निजी जीवन और पैसों के मामले में ही बीत सकता है. जरूरी कामों की योजना बन सकती है. अपनी जिम्मेदारियों पर पूरा ध्यान दें. पार्टनर के लिए समय निकालें. सेहत के मामले में सावधानी जरूर रखें.

Taurus

10 मार्च 2020: किसी नकारात्मक मामले में फंसे तो आप कोई महत्वपूर्ण मौका भी गंवा सकते हैं. आज आप न कोई फैसला लें और न ही कोई निष्कर्ष निकालें. स्वभाव में तेजी या थोड़ी उलझन रहेगी. आज का दिन आपके लिए थोड़ी सावधानी भरा रहेगा. आप सोच-समझकर बोलें. आज आप दूसरे की बात भी सुनने का ध्यान रखें. पार्टनर के साथ वाहन चलाते समय सावधानी रखें. सेहत ठीक-ठाक ही रहेगी. अच्छा भोजन भी मिलेगा.

Gemini

10 मार्च 2020: नए काम और नई बिजनेस डील सामने आ सकती है. परेशानियों से निपटने के लिए दिन अच्छा रहेगा. कोई नया ऑफर भी मिल सकता है. सोचे हुए काम शुरू कर दें, आपके काम जल्दी ही पूरे हो जाएंगे. रोजमर्रा के काम पूरे होने में कोई रुकावट नहीं आएगी. आप आगे भी बढ़ेंगे. महत्वपूर्ण मीटिंग और काम करने के लिए दिन शुभ है. समस्याएं भी जल्दी ही खत्म हो जाएंगी.

Cancer

10 मार्च 2020: लव लाइफ में गलतफहमियां हो सकती हैं. किसी मामले में लापरवाही न करें. जॉब और बिजनेस में लापरवाही या जल्दबाजी न करें. सोचे हुए काम पूरे होने में थोड़ा समय लग सकता है. आज किसी भी काम में आपको ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है. कर्क राशि वाले लोग आज सेहत के मामले में लापरवाह न रहें.

Leo

10 मार्च 2020: आज आपके सोचे हुए कुछ काम पूरे नहीं हो पाएंगे. कई तरह के विचारों में आज आप उलझ सकते हैं. आप पैसे संभाल कर रखें. लेन-देन और निवेश के मामले में सोच-समझकर रहें. मन में कोई समस्या या परेशानी रहेगी. कड़वी बातें न करें. आज कोई प्लान न बनाएं, पुराने काम निपटा लें. संभलकर रहें. काम में मन नहीं लगने से परेशानी बढ़ सकती है. सेहत के मामले में दिन अच्छा है.

Virgo

10 मार्च 2020:  बिजनेस में कुछ नई योजनाओं पर काम शुरू हो सकता है. पार्टनर से सहयोग और सुख मिलेगा. लव लाइफ के लिए दिन अच्छा रहेगा. आज सोचे हुए कुछ काम पूरे हो जाएंगे. आपकी मुलाकात महत्वपूर्ण लोगों से हो सकती है. अचानक कोई तरीका आपके दिमाग में आ सकता है. आज अपने काम पर ध्यान दें. अधूरे काम समय पर निपट सकते हैं. धैर्य रखें. आपकी सेहत अच्छी रहेगी. मन भी प्रसन्न रहेगा.

Libra

10 मार्च 2020: दिन आपके लिए अच्छा है. आप परिस्थितियों का फायदा उठाकर अपने काम पूरे कर सकते हैं. कामकाज में भी आपका मन लगेगा. आज आपको अचानक कुछ अच्छे अवसर मिल सकते हैं, फायदा उठाने के लिए तैयार रहें. अचानक मन में बदलाव आ सकते हैं जोकि आपके लिए फायदेमंद रहेंगे. जीवनसाथी से संबंधों में अनुकूलता रहेगी. दिन आपके लिए अच्छा है. पार्टनर से सरप्राइज मिलने के योग हैं. आपकी सेहत अच्छी रहेगी.

Scorpio

10 मार्च 2020: नौकरी और बिजनेस में अचानक फैसले लेने पड़ेंगे. नुकसान भी हो सकता है. कन्फ्यूजन बढ़ सकता है. किसी अनचाहे नुकसान के लिए तैयार रहें. फालतू खर्चा भी होने के योग हैं. कार्यक्षेत्र में परेशानी और असुविधा हो सकती है. कोई परेशानी भरी स्थिति है तो आप उससे बहुत सावधानी से ही निपटें. परेशान करने वाले लोग आज आप के आसपास ही रहेंगे. न चाहते हुए भी दो तरफा बातें करनी पड़ सकती है. सेहत में उतार-चढ़ाव आ सकता है.

Sagittarius

10 मार्च 2020: आर्थिक मामले सुलझ जाएंगे. दाम्पत्य जीवन सुखद हो सकता है. आप समझौते और विनम्रता से उलझे हुए मामले निपटा सकते हैं. रूटीन कामों से धन लाभ हो सकता है. कर्जा लेने का मन बना सकते हैं. आपकी बड़ी परेशानियां भी खत्म हो सकती है. संतान से सहयोग मिल सकता है. नए लोगों से मुलाकात हो सकती है. नौकरी- धंधे की रुकावटें खत्म हो जाएंगी. सेहत के मामले में आपको सावधान रहना होगा.

Capricorn

10 मार्च 2020: आज आपको दिनभर सावधान रहना होगा. कुछ लोग अपने स्वार्थ के कारण आपके ही लिए परेशानी खड़ी करने की कोशिश करेंगे, सावधान रहें. आपके मन में उथल-पुथल हो सकती है. पुरानी बातों में आज आप उलझे हुए रहेंगे. किसी समस्या का समाधान हाथों-हाथ नहीं होगा. कुछ खास काम आज अधूरे रह सकते हैं. काम में आपका मन नहीं लगेगा. बिजनेस में नए एग्रीमेंट अभी न करें तो ही अच्छा है. सेहत के मामले में दिन ठीक-ठाक रहेगा.

Aquarius

10 मार्च 2020: ऑफिस में खुद को नियंत्रण में रखें. पद लाभ का योग बन रहा है. कार्यक्षेत्र की परेशानियां खत्म हो सकती हैं. आज आपकी योजनाएं सफल हो सकती हैं. आगे के कार्यों की योजनाएं बनाना आज आपके लिए बहुत आसान रहेगा. रुके हुए काम पूरे करने के लिए दिन अच्छा है. आपको योग्यता और अनुभव से काम करना होगा. आपकी समस्याएं निपट सकती हैं. सेहत के मामले में संभलकर रहें. रक्त विकार होने के योग हैं.

Pisces

10 मार्च 2020: बिजनेस में कुछ नया करने के चक्कर में आपकी परेशानी बढ़ सकती है. मन में जो उठापटक चल रही है उस वजह से आज काम में कहीं मन नहीं लगेगा. आज आप नौकरी और बिजनेस में जल्दबाजी न करें. जोखिम लेने से भी बचें. किसी बात को लेकर प्रोफेशनल लाइफ में आपकी टेंशन बढ़ सकती है. किए गए काम का कोई रिजल्ट न मिलें तो परेशान न हों. सेहत के मामले में दिन ज्यादा अच्छा नहीं है. भोजन समय पर कर लें.

आज का पंचांग

विक्रमी संवत्ः 2076, 

शक संवत्ः 1941, 

मासः चैत्र, पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः प्रतिपदा सांय 07.24 तक है,

 वारः मंगलवार, 

नक्षत्रः उत्तराफाल्गुनी रात्रिः 10.02 तक, 

योगः शूल दोपहर 12.34 तक, 

करणः बालव, 

सूर्य राशिः कुम्भ, 

चंद्र राशिः कन्या, 

राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.41, 

सूर्यास्तः 06.23 बजे।

नोटः आज से वसन्तोत्सव, होली पर्व, होला मेला, धुलण्डी, होलिका विभूति धारण, धूलिवन्दन, आम्रकुसुम प्राशन है।

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।

कोरोना से घबरा कर होली फीकी न करें

होली जरूर मनाएं, लेकिन घर पर ही मनाएं। मोहल्लों और गांवों में एकत्रित होकर समूह में न मनाएं। रंगों के इस त्योहार के समय कोरोना अब महामारी बन चुका है। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि भीड़ वाले जगहों पर न जाएं। क्योंकि किसी एक को संक्रमण होने पर कई दूसरे लोग इसकी गिरफ्त में आ सकते हैं। बेहतर होगा कि होली भी समूह में मनाने से बचें। हैप्पी होली।

चंडीगढ़:

आज होली है। फागुन के इस महीने में रंगों के इस त्योहार में हर कोई सराबोर होने को आतुर है, लेकिन एहतियात भी जरूरी है। चीन से पैदा हुआ कोरोना अंटार्कटिका को छोड़ सारे महाद्वीपों को अपने जद में ले चुका है। इंसानों से इंसानों में इसके वायरस का तेजी से संक्रमण हो रहा है। तभी तो विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत तमाम स्वास्थ्य संस्थाएं सामूहिक जुटान न करने की सलाह दे रहे हैं। उनकी इसी सलाह पर प्रधानमंत्री मोदी के बाद एक-एक करके कई मशहूर हस्तियों ने होली न खेलने का निर्णय लिया। जनमानस के लिए तो साल भर का यह त्योहार है। वे भला होली से दूर क्यों रहें। विशेषज्ञ भी कहते हैं कि होली जमकर खेलिए, लेकिन एहतियात बरतना न भूलिए।

यह बात सही है कि विशेष परिस्थितियों में कोरोना सामान्य फ्लू की तुलना में दस गुना घातक है, लेकिन अगर व्यक्ति का प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत है तो इसका वायरस लाचार हो जाता है। स्वस्थ जीवनशैली और खानपान से कोई भी अपने शरीर की प्रतिरक्षा इकाई को इस वायरस की कवच बना सकता है। बुजुर्गो और किसी अन्य रोग से ग्रसित व्यक्ति को खास एहतियात की दरकार होगी। होली की मस्ती में यह न भूलें कि कोरोना अब विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा महामारी घोषित की जा चुकी है। लिहाजा जमकर गुलाल उड़ाएं, रंगों की फुहारें छोड़ें, लेकिन अत्यधिक भीड़ में जाने से परहेज करें। कोरोना का वायरस हवा में तैरते अति सूक्ष्म कणों के साथ आंखों यहां तक कि फेस मास्क को भी भेदने की साम‌र्थ्य रखता है। सिर्फ खांसी या छींक के साथ निकलने वाले बड़े कणों को ही मास्क रोकने में सक्षम है। इसलिए सावधान रहिए, लेकिन होली के उल्लास को कम मत होने दीजिए।

विशेषज्ञ बोल

होली जरूर मनाएं, लेकिन घर पर ही मनाएं। मोहल्लों और गांवों में एकत्रित होकर समूह में न मनाएं। रंगों के इस त्योहार के समय कोरोना अब महामारी बन चुका है। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि भीड़ वाले जगहों पर न जाएं। क्योंकि किसी एक को संक्रमण होने पर कई दूसरे लोग इसकी गिरफ्त में आ सकते हैं। बेहतर होगा कि होली भी समूह में मनाने से बचें। हैप्पी होली।

दिल्ली में अमित शाह के घर BJP नेताओं की बैठक, शिवराज को चुना जा सकता है विधायक दल का नेता

मध्य प्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम पर बीजेपी ने भी नजर बना रखी है. दिल्ली में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात जारी है. बताया जा रहा है कि इस दौरान MP के सियासी घटनाक्रम पर चर्चा जारी है. शिवराज सिंह चौहान के साथ नरोत्तम मिश्रा भी मौजूद हैं. खबर हैं कि कल सुबह 6.40 बजे की फ्लाइट से शिवराज चौहान भोपाल रवाना होंगे. बीजेपी ने कल शाम सात बजे भोपाल में बीजेपी विधायक दल की बैठक बुलाई है. जिसमें सभी विधायकों को मौजूद रहने के निर्देश दिए गए हैं.

  1. अमित शाह के घर बीजेपी नेताओं की बैठक
  2. कल भोपाल में होनी है बीजेपी विधायक दल की बैठक
  3. शिवराज सिंह को चुना जा सकता है विधायक दल का नेता

नई दिल्ली: 

मध्य प्रदेश में चले रहे सियासी घमासान के बीच BJP के वरिष्ठ नेताओं की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर में बैठक चल रही है. इस बैठक में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समेत अन्य भाजपा नेता शामिल हैं. बीजेपी के वरिष्ठ  नेताओं की यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब कहा जा रहा है कि कांग्रेस के कुछ विधायक बेंगलुरू कूच कर गए हैं. ये विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के कैंप के बताए जा रहे हैं. इस बीच, मंगलवार को भोपाल में बीजेपी विधायक दल की बैठक होनी है. कहा जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान को इस बैठक में विधायक दल का नेता चुना जा सकता है. 

इस बीच, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बयान में कहा, “मैं उन ताकतों को नहीं कामयाब होने दूंगा जो माफियाओं की मदद से अस्थिरता फैला रहे हैं. मेरी सबसे बड़ी ताकत मध्य प्रदेश की जनता का प्यार और भरोसा है. मैं उन ताकतों को सफल नहीं होने दूंगा जो सरकार में अस्थिरता पैदा कर रही हैं. ऐसी सरकार जिसे मध्य प्रदेश की जनता ने बनाया है. इससे पहले, मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती मुख्यमंत्री कमलनाथ के घर पहुंचे. मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है. कांग्रेस के कुछ विधायकों के बेंगलुरू चले जाने की खबरें आने के बाद यह बैठक बुलाई गई हैं. इन विधायकों की संख्‍या 15 से 17 बताई जा रही है जिनमें से ज्‍यादातर विधायक ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के खेमे से हैं.

सूत्रों के अनुसार, मध्‍यप्रदेश कांग्रेस के 6 मंत्रियों समेत 17 विधायक, जो पूर्व सांसद ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के समर्थक बताए जाते हैं, वो एक चार्टर्ड विमान से कर्नाटक के बेंगलुरू चले गए हैं. ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया फिलहाल दिल्‍ली में हैं. सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस एक समझौते पर बातचीत करने की कोशिश कर रही है, लेकिन फिलहाल कोई समाधान होता नजर नहीं आ रहा. सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी सीएम कमलनाथ के घर पहुंचे. बता दें कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात भी की थी.

कुछ दिन पहले भी, निर्दलीय विधायकों समेत करीब 10 विधायक गुरुग्राम के एक होटल में पहुंचे थे. इसमें कांग्रेस के विधायक भी शामिल थे. कांग्रेस ने बीजेपी पर कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया था. वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा था कि कांग्रेस विधायकों को शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी नेताओं द्वारा खुलेआम 25-35 करोड़ रुपये तक ऑफर किए जा रहे हैं. हालांकि, बीजेपी ने मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार को गिराने की कोशिशों के आरोपों को खारिज किया था.  बीजेपी के नेता नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि यह सरकार खुद ब खुद गिर जाएगी, बीजेपी को उसे गिराने की जरूरत नहीं है.

क्या भाजपा में शामिल हो सकते हैं सिंधिया?

कमलनाथ सरकार के सभी मंत्रियों ने सीएम को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. भोपाल में हुई आपात कैबिनेट में कमलनाथ के प्रति आस्था जताते हुए सभी मंत्रियों ने सीएम को इस्तीफा सौंप दिया है. ऐसा बताया जा रहा है कि आस्था जताने और बगावतियों पर दबाव बनाने का ब्रह्मास्त्र. कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. सूत्रों की मानें तो ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी ने राज्यसभा सीट और मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनने का ऑफर दिया है. एमपी के राज्यपाल लालजी टंडन ने अपनी छुट्टी कैंसिल कर दी है. राजभवन के सूत्रों के हवाले से ये खबर मिल रही है.

डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम, भोपाल:

मध्य प्रदेश की सियायत में बड़े फेरबदल की आशंका से जुड़ी खबर आ रही है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. सूत्रों की मानें तो ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी ने राज्यसभा सीट और मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनने का ऑफर दिया है. फिलहाल ज्योतिरादित्य सिंधिया दिल्ली में मौजूद हैं. पहले कयास लगाए जा रहे थे कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे. लेकिन फिलहाल उनका सोनिया गांधी से मिलने का वक्त तय नहीं है. 

मध्य प्रदेश का राजनीतिक संकट गरमा गया है. मुख्य मंत्री कमलनाथ ने सोमवार शाम को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात की और फौरन ही भोपाल रवाना हो गए. सीएम भोपाल जाने से पहले कह गए कि कहीं किसी मसले पर ना कोई विवाद है और न ही संकट. आगे की रणनीति भोपाल में बनेगी. सूत्रों के अनुसार, ज्योतिरादित्य सिंधिया को पीसीसी चीफ बनाने के साथ डिप्‍टी सीएम भी बनाया जा सकता है. हालांकि कमलनाथ उनके नाम पर राजी नहीं हैं. उधर सिंधिया समर्थक मंत्री और विधायकों के फोन स्विच ऑफ हैं. खबर है कि सिंधिया समर्थक 6 मंत्री और 12 विधायक बंगलुरू में हैं.

सीएम ने जारी किया बयान

कैबिनेट बैठक खत्‍म हो गई है. जबकि मध्‍य प्रदेश में जारी सियासी ड्रामे के बीच सीएम कमलनाथ ने एक बयान जारी किया है. उन्‍होंने कहा कि मैं सूबे में माफिया के सहयोग से अस्थिर करने वाली ताकतों को सफल नहीं होने दूंगा. प्रदेश की जनता का विश्वास और उनका प्रेम मेरे लिए सबसे बड़ी शक्ति है. साथ ही कमलनाथ ने कहा कि अब इस मामले पर दिल्‍ली से जो भी फैसला होगा वह सभी को मानना होगा. इसके अलावा कमलनाथ समर्थक सभी विधायकों और मंत्रियों ने अपना इस्तीफा सीएम को सौंपा है. मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, सीएम पर निर्भर करता है कि वो कौन सा फैसला लेंगे. इसके अलावा मंगलवार सुबह 11:30 बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है.

भाजपा अध्‍यक्ष ने कही ये बात

एमपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा का कहना है कि दिग्विजय सिंह रिमोट कंट्रोल से ये सरकार चला रहे हैं. शर्मा ने यह भी कहा कि कांग्रेस आंतरिक संकट से गुजर रही है. जबकि भाजपा के विश्‍वास सारंग ने कहा कि जब से सरकार बनी है तब से सिर्फ असंतोष की आग में जल रही है.

बता दें कि मध्य प्रदेश में सिंधिया खेमे के 20 विधायक कर्नाटक गए में जिसमें 6 मंत्री भी शामिल हैं. वहीं राज्य में जारी सियासी घटनाक्रम के बाद मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने अपनी होली की छुट्टियां कैंसिल कर दी और वह वापस भोपाल लौटेंगे. राज्यपाल 5 दिन की छुट्टी पर लखनऊ गए हुए थे.

कमलनाथ सरकार के सभी मंत्रियों ने सीएम को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. भोपाल में हुई आपात कैबिनेट में कमलनाथ के प्रति आस्था जताते हुए सभी मंत्रियों ने सीएम को इस्तीफा सौंप दिया है. ऐसा बताया जा रहा है कि आस्था जताने और बगावतियों पर दबाव बनाने का ब्रह्मास्त्र.

राज्यपाल ने कैंसिल की छुट्टी

एमपी के राज्यपाल लालजी टंडन ने अपनी छुट्टी कैंसिल कर दी है. राजभवन के सूत्रों के हवाले से ये खबर मिल रही है. दरअसल, राज्यपाल लालजी टंडन लखनऊ गए हुए थे, लेकिन राजनीतिक आपाधापी के बीच उनके भोपाल वापस लौटने की जानकारी मिल रही है. राज्यपाल मंगलवार को वापस लौट रहे हैं. 

वन मंत्री उमंग सिंगार ने दिया ये बयान

वहीं कमलनाथ सरकार के वन मंत्री उमंग सिंगार का कहना है कि कांग्रेस में हर तरह के रास्ते खुले हुए है. उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान दिल्ली से इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है. उन्होंने कहा कि पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी सिंधिया से बातचीत कर रही हैं. साथ उन्होंने यह भी कहा कि एमपी में कमलनाथ सरकार पूरी तरह स्थिर है. इस मामले में चले आ रहे विवाद पर और सिंधिया की नाराजगी पर सिंगार का कहना है कि किसी भी तरह की नाराजगी होगी तो पार्टी हाईकमान इसका समाधान निकालेगा.

मध्‍य प्रदेश में ये है गणित
एमपी विधानसभा में 230 सीटे हैं. जबकि विधानसभा में फिलहाल विधायकों की संख्या 228 है. इसमें कांग्रेस के 114 और बीजेपी के 107 विधायक हैं. निर्दलीय विधायकों की संख्या 4 है, जिसमें बीएसपी के 2 और एसपी का 1 विधायक है. यही नहीं, एमपी में पूर्ण बहुमत के लिए 116 विधायकों के समर्थन की जरूरत होती है. विधानसभा में फिलहाल 2 सीटें रिक्त हैं. अगर कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया अपना पाला बदलते हैं, तो कमलनाथ सरकार के लिए सियासी संकट गहरा सकता है.

सोनिया गांधी से मुलाकात

मध्य प्रदेश में सियासी उठापटक के बीच सीएम कमलनाथ आज दिल्ली आए और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले. कुछ देर की मुलाकात के बाद वो बाहर निकले और मीडिया से बात भी की. कमलनाथ ने कहा, ‘भोपाल जा रहा हूं. आगे की रणनीति वहीं बनाई जाएगी.’ उन्होंने कहा राज्यसभा सीट और दावेदारी को लेकर कोई विवाद नही हैं. हमारी नेता सोनिया गांधी से मेरी हर मुद्दे पर चर्चा हुई है. राज्‍यसभा के नामों को फैसला जल्‍दी किया जाएगा.

घोटालों के खुलासे से बीजेपी परेशान

सीएम कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के ताजा राजनीतिक हालात के बारे में विपक्ष पर हमला करते हुए कहा, ‘बीजेपी नेताओं से रहा नहीं जा रहा है. 15 साल के घोटाला का खुलासा होने जा रहा है. इस वजह से भाजपा के नेता परेशान हैं. सीएम ने कहा कि सब जानते हैं मध्य प्रदेश कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है. मैंने हर कांग्रेस कार्यकर्ता का साथ दिया है. मेरा कोई गुट नहीं है.’ गायब हुए विधायकों के बारे में कमलनाथ ने कहा- विधायकों ने तो यह बात भी बोली है कि वह तीर्थ यात्रा पर गए थे. सीएम ने राज्य के लोगों होली को शुभकामनाएं भी दीं और भोपाल के लिए रवाना हो गए.

सिंधिया समर्थक मंत्री- विधायकों के फोन बंद

इस बीच सिंधिया समर्थक मंत्री और विधायकों का नया पैंतरा सामने आया है. सिंधिया खेमे के मंत्रियों और विधायकों के फोन स्विच ऑफ हैं. इसमें विधायक जसवंत जाटव, मुन्नालाल गोयल, गिर्राज दंडोतिया, ओपीएस भदौरिया के अलावा कमलनाथ सरकार में मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, महिला विकास मंत्री इमरती देवी और स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट जैसे बड़े नाम शामिल हैं. पता चला है कि ये 6 मंत्री और 12 विधायक बंगलुरू में हैं.

ये हैं 6 मंत्री और 12 विधायक

सिंधिया के समर्थक मंत्रियों में तुलसी सिलावट, गोविन्द सिंह राजपूत, प्रधुम्न सिंह तोमर, इमरती देवी,प्रभुराम चोधरी और महेन्द्र सिसोदिया शामिल हैं. जबकि विधायकों में मुन्ना लाल गोयल, गिरिराज दंडोतिया, ओपीएस भदोरिया, विरजेंद्र यादव, जसपाल जजजी, कमलेश जाटव, राजवर्धन सिंह, रघुराज कंसना, सुरेश धाकड़, हरदीप डंग और रक्षा सिरोनिया जसवंत आदि शामिल हैं.

यूथ कांग्रेस चुनाव टले

एमपी में जारी सियासी घमासान के बीच मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के चुनाव टाल दिए गए हैं. अब राज्यसभा चुनाव के बाद कार्यक्रम बनेगा. कांग्रेस के सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि प्रदेश अध्यक्ष कुणाल चौधरी ने कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी नेताओं से मुलाकात की और उसके बाद चुनाव टालने का फैसला लिया गया.

श्रीकृष्ण हुड्डा की बीमारी ने कांग्रेस और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा की चिंताएं बढ़ा दी है

धर्मपाल वर्मा, चंडीगढ़:
बरोदा के कांग्रेस के विधायक चौधरी श्रीकृष्ण हुड्डा की बीमारी ने कांग्रेस और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा की चिंताएं बढ़ा दी है। कल ही कुमारी शैलजा जब रोहतक के एक प्राइवेट अस्पताल में दाखिल श्री कृष्ण हुड्डा का हाल चाल पूछने गई तो राजनीति के जानकारों के भी कान खड़े हो गए l दो बात साफ होती जा रही है एक यह कि कुमारी शैलजा राज्यसभा के लिए कांग्रेस की लगभग पक्की उम्मीदवार हैं और दूसरी यह कि भाजपा दोनों सीट जीतने का लगभग सारा सामान जुटा चुकी हैl उसका एक संकेत तो इसी बात से मिल जाता है कि 3 सीटें खाली हैं और 2 पर चुनाव हो रहा है l यह एक रणनीति है इसका  पेच इतना खतरनाक तरीके से फंसा हुआ है कि एक तीर से तीन शिकार हो सकते हैं l

श्रीकृष्ण हुड्डा काफी बीमार हैl इतने बीमार कि वह हाल के विधानसभा सत्र में भी नहीं आए lपिछले दिनों अचानक अचेत होकर गिर गए l एक बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल में आईसीयू में दाखिल हैं l

वे ज्यादा बीमार हैं यह चिंता का विषय है lराज्यसभा का चुनाव सिर पर है lहम सब परमात्मा से दुआ करते हैं कि श्री हुड्डा जल्दी स्वस्थ हो और अपनी जिम्मेदारी पर लौट आए lगौरतलब है कि किलोई और बरोदा से कई बार विधायक रह चुके श्रीकृष्ण हुड्डा 85 साल के हैं और ऐसा लगता है कि एक घटना से उन्हें जरूर मानसिक आघात पहुंचा है l

ऐसी घटना जिससे उनका उस तरह का कोई लेना-देना नहीं था जैसा मीडिया के एक वर्ग  ने प्रचारित किया कि पिछले महीने उनके पैतृक गांव खिड़वाली  से संबंधित एक युवक लगभग 1 करोड रुपए मूल्य की हेरोइन के साथ चंडीगढ़ में पकड़ा गयाl उसने यह कहकर बच निकलने की असफल कोशिश की कि वह तो विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा का पोता यानी पोत्र है जबकि ऐसा था नहींl वह उनके गांव का जरूर है।बाद में यह बात भी सामने आई कि उक्त युवक घटना से पहले हरियाणा एमएलए हॉस्टल में श्री हुड्डा के नाम के रूम में रुका भी था l

हुड्डा इस बात से आहत है कि मीडिया के एक वर्ग ने उनका पक्ष जाने बिना मामले की पड़ताल किए बिना उनका नाम इस तरह से उछाला कि जैसे वास्तव में आरोपी उसका कोई परिजन ही है lस्पष्टीकरण के बाद भी अपुष्ट खबरें  छपती रही lइससे भी हुड्डा दुखी थे lइतनी बड़ी उम्र में बीमारी की रिकवरी बड़ी कठिन हो जाती है l इसीलिए हुड्डा के लिए  अगले कुछ दिन बहुत ही महत्वपूर्ण हैंl आपको बता दें कि लगभग ऐसी ही स्थिति जींद में पूर्व विधायक डॉक्टर हरिचंद मिड्ढा के मामले में देखी गई थी l  यह भी काबिले जिक्र है कि बरोदा  के कांग्रेस के विधायक चौधरी श्रीकृष्ण हुड्डा का इस तरह से और इस उम्र में बीमार होना हरियाणा की राजनीति में नए हालात पैदा कर देगा l पाठकों को बता दें कि चौधरी श्रीीकृष्ण हुड्डा 1987 1996 2005 में कलोई  से तथा 2009 2014 और 2019 में बरोदा से विधायक  बने हैं lउन्होंने पहले दो चुनाव लोक दल के उम्मीदवार के रूप में लड़े बाद में वे  कांग्रेस में  शामिल हो गए  l सिटिंग एमएलए रहते हुए  जब  पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने  उनकी टिकट काट दी  तो वे  कांग्रेस में शामिल हो गए lबता दें कि  जब 2005 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री बनाया गया तब  वे रोहतक के सांसद थे और श्रीकृष्ण हुड्डा किलोई के कांग्रेस के विधायक  l  चौधरी श्रीकृष्ण हुड्डा ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए सीट  छोड़ दी थी l

मध्य प्रदेश में सियासी संकट फिर उभरा

होली से ठीक पहले मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर एक बार फिर सियासी संकट के बादल घिरने लगे हैं जिसके बाद दिल्ली, भोपाल और बेंगलुरु तक में धूप छांव का खेल खेला जाने लगा. ये हलचल तब शुरू हुई जब मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों में ये खबर गूंजने लगी है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों के फोन बंद हो गए हैं. सूत्रों के अनुसार मध्‍यप्रदेश कांग्रेस के 6 मंत्रियों समेत 17 विधायक जो पूर्व सांसद ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के समर्थक बताए जाते हैं, वो एक चार्टर्ड विमान से बीजेपी शासित कर्नाटक के बेंगलुरू चले गए हैं. बागी कांग्रेस विधायकों व अन्‍य, जो पाला बदलने के लिए तैयार रहे हैं, उनके लिए बेंगलुरू सुर्खियों में रहा है. सूत्रों के अनुसार कभी गांधी परिवार के करीबी रहे ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया फिलहाल दिल्‍ली में हैं और कांग्रेस एक समझौते पर बातचीत करने की कोशिश कर रही है, लेकिन फिलहाल कोई समाधान होता नजर नहीं आ रहा. 230 विधायकों की राज्य सभा में वर्तमान में कांग्रेस 114 विधायक के साथ सत्ता में है, तो भाजपा के 107 विधायक हैं. बसपा के 2, सपा का एक और 4 निर्दलीय विधायक हैं.

  • दिल्‍ली में सोनिया गांधी से मिले मुख्‍यमंत्री कमलनाथ, मुलाक़ात के बाद कहा सब ठीक है
  • राज्‍य में तीन राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होना है
  • बेंगलुरू गए विधायकों में 6 मंत्री भी शामिल हैं

भोपाल:

49 वर्षीय सिंधिया दिसंबर 2018 में मुख्‍यमंत्री पद की दौड़ में तब पिछड़ गए थे जब उन्‍हें केवल 23 विधायकों का ही समर्थन मिल सका था जबकि मध्‍यप्रदेश में कांग्रेस की जीत में उन्‍होंने बड़ा योगदान दिया था. कमलनाथ मुख्‍यमंत्री बने थे पार्टी की राज्‍य इकाई पर भी उनका ही नियंत्रण रहा. तब सिंधिया को पिछले साल के लोकसभा चुनावों के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ उत्तर प्रदेश का प्रभारी बना कर शांत करने की कोशिश की गई लेकिन वहां कांग्रेस को बुरी तरह हार का मुंह देखना पड़ा.

प्रदेश की सियासत में तख्तापलट के इतिहास को देखते हुए भोपाल की सियासत में सुदूर दक्षिण के बेंगलुरु शहर का नाम ही भूकंप लाने के लिए काफी है. तख्तापलट से पहले बेंगलुरु कई राज्यों के विधायकों का ‘सेफ हाउस’ बन चुका है. लिहाजा कमलनाथ सरकार में मंत्री-विधायकों के भोपाल की तरफ भागने की खबरें आने लगीं. यानी हर खेमे की गोलबंदी शुरू हो गई है ताकि ‘कयामत के वक्त’ में ताकत भरपूर हो और जोर आजमाइश में कोई कमजोर न निकले. तब तक कई संभावनाओं पर समीकरण टटोले जाने लगे. खबर आई कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश की कमान सौंपी जा सकती है. यानी उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद दिया जा सकता है.

मुख्‍यमंत्री कमलनाथ ने राज्‍य में जारी सियासी संकट के मद्देनजर सोमवार को ही पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात थी और उसके बाद कहा था कि सब ठीक है. लेकिन लगता नहीं की वहां सरकार में सबकुछ ठीक चल रहा है.

सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा था कि बैठक में राज्य के सियासी संकट और राज्यसभा चुनाव पर चर्चा हुई. मंत्रिमंडल में विस्तार पर भी चर्चा हुई. मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा, ‘पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात हुई, तमाम मुश्किलों पर बात हुई. राज्यसभा उम्मीदवारों को लेकर बातचीत हुई है और जो राजनीतिक घटनाक्रम हुआ है, उसको लेकर भी बातचीत हुई है.’ हालांकि कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी और उनके कई करीबियों के संपर्क में नहीं होने के सवाल पर कमलनाथ ने कोई जवाब नहीं दिया था.

इससे पहले कांग्रेस के 4 विधायक बेंगलुरु चले गए थे जिनमें से दो वापस लौट आए हैं. हालांकि दो अन्‍य विधायकों से अबतक कांग्रेस का संपर्क नहीं हुआ है, जो लौटे हैं वो सीधे मंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं, जो रुके हैं उन्हें भी मंत्री बनना है. सबको मंत्री बनना है.

राज्य में 230 विधायकों की संख्या के हिसाब से 34 सदस्य मंत्री बनाए जा सकते हैं. इस समय मुख्यमंत्री को मिलाकर 29 मंत्री है. 5 मंत्री और शामिल किए जा सकते हैं. वर्तमान में कांग्रेस 114 विधायक के साथ सत्ता में है, तो भाजपा के 107 विधायक हैं. बसपा के 2, सपा का एक और 4 निर्दलीय विधायक हैं.

मध्यप्रदेश में रिक्त हो रहीं तीन राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होना है. इसके लिए नामांकन 13 मार्च तक किए जा सकते हैं. कांग्रेस और बीजेपी की विधानसभा में मौजूदा सीटों को देखते हुए कांग्रेस के खाते में तीन में से दो सीटें आने की संभावना बनी हुई है. कांग्रेस में यह दो सीटें सुनिश्चित करने के लिए उम्मीदवारों के नामों को लेकर मंथन चल रहा है. मध्यप्रदेश से कांग्रेस की ओर से ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह को बड़ा दावेदार माना जा रहा है.

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में पिछले मंगलवार से सियासी ड्रामा जारी है. बीजेपी पर कांग्रेस का आरोप है कि उसने उसके चार विधायकों का अपहरण कर लिया. यह कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने के लिए किया गया. हालांकि बीजेपी ने इस आरोप से इनकार किया है. बीजेपी के नेता नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि यह सरकार खुद ब खुद गिर जाएगी, बीजेपी को उसे गिराने की जरूरत नहीं है. दूसरी तरफ लापता चार विधायकों में से एक निर्दलीय एमएलए सुरेंद्र सिंह ‘शेरा भैया’ शनिवार को भोपाल लौट आए और उन्होंने अपहरण की बात से इनकार किया. मध्यप्रदेश में मचे इस सियासी घमासान के बीच राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं. इन हालात में कांग्रेस के सामने कमलनाथ सरकार को सुरक्षित रखने और साथ ही राज्यसभा की दो सीटें सुनिश्चित करने की भी चुनौती है.

मसला जो हो लेकिन भोपाल की पॉलिटिक्स में बेंगलुरु से नया ऐंगल जुड़ा तो प्रदेश सरकार से ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी के मुद्दे पर खुल कर चर्चा होने लगी. राज्य की सियासत में ग्वालियर राजघराने के ‘महाराज’ की अलग हैसियत है. कहा जा रहा है कि इस हैसियत की अनदेखी से महाराज ज्यादा खफा हुए. रोड पर उतरने वाला बयान दे कर उन्होंने पानी ऊपर जाने का संकेत दिया लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ से भाव नहीं मिला. कमलनाथ ने कहा था कि अगर सिंधिया को रोड पर उतरना है तो उतर जाएं. इस पर सिंधिया समर्थक इमरती देवी का जो बयान आया उससे ही इशारा मिलने लगा था कि ये खेल खतरनाक होता जा रहा है. उन्होंने कहा था कि अगर महाराज सड़कों पर उतरे तो प्रदेश की जनता भी उनके साथ उतरेगी. 

पिछले हफ्ते जब ऑपरेशन लोटस की बात छिड़ी तो ज्योतिरादित्य सिंधिया चुप्पी साधे हुए थे. हालांकि उनके समर्थक विधायक ने कहा था कि अगर सिंधिया का प्रदेश सरकार ने अनादर किया तो कमलनाथ सरकार पर संकट जरूर आ जाएगा. इसके बाद सिंधिया गुट के विधायक इस पूरे सियासी घटनाक्रम से खुद को दूर रखे रहे. 

हालांकि सिंधिया समर्थक विधायकों और मंत्रियों के अचानक गायब होने पर मंत्री ओमकार मरकाम ने चुटकी ली है. उन्होंने कहा कि सब मंत्री विधायक होली मनाने गए होंगे. शायद यही वजह है कि उनके मोबाइल भी बंद आ रहे हों

कांग्रेस विधायकों के बेंगलुरु कनेक्शन पर मंत्री ओमकार मरकाम का कहना है कि सभी विधायक, मंत्री बेंगलरु ही क्यों जा रहे हैं ये तो बड़े नेता ही बता सकते हैं. वहीं मरकाम ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस का वरिष्ठ नेता बताते हुए उनकी जमकर तारीफ़ भी की है. साथ ही प्रदेश के सभी कांग्रेस विधायक सीएम के संपर्क में होने का दावा भी किया है.

कांग्रेस में गुटबाजी के बीच बीजेपी अपनी रोटी सेंकने की जुगत में है. सिंधिया की नाराजगी को भांपते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान दिल्ली से भोपाल जाएंगे. कल शाम 7 बजे बीजेपी ने विधायक दल की बैठक भी बुला ली है. वहीं सीएम हाउस में मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने मंत्रियों और विधायकों के साथ बैठक कर रहे हैं. लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया दिल्ली में है. देर शाम उन्होंने सचिन पायलट से मुलाकात की और खुद कार चलाकर दिल्ली स्थित अपने घर पहुंचे. 

  1. देर शाम तक ‘सिंधिया खेमे’ के ये विधायक संपर्क में नहीं
  2. गिर्राज दंडोतिया, कांग्रेस विधायक दिमनी (मुरैना)
  3. कमलेश जाटव, कांग्रेस विधायक अम्बाह (मुरैना)
  4. यशवंत जाटव, कांग्रेस विधायक, करैरा (शिवपुरी)
  5. इमरती देवी, महिला एवं बाल विकास मंत्री (ग्वालियर)
  6. प्रद्युम्न सिंह तोमर, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री (ग्वालियर)
  7. गोविंद सिंह राजपूत, परिवहन मंत्री, विधायक -सुरखी (सागर)
  8. ओपीएस भदोरिया, कांग्रेस विधायक, मेहगाव (भिण्ड)
  9. रघुराज सिंह कंसाना, कांग्रेस विधायक मुरैना
  10. जसपाल सिंह जग्गी, अशोक नगर विधायक
  11. बृजेंद्र सिंह यादव, मुंगावली विधायक
  12. श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया लापता (मंत्री के दफ्तर और स्टाफ को भी नहीं जानकारी, समर्थकों को भी कल शाम से नहीं मंत्री की जानकारी)