इस संकट की घड़ी में जनप्रतिनिधि भी बनें सहारा
क्या आप जानते हैं?
देश मे 545 साँसद, 245 राज्यसभा सांसद व 4120 विधायक है। कुल मिलाकर 4910 जनप्रतिनिधि।
अगर यह सारे जनप्रतिनिधि मिलकर अपने व्यक्तिगत खातों मे से 2-2 लाख ₹ भारत सरकार को दे। जो इतनी बड़ी रकम भी नही है इन जनप्रतिनिधियों के लिए। तो भारत देश को कोरोना महामारी से लड़ने के लिए 98,20,00,000 लाख ( 98 करोड़ 20 लाख ) रुपये इकट्ठे हो सकते हैं।
क्यों हर बार देश का मध्यम वर्गीय परिवार के लोगों से ही देश की मदद की अपील की जाती है? क्या इन राजनेताओं की कोई जिम्मेदारी और जवाबदेही नही है भारत देश के जनता के प्रति?
आखिर क्यों यह माननीय साँसद और विधायक अपनी अपनी साँसद और विधायक निधि के पैसों को ही खर्च कर ही देश के सच्चे जनप्रतिनिधि होने का प्रमाण प्रस्तुत कर अपने कर्तव्य से पल्ला झाड़ लेते है? जबकि वो पैसा जनता द्वारा ही सरकार को टैक्स के रूप मे देश को चलाने और विकास के लिए दिया जाता है।
क्या अपने जनप्रतिनिधियों से हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी यह अपील नही कर सकते देशहित के लिए?
इसलिए हमारी अपने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से प्रार्थना है कि वो भारत देश के इन माननीय जनप्रतिनिधियों से यह अपील करें की वो अपने व्यक्तिगत खातों से 2-2 लाख रुपये देश की सेवा के लिए दान करे।
जिससे देश की जनता को इस विपत्ति के समय में आर्थिक व स्वास्थ्य कार्यों के लिये पैसों का इंतजाम हो सके।
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