सम्पूर्ण भारत में 21 दिन का लॉक डाउन, 15000 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा
पीएम नरेंद्र मोदी के अनुसार संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान देश में सभी जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी. देश में कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की संख्या 519 हो गई है. प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मेडिया इस लॉक डाउन से अछूते रहेंगे।
नई दिल्ली:
कोरोना वायरस को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार (24 मार्च) को पूरे देश में लॉकडाउन का ऐलान किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक तरह से कर्फ्यू ही है. यह जनता कर्फ्यू से तोड़ा ज्यादा सख्त है. कोरोना से लड़ने के लिए उठाया गया यह कदम बहुत आवश्यक है. आपके जीवन को बचाना, आपके परिवार को बचाना मेरी, भारत सरकार की देश की हर राज्य सरकार की, हर स्थानीय निकाय की सबसे बड़ी प्राथमिकता है.
हर भारतवासी ने जनता कर्फ्यू का पालन किया
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा मैं आज एक बार फिर कोरोना वैश्विक महामारी पर बात करने के लिए आपके बीच आया हूं. 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का जो संकल्प हमने लिया था उसकी सिद्धि के लिए हर भारतवासी ने पूरी जिम्मेदारी के साथ अपना योगदान दिया. एक दिन के जनता कर्फ़्यू से भारत ने दिखा दिया कि जब देश पर संकट आता है, जब मानवता पर संकट आता है तो किस प्रकार से हम सभी भारतीय मिलकर,एकजुट होकर उसका मुकाबला करते हैं.
सोशल डिस्टेंडिंस से ही होगा बचाव
आप कोरोना वैश्विक महामारी पर पूरी दुनिया की स्थिति को समाचारों के माध्यम से सुन भी रहे हैं और देख भी रहे हैं. आप ये भी देख रहे हैं कि दुनिया के समर्थ से समर्थ देशों को भी कैसे इस महामारी ने बिल्कुल बेबस कर दिया है. कुछ लोग इस गलतफहमी में हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग केवल बीमार लोगों के लिए आवश्यक है. ये सोचना सही नहीं. सोशल डिस्टेंसिंग हर नागरिक के लिए है, हर परिवार के लिए है, परिवार के हर सदस्य के लिए है. पिछले दो दिनों से देश के अनेक भागों में लॉकडाउन कर दिया गया है. सभी को राज्य सरकार के इन प्रयासों को गंभीरता से लेना चाहिए. सोशल डिस्टेंसिंग पूरे देश के लिए जरूरी है. कुछ लोगों की लापरवाही आपके देश और समाज को बहुत बड़ी मुश्किल में झोंक देगी.
कोरोना यानि कोई रोड पर ना निकले
पीएम मोदी ने कहा, कई बार कोरोना से संक्रमित व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ लगता है. इसलिए एहतियात बरतना है. अपने घरों में रहें. जो लोग घरों में है. वो लोग सोशल मीडिया पर इनोवेटिव तरीके से इस बात को बता रहे हैं. एक बैनर मुझे भी पसंद आया है. इसमें लिखा है. कोरोना यानि कोई रोड पर ना निकले.
पूरे देश संयम बरते और इन बंधनों को स्वीकार करें
पीएम मोदी ने कहा, ‘ऐसे समय में जाने अनजाने कई बार अफवाह भी खूब उड़ती है. आपके द्वारा सरकार के निर्देशों का पालन करना बहुत जरूरी है. इस बीमारी के लक्षणों के दौरान बिना डॉक्टरों की सलाह के कोई दवा ना लें. हर भारतीय संकट की इस घड़ी में सरकार के स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करेगा. 21 दिन का लॉकडाउन लंबा समय है. लेकिन आपके जीवन की रक्षा के लिए आपके परिवार की रक्षा के लिए एक ही उपाय है. मुझे विश्वास हर भारतवासी इस संकट की घड़ी में विजय होकर निकलेगा. आप अपना ध्यान रखिए, अपने अपनों का ध्यान रखिए. आत्मविश्वास के साथ संयम बरतते हुए हम सब इन बंधनों को स्वीकर करें.’
15 हजार करोड़ के बजट का ऐलान
पीएम मोदी ने कहा, ‘इस वैश्विक महामारी को मिटाने के लिए भारत सरकार लगातार बड़े फैसले ले रही है. देश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्टर को मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 15 हजार करोड़ के बजट का ऐलान किया है. देश का प्राइवेट सेक्टर भी इस घड़ी में देशवासियों के साथ खड़ा है. प्राइवेट लैब और अस्पताल सरकार के साथ काम करने के लिए आगे आ रहे हैं.
जारी रहेगी आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लॉकडाउन के दौरान सभी आवश्यकत वस्तुओं की सप्लाई बनी रही, इसके लिए सभी उपाय किए गए हैं. निश्चित तौर पर संकट की यह घड़ी गरीबों के लिए बहुत मुश्किल वक्त लेकर आई है. केंद्र सरकार राज्य सरकार गरीबों की मदद के लिए जुटे हुए हैं. साथियों जीवन जीने के लिए जो जरूरी है उसके लिए सारे प्रयासों के साथ ही जीवन बचाने के लिए जो जरूरी है उसे सर्वोच्च प्राथमिकता देनी ही पड़ेगी.’
इनके लिए प्रार्थना करें
आपको याद रखना है जान है तो जहान है, ये धैर्य और संकल्प की घड़ी है. जब तक देश में लॉकडाउन की स्थिति है. हमें अपना वचन निभाना है. मेरी आपसे हाथ जोड़कर प्रार्थना है. आप उन लोगों के लिए प्रार्थना जो अपना जीवन खतरे में डालकर काम कर रहे हैं. डॉक्टर, नर्सेज, पैथोलॉजिस्ट दिन रात अस्पताल में काम कर रहे हैं. अस्पताल कर्मी, वार्ड ब्वायज, सफाईकर्मचारी, एंबुलेंस चलाने वाले आप उन लोगों के लिए प्रार्थना करें जो आपके सार्वजनिक स्थानों को सेनिटाइज करने के काम में जुटे हैं.
कैसे बनी महामारी
इटली और अमेरिका जैसे स्वास्थ्य संसाधन पूरी दुनिया में बेहतरीन है बावजूद इसके यह देश कोरोना का प्रभाव कम नहीं कर पाए. सवाल ये कि इस स्थिति में उम्मीद की किरण कहां है? विकल्प क्या है? यहां उम्मीद की किरण सिर्फ यह है कि उन देशों के नागरिक घरों से बाहर नहीं निकले. उन देशों ने सरकारी निर्देशों का पालन किया और वो देश अब इस महामारी से बाहर आने की ओर बढ़ रहे हैं.
कोरोना वायरस को पहले एक लाख तक पहुंचने में 67 दिन लगे थे. लेकिन इसके बाद दो लाख लोगों तक पहुंचने में सिर्फ 11 दिन लगे. 2 लाख से 3 लाख तक पहुंचने में सिर्फ 4 दिन लगे.आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह वायरस कितनी तेजी से फैलता है. यही वजह है चीन, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ईरान में जब इस वायरस ने फैलना शुरू किया तो हालात बेकाबू हो गए.
21 दिन भूल जाओ कि घर से बाहर जाना है
पीएम मोदी ने कहा कि आज रात 12 बजे से पूरे देश में लॉकडाउन होने जा रहा है. लॉकडाउन एक तरह का कर्फ्यू है. मेरी देशवासियों से प्रार्थना है कि आप देश में जहां भी हैं, वहीं रहें, लॉकडाउन 3 सप्ताह का होगा. आने वाले 21 दिन हर नागरिक के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. ये मेरी प्रार्थना. आपको ये याद रखना है कि घर से बाहर पड़ने वाला आपका सिर्फ एक कदम कोरोना जैसी गंभीर बीमारी को आपके घर में ला सकता है. कोरोना महामारी के जानकारों का मानना है कि इस लड़ाई के लिए कम से कम 21 दिन का समय लगता है. अगर ये 21 दिन नहीं संभले तो स्थिति बहुत विकट हो जाएगी. इन 21 दिनों के लिए भूल जाइये कि घर से बाहर जाना है.
मंगलवार शाम तक भारत में कोरोना के मरीजों की संख्या 519 पहुंच गई. भारत में अब तक 9 संक्रमितों की मौत हुई है.
बता दें कि कोरोना वायरस की चपेट में लगभग पूरा देश आ चुका है. देश में कोरोना पीड़ितों की संख्या अब बढ़कर 519 हो गई है. इसमें विदेशी नागरिक भी शामिल हैं. कोविड-19 से अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि कोविड 19 के दुनियाभर में करीब 3 लाख 80 हजार से ज्यादा मरीज हैं और 16,497 लोगों की मौत हो चुकी है. 30 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में लॉकडाउन की स्थिति है. इसमें दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र और पुड्डुचेरी में कर्फ्यू लगा दिया गया है.