COVID-19 के प्रकोप की आशंका के मद्देनजर सर्वोच्च न्यायालय का काम सीमित रहेगा और उपयुक्त संख्या की बेंच तत्काल मामलों पर ही सुनवाई करेगी
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अधिसूचना जारी कर निर्देश दिया है कि COVID-19 (कोरोना वायरस) के प्रकोप की आशंका के मद्देनजर कोर्ट का काम सीमित रहेगा और उपयुक्त संख्या की बेंच तत्काल मामलों पर ही सुनवाई करेगी।
अधिसूचना में कहा गया है कि
“भारत सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइज़री की समीक्षा करने और चिकित्सा पेशेवरों सहित सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय को देखते हुए और सभी आगंतुकों, वादकारियों, वकीलों, अदालत कर्मचारियों, सुरक्षा और स्पोर्ट स्टाफ कर्मचारी, छात्र, इंटर्न और मीडिया पेशेवरों की सुरक्षा को देखते हुए सक्षम प्राधिकारी को यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि न्यायालयों के कामकाज को तत्काल मामलों की सुनवाई तक सीमित रखा जाएगा। उपयुक्त संख्या की बेंच तत्काल मामलों पर ही सुनवाई करेगी। “
यह भी सूचित किया जाता है कि मुकदमों में पेश होने वाले वकीलों को छोड़कर तर्क के लिए या मौखिक प्रस्तुतियां देने के लिए या केवल एक मुकदमेबाज़ी के साथ सहायता करने के लिए अदालत कक्ष में किसी भी व्यक्ति को अनुमति नहीं दी जाएगी।
केवल मामले को सुनने वाले अधिकारी के समक्ष मामलों का उल्लेख किया जाएगा। स्वास्थ्य के लिए सुरक्षा उपायों के महत्व को ध्यान में रखते हुए, सभी संबंधितों से अनुरोध है कि वे सभी के हित में, ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों के निर्देशों का पालन करें।
भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने भारत में कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच गुरुवार को अपने आवास पर एक जरूरी बैठक रखी थी। इस बैठक में जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस यूयू ललित, अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के पदाधिकारियों और रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) के पदाधिकारियों के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया।
स्थिति की गंभीरता के साथ-साथ देश भर में बढ़ रहे मामलों की जानकारी लेते हुए अदालत परिसर में बड़ी संख्या में वकीलों और वादियों को प्रवेश करने की अनुमति देने के खतरों पर चर्चा हुई।
सुप्रीम कोर्ट में फिलहाल होली की छुट्टियां चल रही हैं और 16 मार्च सोमवार को फिर से कोर्ट में काम शुरू होगा। कोरोना वायरस के मामले की गंभीरता को देखते हुए 11 मार्च को गृह मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 को लागू करने के लिए कहा, जबकि दिल्ली सरकार ने गुरुवार को निर्देश दिया कि सिनेमा हॉल और स्कूल जहां परीक्षाएं पूरी हो चुकी हैं, वे एहतियात के तौर पर 31 मार्च तक बंद रहेंगे। अब तक भारत में COVID-19 के 74 मामलों की पुष्टि हुई है।