भारत मे हर वर्ष किडनी की बीमारी से 2.4 लाख लोग पीडि़त होते हैं: डा. नवजीत सिद्धू
‘हाई बल्ड प्रैशर, शुगर, पथरी तथा यूटीआई किडनी खराब होने के मुख्य कारण’
पंचकूला, 11 मार्च ( ): किडनी की सुरक्षा के लिए उच्च रक्तचाप (बल्ड प्रैशर), शुगर, पथरी जैसी बीमारियों से बचकर स्वस्थ जीवनशैली बहुत जरूरी है। पारस मल्टी स्पैशलिटी अस्पताल पंचकूला के किडनी की बीमारियों के इलाज के बारे एसोसिएट डायरेक्टर डा. नवजीत सिंह सिद्धू तथा एसोसिएट कंस्लटेंट डा. सिद्धांत बांसल ने यहां विश्व किडनी दिवस के अवसर पर पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि हमारे देश में हर किडनी फेलियर (किडनी खराब होने) के 2.4 लाख नए केस सामने आते हैं। उन्होंने कहा कि यह 6वीं बड़ी जानलेवा बीमारी बन गई है तथा वर्ष 2040 तक पांचवी बड़ी जानलेवा बीमारी बन जाएगी। डा. सिद्धू ने बताया कि इस बीमारी से बचने के लिए तंदरूस्त जीवनशैली बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि इस जानलेवा बीमारी से बचने के लिए उच्च रक्तचाप, शुगर तथा पेशाब से संबंधित अन्य बीमारियों को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि पथरी का इलाज भी समय पर करवा लेना चाहिए।
डा. सिद्धांत बांसल ने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए मोटापा तथा तनाव से बचना जरूरी है। उन्होंने बताया कि किडनी खराब होने की सूरत में लगातार डायलसिस या आप्रेशन द्वारा किडनी ट्रांस्पलांट ही एक विकल्प रह जाता है। उन्होंने बताया कि लगातार टेस्ट करवाते रहना चाहिए।
पारस अस्पताल के फैसलिटी डायरेक्टर डा. आशीष चड्ढा ने बताया कि पारस अस्पताल में 18 बैड का डायलसिस सैंटर है, इसके अलावा आप्रेशन की भी सुविधा है। यह अस्पताल केंद्रीय स्वास्थ्य स्कीम (सीजीएचएस) हरियाणा तथा हिमाचल प्रदेश सरकार के पैनल पर है।
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