राज्य सभा की 55 सीटों के लिए दंगल शुरू

55 सीटें, बहुत होतीं हैं लेकिन क्या भाजपा इनमें से आधी भी हासिल कर पाएगी???

नई दिल्ली: 

राज्यसभा (Rajya Sabha) की 55 सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होना है. इस चुनाव में भाजपा के कई बड़े नेता राज्यसभा के रास्ते संसद पहुंचने की जुगत में हैं. नेताओं में बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और झारखंड से राज्यसभा पहुंचने की होड़ सबसे ज्यादा है. इन राज्यों से कई पूर्व मुख्यमंत्री भी इस बार राज्यसभा जाने की कतार में खड़े हैं. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी राज्यसभा की रेस में है. इसे लेकर भाजपा में लॉबिंग शुरू हो गई है, लेकिन भाजपा नामांकन से एक-दो दिन पहले यानी कि 11 मार्च के आस-पास उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करेगी. 13 मार्च नामांकन की आखिरी तारीख है.

इन नामों की हो रही चर्चा

हालांकि सूत्र बताते हैं कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को अभी फिलहाल राज्य में अपनी पार्टी की सरकार की वापसी की संभावना दिख रही है, इसलिए उनकी इच्छा केंद्र में आने की नहीं है. लेकिन पार्टी सूत्रों के मुताबिक ये भी तय है कि अगर पार्टी ने फैसला ले लिया तो देवेंद्र फडणवीस, शिवराज सिंह चौहान और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास राज्यसभा पहुंचेंगे.

इसके अलावा भाजपा के कई बड़े नेता राज्यसभा में फिर से वापसी चाहते हैं. इसके लिए वे लगातार पार्टी नेताओं से संपर्क में हैं. मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद प्रभात झा फिर से राज्यसभा में आना चाहते हैं. इसके अलावा मध्य प्रदेश से ही भाजपा के तेजतर्रार महासचिव राम माधव को भी राज्यसभा में लाए जाने की चर्चा है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिल्ली के नेता विजय गोयल का भी राजस्थान से राज्यसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है. वे भी दोबारा राज्यसभा में आने के लिए जोर लगा रहे हैं. हालांकि, खबरों के मुताबिक राजस्थान से राज्यसभा के 3 सांसद जो रिटायर हो रहे हैं उनमें से किसी की भी वापसी राज्यसभा में नहीं होगी. ओडिशा में राज्य सभा की तीन सीटों में से बीजू जनता दल को दो और भाजपा को एक सीट मिलनी है. ओडिशा से भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विजयंत पांडा को राज्यसभा भेजा जा सकता है. ओडिशा में एक सीट पर भाजपा को विजय मिलेगी, जिसमें पार्टी को बीजू जनता दल से सहयोग लेना पड़ेगा. महाराष्ट्र से भी भाजपा को 2 सीटें मिल रही हैं, जिसमें देवेंद्र फडणवीस के नाम की चर्चा है. वहीं दूसरी सीट केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले को जा सकती है.

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री और अमित शाह दोनों ही अठावले को राज्यसभा में लाना चाहते हैं. भाजपा के एक महामंत्री का कहना है कि, इस मुद्दे पर अभी पार्टी में कोई चर्चा नहीं हुई है. अंतिम फैसला तो भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं को ही करना है.

बिहार में जदयू और भाजपा गठबंधन को राज्य सभा चुनाव में तीन सीट मिलने की उम्मीद है. बिहार से सीपी ठाकुर और वयोवृद्ध नेता आरके सिन्हा फिर से दावेदारी पेश कर रहे हैं. लेकिन इन दोनों की वापसी की संभावना नहीं दिखती है. बिहार में भाजपा नया चेहरा ला सकती है. यह भी हो सकता है कि केंद्र की राजनीति में रसूख रखने वाले बिहारी नेताओं को इस बार राज्यसभा में जाने का मौका मिले.

तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए मुकुल रॉय भी लंबे समय से राज्यसभा जाने का इंतजार कर रहे हैं. पश्चिमी बंगाल में पांच राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने वाला है. लेकिन राज्य विधानसभा की गणित की वजह से इन सभी सीटों पर तृणमूल के उम्मीदवार ही विजयी होंगे. लिहाजा मुकुल रॉय को अभी और भी इंतजार करना होगा.

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