अनीता शर्म का दावा कि उन्होने खोजी गंदे नालों को प्रदूषण मुक्त करने की तकनीक

आज पंचकूला में, कालका की एक समाज सेविका श्रीमती अनिता शर्मा जी ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया जिसमें उन्होंने सभी पत्रकारों से स्वच्छता अभियान को लेकर चर्चा की व उससे जुड़े उन कामों के बारे में भी जो वह खुद करना चाहती हैं।

नाले का गंदा पानी विज्ञानी तकनीक से साफ़ सुथरा व स्वच्छ करना चाहती हैं। उनका मानना है कि सम्पूर्ण स्वछता अभियान में तमाम तकनीकी संसाधन झोंकने बावजूद पर्यावरण प्रदूषण की गंभीर समस्या फिर भी चुनौतीपूर्ण बनी पड़ी है इस पर्यावरण प्रदूषण में वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण सहित जीवन रक्षक जल का प्रदूषण प्रमुख है। इसमें प्रदूषित पानी के बहाव को गंदगी से मुक्त करने की दिशा में बड़े-बड़े प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार गंदे नाले के पानी को साफ करने के लिए अरब खरब की लागत से अच्छे से अच्छे तकनीक का इस्तेमाल करने में पूरी तत्परता के साथ लगी हुई है।

उन्होंने बताया कि इस ही मुद्दे से सम्बंधित उन्होंने अपनी खुद की एक तकनीक तैयार की है जो कि कम से कम लागतों अधिक से अधिक स्वच्छ्ता प्रदान करने में सक्षम साबित हुआ है। इस मैथड को गवर्नमेंट एप्रूवल लैब की टेस्टिंग रिपोर्ट में आया कि यह मेथड बिल्कुल सही है। इस महत्वपूर्ण सफलता को सार्वजनिक तौर पर साबित करते हुए जन-मानस के हित में इसका संपूर्ण उपयोग करना चाहती हैं ताकि उनकी है नायाब तकनीक जल वायु प्रदूषण को खत्म करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सके।

वह इस देश में प्रदेश सरकार के माध्यम से केंद्रीय सरकार के संज्ञान देखकर अपनी इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को जनहित में समर्पित करते करने को इच्छुक है ताकि न्यूनतम लागत से अधिकतम लाभ पहुंचाने वाली उनकी इस अद्भुत तकनीक का नालों के गंदे पानी को साफ करने का प्रयोग किया जा सके और फिर उसे साफ पानी को समुचित उपयोग में लाया जा सके उनकी यह तकनीक पूरी वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित है परंतु इसके साइड इफेक्ट ना के बराबर हैं

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