80-90 वर्षीय मरीज के लिए एंजीयोप्लास्टी अब सुरक्षित इलाज

दिल की बीमारियों से हर वर्ष 17 लाख भारतीय मरते हैं: डा.एच.के.बाली
दिल की बीमारियों के कारण पिछले 26 वर्षों में मौतों में 34 प्रतिशत इजाफा हुआ: डा. कपिल चैटरी

डा. बाली ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में वह 250 से अधिक ऐसे मरीजों की एंजीयोप्लास्टी कर चुके हैं, जिनकी उम्र 80-95 वर्ष के बीच थी। वह सबसे अधिक उम्र के मरीज 102 वर्षीय महिला की एंजीयोप्लास्टी भी कर चुके हैं, जो कामयाब रही। डा. बाली ने कहा कि ज्यादा उम्र में एंजीयोप्लास्टी ही सही इलाज है, क्योंकि बुजुर्गों को अन्य बहुत सारी बीमारियां शुगर, किडनी तथा फेफड़ों का काम कम करने जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं।

पंचकूला, 27 फरवरी :

पारस सुपर-स्पैशलिटी अस्पताल पंचकूला के डाक्टरों की टीम ने ज्यादा उम्र में कोरनरी आटर्री हर्ट डिजीज (दिल की बीमारियों) के बारे अवेयरनैस हेतु मीडिया को संबोधित किया। इस अवसर पर अस्पताल के दिल के रोगों के विभाग (कार्डियक साइंस) के चेयरमैन डा. एच.के. बाली, सीनियर कंस्लटेंट डा. कपिल चैटरी तथा कंस्लटेंट डा. गगनदीप सिंह मौजूद थे।

इस अवसर पर अपने संबोधन में डा. बाली ने कहा कि 2050 तक भारत की आबादी में 40 प्रतिशत इजाफा हो जाएगा, वहीं 60 प्रतिशत से अधिक उम्र के लोगों की आबादी में 270 प्रतिशत इजाफा होगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2026 तक भारत में बुजुर्गों की आबादी 17 करोड़ 30 लाख हो जाएगाी। इस समय बड़ी उम्र के लोग तीन वर्गों में बंटे हुए हैं, जिनमें 60-70 वर्ष के, 70-80 वर्ष तथा 80 से अधिक उम्र के लोग शामिल हैं।

डा. बाली जिनके पास दिल की बीमारियों के इलाज का 30 वर्षों का अनुभव है तथा 15000 से अधिक मरीजों का इलाज कर चुके हैं, ने कहा कि जैस-जैसे लोगों की उम्र बढ़ रही है, उनमें खून की नाडिय़ां बंद होने की समस्या भी बढ़ रही है। जिन लोगों की 10-15 वर्ष पहले बाइपास सर्जरी या एंजीयोप्लास्टी हुई है, उनको दोबारा ब्लाकेज (नाड़ी ब्लाकेज) की शिकायत हो रही है। डा. बाली ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में वह 250 से अधिक ऐसे मरीजों की एंजीयोप्लास्टी कर चुके हैं, जिनकी उम्र 80-95 वर्ष के बीच थी। वह सबसे अधिक उम्र के मरीज 102 वर्षीय महिला की एंजीयोप्लास्टी भी कर चुके हैं, जो कामयाब रही। डा. बाली ने कहा कि ज्यादा उम्र में एंजीयोप्लास्टी ही सही इलाज है, क्योंकि बुजुर्गों को अन्य बहुत सारी बीमारियां शुगर, किडनी तथा फेफड़ों का काम कम करने जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं।

सीनियर कंस्लटेंट डा. कपिल चैटरी ने कहा कि अब जब देश की जनसंख्या 130 अरब तक पहुंच गई है, इनमें से साढ़े 4 करोड़ (45 मिलीयन) लोग दिल की बीमारियों से पीडि़त हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 26 वर्षों में भारत में दिल की बीमारियों के कारण मौतों की संख्या में 34 प्रतिशत इजाफा हुआ है, जबकि अमरीका में 1990 से 2016 तक यह मौत दर 41 प्रतिशत कम हुई है।

डा. गगनदीप सिंह ने कहा कि भारत में दिल की बीमारियों के कारण मौतों की संख्या अन्य संक्रमण बीमारियों से अधिक रही है। उन्होंने बताया कि ताजा आंकड़ों के अनुसार 30 प्रतिशत शहरी तथा 15 प्रतिशत दिहाती आबादी हाई बल्ड प्रैशर तथा दिल के दौरों से पीडि़त हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए परहेज तथा पहले ही अवेयर होने की जरूरत है।

इस अवसर पर पारस अस्पताल के डायरेक्टर आशीष चड्ढा ने बताया पारस सुपर-स्पैशलिटी अस्पताल पंचकूला, हरियाणा सरकार, हिमाचल प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार स्वास्थ्य सेवाओं (सीजीएचएस) तथा अन्य बोर्ड कार्पोरेशन के पैनल पर है तथा इनके कर्मचारी यहां इलाज करवा सकते हैं।

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