ज्योतिरादित्य सिंधिया और शर्मिष्ठा मुखर्जी जैसे नेताओं के ट्वीट से पार्टी में वरिष्ठ व युवा नेताओं की खाई एक बार फिर उजागर हो गई है.
चंडीगढ़ :
कांग्रेस में अभी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. राहुल गांधी का धड़ा अध्यक्ष का पद दोबारा पाने को बेताब है तो सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) का धड़ा अभी कोई बदलाव के मूड में नहीं दिख रहा. हालांकि दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक बार फिर शून्य पर आने और सोनिया गांधी के स्वास्थ्य को लेकर पार्टी में चिंता की लकीरें खिंच गई हैं. फिर भी वरिष्ठ नेता अप्रैल में होने वाले राज्यसभा चुनावों तक नेतृत्व में कोई बदलाव किए जाने के पक्ष में नहीं है. अप्रैल में छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश में राज्यसभा की कई सीटें खाली हो रही हैं. मोतीलाल वोहरा, दिग्विजय सिंह, कुमारी शैलजा, मधुसूदन मिस्त्री और हुसैन दलवई जैसे कांग्रेसी राज्यसभा से रिटायर हो रहे हैं. राहुल गांधी इन सीटों पर युवा नेताओं ज्योतिरादित्य सिंधिया, रणदीप सुरजेवाला, मिलिंद देवड़ा, जितिन प्रसाद और आरपीएन सिंह आदि को भेजने के पक्ष में हैं. यही बात वरिष्ठ नेताओं को पच नहीं रही है. इस वर्ष कांग्रेस के कुल 18 कांग्रेस सदस्य राज्यसभा से सेवानिवृत्त हो रहे हैं, लेकिन कांग्रेस राज्यसभा में सिर्फ 9 सदस्य भेज सकती है.
राहुल गांधी के समर्थक चाहते हैं कि सोनिया गांधी के स्वास्थ्य को देखते हुए राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जाए, लेकिन वरिष्ठ नेताओं की राय है कि इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में गलत संदेश जाएगा. वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को अंतिम रूप से बहाल किए जाने से पहले गांधी परिवार से बाहर के किसी नेता को अध्यक्ष चुने जाने की वकालत कर रहे हैं. इसी कारण राहुल गांधी के समर्थक बेचैन हो रहे हैं.
दिल्ली विधानसभा चुनावों में शर्मनाक हार के बाद युवा नेताओं ने आक्रोशित होकर ट्वीट किए हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया और शर्मिष्ठा मुखर्जी जैसे नेताओं के ट्वीट से पार्टी में वरिष्ठ व युवा नेताओं की खाई एक बार फिर उजागर हो गई है. पार्टी मुख्यालय में अप्रैल में होने वाले राज्यसभा चुनाव के बाद नेतृत्व में बदलाव को लेकर उठापटक चल रही है. होली के बाद AICC कन्वेंशन की तारीख तय होनी है. उसी में राहुल गांधी को अध्यक्ष चुने जाने की योजना है.