क्या भाजपा दिल्ली विधानसभा में जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभा पाएगी?
2 किश्तियों पर सवार आदमी हमेशा ही डूबता है, उसे कोई नहीं बचा सकता।
गृह मंत्री आदरणीय अमित शाह जी, आप, कह रहे है कि गोली मारो, हिंदुस्तान पाकिस्तान का मैच, शाहीन बाग़ का करंट नारों ने BJP को दिल्ली इलेक्शन में नुकसान पहुंचाया है। पर मेरा विश्लेषण है कि इन्ही नारों की बजह से भाजपा की 8 seats आई है , नही तो शायद कोई भी सीट नही आती ।
अर्श अग्रवाल
क्या अमित शाह भी अब मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति के लंबरदार बनेंगे। समझ नहीं आती कि गद्दारों को गोली मारने की बात विवादास्पद कैसे हो सकत है, विवादास्पद तो वह था जब सीसोदिया ने कहा था कि वह शाहीन बाग के प्रोटेस्टोर्स के साथ खड़ा है।शाहीन बाग को जब पीएफ़आई प्रायोजित कर रहा था और साथ ही पाकिस्तान के मंत्रियों के बयान मोदी को हारने के लिए आए तो भारत पाक का मैच भी कैसे विवादास्पद हुआ? आप कई मामलों में मामला विचारधीन हा कह कर बच निकलते हैं, जिससे आपकी छवि जनता में धूमिल ही हुई है। आपके आज के बयान से यह लगता है कि अब आपको देश विरोधी नारे निराश नहीं करेंगे। शाह साहब, यह अवश्य याद रखें, 2 किश्तियों में पैर रखने वालों को पानी में डूबने से कोई भी नही बचा सकता ।
चंडीगढ़:
दिल्ली में हार के बाद सार्वजनिक तौर पर पहली बार बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी हार स्वीकार कर ली. उन्होंने कहा कि ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो…’ और ‘भारत-पाक मैच’ जैसे बयान नहीं देने चाहिए थे. हो सकता है कि इस तरह के बयानों के कारण पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा हो. शाह ने कहा भाजपा भले ही हार गई हो, लेकिन उसने ‘अपनी विचारधारा का विस्तार किया.’ उन्होंने कहा कि भाजपा दिल्ली विधानसभा में जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाएगी.
जिम्मेदार विपक्ष, केजरीवाल के आगे आप पक्ष ही साबित करें यही गनीमत होगी। विपक्ष में तो आप पिछले 22 वर्षों से हैं तब भी दिल्ली घोटालों कि शिकार हुई तब जिम्मेदार विपक्ष कहाँ था?
गृह मंत्री शाह ने स्वीकार किया कि उनका दिल्ली चुनावों में 45 सीटें प्राप्त करने का आकलन गलत साबित हुआ. उन्होंने कहा, “मेरा आकलन 45 सीटों का था. यह गलत साबित हुआ.”
आपके आंकलन तो कई राज्यों में गलत साबित हुए, वह राजस्थान हो, मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ झारखंड या फिर महाराष्ट्र, आपने हर राज्य को भाजपा मुक्त करने कि ठानी है या फिर मंथन में अगला चुनाव कैसे हारना है इस पर सहमति बनाते हैं।
उन्होंने अपने ईवीएम से करंट लगाने के बयान का तो बचाव किया, लेकिन कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान की गईं कुछ टिप्पणियां अनुचित थीं. उन्होंने कहा, “भाजपा ने उनसे (नेताओं के विवादित बयानों से) खुद को अलग किया था.”
गृहमंत्री शाह ने पीएफआई-शाहीन बाग लिंक पर कहा, ”पीएफआई को लेकर हमें कुछ जांच एजेंसियों की रिपोर्ट मिली है. गृह मंत्रालय उसकी जांच कर रहा है. जांच में जो भी सामने आएगा, हम उस हिसाब से कार्रवाई करेंगे.”
वाड्रा, पर जांच चलते हुए कितने साल हो गए? आपके राज में तो सजायाफ्ता भी बचते नज़र आ रहे हैं। जांच के बाद मुक़द्दमे और फिर वही तारीख पे तारीख, सोनिया राहुल, हुड्डा – वोरा, 6 साल पहले इनके भ्रष्टाचार को चुनावी मुद्दा बना कर आप सत्तासीन हुए, और अभी तक या तो जांच पूरी नहीं हुई या फिर मामला मुकद्दमों में उलझा दिया गया। क्या आप के शासन काल में भ्रष्टाचारियों पर दंडात्मक कार्यवाही होगी भी, या मामला विचाराधीन है यही सुनने को मिलता रहेगा।
शाह ने कहा, ”मैं 3 दिनों के भीतर समय दूंगा, जो कोई भी मेरे साथ नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करना चाहता है.”
क्या यह ठीक होगा? अमित शाह एक नए धडे को यह संदेश देंगे की संसद में जनप्रतिनिधियों द्वारा लिया गया फैसला अब संसद के बाहर सुलझाया जाएगा, क्या यह एक नयी परिपाटी का आरंभ होगा? क्या भारत में प्रत्यक्षलोक तंत्र है कि भीड़ इकट्ठे होकर फैसले लेगी। और अमित शाह मिलेंगे भी तो किससे, आआपा ने तो संसद में कोई विरोध नहीं उठाया था जबकि शाहीन बाग के साथ वह खड़े थे। यदि केजरीवाल ही से बात करनी है तो वह तो दिल्ली के चुनावों आपको आपकी स्थित बता ही दी है।
बता दें कि भाजपा की दिल्ली विधानसभा चुनावों में करारी हार हुई है. पार्टी को सिर्फ आठ सीटें मिली हैं, जबकि आआपा को 62 सीटों पर जीत मिली है.
ठाकुर और वर्मा के भड़काऊ बयान
गौरतलब है कि चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने दिल्ली के रिठाला क्षेत्र में रैली के संबोधन के दौरान भड़काऊ टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था, “देश के गद्दारों को, गोली मारो .. को.”
वहीं, प्रवेश वर्मा ने कथित रूप से कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में 500 सरकारी संपत्तियों पर मस्जिदों और श्मशानों का निर्माण किया गया है, जिसमें अस्पताल और स्कूल भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि ये अवैध निर्माण जिन क्षेत्रों में हुए हैं, वह दिल्ली विकास प्राधिकरण, दिल्ली नगर निगम, दिल्ली जल बोर्ड और कई अन्य सरकारी एजेंसियों की जमीन है.
वर्मा के बयान मान लिया विवादास्पद है जो कि नहीं हैं, परंतु उनके आरोपों कि जांच होनी चाहिए थी कि नहीं, या वह भी अब मुस्लिम तुष्टीकरण कि भेंट चढ़ाये जाएँगे?
ठाकुर और वर्मा पर चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार पर क्रमश: 72 और 96 घंटे की पाबंदी लगाई गई थी.इन दोनों को चुनाव आयोग द्वारा दंडित किया गया और आपको दिल्ली द्वारा।
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