हम अपनी हार पर चिंतित होने की बजाय ‘आआपा’ की जीत पर क्यों खुश हो रहे हैं?: शर्मिष्ठा मुखर्जी

शाहीन बाग में लगातार अपनी उपस्थिती दर्ज करवाने के बावजूद कॉंग्रेस की मुस्लिम तुष्टीकरण की रणनीति काम न आई, सीसोदिया का एक बयान की वह शाहीन बाग के साथ खड़ा है, चुनावी समीकरण बदलने के लिए काफी था। दिल्ली में हार के बाद पीसी चाको ने कांग्रेस के प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा- 2013 में शीला जी जब मुख्यमंत्री थीं, तब से ही कांग्रेस पार्टी का पतन शुरू हो गया था। आम आदमी पार्टी (आप) ने अस्तित्व में आने के साथ ही कांग्रेस का वोट बैंक छीन लिया। हम अपना वोट बैंक कभी वापस नहीं पा सके। यहाँ पीसी चाको मुसलिम वोट बैंक ही की बात करते जान पड़ते हैं।

  • शर्मिष्ठा मुखर्जी का ट्वीट: हम अपनी हार पर चिंतित होने की बजाय आप की जीत पर क्यों खुश हो रहे हैं?
  • कपिल सिब्बल बोले- हमारे पास कोई नेता नहीं, हम इसे जल्द से जल्द हल करेंगे
  • पीसी चाको का चुनाव प्रभारी पद से इस्तीफा, कहा- शीला जी के समय से ही कांग्रेस का पतन शुरू हुआ

नई दिल्ली (ब्यूरो):

दिल्ली विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार कांग्रेस अपना खाता खोलने में असमर्थ रही है। वहीं, अरविंद केजरीवाल की आप तीसरी बार अपनी सरकार बनाने जा रही है। इसी बीच कांग्रेस में विरोध के स्वर सुनाई पड़ रहे हैं। वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने नेता प्रोजेक्ट किए जाने को लेकर सवाल उठाए हैं तो वहीं दिल्ली चुनाव के प्रभारी पीसी चाको ने पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्विटर पर कुछ सवाल किए हैं। 

दरअसल, आप की जीत पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने अरविंद केजरीवाल को बधाई दी थी। उन्होंने कहा था- दिल्ली की जनता ने भाजपा के ध्रुवीकरण, विभाजनकारी और खतरनाक एजेंडे को हराया है।

इस पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी और कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने चिदंबरम पर तंज कसा। उन्होंने ट्वीट किया- सर, मैं जानना चाहती हूं- क्या कांग्रेस ने भाजपा को हराने का काम राज्य की पार्टियों को आउटसोर्स किया है? यदि नहीं, तो हम अपनी हार को लेकर चिंतित होने की बजाय आप की जीत पर क्यों खुश हो रहे हैं? अगर ऐसा है तो प्रदेश कांग्रेस कमेटी को बंद कर देना चाहिए।

इससे पहले, चिदंबरम ने ट्वीट किया था- आप जीती, बड़ी-बड़ी बातें करने वाली और धोखा देने वाली पार्टी हारी। दिल्ली के लोगों ने 2021-2022 में अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव के लिए एक उदाहरण पेश किया।

शर्मिष्ठा ने कहा- हमें कई चीजों पर काम करने की जरूरत

इससे पहले शर्मिष्ठा ने ट्वीट किया था- दिल्ली में कांग्रेस की फिर हार। हमें कई चीजों पर काम करने की जरूरत है। शीर्ष स्तर पर निर्णय लेने में देरी, राज्य स्तर पर रणनीति और एकजुटता की कमी, पार्टी कार्यकर्ताओं में निराशा, जमीनी स्तर पर पकड़ की कमी।

दिल्ली ने भाजपा को करारा जवाब दिया: सिब्बल

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा- हमारे पास प्रोजेक्ट करने के लिए कोई नेता नहीं है। यह पार्टी के भीतर एक गंभीर मुद्दा है। हम इसे जल्द से जल्द हल करेंगे। दिल्ली ने भाजपा को करारा जवाब दिया है। उनकी हार अभी नहीं रुकेगी। भाजपा की ध्रुवीकरण की राजनीति और उनके मंत्रियों द्वारा समाज को विभाजित करने का कार्ड दिल्ली और देश के लोगों को समझ आ गया है। आप झारखंड-छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में आए नतीजों को देख सकते हैं।

उन्होंने कहा- भाजपा को और विशेष रूप से अमित शाह (गृह मंत्री) को यह महसूस करने की जरूरत है कि इस देश के लोगों को विभाजित करने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि इससे चुनावी फैसले पर असर पड़ता है। सिब्बल ने दावा किया कि दिल्ली की तरह ही बिहार में भी भाजपा को करारी हार मिलेगी।

कांग्रेस का वोट बैंक आप के साथ चला गया: पीसी चाको

दिल्ली में हार के बाद पीसी चाको ने कांग्रेस के प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा- 2013 में शीला जी जब मुख्यमंत्री थीं, तब से ही कांग्रेस पार्टी का पतन शुरू हो गया था। आम आदमी पार्टी (आप) ने अस्तित्व में आने के साथ ही कांग्रेस का वोट बैंक छीन लिया। हम अपना वोट बैंक कभी वापस नहीं पा सके।

आप ने 62 सीटों पर जीत दर्ज की

2015 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी। इस साल के चुनावों में फिर से अपना खाता खोलने में नाकाम रही। वहीं, दिल्ली के 70 विधानसभा सीटों में 62 सीट लाकर आप ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। 2015 में आप को 67 सीटें मिली थीं। अरविंद केजरीवाल 16 फरवरी को रामलीला मैदान में तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं।

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