जब से मोदी सरकार ने अपना दूसरा कार्यकाल आरंभ किया है तभी से संविधान खतरे में आ गया है। तीन राज्य जीतने के पश्चात कांग्रेस के सुर बदल चुके हैं। पिछली चुनावी रैलियों में राहुल गांधी चुनाव प्रचार में मोदी को चोर कह कर बुलाते थे अब दिल्ली चुनावों में तो उन्होने मोदी को डंडे मारने का दंड भी सुना दिया। भारत के चुने हुए प्रधानमंत्री को दंड सुना देना और वह भी विपक्ष के एक साधारण सांसद द्वारा न केवल अशोभनीय है अपितु घोर निंदनीय है। परंतु राहुल और उसके दल को लगता है की संविधान खतरे में है। आज संसद भवन में प्रश्नकाल के दौरान डॉ॰ हर्षवर्धन और भाजपा ने सोचा भी नहीं होगा की डॉ॰ हर्षवर्धन का राहुल गांधी से उसके प्रधान मंत्री मोदी के लिए दिये गए घृणा से भरे हुए भाषण के लिए राहुल से माफी की मांग करना इतना भारी पड़ जाएगा की सदन ई गरिमा को तार तार करते हुए कोंग्रेसी सांसद उनसे हाथा पाई करने को लपक पड़ेंगे। सत्ता पक्ष के कुछ सांसदों द्वारा बीच बचाव किया गया अन्यथा आज काँग्रेस ने तो संविधान के कुछ पन्ने बचा ही लिए थे।
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