‘महायुद्ध’ के लिए ‘महाप्लान’ तैयार कर लिया गया है

नई दिल्‍ली: 

भारत ने ना’पाक’ पड़ोसियों से निपटने की तैयारी कर ली है. महायुद्ध’ के लिए हथियारों का जखीरा जुटाने की तैयारी की जा रही है. भारत के साथ यदि कोई जंग 40 दिनों के लिए चलती है तो ‘महायुद्ध’ के लिए ‘महाप्लान’ तैयार कर लिया गया है. इंडियन आर्मी रॉकेट्स, मिसाइल से लेकर हाई-कैलिबर वाले टैंक और आर्टिलरी शेल्स का जखीरा जमा कर रही है. 10 दिन तक चलने वाले किसी भी युद्ध के लिए सप्लाई पूरी रखने की तैयारी कर ली गई है. इसके बाद 40 दिन की सप्लाई पूरी करने लक्ष्य तय किया जाएगा. हालांकि, ऐसा किसी आने वाले खतरे के चलते नहीं बल्कि 2022-23 तक सेना को और मजबूत बनाने के लिहाज से किया जा रहा है.

उल्‍लेखनीय है कि देश के करीब 15 लाख सशक्त सैन्य बल को फिर से संगठित किया जा सकेगा. सेना के पास आधुनिकीकरण के लिए फंड की कमी है. रक्षा बजट का बड़ा हिस्सा वेतन और भत्तों पर खर्च हो जाता है. तीनों सेनाओं के संसाधनों के सही इस्तेमाल से फंड की कमी दूर होगी.

हथियारों की सप्लाई के लिए सेना ने कई देशों के साथ अनुबंध किया है. इस सिलसिले में सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने एक जनवरी को कहा था कि किसी भी चुनौती के लिए इंडियन आर्मी तैयार है.

2020 में नहीं सुधरेंगे भारत-पाक रिश्ते

इस बीच पाकिस्तानी थिंक टैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में विदेशी मामले पाकिस्तान के लिए चुनौतीपूर्ण रहेंगे. पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होगी. पाकिस्तान को भारत के विरोध का सामना करना पड़ेगा. भारत से तनाव की वजह से पाकिस्तान को रणनीतिक-कूटनीतिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा. इस थिंक टैंक की रिपोर्ट के मुताबिक
पाकिस्तान को भारत की मोदी सरकार से खतरा है. भारत को अमेरिका का पूरा समर्थन हासिल है. चीन से दोस्ती की वजह से अमेरिका-पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव आएगा.

थिएटर कमांड के चक्रव्यूह से कांपेगा दुश्मन

भारत की सैन्‍य रणनीति के संबंध में चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत ने पिछले 31 दिसंबर को कहा था कि मुझे लगता है कि थियेटराइजेशन के कई तरीके हैं. हम अब तक पश्चिम को कॉपी करते थे कि उन्होंने क्या किया? हमारे पास अपना अलग सिस्टम है. हम एक दूसरे को समझते हुए उस पर काम करेंगे. मुझे लगता है ये काम करेगा.

थिएटर कमांड?

एक भौगोलिक क्षेत्र में एक ही ऑपरेशनल कमांडर के नीचे तीनों सेनाओं को मिलाकर ​थिएटर कमांड का निर्माण किया जाएगा. इंटिग्रेटिड थियेटर कमांड का निर्माण भौगोलिक आधार पर किया जाएगा. हिमालय के पहाड़, राजस्थान के रेगिस्तान और गुजरात के कच्छ में अलग-अलग युद्ध क्षेत्र होंगे. थियेटर कमांड से समान भूगोल वाले युद्ध क्षेत्र को हैंडल करना होता है. थिएटर कमांड से जल, थल और वायु में सामंजस्य बनाकर युद्ध अभियानों का संचालन किया जाता है. थियेटर कमांड बनाना किफायती, जिससे संसाधनों की बचत और उसका बेहतर इस्तेमाल हो सके.

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